दादी माँ पर शायरी याद दिलाए वो लाड-मनुहार,हँसता खेलता था बचपन,थी मौजमस्ती की बहार| दादी माँ के साथ न सिर्फ जन्म से बल्कि दिल से जुड़ा हुआ रिश्ता होता है
दादी माँ पर कविताएँ भला कौन नहीं पढ़ना चाहेगा-तो देर किस बात की-लौट चलते है अपने नटखट बाल जीवन में।दादी माँ -जीवन का सबसे अनमोल तोहफा|
दादी माँ पर शायरी है ये प्यार भरी जनाब, यानि कविताओं में बचपन का पूरा हिसाब किताब
ग्रेट दादी माँ स्टेटस |91 कविताएँ बेहद न्यारी
1)दादी माँ घर की हैं,शान-मान-सम्मान
करबद्ध हाथों से करते,आपको करबद्ध प्रणाम।
2)सारे घर की प्यारी बॉस,है बस हमारी दादी
उनका बॉस मैं,दिलोंजान लुटाए मुझ पर दादी।
3)दादी माँ है बड़ी रौबीली,डरते है सब उनसे हरवक़्त
हिम्मत नहीं टाल दे उनकी बात,कोई भी वक़्त-बेवक्त।
4)एक राज की बात बताऊँ,कहना नहीं देखो किसी से
पापा भी डरते है दादी से,कहते है वो तो,डरते नहीं किसी से।
5)मम्मी का ग़ुस्सा बाप रे बाप, रहता हरदम नाक पर
देख दादी को चुप,नहीं डाँटती मुझ को बात-बात पर।
6)यूँ न दादी माँ आप, नख़रे दिखाया करो
जब मनाते है प्यार से, तो मान भी जाया करो।
7)हम तो बच्चे है नादान, ग़लती करना हमारा है काम
दादी यूँ न रुठा करो,ऐसे कैसे होगा आपका ऊँचा नाम|
8)दादी के घर में रहती थी,ख़ूब मौज ही मौज दिन रात
क्या हुआ क्या होगा क्या करनी चिंता,दादी हैं न साथ।
9)एक सुंदर सी गुल्लक दी थी,दादी ने मुझे एक दिन
पाई-पाई जोड़ना सुनो! मेरे लाडले,आएँगे काम एक दिन।
10)दादी आप कितनी सुंदर हो,कहा खुश हो मैंने एक दिन
अच्छा जी,पर मेरी गुडिया भी थोड़े ही है दादी से कम|
11)दादी की कहानियों में,था मैं ही सूरज और चंदा भी
तारें सुनते थे मेरी बातें,डाँट थोड़े ही खानी थी उन्हें भी।
12)दौड़ती संग दादी मेरे,कभी होती थी ख़ूब चिलमचिली
डागी भी संग संग दौड़ता,साथ निभाती पूसी बिल्ली।
13)मम्मी देख इधर-उधर,फिर डांट लगा पाती हैं
दादी सुनती कहाँ है,मम्मी की शामत आ जाती है|
14)स्कूल से आते ही,झट से गोद में उठा लेती हैं
थक गयी होगी मेरी लाडो,गले से लगा लेती हैं|
15)दादी मुझे दिलों जान से प्यारी,लगती हरदम
मैं भी उनके जिगर का टुकड़ा,गले लगाती हरदम|
प्यारी दादी अम्मा पर कविताएँ
16)वो मेरी प्यारी दादी और मैं उनकी हूर की परी
उनकी जान में बसती थी मैं,सह नहीं पाती मुझ से दूरी।
17)दादी की हर बात में, होता है जीवन का ज्ञान
सुनाएँ जब कोई किस्सा,देते हम भी पूरा ध्यान|
18)मम्मी पापा की हर डांट से, मुझे दादी बचाती हैं
अलग से ले जाकर प्यार से,मगर फिर समझाती हैं|
19)दादी संग बच्चों का रिश्ता, है बहुत ही गहरा
है पवित्र बंधन,निर्मल और हमेशा ठहरा-ठहरा।
20)घर की न्यायाधीश है, अपनी दादी प्यारी
ग़ुस्से से बचाती पापा के,सीख देती फिर न्यारी।
21)मम्मी पापा से कहने में जब डरता हूँ
दादी से ही दिल की बात तब मैं करता हूँ।
22)दादी माँ एक नयी दिशा दिखाती हैं
उलझने कैसे हटाए,प्यार से बताती हैं।
23)दादी की लोरी में, मिलता था कितना सुकून
कहानियों में रहता था, एक अजब सा जुनून|
