माँ को धन्यवाद कैसे कहें – माँ-प्यारी माँ-मेरी माँ| मेरी जननी मेरी मार्गदर्शिका,मेरी हमराज,मेरी सबसे अच्छी सहेली,बस अगर आप का हृदय भी ऐसा सोचता है और उनको धन्यवाद करने की इच्छा करे,कोई नायाब सा तरीका ढूंढे तो बस यह बात तय है कि आप सच में उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाह रहें हैं।
बहुत सारे विचार मेरे दिलों- दिमाग में आ रहे हैं -चलिए आप के साथ शेयर करती हूँ।
(ब्लॉग के अंत में कविता को जरुर पढ़िए)
माँ को धन्यवाद कैसे कहें-अपनी भाव भंगिमा से प्यार जता के दिल से कहे
माँ को धन्यवाद कैसे कहें के 37 सरल उपाय
1.
गले लग कर एक प्यार भरी झप्पी देकर
प्यार भरी जादू की झप्पी यानि अंतर्मन के दिली जज्बात को अहसास कराने का अंदाज़। माँ की धड़कनों में मासूम दिल हमेशा दुनिया की सबसे सुरीली लय को सुनता है समझता है और कितना भी परेशां हो,मन शांत हो जाता है|।
जब माँ के गले लग बस आँखें मूँद कर निशब्द भी होते हैं न,तब भी हर माँ खुद को बहुत खुशनसीब मानती है| माँ की सारी चाहतें,सारी हसरतें उसकी अपने बच्चों के आस-पास ही घूमती हैं|
आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में बस एक छोटी सी जादू की झप्पी हैं बड़े काम की| आजमा कर जरुर देखिये|
2.
एक कविता या शायरी लिख करअपनी भावनाओं को जाहिर करें
सोचिये तो जरा-जब दिल से अपनी बात को माँ के प्रति एक मीठा सा सन्देश देने का मन हो तो ऐसे में चाहे 2 पंक्तियों की उम्द्दा शायरी हो या शब्दों के मधुर भावों से सजी कोई कविता हो|
दुनिया की शायद ही कोई माँ हो जो इस बात के ख्याल से झूम न जाएँगी कि उनकी संतान उनके लिए कविता या शायरी लिख सकती है।तो देर किस बात की,कलम उठाइए और लिख डालिए अपने दिल के खूबसूरत जज्बात जो आप अपने दिल में रखते है।
3.
माँ- शुक्रिया- इस दुनिया से रूबरू करने के लिए
ईश्वर की प्रतिमूर्ति माँ को कोटि कोटि प्रणाम और नमन क्योंकि आप ही हमें इस दुनिया में न सिर्फ लायी हो अपितु इस जहाँ में रहने के काबिल बनाने के लिए, तौर-तरीके सिखाने के लिए,रूबरू करने के लिए धन्यवाद यूँ तो बहुत छोटा शब्द है पर आप स्वीकारिये तो बहुत अच्छा लगेगा।
माँ आप हैं तो इस दुनिया को जीत लेंगे क्योंकि आप की दी हुई शिक्षा-दीक्षा बहुत उत्तम कोटि की है जिस के सहारे ही सबके दिल को जीत लेंगे।
https://www.mothersdaycelebration.com/books-on-mothers.html
4.
एक खुशहाल बचपन और सुंदर जीवन के लिए कोटि- कोटि धन्यवाद
बचपन के दिन ही हर व्यक्ति की खुशियों के खजाने को लिए होते हैं।एक प्यार-दुलार भरा वातावरण जब घर से शुरू से ही मिलता है तो एक सकारात्मक व्यवहार, व्यक्तित्व का अहम् हिस्सा बन खुदबखुद जीवन पर्यंत खुशमिजाज स्वाभाव बनता है और हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पर सोच रही हूँ कि जो ईश्वर द्वारा दिया गया सर्वोत्तम व् सबसे कीमती उपहार हमारी जननी है,पर हाँ कभी शुक्रिया या थैंक यू भी कहना होता है-अपनी जीवनदायिनी को,अपनी सृजनहार को,अपनी गमगुसार को-ऐसे कभी ख्याल ही नहीं आया
5.
