नाना पर शायरी यानि बचपन और ननिहाल से जुडी बातें, जिसमें हर बच्चे की बहुत मीठी यादें बसी होती हैं।नाना का लाड़-प्यार दिल को बार-बार नाना के घर जाने को खींचता है।यही तो जादू है नाना के प्यारे से व्यक्तित्व का।
ननिहाल यानि नाना से ज्ञान भरी बातों को जानना जोकि आगामी जीवन में कदम कदम पर काम आती हैं|आइये बचपन की ओर लौट चलते हैं|
पढ़ना न भूलें
|नानी माँ पर दिल को छूनेवाली शायरी|
नाना पर शायरी की बात यानि जीवन के अद्भुत अनुभव की किताब
नाना पर शायरी स्टेट्स इन हिंदी। 59 अनमोल प्यार भरी कविताएँ
1)बचपन की यादों को नहीं भुलाता
ये दिल दीवाना
तभी तो सबसे पहली पसंद हैं
अपने नाना का सुंदर आशियाना।
2)मम्मी के हैं सदाबहार हीरो,
उनके पापा यानि हमारे नाना
दिल से नमस्ते और प्रणाम,
बहुत प्यार से करते है आपको नाना।
3)जिनके क़िस्से सुनते है हर रोज़
मम्मी की मुँहज़ुबानी
नाना डियर कैसे बताए आपको,
सच है सारी आपकी कहानी।
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4)गरमियों की छुट्टियों का सुन
शाही ऐलान
याद आए नाना,
करेंगे ननिहाल में ख़ूब आराम।
5)नाना का संग साथ बस मत पूछो,
कितना भाता है
मम्मी से हम और उनसे मम्मी का,
गहरा सुंदर नाता है।
6)यूँ तो सब बच्चों को ही,
करते हैं नाना ख़ूब प्यार
मैं उनको हूँ बहुत पसंद
दिखाते मुझे पर ज़्यादा दुलार।
7)देखें इधर उधर अपने पापा को,
माँ डाँटने से डरें
उनको भी तो चिंता ,
डाँट पड़ेगी उनको नाना जो हमारे ठहरे।
8)नाना के घर में
ख़ुशियों के फूल खिलते हैं
बन कर हम भी वहाँ
राजा जैसे ही रहते हैं।
9)मेरे बचपन के वो है,
सबसे बड़े अमीर शहंशाह जैसे
क्यूँकि नाना कर देते ख़्वाहिशें,
सोचने से पहले पूरी न जाने कैसे।
10)नाना जी का घर
मानों सुख का सागर
बातें उनकी नपी-तुली मानों
प्रेम भरी गागर।
11)नाना का गोल-गोल चश्मा,
सच्ची बड़ा ही उनपर जँचता था
थोड़ा नीचे करके जब ज़रा देखते हमें,
तो डर भी बड़ा लगता था।
12)नाना के उस बड़े आम के बग़ीचे में,
हमारा पूरा रौब चलता था
आख़िर नवासी थे उनके प्यारे हम,
बात टालने का दम भला कौन रखता था।
13)नाना जब पढ़ने में कितने नम्बर आए,
पूछा करते हैं न
अच्छा नहीं लगता मुझे,
मन कुछ उखड़ सा जाता हैं न।
14)तारों भरी रात में भी होती थी,
नाना की कितनी ज्ञान भरी बातें
छत पर सोते-सोते भी,
जीवन जीने के सुंदर गुर वाली प्यारी बातें।
15)नाना जी का व्यक्तित्व,
कुछ ऐसा है सबसे जुदा और निराला
ख़ुदबख़ुद सिर झुका छूने को चरण उनके,
मिलता आशीर्वाद बहुत सुरीला।
मिस यू नाना जी कोट्स
16)दुनिया जहान सिमट कर,
ननिहाल में आ ठहर जाता है
नाना का प्यार से सिर पर जब,
दुआ भरा हाथ रखा जाता है।
17)नसीब वाले है वो इंसा,
जिन्हें नाना का प्यार है मिलता
मम्मी जैसा बचपन भी वहाँ,
