माँ के लिए क्या करें जब वह अकेली हों,यह आज की सच्चाई है क्योंकि बच्चे अक्सर नौकरी की वजह से बाहर या दूर रहते हैं और ऐसे में माँ के अकेलेपन के बारें में चिंतित होना स्वाभाविक है।यह ख्याल अपनेआप  में प्रेरणादायी है कि माँ के प्रति आप इतना उम्दा ख्याल रखते हैं।

आइए मिलकर चर्चा करते हैं कुछ नया सोचते हैं।

माँ के लिए क्या करें जब वह अकेली हों

माँ के लिए क्या करें जब वह अकेली हों,भावनात्मक जज्बात संग रहें वह चाहे जहाँ भी हों

माँ के लिए क्या करें जब वह अकेली हों पर 55 शानदार तरीके 

1.

भावनात्मक रूप से साथ है,महसूस कराते रहें

माँ के साथ हमेशा भावनात्मक रूप से रोज जुड़ें रहें क्योंकि माँ के मन में यह भाव कभी भी न आएं कि जीवन यात्रा के इस कठिन समय में वह अकेली रह गई हैं।आपका साथ उन्हें न केवल मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा बल्कि स्वयं आगे बढ़ने को प्रेरित भी करेगा।

आर्थिक रूप से परेशां न होने दें 

माँ को आर्थिक रूप से सशक्त करना बेहद जरुरी है।आप यह सुनिश्चित करें कि माँ के बैंक के सारे डाक्यूमेंट्स,लाकर का समान,उनकी विभिन्न बचत योजनायें,स्वास्थ्य सबंधित व्यवस्थाएं समय-समय पर माँ को याद दिलाते रहें व् स्वयं भी जानकारी रखे ताकि समय पर उनका साथ दें पाएं। 

 

3.

व्यक्तिगत विकास के लिए सुनहरी वक्त है,प्रोत्साहित करें  

माँ के लिए अगर देखा जाए तो उनके व्यक्तिगत विकास के लिए एक सुनहरी मौका है।अब तक सब की जिम्मेदारियां निभाने में वक्त निकल गया पर अब अपने लिए जो सपनें संजोयें थे उन्हें वास्तविक जामा पहनाने का असली वक्त आया है।माँ को प्रत्साहित करें।

 

4.

माँ आपकी प्राथमिकता है,यह जज्बात बया करें 

जीवन में हमेशा ही माँ आपकी प्राथमिक हैं और रहेंगी,यह आपका स्वयं से वायदा रहना चाहिए।जब आपक मन इस बात के लिए दृढ होगा तो दिमाग भी इसे पूर्ण करने में सहयोग देगा। आप आज जो भी हैं माँ की अनवरत मेहनत और तपस्या से हैं,यह जज्बात बया भी होना चाहिए।

 

5.

माँ को सुरक्षित रखने के प्रबंध करें

इस समय अतिरिक्त रूप से सावधानी की जरूरत सभी को है। घर में सी सी टी वी,अलार्म क्लॉक,सिक्यूरिटी लॉक्स, पीप होल आदि ऐसे सुरक्षा के साधन हैं जो घर में चाहिए और खास तौर पर जब माँ अकेले रहती हों तब तो एकदम ठीक रहने भी चाहिए ताकि समय पर उनका उपयोग माँ की सुरक्षा में सहायक सिद्ध हो पाएं।

यह भी पढ़ना न भूलें

|माँ को कैसे सुरक्षित रखें पर शानदार उपाय|

 

6.

माँ से आशीर्वाद लेते रहें 

माँ से जब भी मिलें उन्हें दिल से प्रणाम करें।उनके हृदय से प्रेम भाव से पैर छुएं और उनके दिल से निकले आशीर्वाद की दौलत को समेट लें क्योंकि यही खज़ाना अब किसी के पास नहीं होता है और इसी वजह से पैसा कमा लेते है पर आनंद की अनुभूति घर समाज से गायब है।आप इस में मालामाल हो जाइए और माँ से भरपूर ब्लेस्सिंग लेते रहिए।

 

7.