माँ हैं तो घर में रौनक है-शुक्रिया प्यारी माँ
बस घर में माँ के चेहरे की लकीरों को कभी पढने की कोशिश करिए,बालों में झलकती चांदी को परखिये।माँ न हो तो घर एक दिन में ही मुर्दाघर सा लगता है। एक वीरानी छा जाती है।
बाहर से आकर माँ ना दिखाई दें तो कितना अजीब सा सब ओर नज़र आता है जैसे बिन आत्मा के शरीर।बस इस ईंटों के बने मकान को घर नामक खूबसूरत अहसास देने के लिए,अपनेपन से भरे माहौल के लिए, हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।
6.
एक प्यार भरा पत्र लिखिए
.धन्यवाद जताने के एक बहुत ही पुराना पर बहुत ही कारगर तरीका है कि उन्हें एक मधुर भाव से ओतप्रोत पत्र लिखिये।आमने-सामने अक्सर अपने मनोभावो को हम कई बार वयक्त नहीं कर पाते है और ऐसे मे जब लिखते है न तो शब्दों मे बेहतर कह जाते हैं।
अपनी भावनाओं को एक खूबसूरत नाम दे सकते हैं।उनके अथक प्रयासों के लिए,अनवरत दिन-रात की मेहनत के लिए,आपके सपनों में पूरी लगन के साथ होने के लिए, अपने जज्बातों को शब्दों में पिरो कर व्यक्त जरुर करिए।
7.
अपनी और उनकी फोटोज को फ्रेम करा कर
अब तक माँ आपको समय-समय पर जन्म से अब तक की ली गई अनेकों फोटोज दिखाती रहीं होंगी और साथ में उन से जुड़ीं मीठी यादें भी दोहराती होंगी।
आज के मोबाइल में तो जब भी जहाँ देखो, जिसे देखो सब फोटो लेने में व्यस्त दिखते हैं एक दीवानगी सी हर ओर नज़र आती हैं।सोशल मीडिया पर रील बना कर अपनी घटनाओं को प्रदर्शन करने में।
पर माँ को भी दिखाई कभी- भूल गए- ना-भूलने की बात है ही नहीं।
8.
अपने स्टेटस् पर उनकी फोटो लगाना
आज हर कोई अपनी तरह-तरह की फोटोज, अपनी सफलताओं को, अपने status पर लगाना नहीं भूलता है और सब करीबी लोग इस बात को देखते भी हैं। माँ की प्रेरणा और उनके आशीर्वाद के बिना क्या यह सब संभव है भला -नहीं न।
अपने status पर माँ की या उनके संग ली हुई कोई भी तस्वीर लगाइए और देखिये तब माँ की ख़ुशी दुगनी हो जाएगी जब आपके चेहरे पर उनके प्रति धन्यवाद का प्यारा सा भाव भी दिखाई देगा।
10.
पशु पक्षियों के प्रति दयालुता सिखाने के लिए शुक्रिया कहिए
माँ की दिनचर्या में रोजाना की ही बात है कि पशु पक्षियों को दाना-पानी खाना-खिलाना।शायद मूक प्राणी भी जान जाते हैं कि कौन उनकी रक्षा करेगा और उनका ध्यान रखेगा।
हमें छोटी-छोटी जिम्मेदारियां देकर इन सुंदर प्राणियों के प्रति दयाभाव सिखाने का तरीका लाजवाब है।किसी भी पशु या पक्षी को किसी भी वजह से चोट न पहुंचे और यदि घायल है तो उस के उपचार की व्यवस्था भी करनी है ।
माँ आप अद्भुत है और मैं कितना सौभाग्यशाली!आपकी इतनी ऊँची सोच के लिए शत-शत प्रणाम। धन्यवाद!
11.
मानवतावादी बनाने के लिए जी भर धन्यवाद बोलिए
जन्म तो एक इन्सान के रूप में हर कोई लेता है पर शायद एक सही रूप में इन्सान ही नहीं बन पाता है क्योंकि जिन्दगी जीने के गुर बहुत कम लोग ही सिखाते हैं। हर कोई बेटा तो राम सा चाहता है पर खुद उसके लिए कौशल्या भी बनना होता है यह याद नहीं रहता या बनना इतना आसां भी कहाँ हो पाता है।
धर्म के प्रति आस्था का होना बेहद अहम् है पर धर्म के मर्म को बहुत ही विरले लोग समझ पाते हैं।ईश्वरीय आस्था के साथ-साथ समय पर कैसे किसके काम आना है यह पाठ बच्चे घर से और खासतौर पर अपनी माता से ही सीखते हैं।आपने यह सब हमें सिखाया- शुक्रिया माँ।
12.
