माँ के साथ कैसे समय बिताएं,यह बात जब भी जेहन में आती है तो आप सच में अपनी जननी से बेइंतहा प्यार करते हैं और इस बात पर गंभीर हैं क्योंकि आप उन्हें खुश देखना चाहते हैं।
आपकी प्रसन्नता को बढ़ाते हैं और कुछ ख्यालों से रूबरू कराते हैं।
(अंत में लिखी माँ पर कविता जरुर पढ़िए -अच्छा लगेगा)
माँ के साथ कैसे समय बिताएं,दिली जज्बातों को लिए साथसाथ प्यार जताएं
माँ के साथ कैसे समय बिताएं पर 53 बेहद नायाब उपाय
1.
माँ को एक सबसे करीबी और भरोसेमंद दोस्त की तरह मानें
माँ सच में जीवन की सबसे भरोसेमंद और दिल की करीबी दोस्त होती है और जो कभी भी आपका अहित सोच ही नहीं सकती।एक बेहतरीन सलाहकार और समय पर साथ देना उनका स्वाभाविक गुण है।
माँ के साथ समय बिताते हुए अपने दिल की बातों को शेयर करें,कुछ न छिपाएं और उनकी दी हुई सलाह पर आँखें मूंद कर विश्वास करके अमल में लायें।
2.
माँ आपकी प्राथमिकता है,अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करें
अपनी जननी के प्रति अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करने में कभी भी कोई संकोच न करें। जीवन देने वाली माँ आपकी प्राथमिकता हैं ,यह आपकी भाव- भंगिमाओं से दिखना भी चाहिए।
माँ के साथ समय हर हाल निकालें,उनसे सलाह लेजकर ही काम करें और उनकी राय को प्रथम स्थान दें,जीवन के हर मोड़ पर,हर पल,हर वक्त।
3.
माँ दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है,लगना चाहिए
ब्रहामंड में जब ईश्वर ने माँ को बनाया होगा तो स्वयं की प्रतिमूर्ति ही बनाई होगी।बच्चो को हर हाल अपने सीने से लगायी हुई माँ को सबसे ऊँचा स्थान दिया होगा।
आप को भी अपने हर कार्य से यह प्यार दिखाना चाहिए कि आप उनके लिए कुछ भी कुर्बान कर सकते हैं और समय पड़ने पर आगे बढ़ कर करिए।माँ से मिलिए प्रेम जताइए।
4.
जब भी उनके साथ हो,व्यवहार में गरमजोशी झलकें
कहते हैं कि मुंह लटकाए व्यक्ति को तो कोई पसंद नहीं करता है। माँ ही परेशां होती है कि क्या बात हुई,पर अगर आपकी आदत हर वक्त ऐसी ही है तो समझिये माँ को भी अच्छा तो नहीं लगेगा।
अपने व्यवहार में एक गरमजोशी,विनम्रता और खुशमिजाजी रहनी चाहिए और झलकनी भी चाहिए ताकि माँ के साथ समय बिताते हुए उन्हें भी अच्छा लगे।
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5.
सुबह चाय की प्याली के संग
सुबह हर व्यक्ति के जीवन में एक नयी उमंग और उर्जा को महसूस कराती है और ऐसे में माँ के संग गप्पे लगाते हुए चाय का आनंद ही कुछ ओर हो जाता है।अपनी दिन बहार की योजनाओं को शेयर करें तो कुछ बेहद उम्द्दा सुझाव भी मिल जाते हैं।
बस इस मौके को मत जाने दीजिये। एक पंथ दो काज यानि चाय की चुस्कियां और माँ का साथ -वाह क्या बात क्या बात।
6.
सुबह की सैर पर साथ जाएँ
माँ और सेहत दोनों का आपसी गहरा संबंध है और हर माँ को अपने बच्चों की स्व्हत किचिनता भी बहुत रहती है। माँ तो सैर पर रोज जाती है और बच्चे -बस उन्हें आवाज़ लगते रहिए,उठते ही नहीं।
माँ के साथ सुबह की ताज़ी हवा को महसूस करें और तरह तरह के फूल- पौधों से स्वयं को फ्रेश महसूस करें यानि माँ का खूब सारा साथ और सेहत की सेहत अच्छी।
7.
मैडिटेशन एक साथ करें
सुबह की सैर के साथ साथ मैडिटेशन करने की आदत भी बहुत जरुरी है और बेहद फायदेमंद भी। माँ के लिए किसी योग्य योगाचार्य के पास या घर में करने का प्रबंध करें।
माँ के साथ स्वयं भी करिए और जीवन को एक शांत और सुंदर तरीके से जियें। माँ भी खुश और स्वस्थ भी रहेन्गिऔर आप माँ के साथ ज्यादा समय व्यतीत कर पायेंगे।
8.