अपने हर निर्णय में माँ से राय जरुर लें

अपने छोटे बड़े निर्णयों में माँ से सलाह लेना और उनकी अनुकरणीय बातों को अमल में लाने की चेष्टा रहनी चाहिए और किसी वजह से यदि यह संभव नहीं हो रहा है तो उन्हें इस बारें में विस्तार से जानकारी देनी चाहिए।माँ आपकी बात का मर्म समझ जाएँगी।

 

8.

माँ के प्रति हमेशा कृतज्ञता का भाव दिखाएँ 

माँ के प्रति हृदय से हमेशा एक प्यार भरा कृतज्ञता का भाव होना चाहिए और दिखना भी चाहिए।माँ स्वयं में एक शब्द नहीं पूरे ब्रहामंड का सबसे सुंदर और प्रतिष्ठित नाम है।माँ अकेली हैं पर आप का ध्यान हमेशा उनके साथ है और किसी भी हाल में वह खुद को अकेला न माने।यह भाव महसूस करना जरुरी है। माँ को बेहद अच्छा लगेगा।

 

रोजमर्रा की जिंदगी आरामदायक बनाएं 

माँ की रोजमर्रा की जिंदगी आरादायक रहें क्योंकि जब कोई भी चीज़ रोज-रोज दिक्कत करने लगती है तो अकेलापन बहुत भारी और मुश्किल हो जाता है।उनकी सब जरूरतों की एक लिस्ट बना कर जैसे -ढूध,सब्जियां,घर का समान आदि का उचित प्रबंध करना आवश्यक हैं ताकि वह किसी भी तरह से परेशानी न महसूस करें। 

 

9.

जीवन छोटा सा है,आनन्द पूर्वक जीने के लिए प्रेरित करें

माँ को बार बार यह बताना अहम् हैं कि जीवन छोटा सा है इसलिए आप इसे भरपूर जियें।हर बात में खुश रहें और इसे आनंद पूर्वक बनाने का प्रयास करें न कि हर वक्त यह सोचें कि अब तो आप अकेले हैं,और लोगों से खुद की तुलना न करें क्योंकि सबकी जीवन यात्रा अलग होती है।

 

10.

माँ स्वयं को आत्म पराजित न समझें  

कई बार माँ जब अब अकेली हो गई हैं तो एक निराशा की भावना आ सकती है या वह स्वयं को आत्म-पराजित न मानने लगे मानों उनकी किसी को अब शायद जरूरत ही नहीं हैं।माँ को पूरा भरोसा दिलवाएं कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है बस परिस्थितिवश उन्हें कुछ समय के लिए अकेला रहना है फिर साथ ही रहेंगे। 

 

11.

 आत्म-देखभाल की प्रशंसा करें 

माँ अब अकेली हैं तो जाहिर सी बात हैं कि उन के ऊपर सभी तरह की जिम्मेदारियां आ गई हैं जो अभी तक और लोगों में भी बंटी थी,पर माँ ने सब को हमेशा की तरह बड़े ही सुंदर तरीके से करने की ठानी है। सुबह से शाम तक कब क्या आना है कैसे व्यवस्था होगी कौन आएगा देने के लिए -सब कुछ खुद ही मैनेज किया है,माँ की मुक्त कंठ से प्रशंसा करें। 

 

12.

अकेले होने के वास्तविक कारण ढूंढे

माँ के अकेले होने का वास्तविक कारण ढूंढे यानि हर में दिन में अकेले रहना या जीवन यात्रा में पापा का साथ छोड़ कर ईश्वर के पास चले जाना।वास्तविक कारण सही पता होने से माँ के अकेलेपन में रहने के इंतजाम भी उसी प्रकार से पुख्ता होने चाहिए ताकि वह मानसिक अवसाद से बचे और जीवन खुशहाल होकर जी पाएं।

 

 

13.