एक जिम्मेदार और सभ्य नागरिक के गुण विकसित करने के लिए शुक्रिया
माँ के सही मार्गदर्शन और सही राह दिखने के लिए धन्यवाद देना बहुत ही जरुरी है। अँधेरे में जुगनू की तरह से चमकाने के लिए धन्यवाद माँ।
जीवन है तो सुख-दुःख आयेंगे और जायेंगे पर किस तरह से हमने सामना किया वो बहुत मायने रखता है,ऐसा माँ का मानना रहता है और समय की कसौटी पर यह बात हमेशा खरी रही है।माँ की सीख हर बच्चे के लिए आगे सारे जीवन में हर समय काम आती है।
13.
दुनिया की सबसे बढ़िया शेफ यानि माँ को थैंक यू कहिए
यूँ तो माँ खुद ही जानती हैं कि परिवार में किस को क्या पसंद हैं पर इसके बावजूद भी जब भी किसी स्पेशल डिश की आप फरमाइश करते हैं न-तो माँ को यह बहुत अच्छा लगता है कि बच्चों को आज भी उनके हाथ का खाना ही ज्यादा अच्छा लगता है।
ऐसे में कई बार उनकी तबियत ठीक न होने पर, बहुत थकी होने पर या कहीं बार ऐसा भी होता है कि वो तभी सब कामों से निपट कर बैठी हों,मन भी कई बार कुछ करने का नहीं होता है।पर बच्चो की बात को टालेंगी नहीं।
फिर स्वाद लेते हुए उन्हें प्यारी सी मीठी सी मुस्कान से तारीफ में जरुर कहिए कि आप ही दुनिया की बेस्ट कुक हैं।
14.
बहुत ही अच्छे से उनके द्वारा बनाये खाने को स्वाद लेकर खाना
जीवन की शुरुआत माँ के मीठे अमृतमयी ढूध के स्वाद से,अपनेपन के अनुराग से,जन्म से अंतिम श्वास तक माँ के खाने के स्वाद को हर इन्सान याद करता है।दूर देश गए यात्रियों से बात करो ,या विदेशों में बस गए बच्चों की बातें सुनो- सब अपने-अपने घर के व्यंजनों को बहुत मिस करते हैं।
पर असल जिन्दगी में क्या कभी किसी ने धन्यवाद जैसा शब्द का इस्तेमाल किया ? मुझे तो नहीं लगता कभी किसी ने माँ की तारीफ में शुक्रिया या थैंक यू बोला हो| भला भई,ऐसा क्यों?
तो माँ का दिल से प्यार से धन्यवाद करिए।
15.
अपनी भाव भंगिमा से प्यार भरी कृतज्ञता जताना
कई बार अचानक देरी होने पर जब कोई भी घर का सदस्य बिना बोले घर से निकल जाएँ या नाश्ते खाने को ठीक से ना खाएं और अरे सुन-माँ की रोकती तेज आवाज़ उदास हो जाती है।उन्हें लगता है कि आज शायद खाने में स्वाद की कमी रह गई या मुझ से नाराज है तभी तो बिने देखे बिना बोले चुपचाप चला गए।
माँ जो सुबह से ही किसे क्या पसंद है कौन साथ में क्या ले जाएगा,को ध्यान रख पूरी तन्मयता से अपने बच्चों की सेहत को लेकर हमेशा ही जागरूक रहती है।
तो सवाल यह उठता है कि क्या करना चाहिए ?बस एक छोटा सा शब्द बोलिए -धन्यवाद
माँ को शुक्रिया कहने के अनमोल वचन
16.
उनके किसी भी उपहार को मुस्कुराते हुए स्वीकार करना
माँ बहुत सोच समझ कर उपयोगिता को भी ध्यान में रखते हुए तोहफे खरीदती है।बड़े चाव से देती भी है पर हम कई बार मुँह बनाते है और कह भी देते है कि यह क्या आप तो आदम बाबा के ज़माने की चीजें लाती हैं।
वो खुद अपने पर खर्च न करके पैसे जोड़ती रहती हैं ताकि पापा से ना मांगने पड़ें।कई बार बहुत मन से कोई कशीदाकारी करके या पेंटिंग करके आप को देती हैं और बच्चें एक झटके में मुँह बना सब कुछ ख़तम कर देते हैं।
क्या हम स्वयं के लिए ऐसा व्यवहार पसंद करेंगे? नहीं न!
