माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं यानि दुनिया के सबसे पवित्र,आत्मीय और खूबसूरत रिश्तें में ईश्वर की सबसे अनुपम कृति मतलब माँ के साथ भरोसे का संबंध पर बच्चे के हृदय में ख्याल का आना ही स्वयं में एक बेहद ही नेक और संस्कारित गुण है,जिस पर कोई भी जननी गर्वित महसूस करेगी।

बस आज इस पर चर्चा  करते हैं और माँ को गर्वित करते हैं।

 माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं,खुले दिमाग व सीधी बात से दिल के जज्बात दिखाएँ 

 

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं पर 67 नायाब तरीके 

1.

रिश्ते की अहमियत को समझे 

माँ के साथ जन्म से पहले ही उनकी पवित्र कोख में ही एक ऐसा विश्वास का रिश्ता बन जाता है जो ताउम्र ममता व् करुणा और मधुर प्यार की डोर में बंधा रहता है।इस की अहमियत को हृदय की गहराइयों से समझना और आदर देना परम धर्म व कर्तव्य रहना चाहिए।

 

2.

भरोसा करने वाले काम करें 

अगर किसी काम के लिए आपने कहा था तो बिना याद दिलाए वह कार्य खुद करें।बैंक सबंधित पेपर्स या कोई अन्य डाक्यूमेंट्स को करने की जिम्मेअदारी अगर आपको दी गई हो तो समय पर उसे पूरा करें।जब एक जिम्मेदारी से कोई भी काम खुद किया जाता है तो ही भरोसा बनता है,इस बात को हमेशा याद रखें

 

3.

माँ के भरोसे को कभी न तोड़ें

अपने बच्चों पर माँ को सबसे ज्यादा भरोसा होता है और किसी भी वजह से जब यह यकीं टूटता है या तोड़ा  जाता है तो वह क्षण माँ के जीवन में सर्वाधिक पीड़ादायक बन जाता है।जीवन के प्रति निराशाजनक ख्याल और विरक्ति तक हो जाती है।ऐसा कदापि न करें।

 

 4.

पितृसत्तात्मक व्यवस्था में सुधार लायें 

पितृसत्तात्मक व्यवस्था में आप ही माँ के जीवन में एक नयी उम्मीद और आशा का संचार कर सकते हैं।घरों में कुछ ऐसी कुरीतियाँ आ गई हैं जहाँ कभी धर्म के नाम पर तो कभी परम्परा के नाम पर माँ को हमेशा कुर्बानी देने के लिए उकसाया जाता है।माँ के लिए सुंदर व्यवस्था बनाने में आगे बढ़ें।

 

5.

 माँ को सशक्त बनाएं 

माँ को सशक्त बनाने में कोई कोर कसर न छोड़ें।माँ के सशक्तिकरण के लिए उनमें एक आअत्म्विश्वस लाना होगा।यदि शिक्षित नहीं हैं तो फिर से उनके पढने लिखने का इंतजाम करें।उनकी बात सुनी जाएँ इसलिए हर हाल में उनके साथ खडें हो,एक अटूट शक्ति के साथ।माँ के सशक्त ही बिना एक मजबूत घर की कल्पना भी नहीं हो सकती है।

 

6.

माँ के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं 

आज की बेहद भागा-दौड़ी जिंदगी में अगर किसी चीज़ की कमी है तो वह है सबके पास समय की कमी।खुद को इतना व्यस्त कभी भी न बनाएं कि फिल्मों की तरह माँ को बच्चे से बात करने के लिए टाइम का समय तय करना पड़ें।कोई एक टाइम निश्चित करे और माँ संग क्वालिटी टाइम को जरुर बिताएं।

यह भी पढ़ना न भूलें

|माँ के साथ कैसे समय बिताएं पर अनूठे सुझाव|

 

7.

माँ को स्नेह भरा स्पर्श महसूस कराएँ 

माँ ने हमेशा अपने प्यार भरे ममत्व के स्पर्श से आप में एक प्रेरणा और हिम्मत को बढ़ाया है और अब आपकी बारी है।एक प्रेम भरा स्पर्श माँ के तनाव को कम कर उनमें सुखद अहसास को भरते हैं। टच थेरेपी शरीर के लिए रसायनिक मैसेंजर का काम करके आपस में एक सुरक्षित विश्वसनीय भाव को पैदा करता है।

 

8.