खाने के वक्त दिन भर की दिनचर्या को बताएं
खाने के वक्त दिन भर की दिनचर्या की बातें करना न सिर्फ आपको सही गलत का आभास कराती है बल्कि माँ के साथ सुखद सानिद्ध्य का अहसास भी जगाती है।
रात के भोजन पर सब घर के लोगों के साथ खाने से आपसी सौहाद्र भी बढ़ता है। माँ का प्यारा साथ तो एक बहुत बड़ा इनाम है ही।
9.
रात्रि भोज के बाद घर के बाहर चहलकदमी करें
रात्रि भोज के बाद टहलने को हमेशा स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माना गया है जो खाने को पचाने में सहायक रहता है और नींद भी अच्छी आती है।
स्वयं भी घर बाहर बरामदे में,अपनी छोटी सी बगिया में,पास के किसी पार्क में या कुछ ओर नहीं तो घर की छत पर माँ संग टहलें और खूब सारी बातें भी करें।
10.
दूर होने पर विडियो कॉल से नजदीकी दिखाएँ
नौकरी के सिलसिले में माँ से बच्चों का अलग होना बहुत तकलीफ भरा समय होता है।आप स्वयं भी उनसे दूर होकर उन्हें याद करते हैं और मिलने को बैचैन भी रहते हैं।
आज की डिजिटल दुनिया ने यह सब आसां कर दिया है।बस फ़ोन उठाइए और विडियो कॉल कीजिये।अपने सामने रूबरू देख मन को तसल्ली दीजिये। अपने बारे में और उनके बारें में जानिए और अपनी नजदीकियां माँ को महसूस कराइए।
11.
माँ से अपेक्षा नहीं वरन उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें
अक्सर माँ के लिए एक लम्बी चौड़ी फेहरिस्त बनी होती है जिसमें उनसे आपकी क्या क्या उम्मीदें है और पूरी न होने पर आप या तो नाराज हो जाते है या कई बार गुस्से में बोल जाते हैं कि माँ ने आपके लिए किया ही क्या?
यह बात किसी भी माँ के लिए सबसे ज्यादा दुखद पल होता है।थोड़ा उल्टा करके सोचिये कि आप माँ की अपेक्षाओं पर कितने खरे उतरें हैं।जरा सोचिये तो आपको पता चलेगा कि अभी तो आपने उनके लिए कुछ किया ही नहीं।
12.
व्यवस्ता के बावजूद हर रोज फ़ोन से बात करें
आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में यह सच है कि सब व्यस्त हैं और समय निकलना ही इस युग की सब से बड़ी प्राथमिकता बनी हुई है।सब आपस में मिलना जुलना भी छते हैं और न मिलने पर फ़ोन द्वारा एक दुसे से बात भी करना चाहते हैं पर जिंदगी में भाग दौड़ ही बहुत ज्यादा हो गई है।
माँ हैं उन्होंने पूरा जीवन आपको सफल बनाने के लिए समर्पित किया है तो इतना ध्यान आपको भी करना है कि चाहे जो भी हो जाएँ माँ को कम से कम एक बार फ़ोन जरुर करना है।
13.
अपने अंदर बातचीत की कला को विकसित करें
आप स्वभाव से कम बोलते हैं।यह यूँ तो अच्छी बात है पर माँ के साथ भी कम बोलेंगे तो कैसे चलेगा।कुछ कहना चाहते है पर यह निगोड़ी आदत बस वहां भी चुप्पी का ताला लगा देती है।
माँ ने ही बोलना सिखाया और माँ संग बात करने में मान क्यों झिझकाया। अपने दिन भर की दिनचर्या को बताइए और उनसे कितनी सारी मुफ्त में सलाह को भी पाइए।
14.
उन्हें परेशां देख,पहले हाल चाल पूछें
माँ अक्सर अपनी परेशानियाँ किसी को भी जाहिर नहीं करती हैं और ऐसे में उनके हाव-भाव से ही आप अंदाज़ा लगा सकते हैं या उनकी चुप्पी से।
माँ से आगे बढ़ कर उनकी तबियत के बारें में जानिए।जरूरत हो तो उन्हें डाक्टर के पास ले जाएँ और उनकी पूरी तन्मयता से सेवा करें।आपकी समीपता आपको उनके निकट लायेगिनौर आप माँ के साथ काफी समय बीता पायेंगे।
15 .
