बेटी की शादी पर शायरी यानि अपने दिल के टुकड़े को जुदा करने की भावनाएं व्यक्त करना है| माँ और पापा की वो  शहजादी होती है और दादा दादी की गोर्रिया| शादी का अवसर घर में एक उत्सव का माहौल भी बनाता है और बिटिया के चले जाने के अहसास से मन भी दुखाता है|

पुत्री की शादी माँ पापा के लिए एक जिम्मेदारी होती है और उसे उसके पिया के घर भेजना,जीवन के प्रमुख दायित्त्व को पूरा करने जैसा भी होता है|

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|बाप बेटी पर हृदयस्पर्शी सुंदर शायरी|

बेटी की शादी पर शायरी

बेटी की शादी पर शायरी यानि लाडली के ससुराल जाने की करनी है तैय्यारी 

पुत्री के विवाह पर अनमोल कविताएँ| 73 भाव विभोर करती रचनाएँ  

1)बेटी की शादी पर हो खुश, देते सब बड़े आशीर्वाद 

उमंग उल्लास है छाया हुआ, पर मन भी है कुछ उदास|

 

2)नन्ही सी परी एकदम से,यूँ बड़ी हो है गई 

शादी की रस्म निभाने की बारी, देखो तो,है आई|

 

3) हमारी बिटिया की शादी में,रब जी,कोई विघ्न न आ पाए 

श्री गणेश जी पहला न्योता आपको,प्यार से है,शीश हम नवाए|

 

4)वायदा किया था बचपन से बेटी को,बांका राजकुमार लायेंगे 

कोशिश की है अपनी,लाडो को भी पसंद अपने दूल्हे मिया भाएंगे|

 

5)शादी है हमारी नाजुक सी,क्यूट सी गुड़िया रानी की

लिस्ट लम्बी बनी है,हर मौके की उसकी शौपिंग की|  

 

6)बज्मे-इश्रत सी सजी है,हवाओं में एक महक हर ओर 

बेटी की शादी हो रही है,नृत्य कर रही है बन बूंदें सब ओर|

(बज्मे-इश्रत=प्रेम की महफ़िल)

 

7)बेटी की शादी में माँ पापा,नहीं चाहते रहे कोई भी कमी 

खुद देख परख रहे हैं,पर लिए आँखों में हल्की सी नमी|

 

8)नटखट छोटे भाई ने आ,बहन से पक्का वायदा किया 

रहो चाहे कितनी भी दूर,आऊंगा हर हाल,वचन यह दिया|

 

9)कानों में सुबह से ही,गूंज  रही मीठी शहनाई 

बिटिया को देख दुल्हन रूप में,मिल रही बधाई|

 

10)कल तक झम-झम,बजती थी घर में पैंजनिया 

बेटी की शादी में ख़ुशी है बहुत,मन में है पर बैचनियाँ|

 

11)माँ पापा के मन को, बेटी बिन कहे समझती है

शादी की भाग दौड़ में भी,खाना खाया,देखती है| 

 

12)सात सुरों की सुंदर मधुर सप्तक सी,होती  हैं बेटियां 

शादी हो माँ पापा से दूर भले रहें,धड़कन में रहती बेटियां| 

 

13)कल की सुबह से कोकिला की कूक,कहाँ से आएगी 

बेटी की शादी है आज,बन दुल्हन पिया घर चली जाएगी|

 

14)मेरे लिए बन आई थी,पापा कहते एक सौगात नायाब 

ससुराल में भी सवेंदनशील रहना,जीवन होगा तभी कामयाब|

 

15)पूरे घर में हैं तैय्यारियां,जश्न बने बहुत शानदार

बेटी की शादी है भई, स्वागत होगा बेहद जानदार|

 

बेटी की शादी के लिए बधाई सन्देश 

 

16)माँ बाबा का घर कर सूना,बेटी विदा होती हैं 

सच ये भी है कि ताउम्र,उनके दिल में बसी होती हैं|

 

17)सात जन्म का शादी का बंधन हुआ करता है 

माँ पापा यहीं मिले,शादी पर बेटी का दिल कहता है|

 

18)सबको रुला शादी कर,बेटी चली जाएगी ससुराल 

हे-ईश्वर बस आशीर्वाद ऐसा देना,रहे वो सदा खुशहाल|

 

19)माँ पापा चेहरे पर दिखा ख़ुशी,ले रहें है सबसे बधाई 

बेटी शादी पर सोचती,आखिर प्रथा यह किसने थी बनाई|  

 

