माँ के तनाव को कैसे कम करें,यह एक बेहद गंभीर और विचारणीय प्रश्न है और अगर आप का ध्यान इस बात को लेकर है तो बहुत सराहनीय कदम और उत्तम सोच है।माँ के लिए उनकी इस बात के लिए कोई भी सार्थक पहल मील का पत्थर साबित होगा।
एक माँ होने के नाते,एक बेटी होने के नाते अपने और आसपास के अनुभवों के आधार पर कुछ उपायों को बताना चाहूंगी।
माँ के तनाव को कैसे कम करें,दिल के रेशमी ख्यालातों से उनसे रूबरू करें
तनाव यानि किसी ऐसे विचार का हमारे दिलों दिमाग पर नकारात्मक रूप से इस कदर छा जाना कि जिसका हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डाले व हर वक्त चिंतित रहना ही मकसद सा लगने लगे।
माँ के तनाव को कैसे कम करें पर 83 अनूठे सुझाव
1.
तनाव के लक्षणों को पहचानें
क्या माँ बेवजह उदास रहती हैं,हर काम में बेमन से काम करना,मौत या खुदकशी की बातों को करना,ज्यादा सोना और खाना या कम सोना और कम ही खाना,ख़ुशी के मौके पर भी गुस्से का आना आदि।अगर इन में से कुछ इसी तरह के संकेत नज़र आएं तो माँ फिर तनावग्रस्त हैं।
2.
मन आखिर उदास क्यों रहता है,दोस्त बन कर जानें
कई बार अप्रिय बातें या घटनाएँ अपने साथ या अपने बच्चों के साथ या आसपास घट जाता है और एक अनजाना सा डर माँ के दिल में बस जाता है।किसी भी काम से मन हटता है,एक उदासी सी उन्हें घेर लेती है। खुद से भी अरुचि होने लगती है।यह एक साईकोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसे आम भाषा में डिप्रेशन कहते है।समय रहते इलाज से बिलकुल ठीक हो सकते हैं।
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3.
ख़ुशी को अपना सच्चा दोस्त बनाएं
माँ को उन लोगों से मिलवाइए जिनके लिए ख़ुशी असंभव बात हो सकती है। किसी ऐसी माँ से जिसकी गोद सूनी है,किसी ऐसे बच्चे से जो अनाथ है,किसी ऐसे परिवार से जो अभी अचानक अकाल मृत्यु के दर्द से गम में हैं। माँ को अपना तनाव एकदम से जाता हुआ दिखेगा जब वो महसूस करेगी कि उनके पास तो औरों से बहुत बहुत ज्यादा है।
4,
एक अच्छी और सुकून भरी नींद जरुरी है
दिन भर तरोताजा रहने के लिए यह जरुरी है कि रात की नींद अच्छी,पूरी और सुकून से भरी हों।माँ जो दिन-रात कामों में इतनी ज्यादा व्यस्त और हर बात की चिंता को अपने कन्धों पर लिए घूमती रहती है,उस वजह से ठीक से सो ही नहीं पाती है जो तनाव को बढ़ाता है।इसलिए यह ध्यान दें कि माँ हर रात ठीक से नींद ले पाएं।
5.
विश्राम प्रतिक्रिया
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा हेर्बर्ट बेन्सन ने विश्राम प्रतिक्रिया पर जोर दिया है।जिसमें 6 तकनीकें हैं जैसे- लम्बी गहरी धीमी साँस लेना,फिर शरीर के किसी एक हिस्से पर ध्यान लगाना,मन में सुखदायक दृश्य की कल्पना करना,वर्तमान क्षण के लिए सोचना,मानसिक रूप से फोकस रहना,चुपचाप एक प्रेयर करना बताया गया है। माँ को बताएं उन्हें अच्छा लगेगा।
6.
जापानी लोकप्रिय टेक्निक अपनाएं
जिसे Shashin-Education यानि फोटो एजुकेशन भी कहते हैं और जिसमे तनाव को दूर करने के लिए कैमरा या स्मार्टफ़ोन के द्वारा फूलों,पेड़ों और प्रकृति कर नाजों को देख कर खुद को खुश करने का तरीका बताया है।माँ को नयी नयी जानकारी जो अन्य देशों में प्रचलित हैं उनसे अवगत कराएँ और अपनाने को भी कहें।
7.
सुखद स्मृतियों की याद दिलाएं
माँ के जीवन की अनेकों ऐसी सुखद स्मृतियाँ होंगी जिनको याद करने से वो एकदम खुश हो जाती है जैसे उनकी शादी की मजेदार रस्में,बच्चों के जन्म पर मातृत्व का असीम सुख की मीठी यादें जैसी बातों का जिक्र कितना भी तनाव जब माँ को हो वो एक पल में भी गायब हो जाएगा और वो फिर से प्रसन्नचित हो जाएँगी।
8.
भविष्य के बारें में ज्यादा न विचार करें
तनाव का एक बड़ा कारण जो माँ के साथ रहता है वो है कि वह अपने भविष्य को लेकर हमेशा ही चिंतित रहती हैं।न जाने क्या डर उन्हें सताता है जिस की वजह से व्यर्थ में ही परेशां हो जाती है।माँ को दिल से पूरा विश्वास दिलाएं कि अंतिम श्वास तक आप उनके साथ होंगे और जी-जान से उनकी सेवा करेंगे और ध्यान रखेंगे। माँ को राहत महसूस होंगी।
9.
वर्तमान में जीने की आदत डालें
अतीत जा चुका है और भविष्य का सोचना निरर्थक है ऐसे में जो वर्तमान है उसको एन्जॉय करना चाहिए क्योंकि आज के निर्णयों से ही कल की खुशियाँ टिकी हैं।माँ से आराम से बात करें कि जो बीत गया वो अब गया और जो होगा उसका अभी अता-पता नहीं इसलिए जो पल अभी मिलें हैं वही अपने है। आप के कहने से उन्हें अच्छा लगेगा।
10.
