अधूरे रिश्तों पर शायरी लिखना एक संवेदनशील मन को आघात लगने जैसा लगता है।जीवन के सफ़र में कभी न कभी हम सभी इस दौर से गुज़रते ही है और उसकी टीस हृदय को विचलित ही करती है।आइए पढ़ते है|
पढ़ना न भूलें
|रिश्तों में उम्मीद टूटने पर वेदना भरी शायरी|
अधूरे रिश्तों पर शायरी,मतलबी दुनिया दिखती सारी
अधूरे रिश्तों पर रचनाएँ ।61 मार्मिक कविताएँ
1)बिन आवाज़ जब रिश्ते टूटते हैं
अधूरे-अधूरे से ख़्वाब दिखते हैं।
2)अधूरे जीवन की अधूरी कहानी
टूटे दिल की असफल रवानी।
3)कड़वी सच्चाई रिश्तों में,दूरी ले आती है
ज़रूरी है चुप रहें,ये रिश्तों को बचाती है।
4)किराए के मकान जैसे,हो गये है अब रिश्ते
जरा सा बोल दो कुछ,पल में टूटते रिश्ते।
5)रिश्ते अपनी-अपनी,मंज़िल तक पहुँचे
हर एक की क़िस्मत,ऐसी नहीं होती।
6)जीवन का मोल अधूरा,व्यर्थ रह जाता है
रिश्ते बीच में छोड़,कोई जब चला जाता है।
7)रूठे-रूठे से अल्फ़ाज़,मुझ से रहते हैं
अधूरे रिश्तों की वजह,मुझ से पूछते हैं।
8)फुर्सत के लम्हों में,ख़ुद में ही रहे व्यस्त
रिश्तों के अधूरेपन से,हुआ जीवन अस्त।
9)बेहद प्यार से संजोये थे,दिल के रिश्ते
बेवक्त ऐसे टूट जाएँगे,ये हसीन रिश्ते।
10)आईना क्या अब रोज़,वैसे ही देख पाओगे
रिश्ते के अधूरेपन को,क्या सह भी पाओगे।
11)रिश्तों को सुलझाने की,कोशिश की जितनी
उलझते गये अपने ही,बुने जाल में राहें उतनी।
12)ख़्वाबों को सजाने में,मशगूल हो भूल ही गए
रिश्ते वक्त चाहते है,बस वक्त देना ही भूल गए।
13)वक्त बीतेगा और तुम्हें हमारी याद दिलाएगा
लौट के आने वालों में मगर हम नहीं,यह भी बताएगा।
मतलबी रिश्तों पर शायरी
14)मेरे चेहरे की उदासी,उसे परेशान नहीं है करती
यानी रिश्ते अधूरे की कसक,उसे नहीं चुभती।
15)उम्र भर के किए वायदे,एक पल में टूट गए
क़समें जीवन भर की,एक पल में तोड़ गए।
16)बड़े हक़ से जिनकी ज़िंदगी में,शामिल थे हम
एक ग़लतफहमी ने,रास्ते जुदा कर तन्हा हुए हम।
17)उमीदे-आशियाँ बनाये बैठे थे,बड़े इत्मीनान से
ज़िंदगी ख़्वार कर गए,बेरुख़ी से मुँह यूँ मोड़ के।
18)रह-रह कर कसक,दिल को बहुत तड़पाती है
वायदे झूठे भी होते है,समझ में बात नहीं आती है।
19)दौलत के जाने का ग़म,नहीं हुआ मुझे इतना
दौलत पर टिके रिश्ते को,पहचाना मैंने जितना।
20)आंसू बन रोज़-ए-जज़ा से,बह निकले थे
बेपरवाह से वो महफ़िल से,जब उठ चले थे।
(रोज़-ए-जज़ा=प्रलय का दिन)
21)दिल में यक़ीं हो जब,तो दूरी मायने नहीं रखती
विश्वास का धागा है,टूटने में देरी भी नहीं लगती।
22)मतलबी दुनिया है,मतलब से काम रखती है
जब तक लगती ज़रूरत,दामन पकड़े रखती है।
23)फ़िक्रें-दुनिया में कुछ ऐसे हुए,हम तो मसरूफ़
रिश्ते चटक गए,हुआ करते थे जिन पर मगरूर।
24)आँखों को हंसने की झूठी आदत,अब हो चली है