20)विवाह पर बेटी के माँ पापा के,दिल से निकलें दिली दुआएं 

घर बिटिया रहे तुम्हारा सदा खुशियों से भरा,हृदय से देते है सदाएं|

 

21)शादी आपसी वायदे निभाने की,एक सुंदर प्रथा  है

हालात चाहे आए कैसे भी जीवन में, न निभे तो सब वृथा है|

 

22)शादी तो आपसी समझदारी से,चलाने का प्यारा बंधन है

बेटी को दे उत्तम ज्ञान,विश्वास है पूरा तुम में वो सब गुण हैं| 

 

23)सिर्फ किताबी बातें,जीवन का अर्थ कभी नहीं समझाएगी 

हाँ,अब शादी बाद,जरूरत पड़ने में याद आ राह नयी दिखलाएंगी|  

 

24)अपनी सभी तकलीफों से उपर,अधरों पर रहे मुस्कान

बेटी की शादी पर बाबुल दें रहे,जीवन का सही सार्थक ज्ञान|    

 

25)जब जीवन में आत्मिक स्नेह,आपस में है बना रहता 

बेटी की शादी पर,आगामी जीवन में रस भी है तभी रहता| 

 

26)शादी एक नहीं दो परिवारों का,सुंदर मेल कहलाता है

माँ लगा गले अपनी राजकुमारी को,संस्कृति अपनी बतलाती है| 

 

27)बेटी माँ पापा के ख्वाबों की,होती है सुंदर तस्वीर  

शादी पर प्रयत्न है पूरा,बनी रहे उसकी प्यारी तक़दीर|

 

28)गुलाब रहता काँटों संग,पर अपनी सुगंध से है उसकी पहचान

शादी संग लेते सात  फेरों की मर्यादा का, रखना सदा ही सम्मान| 

 

29)शादी से माना दूर तुम, हम सबसे चली जाओगी

दिल में जो छवि बसी तुम्हारी,वो सदा हृदय में पाओगी| 

 

30)बेटी बन बस इस बात की है,रब से यह नाराजगी 

सृजनहार भी बनाया,पर बाबुल को छोड़ना,है ज्यादती|

 

बेटी को शादी की शुभकामनाएं 

 

31)बेटी की शादी यूँ तो,घर भर को है बहुत हर्षाती

क्या पसंद क्या नापसंद,लिस्ट तो पर बढती ही जाती|🤩

 

32)ज़माने के रीति-रिवाजों को,निभाने का सदियों से रहा दस्तूर 

बेटी की शादी पर चाव से,उसे ससुराल भेजना रहेगा यूँही बादस्तूर|

 

33)एक छोटा सा पौधा लगाया था,बरसों पहले अपने अंगना

नियम मानना होगा,शादी कर रौपना होता है दूजे के अंगना| 

 

34)बेटी की शादी यह अहसास,सब दुल्हनों को उस दिन कराती है

जहाँ पली बढ़ी,अचानक से वो वहां की मेहमान क्यों हो जाती है| 

 

35)जीवन का हर पल रहे इतना सुहाना,है यही कामना 

बेटी की शादी पर,हर माँ पापा ईश्वर से करते यही प्रार्थना|

 

36)हर शौक हर ख्वाब हर हसरतें,पूरे हुए पूरी शिद्दत से 

शादी से ऐसा क्या हुआ,बेटी न समझ पाती,क्यों हुए विमुख से|

 

37)बेटी शादी कर घर की चौखट,जैसे ही करती पार 

माँ पापा के गले लग,आँखें साथ देने से करती इंकार|

 

38)न जाने किस दिलजले ने, सदियों पहले ऐसी रस्में बनाई होगी

बेटी को शादी बाद जाना है ससुराल जरुरी,बात बतलाई होगी| 

 

39)यह तय है ईश्वर से मिलने पर,

नारी जगत पूछेगा जरुर 

भाई को शादी के नाम पर घर निकला क्यों नहीं हुआ,

क्यों है वो मगरूर | 

 

40)अपने साथ हर बेटी को शादी पर,

 लगती है यह नाइंसाफी 

लड़की बना इतने बंधन है पहले ही,

की इतना नहीं था काफी|

 

41)बेटी की शादी पर, हवाओं ने गीत गुनगुनाएँ 

बूंदों की शक्ल में,रिमझिम रिमझिम बरस-बरस जाएँ|

 

42)शादी है बेटी की,दिल माँ का उदास हो ही जाता है

देख हमजोलियों को करते मजाक,मुस्कान का एहितराम होता है| 

 