दुःख विपत्ति को एक इम्तिहान की तरह देखें
जीवन में सुख दुःख एक इम्तिहान की तरह होते हैं यह माँ बखूबी जानती हैं पर फिर भी कई बार तनावग्रस्त हो जाती है खासतौर पर जब कोई विपदा उनके बच्चों या परिवार के ऊपर आती हुई दिखाई दे।उस स्थिति से उबरने में माँ का भरपूर सहयोग दें और बुरे वक्त में एक चट्टान की भांति साथ रहें।
11.
अपनी सोच को नयी दिशा दें
अक्सर अपनी सोच और अपने निर्णयों को ही सही मान लेने से भी तनाव आता है और माँ के साथ भी ऐसा कई बार हो जाता है।माँ को जरा तरकीब से बताना होगा कि उनकी सोच को उन्हें थोड़ा बदलना भी होगा।मुश्किल काम है पर नामुमकिन तो नहीं।बच्चों की बात को हर माँ मान ही जाती है। करके देखिये।
12.
प्रेरक किताबे पढ़ें
माँ ने हमेशा किताबों को सबसे अच्छे दोस्त के रूप में माना है और बच्चों को भी पढने के लिए कहती रहती हैं।माँ आपने अपनी लाइब्रेरी को भी बहुत दिन से नहीं देखा और इसीलिए आप तनाव में हैं क्योंकि अपनी सबसे बढ़िया दोस्त से बहुत समय से बात जो नहीं की है।
13.
नेगेटिव सोच के लोगों से दूरी बनाएं
कुछ लोगों की आदत होती है कि हमेशा नकारात्मक बातों से आपसी रिश्तों को न सिर्फ बिगाड़ते हैं अपितु आपस में एक दुसरे के लिए विष बोने जैसा काम भी करते हैं।दूसरों के दिलों में आग लगाने का काम और उनकी कार्य क्षमता को कमजोर करने में ऐसे लोगों को आनंद मिलता है तो आप यह देखें कि माँ ऐसे लोगों से दूरी बना कर रखें।
14.
जीवन के प्रति आशावान रहें
माँ जो सृजनहार है और प्रकृति से ही उदारमना होती है। तनाव की स्थिति में भी वो अपने घर परिवार के लिए ही सोच रही होती है। अगर कभी माँ तनाव में या थोड़ा सा भी परेशां लगें तो अपनी बातों से उन्हें सकारात्मक बनाने की कोशिश करें।जीवन कितना सुंदर है ऐसा माँ आपको समझाती थी पर आज जब वो स्वयं इस बात से झूझ रहीं हैं तो आपको उनमें एक आशा की किरण जगा कर प्रोत्साहित करना है।
15.
अपने से कम स्तर के लोगों का जीवन देखें
माँ को आपको यह समझाना और दिखाना होगा कि दुनिया में लोग कितनी बड़ी मुश्किलों में रह रहे हैं और खुश होकर रह रहें हैं।कई बार हम अपनी परेशानियों से बहुत दुखी हो जाते है पर जब औरों की बातें और परिस्थितियां देखते और सुनते हिन् तो महसूस कर पाते है कि हम व्यर्थ ही जिंदगी को दोष दे रहें हैं।जीवन की सचाइयों से रूबरू होकर तनाव जिसे संग लिए चलते हैं वो खुद ही कम हो जाता है। माँ के साथ उन बस्तियों में जाएँ जहाँ रोज कीए जीवन के लये कितनी जिद्दो-जहद है।
16.
मैडिटेशन की सख्त जरूरत है
ध्यान मुद्रा में कुछ देर जब बैठते हैं और सब तरह की बातों से हटकर अपने मन को एक ही जगह पर केन्द्रित करते है तो उस समय तन- मन बहुत ही अच्छा महसूस करता है और दिमाग में चल रही अनवरत समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है।माँ को भी मैडिटेशन करने के लियें कहें। तनाव से मुक्ति मिलेगी।
17.
योग व व्यायाम एक सफल और कारगर तरीका है
हमारी प्राचीन सभ्यता का प्रतीक योग आज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो चुका है तो माँ अब तक कैसे पीछे रह गई हैं।किसी योग्य और प्रशिक्षित व्यक्ति से सही तरीके से व्यायाम और योग को नियमित करवाने की जिम्मेदारी स्वयं लें और माँ के तनाव को छूमंतर करें।यह सदियों पुराना आजमाया हुआ तरीका है।
18.
ईश्वर पर आस्था बना कर रखें
निर्बल के बल राम,एक बहुत पुराना कथन है जिस पर सभी विश्वास करते हैं क्योंकि हमारे दुर्बल पलों में भगवन ही हमारी सुनते हैं जिन्हें हम सुख में भूल जाते हैं।माँ की जो ईश्वर पर अटूट आस्था है उसमे सहभागी बनें।उनके साथ उनके पसंद के पूजा स्थल पर स्वयं भी साथ दें और उनकी भक्ति का आनंद लें।तनाव एकदम भाग जाएगा।
माँ के तनाव दूर करने पर अनमोल उपाय
19.
मंत्र या जाप करें
आपने महसूस किया होगा कि माँ जब भी कोई मंतर या जाप करती हैं तो उनके चेहरे पर एक असीम शांति और आभा नज़र आती है।नियमित ऐसा करने पर मन की शांति बढती है और मानसिक चिन्ताओं को दूर किया जा सकता है।ध्यान और चित्त को एकाग्रता प्रदान कर स्वास्थ्य में सुधर आने लगता है,ईश्वर के समीपता की सुखद अनुभूति होती है।माँ को सिर्फ याद दिलाना है बाकि वो स्वयं जानती हैं कि क्या करना है।
20.