आप हमेशा उपलब्ध हैं,करके दिखाएँ 

माँ को आप यूँ तो हमेशा यह दिलासा देते रहते हैं कि उनकी जरूरत के समय आप साथ होंगे पर जब ऐसा हुआ तो आप कोई बहाना बना कर कभी न टालें अपितु अपनी समस्या को बता कर थोड़ा समय लें और जल्द से जल्द माँ के पास पहुँच जाएँ।यह उन्हें मानसिक बल देगा।

 

स्वस्थ रहने का पूरा प्रयास करें 

माँ को हमेशा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए बात करते रहिए और स्वास्थ्य समन्धित कोई भी परेशानी उन्हें लगें तो उस पर तुरंत ध्यान दें।जैसे-जैसे उम्र बढती है वैसे वैसे ही खान-पान में परिवर्तन की आवश्यकता भी महसूस होने लगती हैं,इस बात की ओर उनका ध्यान आकृष्ट करना जरुरी है।

 

15.

पौष्टिक आहार लें 

माँ सारे घर की सेहत की चिंता न सिर्फ करती आई हैं अपितु सकी थाली में आहार पौष्टिक रहें इस पर बहुत ज्यादा ध्यान रहता है लेकिन अपनी थाली में बस बचा खुचा खा कर संतुष्ट हो जाती हैं जोकि सर्वथा अनुचित है।माँ पूरा पौष्टिक आहार ले,समय पर ले और प्रसन्न होकर ग्रहण करें,यह आपको देखना हैं।

 

माँ के अकेलेपन को दूर करने के सरल उपाय 

 

16.

नजदीकी डाक्टर के संपर्क में रहें 

अब क्योंकि माँ अकेले रहती हैं तो ऐसे में किसी नजदीकी डाक्टर के सम्र्पर्क को बनाये रखना अति-आवश्यक है ताकि वक्त- बेवक्त माँ की जरूरत के समय उन्हें सहायता प्राप्त हो सके।कई बार अकेले में अकारण भी दिल घबरा जाता है और ऐसे में पास ही अगर डाक्टर हैं तो आप स्वयं भी उन्हें फ़ोन से बता सकते हैं।

 

17.

रोजमर्रा की जिंदगी आरामदायक बनाएं

माँ की रोजमर्रा की जिंदगी आरादायक रहें क्योंकि जब कोई भी चीज़ रोज-रोज दिक्कत करने लगती है तो अकेलापन बहुत भारी और मुश्किल हो जाता है।उनकी सब जरूरतों की एक लिस्ट बना कर जैसे -ढूध,सब्जियां,घर का समान आदि का उचित प्रबंध करना आवश्यक हैं ताकि वह किसी भी तरह से परेशानी न महसूस करें।

 

18.

 माँ को सेफ्टी डिवाइस के बारें में जागरूक करें

आपने पूरे घर में सेफ्टी डिवाइस का इंतजाम तो बखूबी कर दिया पर उनको कैसे उपयोग में लाना है यह भी माँ को सिखाना जरुरी है वर्ना जब इस्तेमाल करने की कभी बारी आई तो माँ कैसे इन सब के उपयोग से स्वयं को सुरक्षित कर पाएंगी इसलिए समय-समय पर इन सब को इस्तेमाल करते रहिए।

 

19.

माँ को हैंडी सेफ्टी डिवाइस लाकर दें 

घर में सेफ्टी डिवाइसेस लगाने के साथ ही कुछ ऐसे हैंडी डिवाइस भी होने चाहिए जो जरूरत पड़ने पर एकदम से इस्तेमाल हो सकें जैसे-पुलिस हेल्पलाइन नंबर याद रखना,शॉक इफ़ेक्ट सेफ्टी टोर्च ,पेपर स्प्रे,टेजर गन,एंजेल विंग अलार्म आदि विभिन्न डिवाइसेज़ की जानकारी होना आवश्यक है।

 

20.