17.
माँ -स्वयं में अन्नपूर्णा देवी का स्वरुप हैं,नमन कीजिये
जीवनदायिनी माता के हाथ का खाना खा कर बड़ें तो हो गए,कढी की सौंधी खुशबू,कभी बिरयानी की महक ,हलुए लड्डू की मीठी सुगंध,छोले भटूरे,राजमा संग बासमती की दूर तक फैली चावल की खुशबू ,तरह-तरह की चटनी के चटकारे को याद भी खूब करते हो| पर अफ़सोस धन्यवाद देना ही भूल क्यों जाते हो?
कश्मीर का शाही पुलाव हो,हरियानी के बाजरे की रोटी हो,गुजरात का ढोकला हो,बंगाल के रसगुल्ले हो,असम की आलू-पिटिका या फिर चाहे केरल के अप्पम और भी न जाने कितने सारे ढेरों व्यंजन माँ बना-बना कर खिलाती है व् इस बहाने सारा भारत भी घर बैठे घूमाती हैं|
18.
सच्चे दोस्त के रूप में ईश्वरीय तोह्फा यानि माँ को धन्यवाद करिए
माँ एक दोस्त है जो कभी साथ नहीं छोड़ती हैं,अच्छे वक्त में उनकी खनकती हंसी गूंजती है तो बुरे समय में हर संभव प्रयास और सलाहें।एक गमगुसार और निर्भीक मित्र के साथ एक अडिग चट्टान की भांति वो हर कदम पर साथ देती हुई।
जब माँ साथ होती है तो जीवन का सफ़र बेहद सुहाना और आसां रहता है क्योंकि ईश्वर स्वयं ही आपके साथ है तो और क्या चाहिए फिर जिन्दगी में।
19.
सबसे बड़ा धन-संतोष धन,इस सुविचार को देने के लिए शुक्रिया-माँ
माँ ही बच्चों में संस्कार देने के लिए जीवन की सबसे पहली गुरु मानी गई हैं।जीवन यापन के लिए धन दौलत की जरुरत सबको होती है,यह बात तो ठीक है पर आपने जो संतोष धन की वसीयत जो दी हैं माँ -उसका कोई मुकाबला ही नहीं है।
मेहनत से अर्जित आय में ही बरकत और संतुष्टि होती है,बस यह जो बात ज़ेहन में रहती हैं वो आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती पर रास्ता सही हो -यह भी बताती है।
20.
एक रिटर्न गिफ्ट से प्यार-धन्यवाद जताने का आधार
आपका जन्मदिन या मैरिज एनिवर्सरी हो या कोई अन्य मौका- माँ आपके लिए जरुर कुछ न कुछ लाएगी ही।अपने बच्चों के खास मौकों को मनाना किसी भी माँ के लिए अहम् होता है। सपनें बुनती है माएं -मन में हजारों ख्वाब देखती हैं इन दिनों के लिए।
ऐसे में अगर आप भी उनके लिए उनकी पसंद का कोई तोहफा लाते हो और जिसकी उन्हें आप से कोई अपेक्षा नहीं है,पर वो देख कर खुश होंगी-यह एकदम पक्की बात है- इस बार करके देखिये।
21.
माँ के जन्मदिन को उत्सव की तरह मनाइए
अपनी जननी के जन्मदिन की तो बात ही कुछ ओर होनी चाहिए न।बच्चों का जन्मदिन हो या चाहे कोई भी सफलता हो,माँ उसे अपनी ही कामयाबी मान कर बहुत खुश होती है और बस दिन भर कभी कुछ बनाएंगी तो कभी कुछ।
अब बारी बच्चों की है।तो बस माँ को बाहर घूमाने ले जा सकते है। दिन भर शौपिंग करा सकते हैं।उनकी सहेलियों को बुला कर या अपने ननिहाल के सब परिवार जनों को निमंत्रित करके एक सरप्राइज पार्टी का आयोजन करके धन्यवाद भी दीजिये क्योंकि यह सब उन्होंने ही तो सिखाया था।
22.