ज्यादा तनाव लेने के परिणामों को जानें
माँ से जब तनाव होने के दुष्परिणामों के बारें में जानकारी होगी तो वह इसे न लेने की कोशिश करेगी।जैसे बच्चे को परेशां देख कर माँ चिंतित हो जाती हैं ठीक वैसे ही माँ को देख आप चिंतित हो जायेंगे और यह बात माँ नहीं सह पायेगी।तनाव हमेशा शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है और इस बात को माँ को बताना है।
21.
दिल आपका है इसे खुश रखें
दिल एक ऐसी चीज़ है जिस पर जितना भी कहा जाएँ कम है।ईसीजी की सीधी लाइन्स कोई भी देखना नहीं चाहता।पर यही आड़ी-तिरछी रेखाएं मन को सुकून पहुंचाती है ठीक ऐसे ही सीधी सपाट जिंदगी क्यूँ इसमें खुशियों के मेले होने चाहिए। माँ को उनकी पसंद की बातें सुनाइए और उनके हँसते हुए दिल के साथ-साथ अपना दिल भी स्वस्थ रखिए।
22.
स्वयं कुछ लिखने की कोशिश करें
माँ जो कि स्वयं एक पढ़ी लिखी महिला है और उन्हें लिखने में अच्छा लगता है पर घर गृहस्थी में उलझ कर वह अपने इतने रचनात्मक कार्य को भूल ही गयी है।कोई नहीं जब जागो तभी सवेरा- ऐसा हमें आप कहती आई हों तो आज आपको भी ऐसा ही करना है कि लिखना शुरू करिए ताकि यह तनाव नाम का दानव भाग जाएँ।
23
अपने बंद सपनों को फिर से जीवन बनाएं
सच-सच बताना माँ- कभी अपने सपनों की याद नहीं आती क्या?या किसी ने कोशिश ही नहीं की उनके बारें में पूछने की।माँ के सपनों को अपना धर्म मान कर पूरा करने में उन्हें लगायें और तनाव की ऐसी तैसी भी कर दीजिये। माँ के साथ आपको भी इस नेक काम को करने से माँ की ढेर सारी दुआएं भी मिलेंगी।
24.
दुःख विपत्ति को एक इम्तिहान की तरह देखें
जीवन में सुख दुःख एक इम्तिहान की तरह होते हैं यह माँ बखूबी जानती हैं पर फिर भी कई बार तनावग्रस्त हो जाती है खासतौर पर जब कोई विपदा उनके बच्चों या परिवार के ऊपर आती हुई दिखाई दे।उस स्थिति से उबरने में माँ का भरपूर सहयोग दें और बुरे वक्त में एक चट्टान की भांति साथ रहें।
25.
सुबह हरी घास पर घूमें
तनाव को भागने का एक बड़ा अच्छा तरीका है कि हर रोज पास के किसी पार्क में नंगे पांव हरी-हरी घास पर घूमें।इस समय दिमाग स्थिर और शांत होता है और साथ आक्सीजन भी खूब मिलती है।ऐसे में माँ का माइंड और बॉडी रिलैक्स फील करती है जिस के कारण स्ट्रेस से छुटकारा मिल जाता है।बस कितना आसां और बढ़िया उपाय।
26.
डीप ब्रीथिंग एक्स्रसाइज़ करें
डीप ब्रीथिंग एक्स्रसाइज़ एक नेचुरल पेन किलर का काम करता है और एंडोर्फिन रिलीज़ करता है जिसे आम भाषा में हैप्पी और गुड हारमोंस के नाम से जाने जाते हैं।यह लसीका प्रणाली को उतेजित करता है जो शरीर को डेटोक्स करता है,इम्युनिटी मजबूत होती है,रक्तचाप को कम करता है।बस फिर देरी क्यों,माँ को आज से ही करने के फायदे बताइए और उन्हें तनावमुक्त करिए।
27.
अपने पसंदीदा लोगों से संपर्क बनाये रखना है
माँ के जो भी पसंद वाली लिस्ट के व्यक्ति हैं,उनसे उनका संपर्क बना रहें चाहे फ़ोन द्वारा या व्हाट्सएप्प ग्रुप द्वारा। माँ का तनाव कब कहाँ कैसे भाग जाएगा,पता भी नहीं चलेगा क्योंकि बात करके समाधान मिलते है और नयी दिशा दिखाई देती है।
28.
हालातों का मुकाबला डट कर करें
कई बार प्रयासों के बावजूद हालात सुधरने का नाम ही नहीं लेते और ऐसे में कोमल हृदया माँ खुद को कमजोर मान सामना करने में असफल सा मानने लगती है। ऐसे में आगे बढ़कर माँ को हालातों का सामना करने में अपना पूरा समर्थन देने की बात कहें और साथ दें भी।इस तसल्ली से उनका तनाव हर हाल भाग जाएगा।
29.
अपनी सहेलियों से बातचीत करती रहें
माँ की सहेलियां उनके दुःख निवारक गोली जैसा काम करती हैं। जब माँ उन सब के साथ होती हैं तो एक चुलबुली सी लड़की बन चहक सी जाती है। बस उनकी सहेलियों को कभी सरप्राइज पार्टी डे बुला कर माँ को भी सरप्राइज कर दें। तनाव आसपास भी नहीं फटकेगा।
30.
किसी लाफ्टर ग्रुप को ज्वाइन करें
अब हर कोई अपनी दुनिया में मस्त रहता है लेकिन माँ एक सामाजिक रूप से सब से मिलना जुलना पसंद करती हैं।जब अकेली होती हैं तो बाकि लोग फ्री नहीं होते हैं। किसी लाफ्टर ग्रोप को ज्वाइन करवा के उनकी हंसी के ठहाके सुनिए और तनाव को करिए बाय-बाय।
31.
