बेटी के जन्म पर शायरी लिखना स्वयं आगे बढ़कर भगवान को नमन करने जैसा है।बेटियाँ शक्ति स्वरूपा माँ गौरी बन जिस आँगन आती है उस घर पर प्रभु की ख़ास बरकत होती है।
बिटिया के जन्म पर कविताओं के माध्यम से ये सन्देश देना चाहती हूँ कि बेटियां दिल का टुकड़ा हुआ करती है जो सदा धड्कनों में ही रहती है|
कन्या के जन्म पर पर लिखते हुए एक आत्म संतोष की भावना महसूस हो रही है|आइए मिल कर पढ़ते है|
पढ़ना न भूलें
|पुत्र जन्म पर आशीर्वचनों से भरपूर कविताएँ|
बेटी के जन्म पर शायरी,ईश्वर की सबसे अनुपम कृति को सम्मान देने की करो तैयारी
पुत्री के होने पर 101 हृदयस्पर्शी कविताएँ
1)माँ दुर्गा स्वयं बन बेटी,आई है आज आपके द्वार
भाग्यशाली है कितने,बधाई कीजिए हमारी स्वीकार।
2)घर आँगन में छा गई,हर ओर ख़ुशियों की बहार
रिमझिम बूँदे भी दिखा रही,बिटिया के जन्म पर प्यार।
3)जूही की नन्हीं कली बन बेटी,आई आपके घर श्रीमान
पापा बनने की बधाई,दे प्रभु ने ये उपहार,बढ़ाया आपका मान।
4)एक नन्ही सी परी बन बेटी,आती जिस घर अँगना
बधाई जी आपको,बनवा लो जल्दी से छोटा सा कंगना।
5)सारे घर में ये रोशनी का नूर, हर तरफ़ है छाया
बेटी की किलकारी ने,सूने घर को शहनाई सा गुंजाया।
6)ख़ुशी से झूम उठा मन,सुना जैसे ही बेटी के जन्म का आगमन
लड्डू बाँटे लगा जैसे पूजा के बाद,लिया तुलसी का पवित्र आचमन।
7)नए बने मम्मी पापा को,भर-भर देते है बधाई
नए सफ़र पर बेटी की चलेगी,नहीं होगी कोई सुनवाई।
8)बेटी का होना मानों हर दिन,जैसे हो कोई त्यौहार
नज़र न लगे बिटिया को,देना हमारा भी प्यार-दुलार।
9)एक नन्ही सी परी बन बेटी आई,करने पूरे सबके सपनें
बधाई लो जी,पर उसके प्यार में भूल न जाना,हम भी है आपके अपने।
10)ख़्वाबों में कल रात सुनी थी,पायल की झंकार
बेटी का जन्म पर लग रहा,होते हैं सपनें सच में साकार।
11)गए वो पुराने ज़माने कि बेटों से ही,बस वंशावली बढ़ती हैं
देवी का अंश ले बेटियाँ ,दुनिया में अपने कर्मों से ख़ूब चमकती हैं।
12)नन्ही परी संग करेगा अब,चाँद आपके घर अगुवाई
बिटिया के जन्म पर,लख-लख देते है जी बधाई।
13)पुत्री रत्न धन है सदा से,ये बात है होती आई
घर में समझो अब रहेंगी,फ़िज़ाओं में बहारें छाई।
14)सुना है घर में बेटी बन,नयी आयी है एक मेहमान
रौनक रहेगी हर तरफ़,पूरे करेगी आपके सारे अरमान।
15)छोटी सी बिटिया की गूँजे सदा,प्यारी-प्यारी किलकारियाँ
ख़ुशनसीब होते वो घर,खिली रहती बगिया में जब सब फुलवारियाँ।
16)पिता बन एक बेटी का,दुनिया को देखने का नज़रिया बदल जाएगा
किसी भी लड़की की आँखों में देख आँसू,बेटी का चेहरा अपना याद आएगा।
17)बेटी को मिले सदा,प्रभु का आशीर्वाद हो चिरायु
