परिवार के मुखिया पर शायरी उस महान शख्सियत की जीवन गाथा हैं जिसने हमेशा अपनी इच्छाओं से ज्यादा अपनों की इच्छाओं का ध्यान रखा|जीवन पर्यंत घर के सबसे बड़े सदस्य के हिस्से में कर्तव्य,जिम्मेदारी ही अधिक आती है|
घर के मुखिया को सम्मान देना हर व्यक्ति का धर्म है और दिल से दिया जाना चाहिए |बहुत प्यार व सम्मान सहित यह रचनाएँ लिखी हैं| उसी भाव से पढ़िए और सुनाइए भी|
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परिवार के मुखिया पर शायरी,अपने परिवार जन का हित समझे जो सर्वोपरि
Family के कर्ता-धर्ता पर कविताएँ| 63 कोमल रचनाएँ
1)मुखिया कह उन्हें बुलाते,करते दिल से नमन
आप ने ही संभाला सदा सबको,बहुत अभिनंदन|
2)अपने लिए न सोचा,कभी करना कोई आराम
सब जन खिलखिलाते रहें,मुखिया करते उत्तम काम|
3)देखी कभी सुबह, न सोची कोई अपनी शाम
परिवार हित को ही माना,मुखिया ने ऊँचा काम|
4)उदास दिखता जब कोई, मुखिया को अपने आसपास
काम-काज सब छोड़-छाड़,जुट जाएँ देने उसे दिली आराम|
5)अधरों पर जिनके दिखती रहे, सदा मीठी मुस्कान
समझ लीजिये वो घर के हैं मुखिया,हृदय विशाल समान|
6)जन्म से ही मुखिया का चुनाव,प्रकृति ने किया
जिम्मेदारी आत्मीयता गुणों से,भरपूर किरदार दिया|
7)जीवन के हर हालातों को, हंस के जो झेल जाएँ
घर के मुखिया का आदर भी, वो ही व्यक्ति पाएं|
8)घर भर में मिलती, जिनकी सदा ठंडी छाया
मुखिया वो ही है,बरगद सा व्यक्तित्व सा साया|
9)आंधी तूफान की भनक, कभी भी न लग पाई
मुखिया मेरे पिता थे,चेहरे पर हमेशा मुस्कान पाई|
10)मुखिया का गौरव,घर में उस इंसा को ही मिल पाता है
उम्र में चाहे छोटा हो,बिन कहे दिल का हाल जान जाता है|
11)मुखिया आगे बढ़ कर,आश्रयदाता बन जाते हैं
गोवर्धन पर्वत सा दे संबल,कृष्णा से नज़र आते हैं|
12)चेहरे पर एक अलग सा,रौब-दाब दिखता है
मुखिया होना भला सबको, कहाँ नसीब होता है|
13)गलतियाँ करने पर भी,माफ़ करने का जिगर रखते है
दिखते बहुत कड़क है,दिल पर मोम सा मुलायम रखते हैं|
14)मुखिया के न होने पर,लगती हर ओर वीरानी है
उनके सिर्फ मौजूदगी,देती एक मानसिक बेफ़िक्री है|
15)बरामदे में मुखिया की चहलकदमी,यानि समस्या गहरी है
मजाल पर भनक बच्चों को हो जाए,यही उनकी समझदारी है|
Best मुखिया Quotes
16)मुखिया की डांट में भी, एक सीख हमेशा छुपी होती है
भटक ना जाए नौनिहाल,चिंता उनको सबसे ज्यादा होती है|
17)तीज-त्यौहार पर सब के लिए, कुछ न कुछ लाते हैं
मुखिया हैं न,अपने लिए फिर कभी कह,मुस्कुरा देते हैं|
18)परिवार की खुशियों की,चाहत दिल से समाए रहते हैं
मुखिया बन कहाँ से यह बड़ा जिगर, खुद में बसाये रहते हैं|
19)देख बच्चों को परेशां बस आँखों से,नीर यूँ बह जाते है
यह मुखिया ही घर में होते हैं,दरियादिल उन्हीं को कहते हैं|
20)रहते सब बेख़ौफ़ और होती है घर में मौज-मस्ती
मुखिया का हाथ है न सिर पर,बड़ी हैं उनकी हस्ती|
21)जीवन भर की धन दौलत को,जरूरत पड़ने पर यूँ लुटा देते हैं