कृतज्ञता जाहिर करें
माँ बचपन से थैंक यू कहना सिखाती है और छोटी बड़ी बात पर आप सबको धन्यवाद कहते हाँ पर कभी अपनी प्यारी सी माँ को नहीं कहते हैं। शायद माँ ने अपने लिए धन्यवाद कराना नहीं सिखाया।
जिस माँ ने जन्म दिया,बहुत ही प्यार से जतन से पाला- पोसा।आपकी शिक्षा और अच्छे संस्कारों की तालीम दी और उन्हें ही कृतज्ञता करना भूल गए।ना यह तो कोई बात नहीं हुई। देर आए दुरस्त आए। आज ही माँ को अपनी कृतज्ञता प्रेम से दिखाएँ और फिर देखिये माँ के साथ समय कैसा शानदार बीतेगा।
माँ को समय कैसे दें पर अनमोल सुझाव
उन्हें परेशां देख,पहले हाल चाल पूछें
माँ अक्सर अपनी परेशानियाँ किसी को भी जाहिर नहीं करती हैं और ऐसे में उनके हाव-भाव से ही आप अंदाज़ा लगा सकते हैं या उनकी चुप्पी से।
माँ से आगे बढ़ कर उनकी तबियत के बारें में जानिए।जरूरत हो तो उन्हें डाक्टर के पास ले जाएँ और उनकी पूरी तन्मयता से सेवा करें।आपकी समीपता आपको उनके निकट लायेगिनौर आप माँ के साथ काफी समय बीता पायेंगे।
17.
रसोई में उनके साथ हाथ बंटाएं
माँ का सबसे ज्यादा समय तो रसोई में ही बीतता है। पल भर को चैन माँ के नसीब में है ही नहीं। आप भी इसी बात को दोहराते हुए अपने घर में अक्सर देखते ही होंगे।माँ की थकान के लिए कई बार परेशां भी होते होंगे।
आज से सिर्फ सोचना नहीं है बल्कि उनके साथ उनके काम में हाथ बंटाएं। माँ को बहुत अच्चा लगेगा क्योंकि आप के साथ उनकी यह शिकायत भी ख़त्म हो जाएगी कि बच्चे अब अपनी दुनिया में ही मस्त रहते हैं।माँ के साथ समय भी बिताये और काम में हाथ भी बंटाएं।
18.
पारिवारिक भोज का आयोजन करके साथ रहें
माँ जो घर की मुख्य सूत्रधार हैं,उन्हें सब के साथ समय बिताना और संग संग खाने का स्वाद भी चखना और चखाना दोनों ही बहुत भाते हैं।किसी न किसी बहाने वो घर पर कोई न कोई फंक्शन या सामूहिक रूप से सबको बुलाती रहती हैं।
आप ने बस अब अपने बहन भाइयों और पापा संग यह प्लानिंग करनी है कि किसे बुलाना है और क्या खिअना है। एक गेट-गेदर का आयोजन करें और ढेर सारा समय माँ संग बिताएं और साथ में लजीज खाने का स्वाद भी लें।
19.
किसी भी समय पर भोजन साथ करके
आज के व्यस्त समय में हर समय साथ रहना मुश्किल है पर नियम बनाने से ही घर भी सुचारू रूप से चाल पाटा है।याद करिए फिल्म खूबसूरत का वह दृश्य जब रात्रि भोज पर एक साथ खाने के नियम का फायदा घर की स्वामिनी यानि माँ बताती है कि एक साथ खाने से आपसी प्यार कितना अधिक बढ़ता है।
आप भी अपने समय के हिसाब से तय करिए कि किस खाने के समय आप नियम से रह सकते है और माँ की आत्मीयता स परिपूर्ण भोजन का स्वाद भी ले सकते है और ढेर सारी बातें तो होंगी ही।
20.
खाने के वक्त दिन भर की दिनचर्या को बताएं
खाने के वक्त दिन भर की दिनचर्या की बातें करना न सिर्फ आपको सही गलत का आभास कराती है बल्कि माँ के साथ सुखद सानिद्ध्य का अहसास भी जगाती है।
रात के भोजन पर सब घर के लोगों के साथ खाने से आपसी सौहाद्र भी बढ़ता है। माँ का प्यारा साथ तो एक बहुत बड़ा इनाम है ही।
21.