ख़ुद से आसपास ही है दिखता|
18)ज्ञान का अद्भुत अनमोल ख़ज़ाना,
लिए हुए है नाना जी
ज़िक्र किसी भी चीज़ का हो,
उसका हल हमेशा देते है नाना जी।
19)जीवन में मायूसी घेर लेती,
जब भी मुझे बन एक पहेली
नाना की चुटकियों में,
सुलझाने की अदा है बड़ी अलबेली।
20)बिन कहे कुछ एक,
रुआब सा रहता है सारे घर पर
बस मैं ही हूँ अछूता,
जिसका रुआब रहता है नाना पर।
21)जब जब जीवन में निराशा
ख़ुद पर छाई
नाना आपकी ज्ञान भरी बातें
सहज याद आई।
22)माँ के चेहरे पर आप से मिल,
एक सुकून नज़र है आता
नाना जादूगर से लगते है आप,
किस मैजिक से ये है हो पाता|
23)सुना है पढ़ा है सुबह के सपने,
सच हुआ करते हैं
नाना इसलिए आप उस वक़्त,
संग मेरे हुआ करते हैं।
24)एक बेहद सुलझे व सवेंदनशील आप थे ,
ऐसा माँ से सुना है
मेरी शालीनता आप से मिलती है,
देख ख़ुश माँ से ये भी सुना है।
25)आप का प्यार भरा आशीर्वाद,
अक्सर अपने सिर पर महसूस करती हूँ
जीवन में जब भी कुछ नायाब होता है,
संग आपको महसूस करती हूँ।
26)उनकी बातों में एक कशिश,
एक ठहराव हुआ करता था
जो भी कहते थे नाना,
अन्दाज़ बड़ा ख़ास हुआ करता था।
27)एक- एक क़दम मानों
सोच समझ कर चलते थे
नाना क्या आप हर बात को
तराज़ू पर तौला करते थे।
28)नाना की राजकुमारी थी मैं,
ज़िद होती थी सभी पूरी
मिलने को मन पुकारता,
एक दर्श दिखा दो,इच्छा करो न पूरी।
29)आज ख़ामोश सा हुआ है
नीला आसमान और शांत मन का कोना
नाना के घर से वापिसी के ऐलान का फ़रमान जारी हुआ,
ऐसा सुना था होना।
30)रात में जब-जब झाँकता है,
शीतल चाँद धीरे से मेरे अँगना
एक बार चुपके से देखा,ये थे नाना अपने,
दिखाते ऐसे प्यार अपना।
नाना जी के लिए प्यारी शायरी
31)नानी डियर बनाती
ख़ूब अचार मुरब्बे खट्टे-मीठे हर साल
नाना चखते फिर तय होता था,
क्या ले जा सकते थे अपने साथ।
32)ऊँगली पकड़ नाना की पूरे बाज़ार में,
घूमने का मज़ा ही कुछ और था
जिस चीज़ की तरफ़ देखते वो क़दमों में होती हाजिर,
वो भी क्या दौर था|
33)नाना कहते हमेशा करना मत छोड़ना,
कभी भी नए प्रयोग
ख़ुद न्याय करने लगोगे, तो वक़्त बीत जाएगा,
होगा अफ़सोस।
34)चल मेरे घोड़े टिक- टिक- टिक,
याद आती नाना की वो शाही सवारी
कभी काँधे पर बिठा बना राम सा,
ख़ुद हनुमान की छवि उनकी लगती थी प्यारी।
35)परिवार को एक मुट्ठी में बाँधने की
कला के थे नाना जादूगर
माँ में ये ख़ूबी आई वहीं से,
एक डोर में रखती सबको बांध बराबर |
36)अपने असली पापा एक अरसे तक,
नाना को ही माना था
संग सामान जाने पर मम्मी के साथ,
ये राज़ उनके बहते अश्रुधार से जाना था।
37)मेरी हर छोटी बड़ी सफलता पर मिलता था,
ईनाम एक ओर नाना की तरफ़ से
बच्चों की तरह ताली बजाते थे,
मानों पाया हो दुनिया का ख़िताब
चल कर एक कठिन डगर पे।