 मोबाइल में इमरजेंसी नंबर को इस्तेमाल करना सिखाएं 

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मोबाइल का इस्तेमाल हर कोई करता है और माँ भी खूब करती हैं।जब वह घर पर अकेली हैं और किसी प्रकार के अनिष्ट की कोई बात लग रही हों तो ऐसे में उनके मोबाइल में जो इमरजेंसी नंबर प्रयुक्त हुए हैं बस उन्हें इस्तेमाल करना आना चाहिए ताकि मदद फौरन मिल जाएँ।

 

21.

आसपास के लोगों से बातचीत करते रहें 

आज की दुनिया में सब स्वयं में ही व्यस्त रहते हैं और कोरोना के बाद सब में मिलने जुलने की इच्छा भी कम हुई हैं।माँ अकेली हैं और कभी किसी भी प्रकार की जरूरत के समय पहले पडोसी ही काम आते हैं इसलिए माँ के साथ साथ आप भी आसपास के लोगों से संपर्क बनाये रखें। 

 

22.

माँ से नियमित रूप से बात करते रहें 

माँ हर वक्त अकेली रहती हैं तो ऐसे में यह बहुत ही जरुरी हो जाता है कि काहे आप कितने भी व्यस्त हो या दूर हो पर माँ से फ़ोन द्वारा या विडियो कॉल द्वारा बात करते रहें और आप उनके पास हैं यह अहसास उन्हें कराते रहिए।अकेलेपन स्वयं में एक बड़ी बीमारी है और आप माँ को इससे दूर रख पाएं,यह आपकी जिम्मेदारी है।

 

23.

 उन्हें उनकी स्वतंत्रता का अहसास कराएं

माँ को उनकी स्वतंत्रता का अहसास कराएँ कि अब वह अपनी मर्जी से अपनी जिंदगी को जी सकती है और किसी भी प्रकार के बंधन या रोक-टोक के बिना।पितृसत्तात्मक व्यवस्था में हमेशा उन पर एक पारम्परिक रूप से एक लम्बी लिस्ट बनायीं हुई थी जिसे वह चाह कर भी कभी माना या विरोध नहीं कर पायीं।

 

आंतरिक आवाज को सुनें 

माँ को यह जरुर बताएं कि जब भी वह अकेली हं और उन्हें कुछ खराब होने की बात मन में आएं तो उस समय अपने मन की अंदर की आवाज़ को सुनें क्योंकि कई बार वहम सा हो जाता है जब कि असलियत में कोई बात होती ही नहीं है।हमारी आंतरिक आवाज़ हमें हमेशा सही तरीके से निर्देश देती है।

 

25.

स्वयं के प्रति दयालु बनें 

माँ स्वयं के प्रति दयालु भाव रखिए क्योंकि अब अआप्को कुछ प्रूव नहीं करना है अब अपनी जिंदगी को मस्त ढंग से जीना है।अपने लिए एक करुणा भाव रखिए और खुद को खुश करने के लिए जो भी अच्छा लगे वो करिए।बिंदास होकर अपने जीवन को खुशनुमा बनाइए।स्वयं के लिए कठोर नहीं प्रेम भरी सोच रखिए।

 

26.

आत्म-सम्मान को बढ़ाने वाली किताबें पढ़ें

माँ को आत्म सम्मान बढ़ने वाली प्रेरक किताबे पढने के लिए दीजिये क्योंकि अब उनके पास प्रयाप्त समय ही समय हैं जहाँ वह अपनी पसंद की अनेकों पुस्तकें मंगवा कर आराम से अपनी सुविधानुसार पढ़ सकती है और उम्र के इस नए पढ़ाव को आनंद से जी सकती हैं।किताबे सबसे अच्छी दोस्त होती है।

 

स्वयं की रुचियों को जानें 

माँ की शादी से अहले न जाने कितनी रूचि विभिन्न क्षेत्रों में कुछ कर गुजरने की रही होंगी जो समय की कमी की वजह से कभी पूरी हुई ही नहीं। माँ से बात करके उनकी रूचि किस क्षेत्र में है जानिए और उन्हें कैसे पूरा कर सकते है,इस पर विचार करके उनका मनोबल बढाइये।

 

28.