माँ की चिंता को चिंतन में बदलें 

चिंता चिता समान सच में यह बात सोलह आने सत्य है अनावश्यक चिंता माँ के तनाव को बढ़ाएगा ही,इसलिए माँ की चिंता को जानने की कोशिश करें।माँ को यह विश्वास रहना चाहिए कि आपके रहते उन्हें जीवन में कभी भी कोई भी चिंता नहीं होगी क्योंकि आप है हैं न साथ में उनके संकटमोचक। 

 

9.

माँ को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानें

जन्म से जुड़ा हुआ है माँ के संग साथ का गहरा नाता।आपको माँ से बेहतर और माँ को आपसे बेहतर कौन जान सकता है।एक सच्चे दोस्त की भांति माँ किसी भी हालात में एक चट्टान की तरह अडिग होकर जो साथ देंगी वो ओर कोई दे ही नहीं सकता है।दोस्त बन कर माँ से दोस्ती करिए और खुश रहिए और माँ को भी खुश रखिए।

 

10.

माँ को अपना करीबी राजदार बनाएं

माँ को जब अपना सबसे करीबी और सबसे ज्यादा मित्र बनाया हैं तो उनसे कोई राज न छुपायें।माँ के पास जीवन का ऐसा अद्धभुत खज़ाना होता है जिसमें हर परेशानी का हल मिल जाता है।माँ क्योंकि एक स्वाभाविक रूप से आपसे जुडी हुई हैं तो किसी भी परिस्थिति में वह राज किसी को कभी नहीं पता चलेगा।

 

11.

माँ को जादुई झप्पी दें 

माँ से गले लग कर या उनकी झप्पी से एक बेहद सुकून भरा अहसास होता है तो उसी कोमल मधुर जज्बात को माँ को भी तो अहसास कराएगा।जादुई झप्पी में सच में जादू भरा लगाव का अहसास होता है जो सिर्फ माँ और आप ही समझ सकते हैं।इसी जादूगिरी का इस्तेमाल करके माँ के दिल में विश्वास का रिश्ता मजबूत करें।

 

12.

घर में दुखद घटना पर माँ के साथ रहें

जीवन में सुख और दुःख साथ साथ आते जाते रहते हैं और ऐसे में माँ के साथ आप किस तरह से साथ देते हैं यह बात आप के रिश्ते को मजबूती देगा या आपसे मन हटेगा।माँ का मन जब बहुत परेशां है तो बिन कहे उनके साथ बैठना,उनके लिए चाय बना कर जिद करके पिलाना,बातें करते रहना,उन्हें अकेले न छोड़ना,यह सब रिश्ते को एक प्रेम भरे रिश्ते की पहचान है।ध्यान दें।

 

13.

परिवार एकसूत्र में बंधा रहें,इसे बनाने में सहयोग दें 

माँ जिन्हें परिवार को एकसूत्र में बांधना आता है और ऐसे में जब आप उनके प्रयासों की प्रशंसा करते है व स्वयं भी उनके साथ लगे रहते हैं तो माँ के मन में आपके लिए ऐसा विश्वास का रिश्ता बनता है कि उनकी अनुपस्थिति में या उनके बाद उनका आशियाना यूँही चहकता-महकता रहेगा।अपना सहयोग दें।

 

14.

अपनी योग्यता से माँ को गर्व महसूस कराएँ 

किसी भी माँ के लिए वो पल बेहद गर्व भरा होता है जब रिश्तेदारों में,समाज में और अन्य मौकों पर उनकी संतान की योग्यता का जिक्र हों और प्रेरक रूप में हों। अपनी शिक्षा से,अपने उत्तम कार्यों से ऐसे कार्य करें जिस पर न सिर्फ माँ को अपितु सबको गर्व हों और माँ का मस्तक भी ऊँचा उठ जाएँ।

 

15.

माँ के प्रति सम्मान की भावना दिल से करिए 

माँ के प्रति सम्मान की भावना यूं तो हर बच्चे के दिल में होती ही है पर जब दिल में बेहद सम्मान से होती है तो वह आपके व्यवहार में झलकती भी हैं।रोम-रोम माँ के लिए अर्पित और समर्पित होना और दिखना भी तो चाहिए।हृदय से माँ के मन में यह विश्वास अटूट होना चाहिए कि आप उन्हें मान-सम्मान दिल से करते हैं।

 

16.

हमेशा आत्मविश्वास से बात करें 

एक आत्मविश्वास से भरी बात का अंदाज़ ही कुछ ओर होता है।माँ के विश्वास को बल और यकीं होता है कि कितने सुंदर तरीके से उनके बच्चे वाक्पटुता में माहिर हैं।अपनी बात को सबके सामने रखने में,बताने में व् सही तथ्यों सहित सबके समक्ष रखने में निपुण हैं।आत्मविश्वासी बनिए और माँ के विश्वास को भी बनाइए। 

 

17.