स्वयं को अपनी रूचि वाले कार्यों में व्यस्त रखे
माँ की भी हर किसी की तरह अपनी कुछ खास रूचि जरुर होंगी,बस घर गृहस्थी के कामों में उन्हें कभी मौका ही नहीं मिला कि वो उन्हें आगे बढ़ा पाएं।माँ से जानिए और क्या उनके लिए सबसे बढ़िया कर सकते हैं,बढ़ कर सहयोग दें और माँ को प्रसन्न देखिये।
बीजी लाइफस्टाइल में से समय निकालें
माँ से बात करके यह बताना और फिर बताना बहुत जरुरी है कि माना वो हर वक्त व्यस्त रहती है और उन्हें साँस भी ठीक से लेने की फुर्सत ही नहीं है,पर इन्ही घंटों में से कुछ वक्त समय निकालें और थोड़ा आराम भी करें।तनाव दूर करने के लिए यह तो चाहिए ही चाहिए।
33.
कार्य शैली में परिवर्तन लायें
माँ की कार्य शैली को एक बार देखिये शायद कहीं कुछ चीजों में परिवर्तन करके उनके लिए वक्त निकालें। आमतौर पर जिन घरों में एक साथ नाश्ता या खाना नहीं खा जाता और इस की वजह से माँ तो हर वक्त रसोई में ही घिरी रहेंगी।खुद से ओब्सेर्वे करिए और घर के बाकि लोगों से बात करिए और कुछ सार्थक परिवर्तन लाकर माँ को मानसिक आराम देने की कोशिश करें।
34.
कुछ नयी स्क्किल्स को सीखें
एक से ढर्रे पर कार्य करते करते बोरियत भी होती है और रोज वही समस्याएँ भी रहती हैं और वही बातचीत। ऐसे में नतीजे भी वैसे ही रहते हैं।माँ को नए स्किल्स सिखने के तरीके बताएं और वो बिना किसी परेशानी के सीख भी पाएं। जैसे हो सकता है माँ कुछ नया सीखना चाहती हों पर उन्हें तरीके न मालूम हो।गूगल,आसपास कोई संस्था या क्लासेज के बारें में जाइए और माँ को भी बताइए।
35.
व्हाट्सएप्प ग्रुप में एक्टिव रहें
एक स्मार्ट फ़ोन तो माँ के पास है और बहुत सारे ग्रुप्स भी उसमें हैं पर माँ किसी में भी किसी भी तरह से भाग लेती ही नहीं हैं।उन्हें इन सब में अपनी राय या औरों के जन्मदिन आदि पर विश करने को कहें या करके दिखाएँ।बहुत बार पता ही नहीं होता कि इस्तेमाल के क्या तरीके हैं।उन्हें सिखाएं और तनाव को भगाएं।
नए व्यंजन बनाएं और सब को खिलाएं
माँ को सबको खिलाना बहुत ज्यादा पसंद है और नयी नयी तरह की डिशेस को बनाने का बेहद शौक भी है। कोई आलस नाम की चीज़ ही नहीं है। बस माँ के तनाव को भागने के लिए कुछ नयी सी फरमाइश करिए व खुद भी किचन में लगें और स्वाद के बहाने माँ से गुफ्तगू करें।
माँ के तनाव को राहत दिलाने वाले टिप्स
37.
खाने में थोड़ा परिवर्तन करें
एक सी तरह का खाना कभी-कभी सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।थोड़े से फेरबदल से न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है अपितु सब की सेहत में परिवर्तन भी आता है।ज्यादा तली भुनी चीजें कम करें और स्वास्थ्यवर्धक पदार्थों के सेवन का उपयोग करें और माँ को भी खिलायें ताकि तनाव भी पास न आएं।
38.
हरी सब्जियां और सलाद ज्यादा खाएं
हरी सब्जियों व् सलाद का सेवन न सिर्फ सेहत की दृष्टि से बल्कि स्फूर्तिदायक दायक भी होता है,क्योंकि हरी सब्जियों में मैग्नीशियम,आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में रहती है जो न सिर्फ शारीर को स्वस्थ रखती हैं।विटामिन,प्रोटीन,मिनरल से माँ को पोषक तत्व मिलेगे,साथ में इम्युनिटी क्षमता का बढ़ना,और त्वचा में भी निखार आएगा जो उनके तनाव को भागने में कारगर सिद्ध होगा।
39.
मौसमी फलों का सेवन रोज करें
प्रकृति ने मौसम के हिसाब से इतने सारे फल प्रदान किये हैं कि सेहत और मूड दोनों ठीक रहते ह,जैसे सेब जोकि फाइबर से भरपूर होता है,खाली पेट खाने से मानसिक स्वास्थ्य सही रहता है और इसके अलावा एवोकोडा,बादाम,ओमेगा 3 फैटी एसिड या एंटीऑक्सीडेंट आहार लेने की शुरुआत करें।माँ हर रोज अपनी पसंद का कोई भी फल अपने आहार में शामिल करें।
40.
ज्यादा से ज्यादा पानी पियें
काम में व्यवस्ता कई बार प्यास लगने के बाद भी पानी को पीना माँ भूल जाती हैं।ऐसा रिसर्च में पाया गया है कि तनाव की स्थिति में चाय काफी या गरम गुनगुने पानी को पीने से राहत महसूस होती है।पानी का सही सेवन रक्त को पतला करके हृदय की गति को ठीक रखता है और बॉडी की प्रक्रिया सुचारू रूप से काम करती है और तनाव को कम करने में सहायक सिद्ध होती है।
41.