24)दुख के समय में मन पढ़ना, दादी को आता है
बात कर उनसे फिर दुख न जाने, कहाँ चला जाता है।
25)ज़िंदगी के सही मायने, दादी ही समझाती है
रिश्तों की अहमियत भी, प्यार से बतलाती है।
26)दादी के हाथ से बने खाने की, तो बात ही अलग है
प्यार मिला होता हैं न,जज्बात की बात ही अलग है|
27)मेरे घर पर उस ईश्वर का, है इतना आशीर्वाद
दादी हँसती है बस ख़ुशियों की हो जाती है बरसात।
28)दादी माँ ख़ुद बन जाती है,तब एक नन्हीं सी बच्ची
उम्र हो जाती उनकी छूँमंतर,संग अमिया तुड़वाए जब कच्ची|
29)दादी जब प्यार से सर पर देती आशीर्वाद
मन मयूरी सा झूम जाता है अपने ही आप|
30)दादी को गोद में रख सिर,सुकून से नींद आ जाती हैं
कैसा है यह जादू बात समझ में,पर आज भी नहीं आती है|
दादी माँ शायरी in hindi
31)दादी माँ दी हुई सब सीख को, जीवन भर निभाऊँगी
यादों के झरोखे से उनको भी, ये सब कर दिखाऊँगी।
32)दरीचे में से जब-जब झाँकें,दीखे एक नन्हीं गौरिय्या
दादी की मुसकाती आँखों संग,दिखें उनकी सारी बलैय्या।
33)बता मुझे परियों की रानी, बात सब मनवा लेती हैं
दादी के सामने तो,बाप रे! दादा की भी नहीं चलती है|
34)दादी लगती थी बड़ी ही स्यानी
शानदार होती थी उनकी हर कहानी।
35)माथे पर दादी के प्यार का, शगुन याद आता है
बड़ा हो गया हूँ पर फिर भी,बच्चा बनना चाहता हूँ।
36)मिस यू दादी लौट आओ न,यूँ ऐसे कोई छोड़ भला जाता है
ईश्वर आपके इस निर्णय पर, आपसे भी बात करना चाहता हूँ।
37)दादी से घर में एक नायाब,अनुशासन बना रहता है
बड़ें से लेकर छोटों तक को,अपने काम का पता रहता है|
38)दादी के प्यार से मैं,सच में रहती तो हूँ थोडा अकड़ी सी
मजाल किसी की,कह दे मुझे कुछ,डांट पड़ेगी तगड़ी सी|
39)सारे जहाँ में सबसे प्यारी है,दादी अम्मा की मुस्कुराहट
हो चाहे कितना भी परेशां दिल,देख उन्हें ख़त्म होती कड़वाहट|
40)मेरी लम्बी उम्र के लिए, व्रत उपवास रख दुआएँ करती हैं
ये बस मेरी दादी मम्मा हैन,प्यार बेंतिहा जो मुझ से करती हैं।
41)रात को छत पर तारों की न जाने, कितनी कहानियां सुनाती हैं
दादी है भई अपनी,ज्ञान की कितनी सारी बातें संग बताती हैं|
42)दादी अपनी नए ज़माने की,रहती एक्टिव फेसबुक पर हरपल
इन्स्ताग्राम हो या व्हाटस एप्प,चटर-पटर सबसे बातें करती पलपल|
43)दादी के संग हर रोज लगता,जैसे मन रहा हो कोई त्यौहार
क्या खाना है मुझे,जानने का कौन सा तरीका किया हुआ इख़्तियार|
44)कभी कभी जब दादी कुछ काम से,बाहर चली जाती हैं
सच पूछो न जाने क्यूँ वीरानी सी, घर में सारे आ जाती हैं|
45)दादी की शान में जितना भी कहूँ,रहेगा कम ही कहना
खजाने में से एक दिन पहनाया उन्होंने मुझे अपना गहना|
दादी माँ के लिए प्यार भरी शायरी
46)जिस घर में रहते हमारे बड़े बुजुर्ग संग,रौनक दिखती है
दादी की ममतामय बातों में,वहीँ एक खूबसूरती झलकती हैं|
47)दादी की अलमारी में झाँकने का,
अधिकार था सिर्फ मेरे पास
प्यारी पोती जो थी उनकी,
गुपचुप होती रहती थी आपस में बात |
48)विलायती पोता आया मेरे घर,