माँ का जीवन आसान बनाने पर विचार करें

माँ का जीवन बेहद कठिन परिस्थितियों से गुजरा है और घर गृहस्थी को चलने और बच्चों को योग्य बनाने में कड़ी मेहनत की गई है।उनका जीवन आसान बने,आरामदायक बने और सुकून भरा बन पाएं।इस पर विचार करें और माँ के मन में विश्वास को ओर नया रूप देकर मजबूत बनाएं।

 

18.

  माँ को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग दें

माँ को यूँ तो अपनी जिंदगी से कोई अपेक्षा या निराशा नहीं है पर पितृसत्तात्मक व्यवस्था में उनकी निर्भरता पिता के ऊपर रहती है जिसमें वो शायद कभी शिकायत भी नहीं करती है पर यदि वो स्वयं आत्मनिर्भर बनेगी तो यह बेहद सुखद होगा।पूरा प्रायस करें कि माँ किसी तरह स्वयं धन अर्जित कर पाएं।

 

19.

अपनी कही बात को करके दिखाएँ

अक्सर कई बार जोश में बढ़-चढ़ कर बातें कर दी जाती हैं पर समय की कसौटी पर खरी नहीं हो पाती हैं जो बिलकुल भी ठीक नहीं हैं।सोच समझ कर बात कहे और अपनी बात को पूरा करने पूरे प्रयास लगायें और करके दिखाएँ भी ताकि आप भरोसेमंद इन्सान का ख़िताब पा पाएं।

 

माँ के विचारों को जानें 

स्वयं ही किसी भी बात को जाने बिना कोई अपना मत न बना लें।माँ से उनके विचारों पर चर्चा करे और यह जानने की ईमानदारी से कोशिश करें कि वो आखिर क्या चाहती हैं।बिना पूरी जानकारी के आप का प्रयास विफल हो सकता है या सही तरीके से फलीभूत न हो पाएं।बात करिए और माँ के विचार को जान कर उन्हें पूरा करने का प्रयत्न भी हों।

 

माँ के यकीं को बनाये रखने के अद्धभुत उपाय 

 

21.

अपने व्यवहार से माँ का दिल जीतें

माँ को हमेशा अपने व्यवहार की मधुरता और मीठी बोली सी जीतें।व्यवहार एक ऐसी प्रक्रिया है जो अपनों को पराया और परायों को अपना बना देती है।आधुनिकता के नाम पर जिस तरह का बेबाक अंदाज़ आजकल प्रचलन में है बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है।अदब- कायदे अपनाइए और भरोसे को भी जताइए।

 

मीठे शब्दों से माँ का विश्वास जीतें 

कबीर का दोहा यानि ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोये,औरों को शीतल करे और खुद भी शीतल होये।यह आज भी उतनी ही सच है। मीठे शब्द किसी का मन को भी जीतने में सफल रहें है।अल्फाजों में बड़ी ताकत होती है। माँ के साथ हमेशा प्यार से आदर से बोंले और एक भरोसे का रिश्ता बनाएं।

 

23.

 माँ के हावभाव को समझें 

मन को पढ़ना जिसे आ जाएँ उस के लिए जीवन में कुछ भी हासिल करना कब मुश्किल होता है।माँ के साथ तो जन्म से जुड़ें हुए हैं तो उनके हावभाव को खुद से पढ़ना और समझना आना चाहिए।उनकी परेशानी में हल निकलना और ख़ुशी में जश्न मानना आना चाहिए।यदि आप ऐसा करते हैं तो माँ के साथ आपका रिश्ता बहुत स्ट्रोंग है।

 

24.

एक धैर्यशील श्रोता बनिए

माँ जब आप से अपनी कोई बात शेयर करना चाहें तो उस समय एक बेहद गंभीर श्रोता बन कर धैर्य से और पूरे मनोयोग से उनकी बात को सुनिए और बीच में तो बात को बिलकुल भी न काटे क्योंकि माँ ने अपनी बात कहने को बहुत मुश्किल से खुद को तैयार किया होगा।माँ को समाधान नहीं बस अपनी बात को कह देने से ही अच्छा लगेगा।यें सुकून जरुर दें।

 

25.