जंक फ़ूड और बाहर के खाने से दूरी बनाएं
कामकाजी महिलाओं के लिए कई बार घर का खाना बनाना आसान नहीं होता है और नतीजा बाहर का जंक फ़ूड और फिर इससे जुड़ीं अनगिनत बीमारियाँ।अब कोई भी बीमार हो जाए तो बस माँ एकदम से तनावग्रस्त हो जाती हैं।कहीं न कहीं खुद को इस चीज़ के लिए जिम्मेदार भी मानने लगती हैं जो बिलकुल भी ठीक नहीं है।इसलिए घर का खाना बनाने में सहयोग दें और माँ को खुश रखें।
42.
हर्बल चाय पियें
इस चाय में इस्तेमाल होने चीजों में एंटी-बेक्टीरियल,एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जिसे फूलों,मसलों और हर्ब्स से बनाते हैं।इम्युनिटी बूस्टिंग में,स्ट्रेस कम करने में,अनिद्रा में फायदेमंद,पाचन तंत्र दुरस्त करने में,वजन घटने में,शरीर के दर्द को दूर करने सहायक मानी जाती है।आज ही हर्बल टी लाइए और माँ को पिलाइए बस तनाव से मुक्ति दिलवाइए।
मी टाइम भी चुने
घर परिवार,नौकरी यानि इन्हीं सब में जिम्मेदारिय निभाते-निभाते कब जिन्दगी की शाम आ के दस्तक देने लगती है,पता ही नहीं चलता।ऐसे में माँ को यह नहीं लग पाता है कि वो बहुत बार अनावश्यक गुस्सा कर रही है और एक बेवजह खुद पर तनाव को बढ़ा रही हैं।ऐसे में माँ को सुझाव दें कि वो अपनी सुविधानुसार अपना मी टाइम चुनें और उसे मानें भी।
44.
काम काम और काम को ही जिन्दगी न मानें
सब के साथ साथ माँ ने भी अपने दिमाग में यह संकेत दिया हुआ है कि पूरे घर में हर काम की व्यवस्था और जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं की है जोकि उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही नहीं है।बच्च्चों की दिनचर्या जैसी अपनी भी समय सरणी बनाये और तनाव को उसमें शामिल न करें।
45.
न कहना भी सीखें
बच्चे,पति और रिश्तेदारों से और यहां तक किसी ओर से भी माँ ना कह ही नहीं पाती हैं। जब देखो किसी न किसी के कामों को पूरा करने में लगी रहती है और इस बात को लेकर अक्सर तनावग्रस्त हो जाती है कि समय पर और ठीक से न करने पर लोग क्या कहेंगे। इन तथाकथित लोगों से बचना माँ को बताएं।
46.
कार्य को टालने की आदत न रखें
माँ अपने कामों की लिस्ट नहीं बनती और बस जो सामने काम दिखा उसी में लगी रहती है और इसका नतीजा यह होता है कि कई बार बहुत जरुरी काम रह जाते हैं और उसकी वजह से वो एकदम से टेंशन में आ जाती हैं।माँ के टाइम टेबल में भी एक दो तीन के क्रम में सारे कामों की फेहरिस्त बनानी होगी ताकि सब काम समय से उसी दिन हो जाए अगले दिन के लिए न टाले जाएँ।
47.
टॉक्सिक लोगों से दूरी बनाएं
अपने आसपास अक्सर ऐसे लोगों की कमी नहीं होती है जिनका काम ही दूसरों का मनोबल गिराना हैं। ऐसे लोग जब भी मिलेंगे तो कुछ न कुछ ऐसा बोलेंगे कि आप खुद पर संदेह करने लगते हो कि शायद खुद से कुछ गाल्ट कर रहें हैं। माँ समझ जाती है पर लिहाजवश कुछ कह नहीं पाती है। आप आगे बढ़ कर ऐसे लोगों के विरुद्ध मोर्च खोलिए और अपनी जननी को खुश होते देखिये।
पहले स्वयं को रेस्पेक्ट देना शुरू करें
माँ अपने अदब कायदे के लिए सब जगह जानी जाती हैं और एक विशेष आदर व सम्मान की अधिकारिणी भी नज़र आती हैं पर खुद को कम आंकती है।उन्हें लगता है कि वो शायद इतनी काबिल नहीं है बस उन्हें ऐसे ही मान दे रहें हैं।नहीं माँ ऐसा बिलकुल भी नहीं है।आप गुणों की खान है अपने को पहचानिए और खुद को रेस्पेक्ट देने की आदत डालिए।
49.
हर समय हर किसी के लिए उपलब्ध न रहें
माँ की एक अच्छी आदत है कि सबकी मदद को हमेशा तत्पर रहती हैं पर ख़राब भी है क्योंकि वो यह देख रहीं है कि दूसरा व्यक्ति उनकी इस आदत का फायदा भी उठा रहा है,पर संकोच वश कह नहीं पाती हैं।माँ के साथ आप इस कदम को उठाइए और फिर इसके बदले जो समय मिलें उसमे कुछ रचनात्मक कार्य के लिए प्रेरित करें।
50.
बॉडी मसाज़ करवाएं
दिन बहार की भागदौड़ से माँ रात तक बहुत बार थकी लगती हैं पर मजाल है कि मुँह से कुछ करें। माँ के लिए बॉडी मसाज का प्रबंध घर पर ही कर दें। उन्हें समझना हैं कि इस मालिश से उनकी मांसपेशियों का मूवमेंट बढेगा जिससे शरीर के हर अंग में रक्त प्रवाह बढेगा और नतीजा यह होगा कि पूरे शरीर में एक चुस्ती आएगी और तनाव भी दुबक जाएगा।
51.