मामला क्या हुआ,बताने की ज़रूरत अब नहीं है।
25)अधूरे रिश्तों की कसक,रह-रह कर ज्यादा यूँ भी होती है
ताउम्र गुजरी उनके लिए, जिन्हें हमारी परवाह नहीं होती है|
26)हसरतों की अपनी,एक खूबसूरत राह होती है
अधूरे रिश्तों की वहाँ कोई,जगह ही नहीं होती है।
27)झूठ बोलने की कला,चाह कर भी सीख नहीं पाए
रिश्ते अधूरे हो जाएँगे,समझ कभी यह नहीं पाए।
28)कुछ ऐसे बने यकायक हालात,अधूरे से हुए रिश्ते
गलती किसी की भी ना थी,मगर बेज़ार हुए रिश्ते।
29)अधूरे रिश्ते कई मायने में,ज़िंदगी को दिखा गए
ख़ुशी चंद सिक्कों पर टिकी थी,बखूबी जता गए।
30)यूँ फासले अब तक ना थे,हमारे-तुम्हारे दरमियाँ
मुखबिर ने प्यार से दिया,अपने काम को अंजाम।
(मुखबिर=ख़बरी)
अधूरे रिश्तों पर मार्मिक रचनाएँ
31)शब्दों के घाव दिल पर,चोट गहरे दे ही जाते हैं
लाख कोशिश करने पर भी,निशान रह ही जाते हैं।
32)कोई तब तक ही आपका,अपना हुआ करता है
काम उसका आपके बिना,ग़र नहीं अगर चलता है।
33)इतना भी किसी को ज़रूरत,ना बना लिया जाए
वक्त पड़ने पर ढूँढने में,वक्त न जाया किया जाए।
34)खूबसूरत से रिश्ते थे,चर्चाए-ए-आम हुआ करते थे
जाने नज़र किसकी लगी,दर्दे-ए-दिल लिये बैठे थे।
35)वक्त ने ही समझाया,यूँ आंसू बेवजह बहाया न करो
क़ीमती बहुत होते हैं,हर किसी पर लुटाया न करो।
36)अधूरे रिश्ते ने ला दिया,जीवन में मानों ज़लज़ला
अलहदा हुआ हम से ही हमारा,बरसों का फ़लसफ़ा।
37)हाथों से फिसल गये,पल में रिश्ते रेत की मानिंद
अपेक्षायें शायद ज़रूरत से ज़्यादा थी,रोके न रुकी।
38)चाशनी से भी मीठा,उसका छल भरा व्यवहार था
मतलब निकाला और अब,टूटने की कगार पर था।
39)दुनिया के सामने जब हमदर्दी,ज़्यादा दिखाई जाए
रिश्ते में बनावट मिली है,समझ तुरंत ही तब आ जाए।
अधूरे रिश्तों पर best कोट्स
40)एक मज़बूत दिल भी कमजोर,
उस वक्त है हो जाता
अपने ही हाथों बनाए रिश्तों को,
अधूरा है जब पाता।
41)बेरुख़ी को वजह माना,
पर जानने का हक़ नहीं दिया
दूर जाना ही था तुझे तो,
पास आने का भ्रम क्यों किया।
42)चाहत एक तरफ़ा की,
बहुत दूर तक नहीं चलती साथ-साथ
निभाने की ज़िम्मेदारियाँ,
पूरी हों दोनों तरफ़ा का साथ।
43)शायद किसी की नज़र लग गई,
बन गये अधूरे रिश्ते
मानते तो नहीं थे अब तक,
मजबूर हुए देख ऐसे रिश्ते।
44)मुस्कुराहट ने कभी उसकी,
ज़ाहिर होने नहीं दिया
साथ पल दो पल का ही है अब,
पता चलने नहीं दिया।
45)रिश्तों को निभाने में,
दिल का शामिल होना ज़रूरी है
दिमाग़ और दिल में कौन रूठेगा,
जानना भी ज़रूरी है।
46)जाने से तुम्हें नहीं रोकेंगे,
ना ही तुम अब हो रुकने वाले
लम्हे जो बीते थे संग-संग,
वो भी नहीं हम भूलने वाले।
47)रिश्ते तोड़ने की रस्म पुरानी है,
एक जमाने से बादस्तूर
हम को ही भरोसा था,.