मतभेद रखें पर मनभेद नहीं

माँ की हर बात पर आप सहमत हों यह तो जरुरी नहीं है और बात-बेबात में कई बार वाद-विवाद बढ़ भी जाता है।अब बात तो कहने के बाद ख़तम हो जाती है पर कई बार मन में एक कड़वाहट रह जाती है ,यह स्थिति ठीक नहीं हैं।मतभेद तो चलते रहते हैं पर मनभेद कभी भी मत रखिए।यह आपसी विश्वास को बढ़ने के लिए निंतात आवश्यक है।

 

26.

असहमति होते हुए भी सहमति दिखाएँ 

असहमति के अवसर तो माँ के साथ बहुत बार आयेंगे ही पर क्या यह जरुरी है कि उन्हें उसी समय अपनी असहमति दिखा कर उनका दिल दुखाया जाए।मौन ऐसे में बहुत काम आता है और चुप रह कर या चलो फिर कभी इस बात पर चर्चा करेंगे कह कर उस समय उस बात को टाला तो जाया जा सकता है।माँ को अच्छा लगेगा और आप पर नाज होगा।

 

27.

माँ की रूचि को व्यवसाय में बदलने में सहयोग दें 

माँ की रूचि को आगा एक घरेलू व्यवसाय में बदलने में हर संभव सहयोग करें।माँ अगर आर्थिक रूप से सक्षम होंगी और आपके साथ देने से होंगी तो विश्वास का यह सुंदर रिश्ता ओर भी ज्यादा पल्लवित और पोषित होगा।यह मौका हाथ न जाने दें।जो भी संभव हो उसे हर तरीके से माँ को एक पंथ दो काज बनाने में सदा साथ दें।

 

28.

माँ के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें

जब भी परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करें तो माँ की अच्छी सेहत और लम्बी उम्र के लिए विनती करें और ऐसी प्यारी ममतामयी माँ के घर में जन्म देने के लिए दिल से धन्यवाद भी करें।माँ के बिना घर की कल्पना भी भयानक लगती है इसीलिए माँ की हंसी और उनका आशीर्वाद आप पर बना रहे,प्रभु से वरदान मांगे।

 

29.

माँ का वार्षिक चेकअप करवाएं 

माँ जोकि अक्सर अपनी सेहत को लेकर लापरवाही दिखा जाती हैं और गंभीर बिमारियों से घिर जाती हैं।हर साल एक वार्षिक चेकअप करवाना जरुरी है ताकि समय रहते ही उचित इलाज किया जा सके।स्वस्थ जीवन जीना खुद में एक गर्व की बात है।हेल्थ इस वेल्थ यूँही नहीं कहा गया है।

 

30.

माँ के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाएं 

माँ के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद अहम् है क्योंकि अगर आप माँ को आंतरिक रूप से प्रसन्न पाते हैं तो वह एक ख़ुशी भरी जिंदगी बिताएंगी जोकि न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे परिवार की खुशियों के लिए भी मायने रखती है।माँ को जो बातें परेशां करें उन्हें दूर करने की कोशिश करिए।

 

31.

 बीमारी में पूरा ध्यान रखें 

अगर माँ किसी भी वजह से बीमार हो जाएँ तो उनका हमेशा बहुत ही अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाना चाहिए।ऐसे में माँ का भावुक होना भी स्वाभाविक है और आप के द्वारा की गई सेवा माँ के हृदय को तसल्ली और आपके प्रति प्रेम व विश्वास को ओर अधिक बढ़ाएगी।मन से पूरी सेवा करें।

 

32.

माँ सुरक्षित रहें,इस ओर ध्यान दें

आजकल के असुरक्षित माहौल में माँ घर व बाहर दोनों जगह सुरक्षित रहें यह बड़ा सवाल बन गया है।घर सुरक्षा के अनेक उपकरण जैसे-अलार्म सिस्टम,सी सी टी वी,डिजिटल लॉक्स और बाहर निकलते हुए पेपर स्प्रे,एंजेल विंग अलार्म टूल, टेजर गन, चाकू शॉक इफेक्ट टॉर्च, पुलिस हेल्पलाइन न •100 याद रखें।घर पर इस बारें में चर्चा होती रहनी चाहिए।

 

33.

एक हस्तलिखित पत्र में माँ को आभार जताइए 

शब्दों में बहुत ताकत और दिल को छूने की क्षमता होती है।जब माँ को उनके त्याग,समर्पण और उनके अमूल योगदान के प्रति आभार जताते हुए अपने दिल की आवाज़ को अल्फाजों में पिरो कर अपने हाथों से पत्र लिख कर देंगे तो माँ कितनी खुश और आत्मविभोर हो जाएगी,कल्पना कीजिये।विश्वास कितना ज्यादा बढ़ जाएगा,इसे सोच कर रोमांचित हुआ जा सकता है।

 

34.