38)नाना के घर बच्चों के बीच,
चलती थी ख़ूब धक्कम-धक्की
समझाते प्यार से पल भर में ही हो जाती थी,
दोस्ती फिर पक्कम-पक्की।
39)सबसे ज़्यादा करते थे
नाना मुझ को लाड-प्यार
आँखों का तारा था,लुटाते थे
ख़ुशियाँ बार बार बेशुमार।
40)अपनी संस्कृति अपने ईश्वर पर आस्था,
नाना कहते है ज़रूरी
पर कर्मकांड के चक्कर से रखना,
एक बहुत लम्बी वाली दूरी।
41)अल-सुबह मिलते थे नाना,
अपने खेतों में करते निगरानी
हैरान होती थी देख मैं,
कैसे पौधों से भी बोलते थे प्यार भरी वाणी।
42)अपनी बात को रखा तो करो,
पर सही तर्क के साथ
आज नाना की बातें आती याद,
हर बीतते लम्हे के साथ।
43)नाना के साथ दिल न जाने,
बस ख़ुश रहता था हर पल
आशाओं की किरणों सी रोशनी थी हर बात में,
हर क्षण प्रतिपल।
44)क्या सुंदर दिन थे क्या तारों भरा आसमां,
छत पे बिछे बिस्तर और रुई का तकिया
अंताक्षरी का दौर न होता ख़त्म तब तक,
जब तक निंदिया के झोंके न बताते हुई रतिया।
45)नाना जी ओ प्यारे मेरे नाना जी,
यूँ न रूठा करो नाना जी
नादान बच्चे है करते है यूँही शैतानियाँ,
हम तो नाना जी
अब भला करे भी क्या,
कहाँ जाए ये बतलाओ न नाना जी
आपकी बेटी लगाती बहुत डाँट,
उन्हें कुछ समझाओ न नाना जी।
बेहतरीन नाना शायरी इन हिंदी
46)दिन में एक बार तो माँ की ज़ुबा पर,
नाना आपका ज़िक्र आता है
बेटियों के निगाह में ग़मगुसार उन्हें,
अपने ईश्वर प्रतीक पापा में ही नज़र आता है।
बस ज़रा सा दिल जो किसी की बात से,
आहत जो उनका होता है
मैं हूँ न,सुन नाना आपसे,
न जाने कैसे फिर ठीक भी सब हो जाता है।
( ग़मगुसार=गम हरने वाले)
47)अक्सर एक चेहरा स्वप्न में दिखा करता है
सौम्य स्वरूप पर धुँधला सा भी लगता है
उस दिन मन कुछ ज़्यादा ख़ुश रहा करता है
समझ आया अरे नाना वो तो आप से मिलता है|
48))न जाने कितने क़िस्से-कहानियों का ,
दौर हुआ करता है
दिन रात कहाँ चले जाते हैं,
पता ही नहीं हुआ होता है
मामा व मौसी के बच्चों के संग,
हुड़दंग भी ख़ूब हुआ करता है
ये ही तो वो बचपन सुहाना है,
जो नज़रों में बसा रहता है।
49)तन्हाई भली लगती है भटक सा जाता है,
मन जब कभी कभी
रोशनी में भी गहन अँधेरा सा छा जाता है, प
लकों में ठहर यूँही
मन के सूरज को नाना कहते,
डूबने न देना सुनो!बरखुदार कभी भी
क्यूँकि मन के हारे हार है,मन के जीते जीत,
जीवन की है रीत यही।
50)जीवन के सुंदर तौर-तरीक़े सीखो,
मेरी प्यारी लाडो
मुस्कान का सबसे क़ीमती गहना,
पहने रहना हर हाल
हिम्मत न हारना देख आँधी-तूफ़ाँ,
आएँगे नाम बदल-बदल कर
मन से रहना मज़बूत हमेशा,
गुज़र जाएँगे अपनेआप डर कर।
51)नाना की ख़ास हिदायत,
ज़रा ग़ुस्सा कम किया करो
हँसते हुए चेहरे ही जीत हासिल करते हैं,
ये ही किया करो
ग़म तो नितांत आपके अपने हैं,
पास अपने ही रखा करो