अपनों की नेमत जिसके पास,क्या और चाहिए,मुखिया ऐसा कहते हैं|
22)घर के किसी भी संकट में,सीना तान आगे खड़े होते हैं
मुखिया होते जहाँ निडर,संकट भी वहां आने से जरा डरते हैं|
23)समझता हूँ खुद को बेहद खुशनसीब
मुखिया मेरे दादा जी,जहेनसीब-जहेनसीब|
24)मुखिया मेरे पापा के,आशीर्वाद से आबाद हूँ
दुनिया में कहीं भी रहूँ,लगता जैसे उनके पास हूँ|
25)घर भर में एक खुशनुमा,महक महसूस होती है
मुखिया हो जिनके खुशमिजाज,रूह आज़ाद रहती है|
26)घर का हर सदस्य,तरिक्की की सीढियाँ चढ़ता हैं
मुखिया होते जिनके पास,वो सदा आगे ही बढ़ता है|
27)घर के सुख चैन से ही,जिन्हें मिले सदा सुकून
दिन रात मेहनत कर,मुखिया लिए रहते जूनून|
28)जीवनयापन हेतु रहते, कभी-कभी घर से दूरदराज
ये मुखिया यानि पिता ही हैं होते,नहीं होते उम्रदराज|
29)जिम्मेदारियों को जो,बहुत ही प्यार से निभाते जाएँ
मुखिया कहिए या घर के प्राण,बस प्रेम ही सदा बरसाएं|
30)सबकी करते जाते पूरी, ख्वाहिशों की फ़रमाइश
मुखिया करते उनके दिल की,नहीं करते कोई जोर आजमाइश|
घर के मुखिया पर अनमोल वचन
31)बचपन से ही बड़े बन,ध्यान रखा सब का हमेशा
मुखिया कहते उन्हें सब,मेरे तो प्यारे पापा रहेंगे हमेशा|
32)अकेले मुखिया ही लेते संभाल,पारिवारिक बगिया को
खुश होते बहुत करते महसूस संतुष्टि,सबके हँसते चेहरों को|
33)घर की सारी जिम्मेदारियां, है उनके ही अनुसार
मुखिया हैं हमारे,सिखाते, जीवन के तौर तरीके हर बार|
34)सच्चे मोतियों में सबसे सुंदर हैं,वो सच में गोहरे-नायाब
दुनिया जहाँ में ढूंढा बहुत,नहीं उनके समान कोई लाजवाब|
( गोहरे-नायाब=दुर्लभ मोती)
35)कौन क्या कर रहा कौन क्या नहीं करता,जाने मुखिया जी
घर भर की हर दिशा पर पैनी नज़र रखे सदा,हमारे मुखिया जी|
36)जिस घर में नारी होती प्रसन्न,लक्ष्मी का वास है होता
मुखिया हैं दादा जी,दिल में प्यार सब के लिए उनमें होता|
37)कहने को मुखिया है दादा जी,पर हुक्म दादी का चलता
बच्चें घेरे है रहते उनको,जब मम्मी पापा से काम नहीं बनता|
38)मुखिया बनना आसां,कतई बिलकुल भी नहीं कभी होता
बिना भेदभाव,न्याय संगत पूर्ण निर्णय, हर कोई नहीं ले सकता|
39)अपने मुखिया पापा को देख कर, दिन बहुत सुकून से बीतता
दीदार गर न हो जिस रोज,मन उखड़ा उखड़ा सा ही है है रहता|
40)हे ईश्वर करते आपको, कोटि-कोटि धन्यवाद और प्रणाम
हर जन्म रहम करना इतना,मुखिया के रूप में पापा यही मिलें|
41)जब कभी वो ऊपर वाला, फरियाद नहीं है सुनता
मुखिया बना खुदा उन्हीं को,तब धरा पर है भेजता|
42)थकना क्या होता है,और क्या है करना आराम
मुखिया को आखिर किस मिटटी से, बनाया हे-राम|
43)परिवार को इतनी ऊँचाइयों पर,वहीँ ले जाते हैं
मुखिया जहाँ दिल से अपने फर्ज, सब के लिए निभाते हैं|
44)कुछ शब्दों में बया करें कैसे,मुखिया रखते कुशल तदबीर
सारी उम्र लगा अपनी हैं देते,बनाने अपनों की शानदार तक़दीर|
45)करता हूँ हृदय से धन्यवाद,और सज्द-ओ-इबादत