माँ के अद्भुत योगदान के लिए आभार जताइए
माँ के आपके अद्भुत योगदान है एक नन्हें से नवजात शिशु को पालने से लेकर एक समझदार व्यस्क के रूप में ढालने के लिए। कभी प्यार से कभी मीठी डांट से,कभी दुलार से तो कभी नकली नाराजगी दिखा कर आप ने ही दुनिया में सर ऊँचा उठा कर जीने की उमंग, उत्साह की उर्जा से व्यक्तित्व क निर्माण किया।
माँ और मातृत्व ब्रहामंड के सबसे खूबसूरत शब्द और अहसास है।
23.
अँधेरे में जुगनू की तरह से चमकाने के लिए धन्यवाद माँ
जीवन है तो सुख दुःख आयेंगे और जायेंगे पर किस तरह से हमने सामना किया वो बहुत मायने रखता है,ऐसा माँ का मानना रहता है और समय की कसौटी पर यह बात हमेशा खरी रही है।माँ की सीख हर बच्चे के लिए आगे सारे समय काम आती है।
गहन तमस में आपने हिम्मत न हारने का पाठ ही सदा सिखाया और कहा-
मन के हारे हार है और मन के जीते जीत।
जीवन का इस अमूल्य वचन को एक आदत बनाने के लिए हाथ जोड़ कर धन्यवाद।
24.
जन्म-जन्मान्तर माँ आप ही मिलें -यह धन्यवाद का खूबसूरत तरीका अपनाइए
एक यक्ष प्रश्न की भांति बहुत गहराई वाली बात है| आखिर वो माँ जिसने न सिर्फ जन्म दिया, पालन पोषण किया |उनके तो प्यार की कोई सीमा ही नहीं है। वो असीम,अनंत और हृदय से अपने बच्चों के सुख दुःख से जुड़ी हुई हैं वो ऐसा अनमोल रत्न है जिसका ऋण उतरना तो दूर उनको शुक्रिया शब्द कहना भी छोटा पड़ जाता है,ऐसे में धन्यवाद भी कैसे दें-समझ से परे है।
ईश्वर को नहीं देखा पर आप सा ही होगा।मुझे रब से कहना है कि हर जन्म में आप ही मेरी माँ बनें। यह भाव हमारे कार्यों से हमारी सोच में होना चाहिए और गर है तो धन्यवाद स्वयं ही परिलक्षित होगा।
25.
पसंदीदा jewellery खरीदिए जिसे हरदम वो पहनें
आभूषण हर किसी को पसंद होते है और यह बहुत ही सुंदर विचार को लिए हुआ तोहफा है जिसे माँ बहुत पसंद करेंगी ही। एक छोटी सी अंगूठी या कानों के टॉप्स की जोड़ी आप के माँ के साथ के जोड़ को ओर जोड़ देंगी।
इस खूबसूरत उपहार को दिल से दीजिये और उनके दिल में अपने लिए एक विशेष स्थान को बना लीजिये।माँ को यह अंदाज़ बेहद भायेगा और वो इसे न सिर्फ पहनेगी बल्कि संभाल कर भी रखेंगी।तो बस देर किस बात की आज ही खरीदिए और प्यार का भाव भी दिखाइए।
26.
दिनचर्या की समय सारणी को क्रमबद्ध बनाने के लिए धन्यवाद दीजिये
जल्दबाजी में घर छोड़ने की बजाय आराम से तैयार हो और ठीक से खाना खा कर जाएँ।अपनी समय सारणी को क्रमबद्ध तरीके से करना माँ सिखाती हैं।पेट भरा हो तो वो भी खुश और रास्ते में गुनगुनाते हुए,अच्छा सा संगीत सुनते ही सड़क की मारामारी भी नहीं।इतने सारे फायदे और करना क्या था कि अपने कार्यों को समय पर करने की एक अच्छी सी आदत को डालना| जब ऐसा करेंगे तो अच्छा महसूस करेंगे।
थोड़ा सा खाते हुए चेहरे से जताए जरुर या हाथों की मुद्रा से कि वाह-क्या स्वादिष्ट भोजन बना है।
अंग्रेजों ने बड़ा छोटा सा शब्द सिखाया था -Thank you.खूब इस्तेमाल कीजिये और न सिर्फ माँ से,औरों से भी बेपनाह प्यार पाइए।
मिशेल ओबामा के अनुसार- ‘दिन के अंत में मेरी सबसे महत्त्वपूर्ण नौकरी अभी भी माँ-इन-चीफ है’
और आपकी?
27.