कविता द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त करें 

अगर आप कविता या शायरी लिखने का शौक रखते हैं तो बस इससे बढ़िया क्या बात हो सकती है।अपने दिली जज्बातों को कलम से कागज़ पर उतर लीजिये और दिल की अनकही बातें बयां करिए।जिंदगी में भावनाओं का बहुत महत्त्व रहता है।इसे बखूबी इस्तेमाल करें।

 

35.

माँ के सपनों को पूरा करने में मदद करें

माँ के सपनों को जानने की भरपूर कोशिश कीजिये।उहें अपनी जिंदगी को फिर से जीने का मौका मिलना चाहिए जहाँ वो अपने सुनहरी बीते समय की यादों को जी सकें और स्वप्निल ख्वाबों में लौट जाएँ।किस तरीके से उनके सपनों को जिन्दा किया जाया जा सकता है इस पर ध्यान दें।

 

36.

माँ के शौक में रूचि में दिखाएँ 

माँ खुद में ही बहुत सुघड है और ढेरों शौक भी है।माँ के शौक को कोशिश करें कि उन को व्यवसाय का रूप दें सकें।इससे उन्हें न सिर्फ अच्छा लगेगा अपितु आप के प्रति स्नेह और विश्वास भी बढेगा क्योंकि आप ने उन्हें एक नयी दिशा जो दिखाई। देर न करें,उनके शौक अपने मान पूरा करें।

 

37.

घर के कामों में हाथ बताएं 

घर गृहस्थी में माँ के पास सुबह से लेकर रात तक अनगिनत कार्य रहते हैं जिन्हें वह बिना किसी से अपेक्षा किये खुद ही करती रहती है।ऐसे में जब आप माँ का हाथ बंटाते है तो कम भी कम होता है जिसकी वजह से उन्हें आराम भी मिलता है और आप पर ओर ज्यादा प्यार और यकीं भी कि आप उनकी कितनी चिंता करते हैं।

 

38.

किसी एक काम की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से लें 

आपने माँ के कामों में साथ देने की तो सोच ली पर कभी मन हुआ तो किया और कभी मन नहीं है तो नहीं भी किया।ऐसे में उन्हें मदद नहीं मिलेगी।किसी एक काम की जिम्मेदारी पूरी तरह से आप लें ताकि माँ मानसिक रूप से उस कार्य से स्वयं को फ्री मान सकें और उस बचे हुए समय का कुछ और सदुपयोग कर पाएं।

 

.

 

39.

एक सवेंदनशील व्यक्ति बनें 

माँ के प्रति व अन्य परिवार जन के लिए सवेंदनशील बनें।माँ को यह भरोसा होना चाहिए कि जरुरत के समय आप में परिवार को सँभालने की क्षमता है और आप किसी भी संकट में एक संकटमोचक की तरह आगे बढ़ कर सब कुछ ठीक से कर लेंगे।यह विश्वास माँ को आत्मसंतोष देगा

 

40.

घर में खुशनुमा माहौल बनाने में ध्यान दें 

किसी भी घर में जहाँ खुशनुमा माहौल होता है वहां एक अलग तरह की महक छाई रहती है।आपसी व्यवहार में एक समरसता का भाव और एक दूजे के लिए कर गुजरने की फीलिंग महसूस होती हैं।घर एक मंदिर सा लगे इसके लिए छोटी छोटी बातों को दिल से न लगा कर बदें मकसद को ध्यान देना चाहिए।

 

माँ के भरोसे को कायम करने पर बेहतरीन कोट्स 

 

41.

विनम्रता से बात करें 

बातचीत में मधुरता और विनम्रता ये ऐसे अनमोल गुण हैं जो दुश्मन को भी दोस्त बना सकते हैं।माँ ने हमेशा ही एक शिष्टाचार,बड़ों के प्रति श्रद्धा भाव सिखाया है और जब वह आपके व्यवहार में झलकता है तो किसी भी माँ के लिए बहुत गर्व की बात होती है कि बच्चे उनकी परवरिश को खूब नाम दे रहें हैं।विनम्र रहिए।

 

 

 अपनी गलतियों को मानें 

अगर कोई गलती हुई है तो उसे खुले दिल से मानिए क्योंकि छिपाने से कुछ नहीं होगा क्योकिंमाँ को किसी ओर से पता चलेगा तो उनके दिल को असीम दुःख होगा और विश्वास भी डोल जाएगा तो ऐसे में बेहतर है कि खुद ही सारी बात को बता दें व अपनी गलती को मानें भी।

 

43.