सिर की मालिश करवाएं
सिर जो तेरा चकराए,या दिल डूबा जाएँ,आ जा प्यारे,पास हमारे,काहें घबराए। यह गाना माँ को सुनाइए और गरम तेल से उनके सिर की आराम से प्यार से मालिश करिए बिलकुल ठीक वैसे ही जैसे माँ आपके सिर में दर्द होने पर जबरदस्ती भी कर देती हैं। माँ को एक छोटी बच्ची की तरह मनाना है।
52.
रात में गरम दूध पी कर सोयें
माँ आप को रोज गरम दूध पीने को कहती हैं और देती भी है।अब आपकी बारी है कि माँ को गरम गरम दूध का गिलास थमाएं और उनकी बात को उनको भी बताएं कि हड्डियाँ मजबूत होने के साथ ब्लड सुगर कम होता है और वजन कम के साथ नींद भी एकदम अच्छे से आयेगी और माँ ठीक से सोकर उठेंगी तो तनाव कैसे पास आएगा।
सुबह की किरणों में कुछ समय बिताएं
सुबह-सुबह धुप सेंकने से इम्यून सिस्टम तो मजबूत होगा ही होगा और साथ में इन किरणों से विटामिन डी मिलेगा जो माँ के शरीर को कैल्शियम,फासफोरस भी है जो हमारे लिए बहुत जरुरी है।बेहतर नींद के पैटर्न के लिए और उर्जावान महसूस करने के साथ सेरोटोनिन बूस्ट होता है जिससे मनोदशा अधिक सकारात्मक रहती है। माँ के साथ आप भी धुप का आनंद लीजिये।
54.
अपनी परेशानी अपने विश्वसनीय व्यक्ति से साँझा करें
माँ जिसे सबसे ज्यादा पसंद करती हैं उनसे जब वो अपने मान की परेशानी को साँझा करेंगी तो उनका मन हल्का महसूस करेगा।कई बार समाधान नहीं हो पाटा है पर खुद को अच्छा लगता है और तनाव को दूर करने में सहायक भी।
माँ के मानसिक तनाव से मुक्ति के तरीके
55.
मदद मांगने में देरी न करें
माँ ने सबकी मदद करना ही सीखा है। कभी मदद के लिए कहती ही नहीं और ऐसे में आप को माँ को बताना है कि जैसे आपको मदद करना अच्छा लगता है ठीक वैसे ही आप की मदद करके औरों को बहुत अच्छा लगेगा। कई बार खुद को पता होता है कि क्या करना है पर वही बात हम भूल जाते हैं।माँ को याद दिलाएं और मनपसंद से बात करवाइए।
56.
घर से बाहर हर रोज जरुर निकलें
घर जो स्वीट होम होता है और east or west but home is the best.बात तो एकदम सही है पर हर वक्त एक ही जगह रहने से वही रोज की समस्या दिमाग में घूमती रहती है जिससे तनाव हटने की बजे वही रहता है। हर रोज उन्हें कुछ न कुछ सम्मान लेने के बहाने से ही सही पर बाहर जाने को प्रेरित करें ताकि तनाव से कुछ समय दूर रह पाएं।
57.
गूगल पर इस समस्या के हल ढूंढे
माँ हो सकती है कि आप अपनी परेशानी हम से और बाकि सब से भी शेयर नहीं करना चाहती है तो कोई बात नहीं। आप गूगल से भी उनका हल ढूंढा जाया जा सकता है। आप को तनाव रहित देखना चाहते है पर कैसे हल निकलेगा यह आप भी तय कर सकती हैं।
58.
डाक्टर से चेकअप कराएँ
कई बार तनाव शरीर में किसी चीज़ की कमी से भी हो जाता है और थका थका सा महसूस होने पर माँ को अंदर से घबराहट हो सकती है क्योंकि डाक्टर के पास जाने में हर कोई डरता है कि पता नहीं कब क्या बीमारी निकल आएं।जिद करके माँ का चेकअप कराएँ और समय रहते इलाज भी।
59.
तनाव में मूड स्विंग से बचें
तनाव में माँ को मूड स्विंग होने बचाएं,क्योंकि इससे बयोलोजिकल डिसऑर्डर के अंतर्गत केमिकल इन्बलेंस से वो न ठीक से सो पाएंगी और उनकी भूख कम होगी और काम में भी मन नहीं लगेगा।उन्हें अकेला न छोड़ें और बातचीत करते रहें।
60.
अपनी नियमित दवाइयों का सेवन करते रहें
यह देखना और समय पर नियमित रुप से लेनी वाली दवाइयां माँ ले रहीं हैं क्योंकि इस वजह से भी अंदर ही अंदर उस बीमारी को बढ़ा देती है और जिसका असर अक्सर तनाव के रूप में दिखता है।माँ अपनी रेगुलर दवाइयां ठीक समय पर लेती रहें यह आपको देखते रहना है।
61.
पारिवारिक भोज का आयोजन करें
सब को अपनों का साथ हमें न सिर्फ हिम्मत देता है वरन साथ-साथ खाना पीना एक नयी उमंग और ख़ुशी का सबब भी बन जाता है।माँ के साथ मिल कर पारिवारिक भोज का आयोजन करे।इसमें कुछ हंसी मजाक का माहौल बनाये रखना,कुछ पुरानी घटनाओं का जिक्र भी तनाव को कम करता है।जीने के प्रति आशावान बनता है।
62.
किसी गरीब की मदद करें
माँ जब सुस्त हो जाती है तो अपने रेगुलर कामों को भी करने में रूचि नहीं दिखाती है जिसकी वजह से उनका दिल दुखी सा रहता है।माँ को याद दिलाए की कैसे वो गरीब व्बच्चों की पढाई में सहयोग देती आई हैं और कैसे अपने आसपास की बसती में जन्मदिन और अन्य ख़ुशी के मौकों पर कपडें मिठाइयाँ बाँटती रही हैं। फिर से करने का जज्बा तनाव को दूर करेगा।
63.