मिलकर सभी दुआ माँगेंगे,हो यशस्वी और हो दीर्घायु।
18)बेटी बन लक्ष्मी है विराजी,आपके घर के पवित्र आगंन में
प्यार देना इतना अपना,बँधन सजा रहे सदा मनभावन में।
19)आईना-मिज़ाज होती है बेटियाँ,नफ़ासत से पालेंगे
ख़्वाहिशें पूरी करेंगे हर हाल,ख़ुशियाँ उसकी झोली में डालेंगे।
20)बेटी को बनाएँगे शिक्षित और देंगे तलवार सूझ-बूझ की
गौरव बन आसमां में भी रोशनी चमकें,उसके ऊँचे नाम की।
बेटी होने पर बधाई शायरी
21)नन्हीं नन्हीं गूँजेगी अब,घर आँगन में पायल की झंकार
बेटी बन के आयी है देखो,माँ अंबे ने सुनी हमारी पुकार।
22)नन्हीं परी के आगमन पर,करते प्यार से उसका वंदन
हो नाम इतना ऊँचा दुनिया में,करे हर कोई श्रद्धा से अभिनंदन।
23)दिवस है आया ख़ुशियाँ मनाने का,खिलाइए ख़ूब मिठाई
जिए हज़ारों साल बिटिया,बन के बहार चहुँओर है छाई।
24)आयी है बहुत दूर देश से,हमारी छोटी सी राजकुमारी
प्यार देंगे तुमको इतना बिटिया रानी,रहोगी बन राजदुलारी।
25)रहे सदा स्वस्थ और पूरे ब्रह्मांड में ऊँचा नाम करें
आने वाली पीढ़िया,आदर से नन्हीं बेटी का उच्चारण करें।
26)घर में हमारे आई है,चहकती सी नन्ही गोर्रिया
ख़ुशी से पैर नाचते नहीं थकते,बोलें ता-ता-थैय्या।
27)प्यारी सी गुड़िया रानी,छिपी हुई थी अब तक कहाँ
ठुमक-ठुमक कर गाए नाचे,ख़ुशियाँ दिखतीं अब यहाँ।
28)बेटी के जन्म पर बहुत दुआए और बहुत बधाइयाँ
पार्टी कब होने वाली है,कब मिलेगी खाने को मिठाइयाँ।
29)घर में आपके चंदा जैसी,सुंदर सी बेटी के क़दम हैं आएँ
दिल से दुआ और देते है आपको,बहुत-बहुत सारी शुभकामनाएँ।
30)पति पत्नी से बन गए अब,आप माता पिता लो जी बधाई
घर में चलेगी बेटी की बात,नहीं होगी किसी ओर अब सुनवाई।
31)बेटियों की हँसी से,जन्नत समान हैं घर लगते
खुदा भी यूँ हर किसी पर इनायत,नहीं दिखाया करते।
32)बेटी का जन्म बनाता,घर को बहुत ही सुंदर व श्रेष्ठ
प्यार संग ज़रूर दीजिए उत्तम शिक्षा बने ताकि वो सर्वश्रेष्ठ।
33)महसूस करेंगे सुनिए नए मम्मी पापा,हर दिन जैसे हो होली
रोशन दिखेगा घर इतना,बेटी के जन्म के बाद,हर रात दिवाली।
34)ऊँची उड़ान भरेगी बड़े होकर,मेरी ये छोटी सी गुड़िया
पर जन्म के साथ ही लग रही है ये तो,आफ़त की पुड़ियाँ।
35)समाज की ये कैसी सोच है,कि बेटे ही वंश बढ़ाते,है विडंबना
ज़रा झाँक के तो देखें सब ग़ौर से,बिन बेटी कितने सूने है घर-अँगना।
36)बेटी ने जन्म लिया जिस घर,है वो बहुत ख़ुशनसीब
भ्रूणहत्या कर दफ़नाते ख़ुशियों को जो,है कितने बदनसीब।
37)बेटी को जन्म से पहले ही,दिखाते जो ऐसी घृणा
अच्छा है उनके घर में रहें सूनापन,बेटे की रखते जो मृगतृष्णा|
38)बेटी भी अपने माँ पापा का प्यारा अंश व आन है