सबकी निगाह से बचाती हैं
दादी मेरे गोरे रंग पर नज़र न लगे
काला टीका लगाती है|
49)दादी को मुझ से और मुझे अपनी दादी से,
है बेशुमार बहुत प्यार
करता दुआ खुदा से,
हर जन्म में मिले इन्हीं वाली दादी का दुलार|
50) दादी के पल्लू में न जाने कैसे,
एक छोटा सा ख़ज़ाना था
मेरे लिए हरवक़्त उसे खुला रखना,
शौक़ उनका पुराना था।
51)मुझ छोटे से बच्चे में देखें मेरी दादी,
शायद अपना बीता हुआ बचपना
दौड़ लगाती हँसती हँसाती,
मेरी गुड़िया को पहनाए सुंदर सा कंगना।
52)दादी का हुक्म माने सारा घर
झुका सिर को सुबहों-शाम
लगाते मुझ से सिफ़ारिश दादी के लिए
न बनता जब किसी का भी काम।
53)शाम की सैर दादी के संग-संग होती है
किस्से कहानियों की तो भरमार होती है
बचपन की बात जब वो मुझे सुनाती हैं
कहते कहते,वों वहीँ लौट गई होती हैं|
54)मेरे हँसने पर ख़ुश होती,
दादी के चेहरे पर आती मीठी मुस्कान
ईश्वर आपका बहुत धन्यवाद,
दिया इतना सुंदर प्यार भरा मुझे वरदान।
55)लड़ लेना झगड़ लेना
पर मन में वैर न रखना कभी
अपने तो अपने ही है होते,
दूजा काम न आता कभी।
वक़्त-बेवक़्त मनमुटाव हो जाते है,
अक्सर दिलों के बीच
कोई बात नहीं,दादी समझाती,
मनभेद न करना कभी।
56)दादी के आशीर्वाद से मिली
जीवन में तरक्की
उनकी दी समय-समय पर सलाह,
थी बिलकुल पक्की
वक्त-बेवक्त जब-जब,
दुःख का साया घिर कर आया
आपका चेहरा ही मुझे उबारने में,
आगे नजर आया|
57)जीवन है लाडो,
सुख दुःख तो बारी-बारी से आएंगे
इम्तिहान होते है यह,
धैर्य का बल जान कर ही जाएंगे
हथियारों से नहीं,
जंग जीती जाती है रख जीत का जूनून
अधरों पर होती जब मुस्कान,
मिलता रूह को तब सुकून|
58)दादी आपकी सारी सीख बसी है मेरे ज़ेहन में,
फिर भी लगती रिक्तियाँ
क़ीमती ख़ज़ाना है आप मेरा,
दिल के क़रीब दिल में ही रहेगी आप की स्मृतियाँ।
59)उम्र की हसीन लकीरें थी आ धमकी,
दादी के रुख़्सार पर
जीवन के कड़वे मीठे अनुभव,
बयाँ करते अपनी दास्ताँ इख़्तियार कर|
60)दादी के हाथ के बने स्वेटर की गरमाहट,
है आज तक कायम
ऊन के ताने-बाने में प्यार जो संग गुँथा था,
हर रेशा है नर्म मुलायम|
Miss यू दादी माँ
61)जहाँ दादी अम्मा की मुस्कुराहट बसी हो,
शान से बन बेमिसाल।
उस घर की ख़ुशी छिन सकता है,
भला कौन किसी भी हाल|
62) दादी संग मंदिर की सीढ़िया चढ़ने में,
पवित्रता के अहसास होते थे
मानों भगवान भी स्वयं उस पल में,
मेरे संग-संग साथ-साथ होते थे।
63)दादी के सामने तो ज़िद करने में,
बड़ा मज़ा आता है
पता है न,नख़रे वो ही उठाएँगी,
डर भी नहीं कोई सताता है|
64)दादी के सामने रहती,
अपनी तो खूब मौज मस्ती
भला रोकेगा कौन हमें,
संग है घर सबसे बड़ी हस्ती|
65)बेफिक्र बचपन न चिंता कोई भविष्य की,
बस आज क्या करना रहता ध्यान
यही है जीने का गुर आगे भी रखना यह आदत,
दादी ख़ुश हो कहती सुनो ऐ-शैतान।
66)बचपन रहता निर्मल निश्छल,
दादी का साथ लगे सुहाना
तितलियों के पीछे दौड़ूँ मैं,
मेरे पीछे सब बच्चों का भी संग आना।
67)वादा जो करतीं दादी माँ,
होती थी पूरी पक्कम-पक्की