किसी व्यक्ति के दुःख में शामिल हों और उसे हिम्मत दें
जब किसी दुसरे परेशां व्यक्ति से मिलते हैं तो पता चलता है कि कैसे विषम परिस्थितियों में लोग रहते हैं और ऐसे में अपना दुःख छोटा लगने लगता है। माँ के तनाव को दूर करने में यह बात बहुत सहायक सिद्ध होगी और वो परेशां होने की बजे खुद ही इसका हल निकल लेंगी।
64.
अपने पसंद के कामों की लिस्ट बनाएं
माँ जो इतने सारे कामों में कुशल मणि जाती हैं पर वो खुद ही भूले हुई हैं। जरूरत है फिर से उन्हें याद दिलाने की।माँ से पूछ पूछ कर उनके पसंद के कामों की लिस्ट बनाएं और उनके साथ उन कामों में अपनी दिलचस्पी दिखाएँ भी और कुछ करने का भी।
65.
कोई भी राय किसी के लिए एकदम से न बनाएं
किसी न कुछ बोला और माँ अपनी राय एकदम से बना लेती है जो कि सही नहीं हैं।पुराने तजुर्बे भी इस राय को बनाने में साथ होते हैं पर फिर भी थोड़ा सोच कर उस पर अपनी राय बनाने होगी क्योंकि असलियत सामने आने पर अगर हकीकत कुछ ओर हुई तो तनाव तो होगा ही।
66.
अतीत की घटनाओं से सीखें
माँ को यह बताने की जरुरत है कि पहले भी जब भी वो इस तरह से तनावग्रस्त हुई थी तो कितनी मुश्किल से वो नार्मल हो पाई थी।उसी गलती को दोहराने की बजे उससे कैसे बाहर निकालें,उन बातों पर ध्यान देना शुरू करें और वैसे भी अब आप उनके साथ है तो फिर फिक्र की क्या बात है।
67.
घर को सजाने में नए ढंग से सोचें
घर की सजावट का हर नारी को अच्छा लगता है और माँ को तो बहुत ही ज्यादा शौक है। उनके इस खूबसूरत हॉबी को याद दिलाइये और साथ में बाज़ार से नयी वस्तुएं खरीद कर लाइए। घर को सजाने में जो हैप्पी हारमोंस होंगे वो माँ के तनाव को दूर करके उन्हें खुस कर पायेंगे।
68.
पार्लर में जाएँ
माँ को यूँ तो किसी पार्लर की जरूरत है नहीं पर वहां जाने पर उन्हें जो आराम मिलेगा वो कीमती है। चाहे वो फेशिअल कराए या हेड मसाज कराए या सिंपल कोई छोटा सा काम पर उन्हें अच्छा लगेगा। किसी भी कम से जब हम प्रसन्न होते हैं तो तनाव नाम की चीज़ खुद ही भाग जाती है।
69.
जिम या किसी ऐसी जगह पर वर्कआउट करें
माँ को किसी जिम को ज्वाइन करने के लिए कहें। आजकल यह फैशन में भी है पर इसके फायदे अनेक हैं। खुद को फिट रखने में एक समय की पाबन्दी बनती है और पूरे शरीर को एक नयी उर्जा और जोश की अनुभूति है जो तनाव को हटाने में मदद करती है और खूब करती है।
70.
शरीर को डीटोक्स करना जानें
माँ यूँ तो व्रत उपवास करती रहती हैं पर थोड़ा खाने-पीने के मामले में कभी कभी लापरवाही दिखा जाती है। खूब खाइए माँ पर अपने शरीर को डीटोक्स करने के तरीके भी जानिए। उन्हें इससे संभंधित किताबे या गूगल से सही जानकारी डे सकते हैं।स्वस्थ तन तो होगा स्वत फिर मन।
71.
दिन में खाने के बाद थोड़ा आराम करने की आदत बनाएं
माँ को यह जो आराम करने की बिलकुल भी आदत नहीं है वो सही नहीं है क्योंकि इससे हाई बी.पी.कम करने में सहायता के साथ शरीर की थकावट दूर होती है हारमोंस बैलेंस सही रहता है व पाचन तंत्र में सुधर आता है,आँखों को आराम मिलता है,वर्क परफॉरमेंस बढती है,मूड ठीक होता है ज्यादा चुस्त रहते है और सबसे बड़ी बात तनाव से मुक्ति मिलती है।
72.
नए हेयर स्टाइल सीखें और अपनाएं
माँ को अपने लम्बे घने चमकीले बालों के लिए हमेशा ही दिल खोल के तारीफ मिलती रहती है।माँ से और भी तरह तरह के हेयर स्टाइल को बनना या दिखा का बनाने से न सिर्फ उनके लुक में परिवर्तन आएगा वरन उससे मी प्रशंसा से उनके आत्म विश्वास में बढ़ोतरी ही होगी जो तनाव को कम करने में मददगार होगा।
माँ के तनाव को दूर करने के घरेलू उपाय
73.
वजन को नियंत्रित रखें
माँ अपने बढ़ते हुए वजन से भी चिंतित रहती हैं कि लोग क्या कहेंगे और इसकी वजह से उन्हें बीमारियाँ भी घेरे हुई हैं।बी.पी. हाई,शुगर,दिल के फ़ैल होने की सम्भावना और स्ट्रोक होने का भी डर बना रहता है।बजे तनाव लेने के आप उन्हें पैदल घूमने,गुनगुना पानी पीने,तली हुई चीजों को न खाने पर बता सकते हैं।बच्चों की बात माँ को जल्दी समझ में आती है।
74.