शौपिंग में उनका साथ दें
कभी घर का राशन कभी त्योहारों के लिए और न जाने किस किस वजह से बाजार का आना जाना लगा सा ही रहता है।माँ अकेले ही सारी दौड़ धूप करती रहें तो यह स्थिति तो अच्छी प्रतीत नहीं होती है।
शौपिंग में साथ जाने से उनकी पसंद की चीजें भी खरीद सकते हैं और क्वालिटी समय बिताने का सुनहरी अवसर भी मिलेगा।
22.
पेड़ पौधों में साथ साथ पानी दें
पेड़ पौधों के बीच माँ बहुत खुश नज़र आती हैं और ऐसा लगता है कि वो उनसे बातें करती हैं।हैं न हैरानी की बात,पर यह सच है कि देखभाल हर किसी को अच्छी लगती ही है।चाहे वो मूक पेड़ पौधें ही क्यों न हो।
बस आप भी माँ के साथ उनकी हरी-भरी बातचीत में शामिल हो।खुद से आगे बढ़ कर पानी दीजिये और हर पेड़ के बारें में जानकारी लेते हुए माँ के साथ खुशनुमा वक्त गुजारिए
23.
दोष न देखें.
माँ इन्सान है और हो सकता है उनकी कोई बात या आदत आपको नहीं भाती हो।कई बार हम उस आदत को एक दोष के रूप में देखने लगते हैं और एक अनचाही सी दूरी बना लेते हैं।
यह कहीं आप भी तो नहीं कर रहें है?अगर ऐसा करते हैं तो आज ही इस बात को दिल से निकालिए और माँ के साथ मौका देख कर कभी अपनी बात कह दें और माँ के साथ ढेर सारा समय हँसते हुए बिताएं।
24.
अपने अकेले समय में कुछ पल उनके साथ रहें
कभी भी ऐसा नहीं होता है कि आप 24 घंटे काम में ही लगे रहते हैं। बस आप खुद को ओर कामों में उलझाये रखते हैं।माँ को आपकी जरूरत है यह ख्याल नहीं आ पाता है।
अब जब आप घर पर हो और साथ में फ्री भी हो तो उस वक्त को अपनी जननी के साथ गुजरने का ख्याल जरुर करिये और उनसे खूब सारी बातें भी करिए।
25.
घर की कोई एक जिम्मेदारी का दायित्व लें
महज मदद के लिए पूछ लेने से आपका दायित्व पूरा नहीं हो जाता है अपितु घर की कोई भी कम से कम एक जिम्मेदारी को निभाने के वादे से बात बनती है।
घर गृहस्थी में तो अनेकों काम है,उनमेसे कोई भी कार्य आप चुन सकते हैं।ऐसा काम लें जिसमें आप आराम से अपने काम को ठीक से कर पाएं। माँ का साथ उसमें बना ही रहेगा तो एक पंथ दो काज।
26.
माँ से बात करते हुए मोबाइल को अलग रख दें
माँ के साथ अगर समय बिताना है तो मोबाइल से उस समय दूरी बनना बहुत जरुरी है। कहने को माँ के साथ है पर जितनी भी देर हैं तो आप ऐसे में अगर फ़ोन पर लगे रहते हैं,तो यह समय बिताने का दिखावा ही लगेगा।
बहुत ही आवश्यक होने पर फ़ोन करे या किसी का फ़ोन उठाएं। माँ से ही बातें करिए और जीवन के उन पलों के आनंद को महसूस करिए।
27.
कोई भी इनडोर गेम्स खेल सकते हैं
बचपन को जरा याद करें जब आप किसी भी खेल को खेलने के लिए माँ से कहते थे और वो आपका दिल रखने के लिए सारा काम छोड़ कर खेलती थी।
समय का चक्र घूमा है और आज आपको माँ के साथ कैसे समय बिताना है,यह सोचना पड़ रहा है। ऐसे में कोई भी इनडोर गेम्स बैठ कर खेलिए और चाहे हारे या जीते दोनों में माँ की मुस्कराहट का आनंद लीजिये।
28.
बाहर खेलने के लिए समय निकालें
घर में माँ के काम तो ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेते क्योंकि कभी आप कभी कोई ओर कुछ न कुछ फरमाइश करते ही रहते हैं।माँ ने ना कहना कभी सीखा ही नहीं तो वो हमेशा व्यस्त ही मिलेंगी।
बाहर पास के मैदान में या किसी मॉल में या यूँही किसी पार्क में साथ में जाइए और अपनी खेल पसंद माँ के साथ उनके चॉइस के गेम्स ही खेलिए। समय कब बीत जाएगा आपको पता ही नहीं चलेगा।
29.