दिखा औरों को मौक़ा उठाने का,
अवसर मत दिया करो।
52)अपनी शादी की ऐल्बम दिखाते थे,
नाना चाव से बहुत कभी कभी
नानी शर्मा जाती पल्लू ले मुँह में कहती,
क्या करते हो जी
हूबहू माँ तो लगती हैं अपने नाना पर,
देखते हम बच्चे तस्वीर टुकुर-टुकुर
नानी नक़ली डाँट दिखा कहती,
ऐ-शैतानों क्या कर रहे तुम खुसुर-पुसुर।
53)सुनो! सुनाए आज एक
प्यारी सी अमर कहानी
जिसमें नाना थे हमारे राजा
और थी नानी हमारी रानी
एक दूजे के लिए उनके अधरों पर
थी मुस्कान दीवानी
जन्नत सरीखा घर था,
फ़िज़ाओं में थीं बहती हवा सुहानी|
54)गर्मी की छुट्टियाँ यानि
ख़ूब होगी अब तो मौज -मस्ती
नाना के घर खाओ मालपुए,
पूरी हलुवा और गोलगप्पें
बर्फ़ के गोले और फ़ालूदा,
आरेंज वाली ठंडी क़ुल्फ़ी
कभी जलेबी गोल-गोल,
कभी अमिया कच्ची-कच्ची।
55)नाना के बड़े से आँगन के एक कोने में,
रहती थी अपनी गैय्या रानी
उसे नहलाना पुचकारना उसकी सेवा करने की थी,
उनकी पूरी ज़िम्मेदारी
नाना को देख प्यार से रभाँती,
संग उसकी बछिया नाम था जिसका मस्तानी
मज़ा बहुत आता था मुझ को भी,
खिलाता था चारा और ढेर सारा पानी।
56)अब न रहे वो माहौल
न ही वो क़िस्से और कहानी
कार्टून देखने वाली पीढ़ी,
न समझ पाएगी वो प्यार भरी जिंदगानी
एकल परिवार हुए हैं अब जिसमें,
न दादा दादी और नाना नानी
समय नहीं किसी के पास,
बच्चों को कौन सिखाए जीवन जीने की कहानी।
57)जब बात हो मान की
सम्मान की और अभिमान की
मधुर वचनों की हर हाल रखते मर्यादा,
नाम एक ही-हमारे नाना जी
होली के भाईचारे व दिवाली की रोशनी जैसा
मुसकुराता चेहरा शांत राम जैसे
जीवन की हर समस्या में सुलझे व्यक्तित्व,
आन बान शान,पंच परमेश्वर से नाना जी।
58)बचपन के वो संस्कार,
याद तुम्हारी आती है मेरे प्यारे नाना जी
हर हाल हिम्मत से रहने की आवाज़ देती सुनाई,
हर ओर आपकी नाना जी
आपके चरणों में श्रद्धा से सिर झुका,
करते दिल से आपको प्रणाम नाना जी
हृदय में आप हमेशा रहेंगे विराजमान,
ध्रुव तारें से,मेरे प्यारे नाना जी।
59 )खुशनसीब है वो इन्सान जिनके घर में,
की खिलखिलाहट सुनती हैं
हंसी ठहाकों से आँगन की हर दिशा में,
कोयल सी कुहूँ-कुहूँ की कूक गूंजती हैं
बच्चो की किलकारियां बन गोर्रिया सी,
दिलो दिमाग को सुकून देती हैं
नाना नानी के आपसी सुंदर सौहाद्र की,
बच्चो के सामने मिसाल बनती है|
नाना पर शायरी जो कि बचपन की यादो में नाना जी एक बहुत ही प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में उनकी याद दिलाती है,जिनकी प्यार भरी बाते जीवन में पग पग पर हमारा मार्गदर्शन करती है| आप भी ऐसा ही सोचते है न!!
नाना की शायरी इन हिंदी पर आपके विचार जानने को उत्सुक हूँ!!comment box में लिखियेगा जरुर !!
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।