उनकी पसंद की कोई डिश बना कर दीजिये
माँ से फरमाइश तो हर कोई बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो गया हो,जब भी कोई फरमाइश करता है तो दुनिया की कोई भी माँ कितनी भी थकी हुई हो,मना नहीं कर पाती है।
अब आप भी बड़े तो हो गए है।जरा खुद किचन में जाकर कुछ उनकी पसंद की डिश बना कर देखिए तो,उनकी आँखों में जगमगाती ख़ुशी के अनमोल अहसास।
माँ अन्नपूर्णा का भरपूर आशीर्वाद लीजिये।माँ को धन्यवाद देने का यह तरीका अपना कर जरुर देखिये।
28.
उनकी परवरिश की तारीफ करना
जीवन में अक्सर जब भी किसी कार्य की या किसी सफलता के लिए और कभी किसी उत्तम आचरण के लिए समाज के अलग अलग तबकों से आपकी तारीफ होती है।उस समय क्या प्रतिक्रिया आपके हृदय में आती है?
रात रात भर आपके संग माँ जागी थी,परीक्षा हाल में जब आप अपने पेपर को कर रहे होते थे उस समय उनका अपने ईश्वर से आपकी सफलता के लिए लगातार स्मरण करना याद आता है ?यदि आपका जवाब हाँ में है तो माँ के प्रति धन्यवाद का यह सर्वोत्तम तरीका है।सब के सामने सबसे पहले अपनी माँ के प्रति आभार जताइए।
29.
घर को एक सूत्र में बांधने के लिए उनसे टिप्स लेना,धन्यवाद देने का ही तरीका है
घर में माँ ही होती है जो अपने परिवार को एकसूत्र में बांधने में सफल रहती हैं वो स्थान सच में किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं।आपसी व्यवहार जब हंसी बन चेहरे पर रुक जाए तो बस कौन चाहेगा ऐसी जन्नत को छोड़ कर।
मुंशी प्रेमचंद का कहना था-’दुनिया को जीतना आसां है पर घर में सबको साथ लेकर चलना इतना आसां नहीं होता”सुबह से शाम तलक सबका ध्यान रखना,सबकी परेशानियों को समझते हुए सबको धैर्य से सुनना,उनको समयानुकूल सुझाव देना आसां है क्या ?
30.
थैंक यू बिन शब्दों के भी कहिए
अक्सर हम या तो सोचते हैं कि कोई अवसर आएगा तो हम धन्यवाद देंगे।कुछ समय बाद भूल भी जाते हैं क्योंकि इस विषय को गंभीरता से लेते ही नहीं हैं न।
माँ तो माँ होती हैं न।उन्हें किसी भी दिखावे की या आडम्बर की जरूरत ही नहीं होती है। शब्दों का जादू तो होता है पर जब बिन अल्फाजों की मदद से सिर्फ उनके गले लगते हैं तो उस भाषा को माँ से ज्यादा कोई नहीं जान पाता है।
कुछ कहना है क्या ?अब माँ से भी तक्लुफ्फ़ करोगे क्या? करके देखिये-बहुत असरदार तरीका है।
माँ-को- शुक्रिया करने के कारगर तरीके
31.
माँ की तरह जुनूनी बनिए और माँ का आभार करिए
अल सुबह से देर रात तलक माँ की मेहनत उनकी मुस्कान,काम से निपट कर बैठी थी कि दरवाज़े की दस्तक हुई नहीं कि सबसे पहले वो ही उठ कर चली जाती हैं।चाहे घर का कोई सदस्य हो या मेहमानों की फौज,माँ की थकन तो जैसे छूमंतर।फिर से उसी लगन से लग जाती हैं न जाने कहाँ से इतनी शक्ति और इतना धैर्य लाती हैं कि जूनून भी फीका पड़ जाएँ।
यही जूनून माँ तुम से ही सीखा और वायदा भी रहेगा कि अपनी मंजिल पाने के लिए इस जुनू को बनाये रखेंगे। माँ बहुत सारा धन्यवाद यह सब सिखाने के लिए।
32.