उनकी लिखी हुई कविताओं को एक किताब के रूप में दिखाएँ
माँ को कुछ भी काम करते हुए गुनगुनाने की आदत है यानि माँ शायरी और कविताओं की शौक़ीन हैं और गाहे- बगाहे लिखती भी रहती हैं।आपको यह तो पता है पर आपने कभी ज्यादा जानने की कोशिश मगर नहीं की।
अब आप बड़े हो गए है अब आप। माँ की भावनाओं से ओत-प्रोत शब्दों की माला में पिरोई गई शब्दावली को क्यों न एक किताब का रूप दे दिया जाएँ। माँ के साथ इससे बेहतर समय व्यतीत करने का कारण क्या हो सकता है।
30.
घर में कोई सामूहिक कार्य की प्लानिंग कर सकते हैं
घर में न जाने कितने अवसर आते है और पूरे साल में बहुत सारे तीज-त्यौहार और कभी जन्मदिन तो कभी किसी की वर्षगांठ आदि। हराव्सर में माँ अकेले ही झूझती रहती है।
आप स्वयं ही किसी सामूहिक कार्य कीप्लानिंग करें जिसमें अपने बहन भाइयों और पापा को भी ले सकते हैं।माँ के साथ उसके बारें में सलाह लेते रहिए और इस तरह कितना सारा समय आप माँ के साथ बीता पायेंगे।
माँ के साथ समय कैसे बिताएं पर सुविचार लेख
31.
पिकनिक पर साथ में घूमने जाएँ
पिकनिक पर जाना किसी को पसंद होता है और वो भी तब जब उसे बच्चों ने प्लान किया हो।सारी व्यवस्थाओं में अपना साथ डे और सबकी जरूरत के अनुसार सामान भी रखने में मदद करें।
अब बाहर पिकनिक पर माँ के साथ वक्त ही वक्त का भरपूर आनंद लें। जाने से पहले अगर उस स्थान के बारें में पढ़ कर जाएँ तो एक अच्छे गाइड की तरह उस पिकनिक को यादगार भी बनाएं।
32.
पसंद की डिश बना कर दें
रसोई में सिर्फ माँ ही काम करे,ऐसा कोई नियम किसी किताब में तो नहीं लिखा है और माँ ही हमेशा आपकी पसंद का ख्याल रख कर व्यंजन बना-बना कर खिलाती रहें।क्या यह सही बात है ?
माँ की पसंद की कोई डिश अब आप उन्हें बना कर खिलाए और फिर उनके ख़ुशी के जज्बातों को महसूस करिए। वो इस बात से ही रोमांचित हो जाएँगी कि आपको उनका कितना ध्यान है। खाना बनाएं और संग में माँ संग समय बिताएं।
33.
उनके लिए जन्मदिन पर कोई सुंदर सा तोहफा दें
क्या कोई ऐसा जन्मदिन आपको याद है जो माँ ने ना मनाया हो और उत्साह से ना मनाया हो। शायद कोई ऐसी सालगिरह हुई ही नहीं होगी।
माँ के जन्मदिन को एक शानदार और यादगार दिवस बनाने में कोई कोर कसर ना छोड़िये। माँ के जन्मदिन पर एक सुंदर सा तोहफा ला कर दीजिये जिसे देख कर वो बच्चों सी खिलखिला उठें।अब माँ के साथ उस तोहफे को कैसे पसंद की सारी कहानी शेयर कीजिये।
34.
उनके बचपन की कहानिया सुनें
बचपन की कहानियां सुनाना हर व्यक्ति को बहुत पसंद होता है। माँ का बचपन तो वैसे भी किसी राजकुमारी से कम थोड़े ही था।बहुत नफासत और नजाकत से नाना नानी ने उन्हें पाला था।
माँ जब भी अपने बचपन की बातें सुनाती है तो मानों वो किसी हसीं से सपनों में खो जाती हैं। माँ से समय निकल उन्हें उनकी खूबसूरत दुनिया में ले जाइए और ढेर सारा टाइम उनके साथ लगाइए।
35.