गलतियों को फिर से नहीं दोहराएँ

अब आपने जब खुले दिल से माफ़ी मांग ली है और माँ की अदालत ही दुनिया में ऐसी है जो दिल से माफ़ कर भी देती हैं तो गलती को गलती से भी फिर न कभी दोहराएँ।यह बहुत ही विश्वास को सहजने की बात है ओर इसमें पुन गलती करने की कोई गुंजाइश नहीं होती।विश्वास को न तोड़ें।

 

44.

किसी भी हाल में झूठ न बोले

कई बार हो सकता है कि परिस्थिति ऐसी हो कि आप चाह कर भी सच न बोल पा रहें हों।ऐसे में जब भी आप माँ को वास्तविकता से रूबरू करना चाहेगें तो भी शायद अपनी बात को सही साबित नहीं कर पायेंगे।बेहतर है कि सच बोले ताकि आपकी बात की वैल्यू रहें और एक झूठे इन्सान की बजे आप की गिनती सत्यवादी के रूप में हों।

 

45.

इधर से उधर बातों को न करें 

ठीक इसी प्रकार बातों को अपने पक्ष में करने के लिए कभी भी बातों को तोड़ मरोड़कर न बताएं न ही कहें ।ऐसे में आपकी क्रेडिबिलिटी सदा के लिए ख़त्म हो सकती है और सच बोलने के बावजूद भी आप आना यकीं हमेशा के लिए खो सकते हैं।किसी भी हालात में जो सच है वहीँ कहें।

 

46.

अपनी कमियों पर काम करें 

कबीर ने कहा था कि जब हम खुद का आंकलन करने की सोचते हैं तो खुद में इतनी कमियां नज़र अति है कि पहले स्वयं को ठीक करने की जरूरत लगती है।जब आप अपनी कमियों को दुरस्त करने की कोशिश कर्ट हिन् तो आपकी विश्वसनीयता निसंदेह माँ की निगाहों में बढ़ेगी ही।

 

47.

माँ के लाडले राजकुमार बने

बेटे माँ के लाडले होते ही हैं अपर अपने कार्यों को मन से व् सही तरीके से करने की आदत डालें ताकि आप म के दिल के लाडले हमेशा बने रहें।आपका व्यवहार आचरण आपकी सोच ही आपको माँ की नज़रों में श्रेस्ठ बनाएगी और जीवन भर विश्वास को भी बाना कर रखेगी।

 

48.

माँ की लाडली बेटी बनें

माँ के दिल की नन्ही सी राजकुमारी तो जन्म लेते ही आप बन जाती हो पर ताउम्र इस संबंध में ऐसे ही मधुरता के लिए आपको अदब कायदा,बड़ों के प्रति सम्मान जैसी गुणों को विकसित करना होगा ताकि माँ गर्व से कहें कि मेरी लाडली सबसे जुदा और दुनिया की सबसे बढ़िया बिटिया रानी है।

 

49.

ननिहाल पक्ष से मधुरता से संबंध बनाएं रखें 

माँ को अपने मायके से बहुत लगाव है और जरा सा जिक्र होता है माँ ऐसे में भावुक हो उठती है,आँखें यादों से नम हो जाती हैं।बचपन से शादी तक का सफर उन्हें दरीचों से झांकता हुआ दिखता है। माँ को अच्छा उर विश्वास होगा जब वह बच्चों को अपने ननिहाल के लिए आदर भाव जताते हुए देखेंगी।

 

सुबह हर रोज अभिवादन जरुर करें 

माँ ने सबको अभिवादन करना सिखाया व बहुत ही प्यार से सिखाया।सुबह की भोर में सूरज की किरणों को प्रणाम करें और अपनी जननी को नमस्ते या करबद्ध हो सिर झुका कर अपना आदर व्यक्त जरुर करें।दी की सुंदर शुरुआत ही तो पूरे समय उर्जा व दिल को खुश होकर सब काम करना बताएगा।

 

51.

सोने से पहले शुभ रात्रि या प्रणाम करके सोयें 

पूरे दिन की भागादौड़ी के बाद व सोने से पहले माँ को फिर से शुभ रात्रि,गुड नाईट या नमस्ते कह कर प्रेम से अभिवादन कह कर ही सोने जाएँ।यह बात माँ को एक सुकून भरी नींद के साथ साथ एक आश्वासन भरी निद्रा लेन में सहायक होगी कि बच्चे उनका कितना ध्यान रखते हैं।

 

52.