43)सोच सिहर सी जाती है माँ,लाडली के हैं पाए-नाजुक 

शादी के बाद कैसे संभालेगी गृहस्थी अपनी,होगा कैसे सब|

 

44)बेटियां माँ पापा की, खुशबू-ए -रूह सी हुआ करती हैं 

हाथ पीले करने की आई बारी,झुई -मुई सी हुआ करती हैं|

 

45)मेचिंग सूट दूल्हे का,दुल्हन के लहंगे से बिल्कुल होना चाहिए

लाडली रही पापा की सदा,भला इंकार की वजह किसे चाहिए|  

 

बेटी की शादी पर भावुक कविताएँ

 

46) ख़ुशी और थोड़ी सी परेशानी,

जब चेहरे पर किसी पिता के आए

बेटी जुदा हो कर जाने वाली है जल्द,

यह बात सबको ही नज़र आए|

 

47)आइना मिज़ाज हैं पर, बन रहती हमारी गमग़ुसार

शादी के मौक़े पर भी,करती है पूरी तरह से देखभाल

कहाँ से ऐसी गुड़िया ढूँढ कर लाएँगे,जब चली जाएगी ससुराल

दिल को समझाते हैं हर रोज़,बस ख़ुश रहे वो हर हाल।

 

48)ख्वाब ख्वाहिशें है स्वप्निल आँखों में

 बन काजल की सुंदर धार 

शादी कर पिया के घर में अपनाना सबको 

तभी तो पूरे होंगे सपनें हज़ार|

 

49)बेटी की शादी में किसी भी सूरते-हाल

पापा नहीं चाहते करना अपना हाथ तंग

अरे! धूमधाम से होगी जश्ने-दावत ऐसी

दुनिया करेगी याद हुई थी कोई शादी भी ऐसी।

 

50)यूँ उड़ने के लिए सूझ-बूझ और उत्तम शिक्षा

 के दिए है अपनी लाडो  पंख,

बेटी करेगी दिलो पर राज,

शादी पर सोचते पापा,है वो लिए इन्द्रधनुषी रंग।

 

51)अपनी हैसियत से ज़्यादा देना चाहते है,

अपनी बेटी को सौग़ात

शादी पर उसकी, हसरतें मचलने है लगती 

बस ख़ुद ही अपनेआप।

 

52)बेटी ने अपनी शादी पर किया एक ऐलान 

उस घर न नाता जोड़ना,हो न जिसका दीन-इमां 

रुखा सूखा खा लूंगी,न करुँगी कभी कोई मांग 

पर इज्जत दे जो मुझे,रखे मेरी बातों का मान| 

 

53)बन्नी के गानों से गूंजा सारा वातावरण

दोलक संग नाच रहे भाई और छोटी बहन

अरे! ,माँ पापा संग एक ठुमका लगा दो न 

शादी के बाद नाचेंगे दूल्हे मियां,क्यों है न| 

 

54)सौभाग्यशाली हैं वो घर आँगन,

जहाँ से बेटी होती है विदा 

जश्न मनाओ,आज जी भर कर सब 

 पिया के जाओ पर देखो न कहना अलविदा|    

 

55)बेटी दामाद की जोड़ी को दें आशीर्वाद बाबुल,

रहे सदा प्रसन्न व  खुशहाल 

धन से तो नहीं पर गुणों की खान है बेटी,

रहेगा घर खुशियों से मालामाल| 

 

बेटी की शादी पर दिल को छू लेने वाली रचनाएँ

 

56)बेटी की शादी पर हर माँ पापा, 

करते दिल से ढेरों कामनाएं 

सौभाग्यवान बनी रहे सुंदर जोड़ी,

जियें प्यार से, देते शुभकामनाएं|

 

57)जिन पापा ने हमेशा सर गर्व से, 

उठा चलने का पाठ था पढ़ाया 

बेटी की शादी में क्यों हर चीज़ पर, 

दूल्हे की हामी का साथ नज़र आया| 

 

58)शादी की भागा दौड़ी में, 

बाबुल घर के आँगन को भी निहारे 

 चहल-पहल है,तारों में से चंदा भी बिटिया को दें,

आशीर्वाद खूब सारे|

 

59)बचपन से अब तक,

कभी भी  दिखाया नहीं कोई परायापन 

शादी पर बेटी जाती समझ,

मेहमान वाला ही मिलेगा अब अपनापन|

 

60)मुन्तजिर हुए है अहो-अंजुम भी,

देखने बेटी की शादी का जश्न 

दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी को देखने हुजूम लगा,

है सब इस कदर मग्न| 

(मुन्तजिर=इंतजार में|अहो-अंजुम=चाँद-तारें)