उनके जीवन की सफलताओं के बारें में जानें
शादी के बाद माँ जो अपने जीवन में सफलता के शिखर पर थी और उनके सारे मेडल्स और सर्टिफिकेट अब बंद संदूक में रखे हुए थे,उनको याद कर उनकी आँखों में एक चमक आ जाती है।
उस बंद संदूक को खोलिए और उनके हर सफलता की कहानी में इंटरेस्ट दिखाएँ और एक बहुत ही प्यारा सा समय उनके साथ बिताएं।
उनकी रूचि को व्यवसाय में बदलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं
माँ जोकि पूरे परिवार में गुणों की खान कही जाती हैं,पर अपने गुणों को भूल सी गयी है या गृहस्थी में इतनी मशगूल हो गई की उन्हें फुर्सत ही नहीं मिली की अपने गुणों को निखार पाएं।
आप उन गुणों को एक व्यवसाय में बदलने में उनकी पूरी मदद कर सकते है ताकि जीवन में उन्हें आत्म-निर्भर हीओने के साथ ही अपने पैरों पर खडें होने का सुख भी महसूस हो। इन सब में माँ से बहुत बार बहुत लम्बी बातचीत करनी होगी जो आपके किसी इंसेंटिव से कम नहीं होगा।
ननिहाल के बारें में बातें करें
ननिहाल से बच्चों को एक विशेष प्रकार का स्नेह व दुलार मिलता है। माँ के प्रति यह उन सबका आदर भी दिखाता है। माँ अपने मायके वालों के प्रति संवेंदनशील भी ज्यादा होती हैं।
अपने ननिहाल पक्ष के प्रति आपकी ममता दिखनी चाहिए और एक दायित्व भी। उनका हालचाल जानना और जरूरत पड़ने पर सदा ही माँ के साथ उनके लिए करने का भाव भी। माँ आपसे इस बारें में बातें करेंगी और समय बिताने के साथ-साथ जिम्मेदारी भी आपमें आएगी।
38.
उनकी सहेलियों के लिए सरप्राइज पार्टी का आयोजन करें
माँ और उनकी सहेलियों की बातें। उफ्फ! तौबा,कभी खत्म ही नहीं होती है। सारे दिन उनसे उनकी सखियों के बारें में बाते करते रहें तब भी उनकी बातों का पिटारा।
माँ के साथ समय व्यतीत करने के लिए यह विषय सबसे बढ़िया रहेगा। बस थोड़ा सा जिक्र करिए और जब तक जी चाहे ढेर सारी बातें करिए।
39.
उनके द्वारा दिए गए मानवीय मूल्यों की प्रशंसा करें
आज आप जो भी बन पाएं है वो माँ के उत्तम संस्कारों से ही बने हैं।समाज में जब आपकी तारीफ होती है तो वह माँ के द्वारा दिए गए मूल्यों के बदौलत हीतो है।
माँ के साथ समय मिलने पर अपना आभार जताएं और उनकी प्यार भरी परवरिश और जीवन के लिए दिए गए सुंदर मूल्यों की प्रशंसा दिल खोल कर करिए।उनके अनुभवों से खुद अपनी संतान के लिए भी इन मूल्यों को देने के तरीके सीखिए।
40.
शिकायतों को सकारात्मक रूप दें
माँ के साथ जब भी समय मिलता है तो बच्चे शिकायतों का ढेर लगा देते है और जाहिर सी बात है किसी भी माँ को यह बिलकुल बी अच्छा नहीं लगेगा कि पूरी जिन्दगी देने के बाद भी शिकायतें।
माँ से मिलें तो अपनी शिकायतों को सकारात्मक रूप से रखें और आप उनके लिए क्या करते आएं है या क्या कर सकते हैं या माँ को कैसे पसंद आएगा,इस प्रकार से रखें और यह सर्व सत्य है कि सही समाधान और निवारण भी माँ से ही मिलेगा। समय थोड़ा उनके साथ लगाये।
41.
उनके ज्ञान के खजाने से अनुभव प्राप्त करें
माँ स्वयं में एक अद्धभुत ज्ञान का खज़ाना लिए होती हैं जिसमें रोजमर्रा की समस्यों के समाधान,रिश्तों के प्रति उदारता का भाव,सहनशीलता और कम बोलने के गुण समाए हुए होते हैं।
माँ से ढेर सारी बातें करें उनके साथ क्वालिटी समय बिताएं और जीवन को सही और सुंदर ढंग से जीने के गुर सीखिए।आप हैरान हो जायेंगे कि धीर- गभीर माँ स्वयं में एक महाकाव्य से कम नहीं है।
online दुनिया से माँ को परिचित कराएँ
माँ के समय online नाम की कोई पढाई थी ही नहीं और जो थी उस समय यह कितनी उपयोगी होगी,इस की जानकारी आम तौर पर नहीं नहीं थी। आज इसके बिना अच्छा खासा व्यक्ति भी कम पढ़ा लिखा सा महसूस करता है।
माँ को अपने फ्री टाइम में online कैसे इस्तेमाल करना है सिखा दीजिये और साथ में उनके साथ समय भी लगाइए। माँ भी खुश हो जाएँगी एक नयी चीज़ सीख कर और आपको भी अच्छा लेगा की माँ दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही हैं।
43.