माँ के सपनों को एक नयी दिशा दें 

माँ के सुनहरी सपनों को एक नया आयाम दें।उनसे खुल कर बात करें कि आखिर वो कौन से सपनें थे जो उन्होंने अपनी स्वप्निल आँखों में कभी सजाये थे।माँ थोड़ा झिझक सकती हैं पर आप का होंसला उन्हें एक नयी राह दिखायेगा और उनके अकेलेपन की एक सुंदर अभिव्यक्ति भी दर्शाने का मौका जगायेगा।

 

29.

नकारात्मक विचारों से दूर रहें

अकेलेपन की सबसे बड़ी समस्या नकारात्मक विचारों का स्वयं पर आधिपत्य जमाना है।ऐसे में फिर अकेलापन और भी ज्यादा परेशां करता है और हर तरह मुसीबतें नज़र आती हैं।माँ से हर रोज बातें करते रहना और उनके मन में क्या चाल रहा है यह सब जानना भी जरुरी है ताकि समय रहते आप माँ की ऐसी बातों से उन्हें जगा सकें।

 

30.

 कभी भी हार न मानने का रुख अपनाने को कहें 

माँ ने ही सिखाया था कि मन के जीते जीत है और मन के हारे हार यानि कैसी भी परिस्थति हो पर अपने आप को निराश नहीं करना है और मन से किसी भी हाल में दुखी या परेशां नहीं होना है।जीत के जूनून को ही अपनाना है और जीतते ही जाना है फिर चाहे वह भयावह अकेलापन ही क्यों न हो।

 

माँ के अकेलेपन को अवसर में बदलने के सुझाव 

 

31.

सकारात्मक लोगों से दोस्ती करें 

माँ की दोस्ती और जान पहचान सकारात्मक लोगों के समूह से या किसी ग्रुप से करवा सकते है ताकि वहा होने वाली सुंदर प्रेरक बातों से माँ भी प्रोत्साहित रहें उर किसी भी प्रकार की नकारात्मकता माँ के दिलों-दिमाग पर न छाने पाएं।सकारात्मकता स्वयं में एक विशिष्ट गुण है जो माँ में पहले से ही है पर अकेले में कभी कभी दूरी बना लेता है।

 

32.

कल्याणकारी संस्थाओं से जोड़ें 

समाज में आज इअसी कल्याणकारी संस्थाएं है जहाँ ऐसे लोगों के शारीरिक,आर्थिक या प्रार भरी बातों वाले व्यक्तियों की जरूरत बनी होती है जैसे-बच्चों के अनाथालय,महिलाओं के उत्थान के लिए अनेकों एन जी ओ है जहाँ समर्पित लोगों की आवश्यकता बनी रहती है,आप भी माँ संग भाग लीजिये और माँ को अकेलेपन से निजत दिलाने में यह कितनी सुखद अनुभूति होगी।

 

33.

अपने आप से बातचीत शुरू करें 

माँ से कहा जाएँ कि वह स्वयं से बातचीत करना शुरू करें यानि स्वयं से सवाल करना व  उसके उत्तर खोजना और खुद से पूछना कि क्या सही सोच रहें हैं या नहीं।अकेलेपन में कभी कभी आत्मविश्वास डगमगा सा जाता है और में खुद से ढेर सारे सवाल पूछता रहता है।ऐसे में खुद से बात करना रोचक हो सकता है।

 

34.

आत्म प्रशंसक बनें 

माँ स्वयं अपनी आत-प्रशंसक बनिए क्य्कोई अकेले रहना कोई आसां कार्य नहीं है।हर वक्त खुद को ही देखते रहो,थोड़ा बोरिंग भी लग सकता है पर आप जरा खुद ही सोचिये कि आप तो शक्ति का प्रतीक हैं और दुर्गा स्वरुप हैं।अपनी पीठ को थपथपा कर शाबाशी भी दीजिये कि आप स्वयं में सब कुछ करने में सक्षम हैं।

 

35.

