माँ को स्पेशल कैसे महसूस कराएं यानि माँ- सबसे मीठा नाम,जननी हमारी और उन्हें अपनी सुंदर फीलिंग्स को दर्शाने का ख्याल अगर आपके जेहन में आ रहा है तो आप सच में माँ को बहुत चाहते हैं।सवाल यह कि पर उन तक कैसे यह बात पहुंचाएं कि आप माँ को सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।
एक माँ भी हूँ और बेटी भी तो अपने जीवन के अनुभवों को आप से साँझा करती हूँ।
माँ को स्पेशल कैसे महसूस कराएं,प्यारी सी झप्पी दे गहरा अहसास दिलाएं
माँ को स्पेशल कैसे महसूस कराएं पर 51 अनूठे उपाय
1.
भावनात्मक रूप से हमेशा उनके साथ होना
आप उनकी बेटी या बेटा है और माँ के रूप में उनका साथ मिलना स्वयं में एक ईश्वरीय उपहार है। माँ जोकि हृदय से ही सवेंदन शील हैं उन्हें सबसे ज्यादा जरुरत अगर किसी भी चीज़ की है तो वह है- भावनात्मक रूप से अपने बच्चों का साथ।
दिल से दिल के तार जुड़ें होते हैं ऐसा सिर्फ कहते ही नहीं बल्कि जब भी वो थोड़ा सा भी सुस्त हो तो उहें आपकी ही याद आएं तो समझ लीजिये आप उनके दिल में हैं।
2.
दिल से इज्जत और मान सम्मान दीजिए
इज्जत दिखाई नहीं जाती बल्कि अपने आचरण व व्यवहार से स्वयं ही परिलक्षित होती है।माँ को दिल से इतनी इज्जत और सत्कार दीजिये कि वो हमेशा यह गर्व महसूस कर पाएं कि वो ही दुनिया की सबसे भाग्यशाली माँ हैं।
उनसे बात करना,उनकी दी हुई सलाह को मानना और उन्हें अपनी भाव-भंगिमा से यह लग्न चाहिए की आपके जीवन का वो ही आधार है।
3.
आपसे ज्यादा कोई और उनका ध्यान रख ही नहीं सकता इसका विश्वास दिलाना
घर में यूँ तो बहुत बार कई लोग होते हैं जो माँ की सेवा में लगे होते हैं पर जब बच्चा उनकी छोटी छोटी जरूरतों का ध्यान रखता है तो माँ को एक अलग से स्पेशल वाली बात महसूस होती है।
सुबह से शाम तलक वो ही आपकी सब चीजों का ध्यान करती है और ऐसे में यह पूछना कि आपने भी खाना कह्य या नहीं या आप अपनी दवाइयां समय से ले रहीं हैं न! माँ को बहुत अच्छा लगेगा।
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4.
माँ के लिए सुंदर कविता या शायरी लिखिए
जब भावनाएं शब्दों का रूप लेकर काग़ज पर उतर आती हैं तो वो किसी के लिए भी प्यार का सबसे खूबसूरत माध्यम बन जाता है। आपके पास विचार हैं और उन्हें जाहिर करने का तरीका भी हैं यानि ईश्वर ने एक हुनर देकर भेजा है।
बस उसी ईश्वर की प्रतिमूर्ति यानि अपनि जननी को अपने दिली जज्बातों को कविता या शायरी द्वारा प्रेषित करने में देर न लगायें और उन्हें बेहद स्पेशल महसूस करने का सुख दीजिये।
5.
माँ का वार्षिक चेकअप कराएँ
कई बार शारीरिक रूप से अस्वस्थता भी माँ को कुछ अनमना कर देती है।जब अंदर से सेहत ही ठीक नहीं होगी तो मन भी अस्वस्थ होगा। माँ को भी स्वयं पता नहीं होता हैं कि वो बीमार है। वैसे भी मानसिक स्वास्थ्य पर अभी सब सोचते ही नहीं हैं।
वर्षों से दिल में दबी पीड़ा कब अंदर ही अंदर किस तरह से नुकसान करती हैं यह जानकारी तो हम से ज्यादातर को मालूम ही नहीं।माँ का वार्षिक रूप से चेक अप जरुर कराएँ ताकि समय रहते उनकी समस्याएँ जन पाएं और इलाज भी हो पाएं।
6.
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना एक नैतिक जिम्मेदारी
No health without mental health
स्वभाव से शांत सरल और हर तकलीफ को अपने ऊपर लेने की आदत अक्सर घरों में माँ को मानसिक रूप से अस्वस्थ कर देती है क्योंकि अपनी पीड़ा किसे जाहिर करें और सामाजिक व्यवस्था कुछ ऐसी है कि समस्या को समझने की बजाय उस बात की मजाक भी बनने लगती है।
आप आगे बढ़ कर बात करें उनके मन के दर्द को सहानुभूतिपूर्वक बताने के लिए एक ऐसा माहौल बनाएं कि वह खुल कर बिना किसी भय के अपनी व्यथा को बता सकें। जरूरत पड़ने पर डाक्टर से परामर्श भी लें औए अमल हो यह भी देखें।
7.
माँ की थाली में सब पौष्टिक आहार होना चाहिए
पूरे घर के सभी सदस्यों को ठीक से खाना मिलें,इसकेलिए माँ हमेशा ही फिक्रमंद रहती है और स्वयं बाद में जो बचता है उसी में खा कर संतुष्ट रहती हैं।भावना बहुत अच्छी है पर उनकी अपनी सेहत के लिए ऐसा होना बिलकुल भी सही नहीं हैं।
एक बच्चे के रूप में यह सोचने की और समझने की बहुत ही ज्यादा जरूरत है कि माँ को पूरा,सही और पोष्टिक आहार मिलें। आप साथ में खुद भी खाइए ताकि आप यह देख पाएं कि उनकी थाली में सब कुछ है या नहीं।
8.