विजय पताका फहराती,नाम वो बढ़ाती,वंश की शान है।
39)बेटी के जन्म पर ख़ुशियाँ,आगे बढ़ कर मनानी चाहिए
है ये वो अनमोल नेमत,खुशियाँ जाहिर भी होनी चाहिए|
40)ज़रूरी है समय की माँग है, हर बेटी को हर हाल बचाया जाए
पढ़ाने के साथ-साथ,हिम्मत व हौसले का जज़्बा भी सिखाया जाए।
पुत्री जन्म पर बधाई संदेश
41)एक अलग से अपनेपन की ख़ुश्बू,उस घर में महसूस होती है
जहाँ बेटियों की खिलखिलाहट,बेख़ौफ़ हो गुंजायमान होती है।
42)करता हूँ धन्यवाद दिल से,हूँ बहुत ही खुदा का शुक्रगुज़ार
बेटी को भेजा है घर मेरे,कबूल कर सारी दुआएं,ऐ -मेरे परवरदिगार|
43)जन्म ले बेटी के रूप में,ताउम्र जुड़ी रहें माँ पापा के संग
प्रभु शत-शत प्रणाम,जीवन सफल करने का दिया ये अनोखा ढंग।
44)इतिहास गवाह है बेटियों ने,सदा ही कुल की लाज है बढ़ाई
आशीर्वाद ये अति उत्तम है उस ईश्वर का,लीजिए हमारी बधाई।
45)बेटी का जन्म हुआ है,बस धूम मची है जिधर देखो,हर ओर
कोई कहे दुर्गा है आयीं,कोई माने लक्ष्मी के पैर पड़े इस ओर।
46)माता पिता का मन,सुन बेटी के जन्म को है बहुत हर्शाया
फूले नहीं समाते है,बधाई-बधाई का मधुर स्वर हर जगह से आया।
47)माता पिता के स्नेहिल रिश्ते को,मिले एक नयी पहचान
बेटी जन्म पर होते गर्वित,करते ईश्वर को करबद्ध प्रणाम।
48)बिटिया आई हमारे घर,चुन हमें अपना माता-पिता दिया ये सम्मान
बनाएँगे इतना योग्य व समर्थ,दुनिया में होगा उसका सब से ऊँचा नाम।
49)कोमल स्पर्श से मुस्कुराती,मातृत्व से किया मुझे गौरवान्वित
बेटी की सूरत पर बलिहारी,जन्म ले घर हमारे, हुए हम बहुत सम्मानित।
50)बेटी के जन्म पर बहुत बधाई और आशीर्वाद
धन्य वो माता पिता,प्रभु देते जिन्हें ये शुभ प्रसाद।
51)वाह जी वाह,क्या बात है श्रीमान,पिता आप है अब बन गए
प्यारी सी परी के लिए दिल से हैं खुश पर कुछ सोच में भी पड़ गए|
52)कन्या जन्म जिस घर में होता है,बरसात ख़ुशियों की फिर होती है
हो लम्बी उम्र,करें ऐसे नेक काम,फिर आगे बढ़ने की बारी होती है।
53)जीवन ने ख़ुशियाँ मनाने का सुंदर मौक़ा दिया है
बेटी के जन्म से,हवाओं में ख़ुश्बू को महका दिया है।
54)हो समझदार बने हमदर्द,ऐसी शख़्सियत बन के उभरे बेटी हमारी
सबके आशीर्वाद से और अपनी शक्ति से पहचान नयी बनाए हमारी।
55)कल तक था जो सूनापन,दिल को मेरे, घेरे रहते ग़मे-पिन्हाँ ख़यालात
अजॉ-ए-ज़िंदगी बन बेटी के जन्म ने,बदले पल भर में मौसम के मिज़ाज।
(ग़मे-पिन्हाँ=छिपा हुआ दुख।अजॉ-ए-ज़िंदगी=जीवन की शक्ति|
56)बेटी का जन्म लाया,ढेर सी ख़ुशियों की सौग़ात
जश्न ऐसा मनाएँगे,दुनिया भी ख़ूब रखेगी इसे याद।