खुद से प्यार करने का का भाव अपनाएं
माँ बेहद खूबसूरत हैं पर बस अपनी तरफ ध्यान ही नहीं दे पाती है जिसकी वजह से थोड़ा अस्त व्यस्त दिखती हैं।माँ को लगता है कि वो अब शायद सुंदर नहीं दिखती हैं। ऐसे में आप विश्वास दिलाए और उन्हें बताएं कि पहले वो खुद को प्यार करें और माने कि वो इस परिवार के लिए पूरी दुनिया हैं।गुड थेरेपी आजमायें और तनाव को भगाएं।
75.
अधिक सवेंदनशीलता ठीक नहीं है
माँ स्वभाव से ही बहुत करुणामय और दूसरों के लिए सवेंद्शील हैं। बहुत ही अच्छी बात है पर हर बात को बहुत ही ज्यादा सोचना आपकी सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं है।किसी को भी दुखी देख कर स्वयं दुखी रहना ठीक नहीं है।माँ आप सब के लिए वैसे ही बहुत करती हैं पर खुद का भी ध्यान रखना जरुरी है।
76.
स्वभाव में लचीलापन लायें
माँ हर कठोर परिस्थितियों का मुकाबला डट कर लेती हैं पर कई बार भावनात्मक रूप से इतनी जुड़ जाती हैं,जिसकी वजह से उन पर तनाव असर दिखता है और नतीजा वो उस दर्द व पीड़ा का स्वयं भी हिस्सा बन जाती हैं।उस स्थिति को स्वीकार करके और क्या अपना सबसे अच्छा सहयोग दे सकते हैं,वो ही कीजिये पर खुद तनाव को अपने ऊपर मत आने दीजिये।
77.
डार्क चाकलेट खाने को प्रेरित करें
डार्क चाकलेट जोकि कोको बीन्स से बनती है और कैफीन के होने से तनाव कम होता है।इसमें पाए जाने वाले तत्व होते है जो तनाव पैदा करने वाले हारमोंस को नियंत्रित करते हैं।विटामिनऔर एंटी-ओक्सिडेंट की वजह से नर्वस सिस्टम के किये बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। बस रोज माँ को खिलाइए और एक ख़ुशी का अहसास महसूस करें।
78.
आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग दें
माँ को यूँ तो पैसे की कमी नहीं रहती है पर एक आत्म-निर्भर महिला होने से जो गर्वित होने का अहसास होना चाहिए वो कई बार लगता है कि वो भी महसूस करती हैं। आज की दुनिया में घर बैठे न जाने कितने ऐसे काम हैं जिनसे कमी के साधन बन सकते हैं। माँ से बत करके उनके लिए इस ओर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
79.
माँ के मनपसंद संगीत सुनने की व्यवस्था करें
सात सुरों में सजा संगीत सदियों से दिलों की धड़कनों में बसा हुआ है फिर माँ तो स्वयं कितना उम्द्दा गाती है और नृत्य भी जानती हैं पर बस घर के कामों में फँस कर भूल गई है।आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग दें।एक अच्छा सा पोर्टेबल म्यूजिक सिस्टम ला कर दे सकते हैं,ताकि वो जहाँ चाहे वहां सुन सकती है और इससे तनाव तो हर हाल कम होगा ही होगा।
80.
खुद पर अटूट भरोसा रखें
मन के हारे हार है और मन के जीते जीत।बहुत पुरानी कहावत है पर आज भी एकदम सोलह आने सच। माँ का खुद पर भरोसा क्या कम हुआ वो तो तनाव में रहने लगी हैं।माँ को यह विश्वास दिलाना बहुत बहुत जरुरी है कि वो सब कुछ कर सकती हैं,बस पहले खुद पर भरोसा रखें ताकि बाकि चीजें स्वयं ठीक होने लगे।
घर में पेड़ पौधें लगायें
पेड़ पौधों की दुनिया दिल को सुकून देने में माहिर है।माँ भी कितनी भी दुखी क्यों न हों अपने पेड़ पौधों के बीच जाकर बच्चों सी चहक जाती है। माँ को तनाव में देख कर उन्हें उनकी ही बगिया में या किसी आसपास के पार्क में ले जाएँ और फिर से उन्हें हँसते हुए देखें।नए पौधें भी लाकर दे सकते हैं जिससे वो उसकी देखभाल में लग जाएँ।
82.
घर में कोई पालतू जानवर पालिए
घर में पालतू जानवर रखने से स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभकारी है।उनके साथ बिताये पल एक सुखद अहसास की अनुभूति ही नहीं कराते बल्कि अकेलेपन और उदासी को भी दूर भागते हैं।पालतू जानवरों के संग घूमने,टहलने या खेलने से मूड ठीक रहता है और एक खिलोने की तरह सबको उसका साथ अच्छा लगता है।बस आज ही माँ के लिए उनकी पसंद का कोई एक पालतू जानवर पालिए और तनाव भी कोई चीज़ होती है फिर उनको देख कर सोचिये।
83.
खुशियों के बहाने ढूंढे
माँ के साथ और साथ के वक्त इस बात पर ध्यान देना जरुरी है कि उनकी ही बताई हुई सीख कि खुश रहना एक आदत है कोई चॉइस नहीं। माँ से प्यार भरी बातें करिये। अगर वो उदास हों तो अच्छी मूवी या किसी थिएटर में हास्य वाली फ़िल्में या नाटक दिखने ले जाएँ ताकि वो अपने तनाव से बाहर निकल सकें।
माँ के तनाव को कैसे कम करें पर दिल से कोशिश की है कुछ सरल तरीकों को बताने की। माँ के स्ट्रेस को दूर भागने के नायाब सुझाव लिखें है जो अपने जीवन में भी अनुभव किये हैं। पढ़िए और अपनी राय COMMENT BOX में जाहिर भी करिए
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।