हो जाए चाहे दिन रात यहाँ-वहाँ,
बात न की कभी उन्होंने अपनी कच्ची।
68)दादी का संग लगता था सदा सुहाना
एक प्यारा सा रहता था न उनसे याराना
गुपचुप होती थी कानाफूसी रोज़ यूँ आपस में
मेरी सारी ख़ुफ़िया बातें थी जो उनके पास में।
69))गर्मी की छुट्टियाँ और ख़ूब होती
बच्चों की धमा-चौकड़ी
बुआ जी के बच्चे बतौर मेहमान,
दिखाते थे हमें अपनी हेकड़ी
जानते थे दादी का मन तो,
इधर हम में ही है बसा हुआ
फिर क्यूँ नाती नातिन के सामने,
कहर था हम पर बरसा हुआ।
70)मद्धिम शाम की गोधूली में,
दादी प्यार से पुचकारती गैय्या
निरीह पशु है हमारी अमानत,
दूध माखन घी दही देती लागे हमारी मैय्या
सिखाती दिन रात ध्यान हमें ही रखना है,
अपने पशुधन का
जीव-जंतु है हमारे पोषक,
होती पार इन्हें से ही जीवन की नैय्या।
दादी की याद में शायरी
71)क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात,
मम्मी को समझा रही थी दादी ये काम की बात
अरे! बच्चे है-शैतानी अब न करेंगे तो कब करेंगे
मम्मी घूरें हमें,पर हमें का डर,दादी का हैं न साथ।
72)अपना पराया नहीं किया करते, अपने बहन-भाइयों के साथ
दादी याद दिलाती,चली जाएगी बहना हो विदा अपनी ससुराल
भाई नहीं होगा यहाँ फिर,करता होगा दूर कहीं कोई काम
मिल जुल कर रहा करो,जीवन बनेगा फिर ख़ूबसूरत हर हाल।
73)दादी का संग लगता था सदा सुहाना
एक प्यारा सा रहता था न उनसे याराना
गुपचुप होती थी कानाफूसी रोज़ यूँ आपस में
मेरी सारी ख़ुफ़िया बातें थी जो उनके पास में।
74)दादी के घर की होली बड़ी रंग बिरंगी
दिवाली की रौनक़ तो देखते ही बनती
सारे बच्चे हर त्योहार मनाते करते ख़ूब धमाल
तुम बिन सच में है होता,दिल को बहुत मलाल।
75)चेहरे की झुरियों को,गिनना चाहा जब इक बार
अरे! सब उम्र के तजुर्बे छिपे है,बना एक सुंदर प्यार
दादी फिर से सॉफ्ट-सॉफ्ट सी, बन जाओ एक बार
हंस कर बोली वों,आउंगी बन तेरी गुड़ियाँ तेरे ही द्वार|
76)घर वो ख़ुशनसीब हुआ करते है
जिसमें दादी का आशीर्वाद रहता है
अनुभव की सुंदर सार्थक बातों के बिना
भला घर-बार कहाँ ढंग से चला करता है।
77)कुछ दिन से दादी की नज़रें, हुई है कमज़ोर
चश्मा नया बनना है दूर का थोड़ा कम दिखता है
पर ग़ज़ब उनकी दूरदर्शिता उसके क्या कहने
समस्या हो कोई भी,समाधान तुरंत निकलता है।
78)दादी का गाँव ज़रा दूर है, हमारे शहर से
निगाहें हमारे आने की, उनकी आँखें तकती हैं
कभी रेलगाड़ी कभी बस तो कभी बैलगाड़ी का
सफ़र मगर मिलने की आस में, बेसब्री से कटता है।
79)मम्मी-पापा की देख तेज़ लड़ाई,
दादी की गोद में आ छिप जाता हूँ
सहमा देख मुझे यूँ छिपाती आँचल में
दादी की आँखों से झलकते प्यार से सुकून पाता हूँ।
80)दादी अम्मा तुम यूँ न देखो,ऐेसे रूठा करो
खिलाने की इतनी ज़िद भी, न किया करो
अरे!छोटा सा पेट है हमारा,ज़रा लो देख लो
बस हलवे और पूरी के अलावा, कुछ न दिया करो।🤪
दादी माँ का प्यार शायरी
81)बताते है सब मुझे जन्म पर मेरे
ख़ुश थे बहुत ज़्यादा मेरे पापा-मम्मा
उनसे भी अधिक प्रसन्न थी दादी माँ