57)बना बेटी की माँ शुक्रिया,प्रभु करते दिल से बहुत आपका मान
उम्मीद नहीं छोड़ी आपने,भेजा एक और कन्या को,है ये नारी जगत का सम्मान।
58)चेहरे पर एक नूर सा एक खबसूरती सी छाई है
सुनो! कोख से आती बेटी की आवाज़ जो दी सुनाई है|
59)बेटी के जन्म पर देते बधाई,कहते है दिल से एक ही बात
माँ की ममता सी है आत्मीयता,कभी ठंडी शीतल छांव।
60)ख़ुश हूँ बहुत बेटी के जन्म पर,मिला लक्ष्मी का वरदान
बहुत भरोसा व विश्वास है,होगा मेरे कुल का ऊँचा नाम।
पुत्री के जन्म पर कविताएँ
61)हम माँ बाप के दुःख दर्द को समझने वाली,
मेरी बेटी बन देखो है आई
ख़ुशी से फूलें है नहीं समाते,
मिल रही है हर ओर से प्यारी-प्यारी बधाई
62)ख़्वाबों में जो माँगी थी दुआ,
बेटी के जन्म से हुई पूरी मन्नत
कुछ ओर कमी अब रह ही नहीं गई,
घर बना ख़ुद ही अब जन्नत।
63)आई हो बन बेटी इस ग़रीबखाने के तो,
भाग्य ही खुल गए
घर का कोना कोना खिला खिला है,
क़िस्मत में रातों-रात सितारें चमक गए।
64)बरसों से माँगता था दुआ,
अचानक क़बूल आज हो गयी
बेटी के जन्म लेते ही,
फ़िज़ाओं में गुलाबों की ख़ुश्बू जो घुल गयी।
65)प्रेमफल स्वरूप सुंदर चंदा सी बेटी के जन्म से,
महक उठा आपका घर आँगन
प्यार-प्रतीक फूले फले हर दिन,
चहकती रहें बने मशहूर इस घर का पवित्र आँगन|
66)इस नन्ही सी बिटिया से बढ़े,
आपके घर का मान-सम्मान
विश्व स्तर पर चमके,
सर्वगुण संपन्न बिटिया का नाम।
67)बरसों से थी ये ख़्वाहिश,
बाजे पायल झम झम मेरे भी अँगना
बेटी के जन्म से हुआ साकार सपना,
हुआ अति पावन मेरा अँगना।
68)बेटी के जन्म पर होना चाहिए,
दिल खोल कर भव्य स्वागत
मनोरथ यूँही पूरे नहीं होते,
दुआओं में माँगनी होती है रब से ये नेमत।
69)बहुत ख़ुश है आज बन माता पिता
एक बेटी के,हुए होंगे कुछ कर्म श्रेष्ठ
उम्मीद बन जीवन में है आई,
प्रयास करेंगे बनाने में उसे सर्वश्रेष्ठ।
70)बेटे की चाह में प्रचलन है,
भ्रूणहत्या से बेटी को पहले ही कहना अलविदा
चाहते हैं लक्ष्मी का वरदान घर पर,
लक्ष्मी को ही आने नहीं देते,देते खुद को सजा|
नन्हीं बिटिया के जन्म पर कविताएँ
71)बेटी के जन्म पर निकलती,
हृदय से मेरी एक ही कामना
हँसती खिलखिलाती रहें सदा,
बने मिसाल यही है शुभकामना।
72)बेटी का जन्म क्या हुआ,
घर में दिखते रोज़ अब तीज-त्यौहार
हाइंद्रधनुष के सप्तरंग की रहती,
हर प्रहर बहार ही बहार।
73)माँ लक्ष्मी के रूप को ही हैं मानते,
कन्या बन जन्म लेती जिस घर-द्वार
बसन्ती पवन झूम के गाए,
मानों हो मस्त ख़ुशी से राग मल्हार।
74)नन्हीं परी के जन्मदिन पर,
देता बधाई आज मेरा ये दिल
आसमां पड़ा सोच में,धरती पे कैसे
ख़ुद पहुँचा मह-ए-कामिल।
(मह-ए-कामिल =पूरा चाँद)