सोने से पहले माँ ठीक है,जान कर सोयें

माँ से सोने से पहले जब शुभ रात्रि कहने जाएँ तो उनके हावभाव से यह भी सुनिश्चित करें कि वो ठीक हैं।उन्हें किसी प्रकार की चिंता तो नहीं हो रही है या कोई शारीरक कष्ट तो नहीं है।यह जरुरी है क्योंकि माँ बताती ही नहीं हैं न।यह विशेष ध्यान ही आपसी लगाव और यकीं को बढ़ाता भी है।  

 

 

53.

माँ के साथ फिल्म देखने जाएँ

माँ को फ़िल्में देखना पसंद है पर बच्चे बड़ें होकर अपनी ही दोस्त मण्डली में घूमते रहते हैं और कई बार यह भूल भी जाते हैं कि माँ को उनकी जरूरत है। म एके साथ्फिल्म देखने का प्रोग्राम बनाएं और साथ में बाहर से ही खाना खाकर आयें।माँ के लिए यह सुखद बदलाव होगा और आपके लिए ढेर सारा अतिरिक्त प्यार भी।

 

54. 

पारिवारिक भोज का आयोजन करें 

आपका परिवार के प्रति हर प्रायस माँ के भरोसे को बढ़ाएगा क्योंकि घर के प्रति लगाव अब कुछ कम होता जा रहा है।आप पारिवारिक भोज का आयोजन करें जिसमें सब लोगों को प्यार से बुलाएँ,उनके रुकने का सारा इंतजाम स्वयं करें। माँ को तो बीएस इत्मिनान से बैठने को कहें और जिम्मेदारी से आयोज्जन को सफल बनाएं।

 

55.

तीज त्योहारों में बढ़ चढ़ कर भाग लें

तीज त्यौहार किसी भी संस्कृति का सुंदर हिस्सा होता है।अपनी रूचि भी बढ़ चढ़ कर दिखाएँ और कुछ नए दंग से प्लान करें ताकि उत्सव को यादगार बना सकें।त्यौहार से जुडी कहानियां सुना सकते हैं,रीतियों पर चर्चा करके कुछ नया तरीका पाना सकते है बशर्ते सबकी सहमति हों और खासतौर पर माँ की।

 

.

56.

माँ के जन्मदिन को यादगार बनाएं

माँ ने आपका हर जन्मदिन खूब अच्छे से मनाया है और आज आपकी बारी है तो घर में सबसे साथ मिलकर कुछ ऐसा प्लान बनाएं कि माँ खुद भी हैरान हो जाएँ कि क्या उनके छोटे से बच्चे अब इतने बड़े हो गए हैं कि अलग तरह के आयोजन खुद ही और वो भी उनसे छिप कर कर बना सकते है।

 

57…

घर के स्पेशल मौकों पर संग रहें 

घर में न जाने कितने मौके आते हैं और आप अगर नदारद हैं तो माँ को बिलकुल भी अच्छा नहीं लगेगा।चाहे जो भी हो घर के स्पेशल मौकों पर मौजूद रहें व खुद भी खूब मौज मस्ती करें व सब लोग भी एन्जॉय करें,ऐसे गेम्स या कुछ ओर भी प्लान कर सकते हैं।

 

 58.

माँ के लिए कस्टमाइज पर्स या बैग बनवाएं 

माँ के लिए कस्टमाइज पर्स या बैग बना कर या बनवा कर उन्हें गिफ्ट जकर सकते हैं बिना किसी मौके का इन्तजार करके।खुशियाँ मानाने के लिए किसी खास दिन का क्या वेट करना जब दिल खुश बस उसी दिन को स्पेशल बना डालिए।कोई भी पल खास पल बन जाता है जब उसे हम खास बनाने का सोचते हैं।

 

59.

माँ को उनकी पसंद की ज्वेलरी गिफ्ट करें 

माँ को गहने पहनना और खरीदना पसंद है तो बस इस बार कुछ अलग सा करिए।उनके नाम के पहले अक्षर की चैन या सेट बनवा सकते हैं।माँ जब भी वह गहना पहनेगी तू उन्हें आपकी याद आएगी और विश्वास भी बढेगा क्योंकि यकीन चीज़ खरीदने से नहीं उसको लेने का जो ख्याल आपके मन में आया व स्पेशल बनवाने का विचार तो दिल को छुएगा ही।

 

60.