महिलाओं के सशक्तिकरण के बारें में जानकारी दें
माँ यूं तो टी.वी की ख़बरों को सुनती रहती हैं पर कई बार अपने कामों में इतनी व्यस्त होती हैं कि चाह कर भी ठीक से नहीं जान पाती हैं।आज महिलाओं के लिए सर्कार द्वारा कितना कुछ किया जा रहा है,पूरी तरह से उन्हें जानकारी नहीं है।
बस माँ के सह समय निकालिए और नयी नयी जानकारी और खासतौर पर महिलाओं के सशक्तिकरण के बारें में बताइए। माँ को बहुत अच्छा लगेगा और स्वयं में वो एक सुखद परिवर्तन महसूस करेंगी।
माँ के संग बिताएं गए पलों को यादों में सहेजे
माँ के साथ जब समय बिताते हैं तो कई बार बहुत सी अनोखी और अच्छी जानकारियां भी मिलती हैं। कुछ समय बाद हम भूल जाते हैं और जीवन में जब उस बात को समझते है या ओरोयोग करते हैं तो माँ उस समय कई बार साथ नहीं होती हैं।
ऐसी सुहाई यादों को सहेजे और किसी पत्र द्वारा या किसी कार्ड द्वारा धन्यवाद जरुर दें और गर्व महसूस करें भी और माँ को भी कराएँ कि आप भाग्यशाली है जो उन जैसी गुणी माँ का साथ मिला।
45.
माँ के लिए उनकी फोटोज को एक frame में करके दें और चर्चा करें
माँ की न जाने कितनी सारी ऐसी फोटोज होंगी जो उन्हें भी याद नहीं होंगी और वो अगर उन्सब्को एक frame देखेंगी तो निश्चित रूप से प्रसन्न हो जाएँगी।
आप क्या सोच रहें हैं ?बस उन सब फोटोज को एक साथ इक्कठा कीजिये और एक सुंदर से frame में सजा कर उन्हें किसी मौके पर गिफ्ट करने जाइए और फिर एक बहुत ही गरमजोशी वाले वातावरण में बैठ कर देर तक बातें करिए।
माँ के साथ समय बिताना-एक सुंदर ख्याल है
46.
माँ को अकेलेपन में व्यस्त रहने के तरीके बताएं
बच्चे बदें क्या हुए,एक पक्षी की भांति उड़नछू हो इधर-उधर नौकरी की वजह से दूर चले जाते हैं। एक भरा-पूरा घर एकदम से सुनसान हो जाता है। बच्चों के बिना माँ उदास रहने लगती है।
आपकी जिम्मेदारी बनती हैं कि उन्हें अकेलेपन से झूझने के लिए न छोड़ें वरन उन्हें व्यस्त रहने की अनेक योजनायें बताएं जैसे गरीब बच्चों को घर पर निशुल्क पढ़ाना,घर में कोई छोटा सा उद्योग को विकसित करने का विचार। माँ के साथ उनकी भावी योजनाओं में कितना समय बीतेगा।
47.
कुछ नया सीखने के लिए मदद करें
अब तक माँ आपको कुछ न कुछ नया सिखाती आई थी अब उल्टा हो गया है। है न मजेदार बात।कितना कुछ नया है हर तरफ सीखने को।
माँ से बात करिए और जानिए कि ऐसी क्या चीजें है जो वो अपने खली समय में सीखना चाहती हैं। अब समय तो लगाना ही होगा न,यह सब जानने के लिए तो बस बन गया काम।
48.
दिनचर्या से हट कर उन्हें पार्लर ले जाएँ
हर माँ के लिए उनका बच्चा सब्सरे ज्यादा खूबसूरत होता है और ठीक ऐसे ही हर बच्चे के लिए उसकी प्यारी मम्मा। माँ की सुन्दरता के चर्चे बहुत होते है और लोग उनसे इस बात की जानकारी भी पूछते रहते हैं।
माँ को यूँ तो पार्लर जाने की जरूरत है तो नहीं पर चिर युवा दिखने के लिए कभी-कभी पार्लर जा कर उनकी सलाह लेने में व कुछ नए तरीकों से अपनी त्वचा और बालों को नया रूप देने में बुराई भी क्या है? तो माँ के लियए पार्लर कराइए बुक और फिर बैठ कर उनका अनुभव सुनिए।
49.