75)लाडो के जन्मदिन पर देते बधाई दिल से
और प्यारी सी मुबारकबाद
नाम रोशन करे घर परिवार का,
हर लम्हा बने यादगार रहे सदा आबाद|
76)दिलो-दिमाग़ में बसती,
करुणा की एक प्यारी सूरत है
बेटी के जन्म की बधाई,
ममता की आई प्यारी मूरत है।
77)बेटी के जन्म पर बन पिता,
आज ख़ुद पर करता हूँ बहुत नाज़
सुना है उसकी मुस्कुराहट,
हर ग़म को हर लेती है अपने आप।
78)बेटी के जन्म के बाद,
न जाने क्या हुआ मुझे आजकल
घर जाने को मेरे जज़्बात,
हर लम्हा मचलते है पल -पल
ये करिश्मा है उस खुदा का,
नज़र कहीं जो नहीं आता
दिल की सुनता फ़रियाद,
मौजूदगी का अहसास होता हर पल|
79)एक माँ होने के नाते,
बेटी के जन्म पर वचन ख़ुद से लिया है
बड़े होकर मेरी बिटिया न हो दुखी,
पूछे घर उसका भी क्या कहीं बना हैं
होगी वो शिक्षा के अनमोल आभूषण से ही,
इतनी सुशोभित अनमोल
न मायका कहे पराया धन,न ससुराल जताए,
पराए घर से,बनेगी बेमोल।
80)समय है आज अपनी बेटियों को,
नयी राह पर चलना सिखाइए
अबला नहीं वो बन सबला,
अपनी चुनी पगडंडी पर चलना बताइए
कौन कहता है कि होती हैं बेटियाँ बोझ,
माँ बाप पर अपने
उनके सपनों में संग होकर,
उन ख़्वाबों में बुनने का हिस्सा बन जाइए।
बर्थ डे wishes for daughter
81)शादी ही नहीं सिर्फ़ जीवन का उद्देश्य,
सोच को बदलना चाहिए
बेटियाँ अपने पैरों पर खड़े होकर बने स्वाभिमानी,
प्रयास ये होना चाहिए
सबसे पहले मिले घर में वो आदर,
है जिसकी हक़दार सदियों से
स्वभाव में नैसर्गिक गुण है ममता,ज़रूरत पड़ने पर
अग्नि जैसा ताव भी आना चाहिए।
82)मेरी बेटी हूबहू,लगती मेरी परछाईं है
जन्म से सबसे ऐसा ही,वो सुनती आई है
चली जाएगी ससुराल,एक दिन छोड़ हमें
विदाई ले के इस घर से,सोच रूलाई आई है।
83)अवसर व भरोसा चाहिए मुझ को,
सुनो माँ-पापा,है बात आज जन्म के समय मन में
विश्व में परचम मान-सम्मान का,
उँचा फहराऊँगी ये अरमां है मेरे दिल में।
84)ये नन्हीं मासूम प्यारी सी बिटिया
आँखो में देख आँसू बन जाती माँ है
उदास चेहरे पर लाने को हँसी
धीमे-धीमे प्यार से गुदगुदाती सब की जान है।
85)जिस घर में दुर्गा सरस्वती बन आए बेटी,
है वो घर सौभाग्यशाली
परी सी गुड़िया बना दे घर में,
दिन होली व रात दीवाली।
86)हर माँ-बाप को लगती अपनी बेटी,
ईश्वर की सबसे सुंदर कृति अनमोल ,
है जो स्पस्ट लक्ष्य साधने को कहती अर्जुन सा,
बनो सभ्य व शिक्षित व बोलो मीठे बोल।
87)सुना पढ़ा था कि ईश्वर हैं होते
हाथ उठा माँगता था दुआ मैं भी
बेटी के जन्म की सुन बात ख़ुश हूँ बहुत
कहता हूँ यक़ीं से,सच में है वो होते।
88)एक बेटी ही है होती ताउम्र
माँ बाप के मन से जुडी रहती
दूर कितनी हो चाहे,
अंदाज़ा ख़ुद ही सारे है लगा लेती