बहन भाइयों की पढाई में मदद करें

अपने छोटे बहन भाइयों की पढाई या उनके कैरियर को बनाने में पूरी मदद करें।माँ के लिए यह बहुत ही ज्यादा ख़ुशी की होगी कि आप अपने सहोदर का कितना ध्यान रखते हैं और सिर्फ अपने लिए ही नहीं सोचते है बल्कि सबके लिए आदर्श और प्रेरणास्त्रोत भी है।

 

माँ के विश्वास को हासिल करने के शानदार सुझाव 

 

 

61.

माँ को ऑनलाइन दुनिया से परिचित कराएँ

अब जिसे देखो,जिधर भी देखो हर काम ऑनलाइन ही हो रहा है।माँ ने क्योंकि यह पढाई अपने समय में थी ही नहीं,इसलिए की भी नहीं।औरों पर वह क्यों निर्भर रहें,आप खुद आगे बढ़ कर उन्हें यह सब कुछ उसी लगन से सिखाएं जैसे उन्होंने बचपन में आपको पहला अक्षर पढ़ना लिखना सिखाया था।माँ को आज की दुनिया से कदमताल करवाएं।

 

  

 

62.

अपनी बात को स्पष्ट रूप से करें 

कई बार माँ को दुःख न पंहुचें यह सोच कर अपनी बात नहीं कहते पर हमेशा अपनी मन की बात को स्पष्ट और धैर्य के साथ पूरे तथ्यों सहित माँ को बता दें ताकि किसी से ओर से पता चलने पर कोई ग़लतफ़हमी न हों।माँ तो बिना कहें आपकी बात को समझती है अपर आपके बताने से विश्वास ओर भी ज्यादा करेंगी।

 

63.

दूर होने पर भी फ़ोन से बात करते रहें 

माँ का बच्चों पर विश्वास बहुत गहरा होता है पर दूर जाने पर जब बच्चे अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाते ही तो माँ का दिल दुखता है तो ऐसा बिलकुल भी न करें।अपनी सृजनहार को हमेशा फ़ोन द्वरा या विडियो कॉल से बात करें,उनके हालचाल पूछें।माँ के विश्वास पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए।

 

64.

माँ से ही मदद करने का तरीका पूछें 

माँ की मदद करने का आपका बहुत मन है पर कई बार यह ही समझ नहीं आता कि मदद आखिर करें कैसे और किस रूप में। बेहतर होगा कि खुद माँ से ही जान लें कि किस तरह से उन्हें सहायता की जा सकती हैवमा जरुर कोई न कोई रास्ता दिखाएंगी।विश्वास भरे रिश्ते में नयापन भी नजर आएगा।

 

65.

माँ की सहेलियों को सरप्राइज पार्टी पर बुलाएँ 

अपनी हमउम्र सहेलियां तो माँ की जान हैं और घंटों उनसे फ़ोन पर बात करते हुए माँ कहीं खो सी जाती हैं,शायद अपने बचपन की बेफिक्री में या उनके साथ मीठे गुजरे वक्त की कड़ियों को जोड़ने में।बस आप उनकी हमराज सहेलियन के लिए एक सरप्राइज पार्टी रखें और उन सब की चुलबाजी का आनंद ले और माँ को मस्ती करते हुए देखें।

 

66.

माँ को बाजार घूमाने ले जाएँ 

माँ के साथ बाजार जाएँ और ढेर सारी शौपिंग करें भी और माँ को भी करवाएं।मार्किट में घूमना और बचपन की तरह किसी चीज़ को लेने की जिद माँ को आची लगेगी और जिद करके आप भी माँ के लिए कुछ स्पेशल दिलवाए।छोटी छोटी खरीदारी का भी अपना एक अलग अंदाज़ करके दिखा सकते हैं।माँ और आप और बाजार की अनेकों चीज़े। खूब सारी शौपिंग माँ को करवाएं।

 

67.

पेड़ पौधों में पानी दें 

माँ की अपनी एक छोटी सी बगिया है जहाँ वो जाकर इतनी खुश होती है मानों उन्हें वहा कोई खोय हुआ खज़ाना मिल जाता हो।सच में वहा खुशियों का एक अद्धभुत संसार होता है जहाँ हरे-भरे पेड़ पौधें स्वागत में झूम-झूम कर गीत गाते हुए प्रतीत होते हैं।माँ संग इन खूबसूरत पेड़ पौधों को पानी दें,बातें करें,सुखद महसूस होगा।

 

माँ के साथ कैसे विश्वास का रिश्ता बनाएं,इस ब्लॉग में 67 बेहद आसान और सरल उपायों द्वारा बताने की कोशश की है।पढ़िए कि माँ के साथ कैसे भरोसे को कायम करने के सुझाव ।COMMENT BOX में अपनी राय भी जरुर शेयर करिए।