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारें में सलाह लें
आपने न जाने अपने लिए कितने सारे सपनें बुन रखे होंगे और उन्हें कैसे हासिल करना है इसके लिए बहुत सी योजनायें बना रखी होंगी।आज के डिजिटल दुनिया में जानकारी को एकत्र करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है।मुश्किल फिर क्या है?
माँ से बात खुल कर नहीं हो पाती है। क्यों है ऐसा क्योंकि आप ने स्वयं को बिजी ही इतना अधिक किया हुआ है। माँ के साथ सारी योजनायें शेयर कीजिये और उनके चेहरे के भाव आपको सही दिहा भी देंगे और आपकी शेयरिंग उन्हें ख़ुशी भी।
50.
सोशल मीडिया पर बेकार का समय न बिताएं
सोशल मीडिया आज की सच्चाई है जिसमें छोटे बड़े सभी लगे हुए हैं। माँ भी सोशल मीडिया पर नज़र आती रहती हैं पर पहले उनका घर और बच्चे ही हैं।
माँ से बातें करने का समय निकालिए और सोशल मीडिया पर टाइम को फिक्स समय दें ताकि आप अपनी करुणामयी माँ का सानिद्ध्य ज्यादा हासिल कर पाएं।
माँ को अपने दोस्तों के बारें में जरुर बताएं
आज समाज में नकारात्मकता बहुत है और हर माँ को यह चिंता भी सताती रहती है कि कहीं उनके बच्चे गलत लोगों से दोस्ती करके गलत राह पर न चले जाएँ।यह स्वाभाविक भी है।
आप अपने दोस्तों और उनके परिवार को माँ से मिलाएं और उनके घरों में माँ को भी लेकर जाएँ ताकि वो जान पाएं कि आखिर किन लोगों के सथाप का उठाना बैठना है। माँ अगर कुछ गलत लगेगा तो समय रहते आपको आगाह भी कर देंगी। माँ को ही दोस्त बना लीजिये और दिल की बातें शेयर करिए।
52.
माँ के गुणों की तारीफ करें और नया रूप दें
माँ के विशेह गुणों को जो आप ने एक बच्चे के रूप में पाया और सराहा है। ऐसी आदतों को आप अपने मीठे शब्दों से नए रूप में कहिए।
माँ तो वैसे ही ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है पर जब आप उनके बारें में सोचते हैं और दिल से खूबसूरत अल्फाजों से कहते है तो माँ का दिल आपके प्रति और ज्यादा ममता से भर जाएगा और माँ के साथ समय ओर भी बढ़िया बीतेगा।
53.
कोई एक समय पारिवारिक समय के रूप में रखें
घर में किसी भी समय किसी से बात करने में कोई पाबन्दी नहीं होती है पर फिर भी सब लोग एक साथ मिल कर बैठ कर बात ही नहीं कर पाते हैं।चाहते सभी है कि एक दूजे से अपने अनुभव शेयर करें।
बस माँ के साथ मिल कर अपनी चिंता को रखिए कि परिवार में सबको एक साथ मिलने का क्या वक्त रखा जाए ताकि आपसी रिश्तों में आत्मीयता बनी रहे।आपका सुझाव माँ को आपसे अधिक बात करने का मौका भी देगा।
माँ के साथ कैसे समय बिताएं पर इस ब्लॉग में बहुत से विचार व्यक्त किये है।आज ही पढ़िए माँ के साथ समय कैसे बिताएं पर बेहतरीन सुझाव और अपनी जिन्दगी को एक नया मुकाम दें। COMMENT BOX में क्या अच्छा लगा बताइए भी जरुर।
एक कविता माँ के नाम-तुम्हारे संग गुज़ारे वो लम्हे माँ
तुम्हारे संग गुज़ारे वो लम्हे माँ थे मेरे यादगार लम्हे
चुराए मैंने और यादों की पोटली में संग बाँध लिये।
मन को घेरती जब भी रिक्तता,एक सूनापन एक उदासी
ठंडी हवा के झोंके से,मानों जादुई रंग आसपास बिखेर दिए।
अचार की सौंधी ख़ुश्बू वो मीठी चटनी की मीठी महक
बचपन के बस्ते से निकल आफिस के पर्स में जगह लिए।
मातृत्व की डगर पर इमली की खट्टी चटकार के क्या कहने
नख़रे उठाने की तुम्हारी आदत अब भूली-बिसरी सी बातें लिए।
माँ हर पल हर लम्हा यूँ तुझे देखने को अब नयन तरसते हुए
अब उन यादों के सहारे जीने की कला को हम भी सीख गए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।