लाख जतन कर ले छुपाने की,
अपने ग़मों को उससे
दिल की धड़कनों की,
वो डाक्टर जो हुआ है करती।
89)बेटी के जन्म पर ज़िम्मेदारी का
अहसास हो रहा है
बेटी पर समाज की निगाहों का
डर भी लग रहा है
बनाऊँगा शिक्षित व समझदार
उसे अपने इरादों में
बने औरों का संबल,एक नया सितारा
अब उदय हो रहा है|
90)सारे दुखों को समेटने आयी है,
बेटी बन घर हमारे
बाग़ों-बहारॉ में
गुलाबों की ख़ुशबू को महकाने
अहो-अंजुम आसमां से झाँके
जमीं पर कुछ ऐसे
तारों की झिलमिलाहट
उतर आई हो वहाँ से जैसे।
प्यारी बेटी के जन्म पर बधाई संदेश
91)कहते है बेटियों से घर में,
रहती हमेशा ही बरकत
माँ लक्ष्मी के रूप जैसी है ,
जो उन में एक इफ़्फ़त
है ख़ुशनसीब वो माँ बाप,
बेटियाँ है करती उनकी ज़ेहमत
ईश्वर नज़र तो नहीं आते,
दिखाते अपनी इस तरह रहमत।
( इफ़्फ़त=पवित्रता| ज़ेहमत=ध्यान रखना|)
92)गिरफ़्ते-बेबसी का था आलम,
जीवन में इस क़दर
मायूसी सी छाई रहती थी,
बेजा ही मानों इधर-उधर
बेटी के जन्म पर सुनते ही,
वो आगमन की किलकारी
खिल उठी दिल की बगिया,
मिला ताउम्र का एक रहगुज़र।
(रहगुज़र=सहयात्री।)
93)बेटी के जन्म पर हम संग
बेटा ख़ुश है बहुत
कलाई पर राखी का स्नेह
दिखाने बहन है आई
मिलने आते सब के संग-संग
,गाता है हर वक़्त
बधाई जी बधाई,देखो नन्हीं परी
है घर हमारे आई।
94)बेटी ने जन्म लिया,सुन लगा ईश्वर आए है
ख़ुद देने अपना आशीर्वाद
रंगे-लम्हों से गूँज रही थी सदायें,
चारों दिशाओं में जैसे हुआ हो दस्ते-करम आज
मारे ख़ुशी के क़दम दिखाने लगे
ऐसे जैसे हो कोई करतबे-साहिरी
कैसे करूँ धन्यवाद,
शब्द गुम से हो गए ज़ुबा में यकायक,अपनेआप।
(सदायें=आवाज़ें।दस्ते-करम=कृपालु हाथ।
करतबे-साहिरी=जादू के खेल।)
95)सुना है आसमां से एक हूबहू परी,
उतर ज़मीं पर स्वयं आई है
इतिहास के पन्नों में करने दर्ज अपना नाम,
दिव्य गुणों से युक्त हो आई है
ज़रूरत है इस दुनिया को फिर से,
बहादुर वीरांगनाओं की बहुत ज़्यादा
बेटी के जन्म पर ये उम्मीदें,सब की दिलों में
आशा की किरणें बन उभर आई है।
96)थोड़ी सी जलन महसूस आज,
कुछ हो सी रही है
बेटी का जन्म हुआ आपके घर,
हम से दूरी अब हो सी रही है
चाहते है बिटिया ख़ूब नाम परिवार का करे,
हर पल रहे सदा ख़ुश
पड़ोसी है न हम,कहीं बेटी के प्यार में न भूल जाए,
ये चिंता सता रही है।
97)ग़मनाक सी गुज़र रही थी ज़िंदगी
सुस्तरवी सी छाई थी हर ओर
बेटी के जन्म लेते ही बदले ऐसे हालात
गोया बूँदे बरस पड़ी सहरा में चहुँओर।
(सुस्तरवी=मंदगति।सहरा=रेगिस्तान।
98)उफ़्फ़! तौबा! नफ़ासत लिए हुए,है आईना-मिज़ाज
चाँद सी एक प्यारी परी,मुस्कुरा रही थी मेरे आसपास