 जीवन के प्रति ईश्वर को आभार दिखाएँ 

 माँ जोकि एक धार्मिक महिला हैं और अपनी संस्कृति और अपने जीवन मूल्यों के प्रति श्रद्धा भाव पूरी शिद्दत से रखती है।आप ईश्वर की भक्ति में इतनी लीन हो जाती है तो अपने रब जी को आभार जताएं माँ -कि भगवन आपके साथ हैं और फिर अकेलेपन से डरने की कोई जरूरत ही नहीं है।जब ईश्वर है साथ तो फिर डर की क्या है बात।

 

माँ के साथ सुबह या शाम की सैर पर साथ जाएँ 

माँ दिन भर अकेली रहती हों तो ऐसे में सुबह या शाम को आप माँ के साथ एक लम्बी सैर पर जा सकते हैं और सारे दिन की अच्छी बुरी बातें शेयर कर सकते हैं और माँ को अच्छा लगेगा और आपको उनके अनुभवों का लाभ उठाने का अवसर भी मिलेगा यानि एक पंथ दो काज।

 

37.

माँ की बात को ध्यान से सुने 

माँ जब भी अपनी कोई समस्या या दिल ककी बात शेयर करें तो पूरी तन्मयता से उनकी बात को तव्वजों दें और क्या सबसे बेहतर समाधान निकल सकते हैं,इस पर विचार करें।माँ को कभी स्वपन में भियेह खयान नहीं आना चाहिए कि उनकी बात को सुनने के कलिए सुना जा रहा है,यह सोच उन्हें गहरी पीड़ा पहुंचाएगा।

 

38.

माँ के व्यवहार को ध्यान से देखें 

माँ जब से अकेली रहने लगी है तो क्या उनके व्यवहार में कोई बदलाव तो नहीं नज़र आ रहा है जैसे वह कोई बात छिपा तो नहीं रही है सिर्फ यह सोच कर कि आप को दिक्कत होगी।आपको स्वयं ही यह सब परखना होगा और कहन से भी थोड़ा सा लगे तो खुल कर माँ की समस्या को जाने और निदान खोजें।

 

39.

घर के कार्यों के लिए मेड्स का प्रबंध करें 

माँ के लिए घर के कामों में सहायता प्रदान करने के लिए सही देखभाल करने वाली मेड्स का इंतजाम करें ताकि एक तो माँ इससे थकेगी नहीं और दुसरे घर में उनके अलावावा कोई ओर भी होगा,इससे उनके अकेलापन भी नहीं लगेगा और बात करने के लिए कोई तो होगा घर।माँ को आराम और साथ दोनों का होना जरुरी है।

 

40.

घर की मेड्स का पुलिस वेरिफिकेशन जरुर करवाएं 

घर में जब भी कोई सहायिका या मैड रखी जाएँ तो पहला काम उनका पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरुइर है क्योंकिइस समय बहुत धोखाधड़ी है और किसी पर आँख मुंड कर विश्वास करना समझदारी बिकुल भी नहीं कहलाएगी।वैसे भी माँ अकेली हैं तो यह ओर भी ज्यादा अहम् हो जाता है।

 

41.

घर में एक पालतू जानवर रख सकते हैं 

माँ को अगर पालतू जानवर  से लगाव है तो अकेले में इससे अच्छा क्या आप्शन हो सकता है। एक पालतू जानवर घर में एक जीता-जगता खिलौना सा होता है जो न केवल मन लगता है अपितु सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत कामगार सिद्ध होता है।एक छोटा सा डागी या बिल्ली घर में पाल सकते हैं।

 

42.