क्यूँकि उनका रूप धर आई थी मैं उनके अँगना।
82)बालों में हल्के-हल्के,
दादी के हाथों की मालिश
फिर धीमे से गोद में रख सिर,
गहरी नींद में सोना
सपनें में मिलते थे वो सभी
राजा व उनकी रानियाँ
देखा राजमहल,फिर घोड़ों की टप-टप
और उनका हिनहिनाना।
83)ऐशो-आराम की कमी नहीं है आज
बंगला गाड़ी है दौलत का भी है ख़ज़ाना
पर दिल के किसी कोने में है एक सूनापन
दादी तुम्हारे गोद में रख सर,चाहे मन सोना।
84)गली में देखते थे,
फ़िल्म बाईस्कोप की आँखों से
मदारी बजाता डुगडुगी,
संग लिए एक बंदर-बंदरिया
बूढ़ी दादी के मिट्टी के दिए में थी,
एक सौंधी ख़ुशबू
रिमझिम बौछारों में छत पर नाचते,
देख काली बदरिया।
85)एसी की ठंडक में भी,
नींद उचट अक्सर है जाती
हाथ के बने उस पंखे जैसी हवा
कहाँ अब है आती
छत पर लगते बिस्तर क़ायदे से,
करते तारों की गणना
दादी की लोरी की मीठी लय
कहाँ है अब सुनी जाती।
86)बड़े बड़े कवि-सम्मलेनों में भी नहीं दिखती,
वो हँसी की गूँज
दादी माँ जब चुटकुले सुनाती थी,
मचती थी क्या मस्ती ख़ूब धूम
फ़िल्म की कहानी की नक़ल कोई जो,
देख लेता एक बार
वन्समोर दादी वन्समोर की माँग
पकड़ती जाती थी हरओर घूम।
87)शरीर नश्वर है दादी ने कहा,
दुखी मत होना,एक दिन सबको जाना है
मन को समझाया फिर भी मन तो है मन,
कहाँ कब माना है
जब अपने ईश्वर के घर यूँ छोड़ बिलखता,
प्रस्थान करते है
दुनिया वीरानी लगती है,उन्हें मोक्ष मिले,
दुआ से उन्हें सुकून पहुँचाना है।
88)कड़वी बातें जिस दिन,
पीने का हुनर सीख जाओगे
चाशनी में घुले मीठे ज़हर को भी,
पहचान पाओगे
ये दुनिया है हर कोई अपनापन,
बहुत तुम्हें जताएगा
नीम की बोली वाला ही,दादी कहती,
समय पर काम आएगा।
89)दादी माँ का वो मुझे प्यार से कान्हा बुलाना
कभी माखनचोर कह ख़ुद मक्खन खिलाना
सजाती तब कहती हो मुझे मेरे बालगोपाल
मुरली हमें सुना दो न ऐ मेरे गिरधरगोपाल।
90) हो खीर-पूड़ी या हो हलुआ
या फिर जलेबी की फ़रमाइश
अपन तो देते अपना ऑर्डर,
पता था नहीं करेगा कोई भी आज़माइश
दादी अपनी ज़िंदाबाद,
जब जो चाहे कितना भी जी भर खाओ
बात गर लगे नहीं बनेगी,
बस झट से आँखों में मोटे-मोटे आँसू भर लाओ।
91)मेरी दादी बड़ी स्यानी
वो कैसे भई वो कैसे
गोल गोल चश्मे को घुमाती
वो कैसे भई वो कैसे!!
चाट-पापड़ी या हो सेवेंया
चटपट यूँ चुटकियों में बनाती
वो कैसे भई वो कैसे!!
स्मार्ट फ़ोन पर ख़ूब बतियाती
फ़ेसबुक की लाइकिंग पर
वो सबसे ज़्यादा जानी जाती
वो कैसे भई वो कैसे!!
किट्टी पार्टी हो या सत्संग
मिल्खा सिंह सी दौड़ लगाती
वो कैसे भई वो कैसे!!
बात न सुनते बतलाया था
पहली पंक्ति में ही समझाया था
कि दादी मेरी बड़ी स्यानी
हॉ-हॉ- हॉ-हॉ,ख़ूब कही ये
बात है मानी,बात है मानी!!
दादी माँ पर शायरी पढ़ कर आप अब तक अपने बचपन में पहुँच गए होंगे।बस इन समर्पित कविताओं में से कोई भी रचना चुनिए और ग्रेट दादी स्टेटस शायरी से उनके चेहरे पर लाइए वही मीठी मुस्कान।COMMENT BOX में अपनी राय लिखना पर मत भूल जाइए|
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।