मुखिया जन्म-जन्मान्तर यहीं मिले,मांगता हूँ यहीं इनायत|
बेहतरीन मुखिया hindi शायरी
46)पतझड़ में भी बना दें,ओराक़-ए-शजर सब्ज ऐसे
हूँ बेहद खुशनसीब,हुए नसीब से मुखिया मुझे वैसे|
(ओराक़-ए-शजर=पेड़ के पत्ते|सब्ज =हरे-भरे)
47)गमें-पिन्हा को सीने में दबा,
हँसते रहते हैं
खुशकिस्मत हैं वो घर
जिन्हें ऐसे मुखिया मिलते हैं|
48)मुखिया होते हैं
घर की अज़ा-ए -जिन्दगी
बिन उनके न कोई रौनक,
न कोई जमती बंदगी|
49)दिल दिमाग है खुले विचारों का,
स्वभाव में है विनम्रता
मुखिया घर के हो जब ऐसे,
वो परिवार भी फिर वैसा ही ढलता|
50)परिवार है पूरा विश्व,सोचना सबको
सबके लिए ही चाहिए
पुरातन सभ्यता हमारी,
मुखिया दादा कहते,गर्व होना चाहिए|
51)शुभ-अशुभ कर्मकांडों के विचारों से,
बच कर रहा करो
गीता का सन्देश है साफ,
मुखिया बताते,कर्म अच्छे किया करो|
52)जीवन के तमस के बीच,
एक जुगनू बन जो चमकता है
निराशा से निकल दिखा आशा पथ,
वो घर का मुखिया होता है|
53)कुसुमित सा मन रहता खिला-खिला,
उपवन के माली से
देख रेख बिलकुल चाक.चौबंद,
नहीं सवाल कोई उनके निर्णयों से|
54)क्षितिज के उस पार उगता
सूरज या ढलता चाँद देता सलामी
मुखिया घर के होते परिपक्कव इतने,
प्रकृति भी करती उनकी मेजबानी|
55)घर में आपसी प्यार को बनाये रखने में,
समझे जो अपनी शान
मुखिया की सुंदर सोच ही जलाये,
सब के अंदर शम्माए-अरमान|
घर में मुखिया के लिए प्यार भरी शायरी
56)सुख दुःख जो भी हो,
लबों पर रहता स्मित हास्य विराजमान
मुखिया दादा जी सिर्फ घर में ही नहीं,
पूरे समाज में है शोभायमान|
57)कठिन से कठिन परिस्थिति में भी,
न खोते कभी अपना आपा
मुखिया मेरे दादा जी,
जोड़ें सबसे हंस मिलजुल प्यार भरा नाता|
58)घबरा जाते है उदू-ए-होश,
देख मुखिया के चेहरे पर ताव
परिवार पर देख मुसीबत,
खड़े होते सबसे आगे सीना तान|
59)मुखिया के मुहँ से निकली तारीफ,
लगती मिला कोई ख़िताब
बहुत बेबाकी का निर्णय,
बिना लाग- लपेट बिना देखे कोई किताब|
60)मुखिया पापा के होते नहीं हो सकती,
कोई कली मुरझाई
कंधें पर हाथ रख पूछते,
क्यों उदास हो,ऐसी क्या आफत है आई|
61)गोशाए-ख्याल में अच्छे विचारों को,
पनाह हमेशा दिया करो
मुखियादेते सलाह यही,
दिले-सुकून के लिए यही बस किया करो|
62)मिसाल दी जाती है,परिवार की,
हो जब मुखिया होता समझदार
बांध एक सूत्र में रखना,
कर सकता केवल सवेंदनशील पालनहार|
63)ब्रहामंड में जहाँ हो ईश्वर आप बस,
करें कबूल मेरी दिली दुआएं
मुखिया को मेरे घर के लिए,
करते हैं आपसे करबद्ध विनम्र सदाएं|
परिवार के मुखिया पर शायरी यानि दिल से निकले जज्बात हैं वो सब अहसास हैं जो अपने बड़ों के लिए होते है|हम जो भी आज हैं यह उनकी मेहनत व् उनके आशीर्वाद से ही हैं|पढ़िए जरुर परिवार के बुजुर्ग व्यक्तित्व के लिए कविताएँ|
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रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।