माँ की हॉबी को विकसित करने में सहयोग दें 

माँ ए लिए पानी किसी भी हॉबी को विकसित करने का यह स्वर्णिम मौका है।ऑनलाइन दुनिया से परिचित होने के बाद वह अपनी हॉबी को व्यवसाय में भी बदल सकती हैं और घर बैठे पैसे भी कमा सकती हैं। माँ को अकेलापन अब अच्छा लगने लगेगा क्योंकि उन्होंने उसे अवसर में जो बदल लिया है। आज ही माँ के साथ बैठ कर प्लानिंग करिए। 

 

43.

 माँ से पहले की तरह व्यंजन बनाने की फरमाइश करें

माँ से जब भी मिले शाम को या कुछ दिन बाद तो उनसे अपनी कोई पसंदीदा डिश बनाने की फरमाइश कर सकते हैं क्योंकि माँ को अपने बच्चों के लिए कुछ भी बनना हमेशा अच्छा लगता है।बस स्वाद लेकर खाएं और माँ के कुशल हाथों के बने व्यंजनों की तारीफ भी दिल खोल कर करें।

 

माँ की छोटी-छोटी जीत को सेलिब्रेट करें

बचपन में ज्जैसे माँ आपकी हर छोटी सी जीत पर भी पुलकित हो उठती थी तो ठीक वैसे ही अब माँ की छोटी छोटी जीत को सेलिब्रेट करें- मसलन माँ को कविताएँ लिखना अच्छा लगता है और उन्होंने कोई कविता लिखी,हो सकता है तुकबंदी पूरी तरह से न हुई हो पर उनका प्रयास देखिये और सेलिब्रेट भी करिए।

 

45.

असहमत होते हुए भी सहमति जाएँ 

माँ अब अकेली रहती है और अच्छे बुरे ख्याल आते जाते रहते हैं।माँ हो सकता है कि किसी बात पर ज्यादा प्रतिक्रिया कर दें और आपसे वह आपका ख्याल जानना चाहे तो ऐसे में उस समय उनकी बात को न काटे बल्कि उस समय समर्थन करें और उनका मन जब शांत हो जाएँ तो अपनी बात रख कर उन्हें बताएं।वह सहमत हो जाएँगी।

 

माँ के अकेलेपन को सुंदर बनाने के नायाब तरीके 

 

46.

माँ को ऑनलाइन दुनिया से परिचित कराएँ 

माँ ने आपको हमेहा लैपटॉप पर खटपट करते हुए देखा पर कभी खुद करने की कोशिश नहीं की क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सब उनसे शायद नहीं होगा पर ऐसा तो बिलकुल भी नहीं है।माँ को एक लैपटॉप लाकर दीजिये और किसी पास में कोई कोर्स करने के लिए प्रोत्साहित करें और फिर अकेलापन भी पास आने में डरेगा।

 

47.

ऑनलाइन शौपिंग के फायदे बताएं

घर बैठे सामान मागने का नया जमाना आ गया है और माँ अभी थोड़ा अनजान हैं।माँ ने जब अब कंप्यूटर कोर्स करने की ठान ही ली है तो उन्हें लगे हाथ ऑनलाइन शौपिंग करना भी सिखा दीजिये और अकेले में बाजार जाने का कई बार मन भ नहीं होता तो ऐसे में माँ अपनी पसंद की चीजें आसानी से खुद हो आर्डर देकर मंगा लेंगी।माँ को अकेलापन अब नहीं सताएगा।

 

48.

माँ के मनोरंजन के लिए उचित प्रबंध करें 

माँ क्योंकि अब घर पर काफी समय अकेली रहती हैं और बहुत बार आप किसी काम के सिलसिले में बाहर भी जा सकते हैं तो ऐसे में माँ के मनोरंजन के लिए उनकी पसंद के साधन रहने चाहिए।जैसे उनका टी.वी,रिकॉर्ड प्लेयर या अगर उन्हें गाने या बजाने के संगीत के इन्स्रुमेंट ठीक अवस्था में हो ताकि जब उनका मन हो वह अपना मनोरंजन कर पाएं।

 

49.