न जाने क्यूँ,माने थे अपना दस्तूर।
48)अधूरे भले ही रह जाए रिश्ते,
यादें होती हैं अनमोल
कुछ कदमों का साथ ही हो चाहे,
साथ रहती है बन बेमोल।
49))चाहता तो हर कोई है,
सफ़र एक साथ रहे सुंदर सुहाना
क़िस्मत भी होती है,
बीतता वक्त बना देता है अफ़साना।
50)अचानक उसके लफ़्ज़ों में,
नरमी ज़्यादा ही आने लगी थी
दूर जाने वाला है हम से,
थोड़ी समझ बात आने लगी थी।
अधूरे रिश्तों पर कविताएँ
51)सुनने-सुनाने में लोग,
फ़ायदा अवसर का उठा जाते है
असल बात मालूम होती जब,
रिश्ते अधूरे तब तक हो जाते हैं।
52))ज़िंदगी कई बार कुछ ऐसे कश्मकश में भी,
अटक जाती है
न छोड़े बनता है न ही अपनाने की,
गुंजाइश दिखती है।
53)हर रोज़ हर प्रहर,
तारीफ़ करना शायद ज़रूरी हो गया है
बुदबुदाते लबों को भी,
सँभल कर बोलना ज़रूरी हो गया है।
54)मेरी ख़ामोश निगाहों को,
पढ़ने का हुनर था उसमें खूब
आँखें मिलने से बचता रहा,
मन नहीं था आज उसका यहाँ मौज़ूद।
55)खामोशी को मान तबियत नासाज़,
जो अनदेखा करते हैं
किसी के भी नहीं हो सकते,
वो दिल से मुर्दा हुआ करते हैं।
56)यूँ हर वक्त किसी के लिए,
आसानी से जब मिल जाते हैं
कद्र होती नहीं तब,
मुफ़्त समझ फ़ायदे उठा लिए जाते हैं।
57)बारात-ए-नूज़ूम में,
हासिल करना चाहा था मह-ए-कामिल
मयस्सर नहीं होगा रिश्ता भी,
टूटा बेज़ार हुआ हमारा दिल।
58)सैर-आलमे-सौदा से घूमे फिरते है,
लिए शम्माए-अरमान
किताबे-उल्फत में पढ़ा करते थे,शिकार होंगे हम,
ना था ग़ुमान।
(सैर-आलमे-सौदा=पागलपन की दुनिया कि सैर।
किताबे-उल्फत=प्रेम पुस्तक)
59)बन कर रहे थे ज़िंदगी में,
जो हमारे हमेशा ही एक रहनुमा
बीच राह छोड़ गए,
न देख सके ज़िंदगी हमारी खुशनुमा।
60)अधूरे रिश्तों की कसक,
मुनक्क्श सी रहेगी दिल पर हमारे
पूरफ़ूसूँ-लम्हों को संजोये रखने की आदत है,
नयनों को हमारे।
(मुनक्कश=चित्रित)
61)नफ़स दर नफ़स प्यार की चाह में,
ख़्वाब रहे देखते
अधूरे होंगे रिश्तें,
ऐसा ख़्वाब भी नहीं कभी थे देखते।
(नफ़स दर नफ़स=हर सांस के साथ)
अधूरे रिश्तों पर शायरी जीवन में वायदे कदमों और निभाने के लिये बताती है क्योंकि रिश्तों में अधूरापन कविताएँ हमें प्रेरित भी करती है कि समय रहते हम इन्हें सँभालें।
COMMENT BOX आपकी राय का इंतज़ार कर रहा है।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।