बिना शर्त के हर वक्त के साथ के लिए आभार जताइए
माँ का साथ हमेशा ही बना किसी शर्त के होता है जबकि बच्चे कई बार बात-बेबात में शर्तें दिखा सी देते हैं जैसे अगर आप हमारी बात नहीं मानेगी तो क्या हम ही मानते रहेंगे।
माँ अगर गुस्से में कुछ कहें तो शांत रहेंक्योंकि वो जानती हैं कि बच्च्चों के लिए क्या सही रहेगा और क्या नहीं।बिना किसी शर्तों के उनकी हर बात पर ध्यान दें और दिल से मानें भी क्योंकि वो सृजनहार है कुछ गलत कर ही नहीं सकती।
33.
दिन में एक बार फ़ोन / विडियो कॉल जरुर करिए
माना आजकल सभी बहुत व्यस्त हैं और जीवन में भागा-दौड़ी भी बहुत ही ज्यादा है।ऐशोआराम है बड़ी बड़ी गाड़ियाँ है,आरामदेह सुख सुविधाएँ हैं पर किसी के पास समय नहीं है।
नियम बना कर दिन में एक बार अपने समयानुकूल माँ से फ़ोन पर या विडियो कॉल जरुर करें। माँ को तसल्ली रहती है कि बच्चे स्वस्थ है सुरक्षित है और उनके दिल के पास हैं।
34.
फूलों का गुलदस्ता भेंट करिए
फूलों का साथ किसे पसंद नहीं होता? सबको फूल बहुत भाते हैं।माँ भी इस में अछूती नहीं हैं।स्वयं वो एक बेहद नायाब ईश्वर का सबसे सुंदर फूल हैं जो अपनी खुशबू से हर रूह को महका देती हैं।
उनके जन्मदिन पर या किसी भी खुशनुमा मौके पर उनके पसाद के फूलो का गुलदस्ता देकर देखिये तो और उनके रुखसार पर आई सुर्ख रंगत को महसूस कीजिये।
36.
देश के प्रति देशभक्ति और कर्तव्यों को बताने के लिए दिल से धन्यवाद माँ
अपने घर के लिए अपनों के लिए तो हर कोई जीता है,ध्यान रखता है पर देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियां भी हैं यह बहुत कम लोग सिखाते हैं।देश हित में सोचना और मर मिटने का सुंदर पाठ माँ ही सिखा सकती हैं।
निस्वार्थ और विनम्र बनाने के लिए,एक जिम्मेदार और सभ्य नागरिक के गुण विकसित करने के लिए माँ को थैंक यू कहिए।संभले हुए घर परिवार किसी भी देश के प्रगति में बहुत सहायक होते हैं यह बात तो बिलकुल पक्की है।
37.
शुद्ध अंतर्भाव से शुक्रिया बोलिए
जन्म से लेकर उनके बढ़िया पालन-पोषण व् उच्च कोटि के संस्कारों से प्रेरित इन्सान बनाने के लिए,जीवन में सही मार्गदर्शक बन सही राह दिखाने व उनके निस्वार्थ त्याग और समर्पण के लिए धन्यवाद अक्षर बहुत छोटा है।
जीवन में जिस मुकाम पर आज पहुच पा रहें है उन सब के लिए,जीवन को जिन्दगी देने के लिए शुद्ध अंतर्भाव से शुक्रिया बोलिए।
मन के भाव कविता के साथ
“माँ तुम गौहरे-नायाब हो”
आफ़ताब हो,महताब हो
हर श्वास का मधुर राग हो।
हर ख़ुशी का तुम्ही सुंदर ख़्वाब हो
थिरकन में मेरी घुँघरू की आवाज़ हो।
ईश्वर नहीं रह सकता,इस धरा पर हर जगह
अपनी प्रतिमूर्ति बना भेजा,सबसे सुंदर तुम्हीं ख़ास उपहार हो।
दुनिया बेगानी हर कोई ग़ैर सा लगे
उमंग की हिलोरें लिए,एक ख़ूबसूरत अहसास हो।
प्रेरक,जीवनदायिनी व गमग़ुसार रहीं है आप
माँ सच में जहाँ की,तुम ही गौहरे-नायाब हो।
(आफ़ताब=सूरज। माहताब =चाँद। गमग़ुसार=हमदर्द
गौहरे-नायाब= दुर्लभ मोती)
माँ को धन्यवाद कैसे कहें पर हृदय के जज्बात अनेक प्रकार से बताने की कोशिश की है।पढ़िए माँ को शुक्रिया कहने के अनमोल उपाय इस ब्लॉग में।अपनी प्रतिक्रिया COMMENT BOX में जरुर दीजिये।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।