माँ की सहेलियों से मुलाकात कराते रहें

माँ की अपनी सहेलियों से बातें बड़ी लम्बी होती रहती हैं और उनका सबसे संपर्क इसी तरह बना रहता है जिसमें वह बहुत खुश ही रहती हैं।माँ को सलाह दें कि जब वह अकेली हों तो अपनी सखियों को चाय पार्टी या गपशप के लिए बुला लिया करें।उनसे मुलाकतें माँ को फ्रेश फील करा देंगी।

 

50.

माँ के लिए सरप्राइज पार्टी का आयोजन करें 

माँ के लिए कभी कभी कोई सरप्राइज पार्टी का आयोजन कर सकते हैं जो उन्हें निश्चित रूप से बेहद पसंद आएगा ही आएगा क्योंकि अकेले में जब भी कोई मिलने आयें तो एक सुखद अनुभूति होती है और दिनचर्या में एक अच्छा सा बदलाव भी महसूस होता है।माँ को अच्छा ही महसूस कराएँ।

 

51.

पेड़-पौधों की संख्यां बढ़ा सकते हैं

माँ की अपनी एक छोटी सी सुदर सी बगिया है जो उन्हें बहुत ही प्रिय है।सुबह सबसे पहले वह अपने मूक पेड़ -पौधों से बातें करती है,उहें प्यार से सहलाती हैं।हरेभरे वातावरण में वह स्वयं को बहुत उर्जावान महसूस करती हैं तो उनकी बगिया के लिए कुछ ओर पौधें उन्हें गिफ्ट करिए।माँ को बेहद अच्छा लगेगा। 

 

घर से बाहर हर रोज जरुर जाएँ 

माँ के लिए यह बहुत जरुरी है कि घर से बाहर कुछ न कुछ लेने के लिए जाएँ क्योंकि बाहर निकलने से आसपास ले लोगों से दुआ सलाम,नमस्ते होगी।दुसरे लोग भी माँ का ध्यान रखेंगे अगर वह एक दो दिन बाहर नहीं दिखाई देंगी कि कही तबियत तो खराब नहीं है और ऐसा होने पर पडोसी आपको इत्तला कर सकते हैं। आपसी मेलजोल बेहद जरुरी है।

 

53.

पुरानी कडवी बातों को बाय-बाय करना सीखें 

माँ से बात करते हुए उन्हें यह भी प्यार से बताने की जरूरत है कि पुरानी कड़वी बातों को बाय-बाय करने की आदत डालें क्योंकि इन यादों से सिर्फ मन ही ख़राब होगा कोई स्थिति तो बदलने से रही।आज में जीने ही अहम् है क्योंकि यही से खुशियाँ आरंभ होती है।

 

54.

किसी ओर से अपनी तुलना ना करें 

माँ अक्सर अपनी तुलना कई बार जाने अनजाने औरों से कर जाती हैं और फिर दुखी भी हो जाती हैं।माँ छोड़िये न इन सब बातों को। याद दिलाएं कि उन्होंने ही सिखाया था कि बीती बात बिसराए दो,आगे की सुध लो।बस माँ को भी यही बात दोहरानी है और पिछली बेकार की बातों से मन को परशान नहीं करना है।

 

55.

माँ अकेली है इसको ज्यादा चर्चा का विषय न बनाएं 

माँ के अकेलेपन की चर्चा ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग आदतन शरारती होते है और परेशां करने के लिए मजाक भी कर बैठते है,जो कई बार जीवन के लिए नुक्सानदायक हो सकती है।इसलिए इसे अपने तक सीमित रखें और आना जाना बनाएं रखें।

माँ के लिए क्या करें जब वह अकेली हों पर अनेक तरह तरह के विचार व्यक्त करने का प्रयास किया है कि माँ को अकेलेपन से कैसे बचाएं पर अनमोल युक्तियाँ लिखी हैं।पढ़िए और COMMENT BOX में आपकी अमूल्य राय का इन्तजार रहेगा।