तमन्ना दिल की थी,ऐ-खुदा ख़्वाहिश पूरी कब करेंगे आप
बेटी के पाए-नाज़ुक की,झम-झम सुन पाएँगे कब हम अपनेआप।
99)घर की पहली बेटी
सात सुरों से सजी संगीत की, लयबद्ध जैसे सरगम सुंदर
चंचल लहरों पर ज्यों सजता, दिखता शांत सा समंदर|
ज़िम्मेवारी व समझदारी की,जो है जीती जागती मिसाल
वक़्त पड़े तो आटो,रिक्शा,रेलगाड़ी को भी गति दें दें बेमिसाल|
दिल से कोमल,मन से ममतामयी,पावन पवित्र हैं ख़यालात
माँ-पिता की आह को बिन कहें समझें,क्या रहीं होगी परेशानी व हालात |
सौभाग्यशाली है वो घर-आँगन,जहाँ बेटी होती है प्रथम संतान
जश्न मनाओ होने पर,क्योंकि बेटी जुड़ी रहती है,जब तक रहती अंतिम साँस|
माना है ज़िम्मेदारी काँधे पर ज़्यादा,सम्मान की भी है वो ही अधिकारी
हर घर की हैं श्री शक्ति स्वरूपा,घर बन जाएँ धाम यहीं जैसे कन्याकुमारी।
100)मातृत्व की ख़बर सुन बेटा है या बेटी की ख़ुसुर-पुसुर आँगन में दी सुनाई है
तभी गर्भ से एक नन्हीं सी प्यारी सी बिटिया की देती आवाज़ सुनाई है।
सभ्य समाज की असभ्य निगाहों से हर औरत को आज लगता है डर
रक्षक ही बन बैठे है भक्षक,क़ानून भी नज़र आता है जैसे हो गुम दर ब दर।
लिया प्रण स्वयं से मैंने,ईश्वर के उपहार का अपमान न होने दूँगी
कन्या है वरदान,तकनीकी तरक़्क़ी का दुरुपयोग न करने दूँगी।
समय की माँग है हर नारी पलपल यूँ न रहें ख़ौफ़ के साये में डर कर
शिक्षा व सूझबूझ की ले तलवार बनें हर हाल हर पल निडर।
बेटी घर का अवसाद नहीं,भ्रूण हत्या एक पाप एक अभिशाप है
ये तो माँ दुर्गा,कभी सरस्वती की वीणा का मीठा बजता साज़ है।“
101)बेटियाँ: आँगन का संगीत
बेटियाँ नन्ही गौरिय्यॉं,हैं आँगन का संगीत
सुरमय सप्तक सी,जलतरंग पर बजता सा गीत।
प्यार से भरा प्यार उनका,प्रभु का सबसे बड़ा उपहार।
ठुमक ठुमक थिरकतीं,नन्हें-नन्हें पाँवो की झंकार
मंदिर क्यों जाना है जब,
घर आँगन में माँ दुर्गा ने लिया बेटी बन अवतार।
सभ्य बनें, शिक्षित बनें,आत्म-विश्वास से भरें मन का भंडार
हर चुनौती का सामना करें,सूझ-बूझ की ले अनोखी तलवार।
दो परिवारों की सुंदर शोभा,पूरी करे एक ही बेटी बारंबार
गर्व करें न करे विलाप,
लक्ष्मी-सरस्वती का रूप बने,कैसे-इस पर करे विचार।
मुझको नाज़ है बेटी पर,प्यार करती हूँ बेशुमार,
बेटियाँ करती है,दिलों-ओ-जान अपनी न्योछावर,हर पल हर बार।
बेटी के जन्म पर शायरी यानि 101 कविताओं द्वारा ईश्वर की सबसे ख़ूबसूरत कृति के प्रति प्यार जताने की तैयारी।बिटिया के अवतरण दिवस पर शायरी की सारी रचनाएँ पढ़िए,चुनिए और गुनगुनाइए।बेटी के जन्म पर आशीर्वाद संदेश।
COMMENT BOX में अपने विचार भी बताइए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।