 

61)उबटन-चंदन लेप का गया जमाना,

पार्लर बुक हुआ अब 

बेटी अपनी शादी में,

चाहे दिखना सबसे सुंदर,कसर नहीं होगी अब|

 

62)ले परियों का रूप सलोना,

बेटी बन आई थी परिवार हमारे 

शादी पर आज बागो-बहारों में है महक

है छाये हुए हर ओर खूबसूरत नज़ारे| 

बेटी की शादी पर हृदय-स्पर्शी शायरी

63)बारात-ए-नुजूम आसमां से झांके 

आज जमीं पर कुछ ऐसे 

बेटी की शादी की झिलमिलाहट देखने 

उतर आई हो खुद नीचे जैसे| 

(बारात-ए-नुजूम=तारों की बारात)

 

64)सात सुरों से सजी संगीत की,

लयबद्ध जैसे सरगम सुंदर

सौभाग्य  हमारा बेटी के हाथ पीले करने का,

मिला सुअवसर|  

 

65)दिल से कोमल,मन से पवित्र हैं ख़यालात 

माँ पिता की आह को, बिन कहे समझे अपनेआप

माना है जिम्मेदारी ज्यादा,सम्मान की है वो अधिकारी 

घर की अपनी श्री शक्ति सौपं रहा,शादी से देते अपनी  जिम्मेदारी|

 

66)शादी में पुत्री के,बताते बाबा दुल्हे को रख ऊँची शान 

यह है गुड़िया हमारी,सयानी,सुसंस्कृतऔर  विद्द्यावान

दिल की कोमल है,करती है अपनी संस्कृति का बहुत मान 

प्यार से समझा दीजिये,गर करे गलती,है थोड़ी सी नादाँ| 

 

67)जिम्मेदारी व् समझदारी की, है जिन्दा एक मिसाल 

वक्त पड़ें तो होसलों से मोड़ दे,गति विपरीत बेमिसाल 

आज अपनी कन्या रत्न का हाथ, देता हूँ शुभ पाणिग्रहण द्वारा 

ख़ुशी मिले वहां इतनी तुम्हे,मुड़ के देखना न पड़े कभी दुबारा

 

68)छोटी सी आशाएं है बेटी की हमारी 

निर्मल अविरल बहती, जैसे आबशार की धार 

पंछी की उड़ान दे पाला है, बड़े नाजो-अंदाज़ से 

शादी के बाद आपकी प्रेरणा से, बने हिम्मत शानदार|

 

69)इतिहास रचना नया,बेटी,शादी के बाद घर अपने

ले प्यार सबका मानिंद ज्यूँ बूंदों की बौछार 

ममता के नैसर्गिक गुणों से,मोहना दिल सबका 

अपनी शिक्षा व् संस्कारों से बनाना नया संसार|

 

70)शादी के दिन आवभगत में ही,

निकल जाते हैं सुबहो-शाम

पल भर को भी नहीं मिलता समय,

फिर तो मेहमान सी बन,

कुछ पल को ही आया जाया करेगी 

कहेंगे क्या बात,

अपने पिया को भी साथ जो लाया करेगी।

 

71)बेटी की शादी पर,सौपतें हीरा वर को,

अपना हर  माँ बाप 

प्रण यह भी है लेते भेजेगे नहीं गर,

कोई भी की दहेज़ की मांग

शिक्षित गुणवान समझदार बनाया,

दे संस्कारों का उचित ज्ञान 

घर स्वर्ग सरीखा बनता तभी,

जो रखते उसे अपनी बेटी सा मान | 

 

72)कदम दर कदम,

ऊँगली पकड़,चलना सिखाते हैं  

छोटी छोटी सफलता पर,

बच्चों सा बचपना दिखाते हैं 

ईशवर की प्रतिमूर्ति बन,

माँ पापा बेटी की शादी रचाते हैं 

कहते रोना नहीं,देखो,

पर एक मासूम बालक से रो देते हैं|

 

73)अपनी कजरारी आँखों केआंसू,

न यूहीं जाया करना 

माँ  ने अपनी बेटी  को शादी में,

समझाया बहुत प्यार से 

बात रखना तर्क संगत,

कुतर्क नहीं करना यूँ कभी भी 

त्याग की भावना से,

औरों के दिल में जगह बनाया करना |

बेटी की शादी पर शायरी से बीते दिनों की याद उभर आई,माँ दादी की सीख नज़रों में समां गई|परिवार को जोड़ने की समझदारी इस ब्लॉग की रचनाओं से मिलेगी,ऐसी आशा है|

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