उनकी ख़ामोशी और चुप्पी को समझना
माँ स्वाभाविक रूप से अपनी परेशानियों को नहीं बताती हैं।माँ अक्सर चुप्प हो जाती हैं या ख़ामोशी की चादर ओढ़ लेती हैं।अब हर वक्त किसी न किसी बात पर मुखर रहती माँ की चुप्पी को समझने की जरूरत है।
घर की शांति बनाये रखने के लिए वो अपने दर्द को छुपा लेती है और घर महाभारत का मैदान न बन जाए,बस अंदर ही अंदर जज्ब किये रहती है।जन्म से आप ही साथ है तो खुद अंदाज़ा लगा कर जानिए और साथ दीजिये।
9.
उनकी इच्छाओं को दबाना नही अपितु उन्हें भी पूरा करने में सहयोग देना
माँ की भी बहुत सी इच्छाएं होती है और ज्यादातर घर में सबकी भलाई से ही जुड़ीं होती हैं पर वो बहुधा व्यक्त कर नहीं पाती क्योंकि उन्हें अपने पति से और घर के अन्य लोगों से सहयोग मिलने की बजाय मजाक बनने की चिंता रहती है।
माँ से बातों ही बातों में उनकी इच्छाओं को जानकर और कैसे उन्हें पूरा किया जा सकता है उस पर ध्यान देकर उन्हें एक स्पेशल माँ होने की खास वजह जताइए।
10.
माँ अगर बीमार है तो प्यार से देखभाल करें
माँ ही पूरी दुनिया में एक ऐसी शख्सियत होती है जो अपने बच्चे के जरा सी भिताबियत ख़राब देख बेचैन हो उठती हैं और रात रात भर जाग कर उसको दवाई देना बुखार है तो बार बार थर्मामीटर से देखना और ठीक होने तक उसे तसल्ली देना।
अब बारी आपकी है।माँ को जरा सा भी अस्वस्थ देखें तो उनकी प्रेमपूर्वक सेवा करना,उनके लिए सबसे बढ़िया डाक्टर को दिखाना,उनके लिए जो भी सर्वोत्तम इलाज हो सके उसका इंतजाम खुद करके देखभाल करना।
ऐसी संतान को पाकर किस माँ का दिल उत्साह से नहीं भर जाएगा।
11.
फैमिली रीयूनियन
कई बार घर के सदस्यों में तकरार इतनी बढ़ जाती है कि परिवार टूटने की कगार पर आ जाता है।किसी भी कोमल हृदया माँ के लिए इससे बड़ीं पीड़ा कोई ओर हो ही नहीं सकती है।
ऐसे में समझदारी से दोनों पक्षों से अलग-अलग बात करके समस्या की जड़ तक जाकर उसका निदान करने में हर संभव प्रयत्न करें और जैसा कि कवि हरिवंशराय बच्चन जी कहना है-कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।अमल में ला कर दिखाएँ
12.
उनके नजरिये को जानने की कोशिश करना
समाज में पितृसत्तात्मक व्यवस्था कुछ ऐसी बनी हुई कि माँ के किसी भी विषय पर नजरिये को जानने की जरूरत ही नहीं समझी जाती है।कई बार उनकी सलह पर ताने या उलाहना देकर उन्हें कमतर दिखाने की कोशिश भी रहती है।
ऐसे में उनके नजिरये को ध्यान से सुने और हर पहलू पर खुल कर बातचीत करें।
13..
उनके छोटे छोटे कार्यों की प्रशंसा करना
माँ के हर छोटे होते कामों में भी कितना प्यार और दुलार छिपा होता है,बच्चें अक्सर नज़रंदाज़ कर देते हैं।वैसे भी माँ हैं वो तो इसलिए करेंगी ही।पर यह थोड़ी स्वार्थी सा नजरिया नहीं हैं।
जरा दिल पर अपने हाथ कर देखिये कि माँ के छोटे से काम को भी कई बार झट से बिना सोचे मना कर देते हैं।माँ का आगे बढ़ कर सहयोग दें और उनके प्रयासों की सराहना भी व् खुले दिल से प्रशंसा भी।
14.
माँ को आत्म निर्भर करने में मदद करना
जो माँ बच्चों को आत्म-निर्भर बनाने में अपनी जिन्दगी को खपा देती हैं और हर संभव कोशिश करती हैं ताकि उनके बच्चे जीवन में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकें।
माँ के प्रति पर बच्चें इतनी गहराई से नहीं सोचते हैं। अच्छे काम में देरी क्या बस माँ कैसे आत्म निर्भर बन सकती है,इस पर उनसे ही विचार विमर्श करके नए सुंदर रास्ते खोजिये।
15.
माँ का अपनी संस्कृति के प्रति लगाव की प्रशंसा करना
माँ जीवन की वो प्रथम और सक्षम गुरु होती हैं जो न सिर्फ स्वयं अपनी सभ्यता और संस्कृति से लगाव रखती हैं अपितु बच्चों में भी अपनी संस्कृति और देश के प्रति जोशीला भाव भरती हैं।
बच्चा तो जो देखता है वो वही सीखता है।सुसंस्कृत व्यवहार और एक सभ्य नागरिक बनाने के लिए माँ की मुक्त कंठ से तारीफ और नमन कीजिये।
माँ को विशेष महसूस कराने पर सुंदर विचार
16.
जिन बातों को वो पसंद नही करती उन में सुधर ला कर दिखाना
बच्चों को जीजान से चाहने के बावजूद भी कुछ ऐसी आदतें होती हैं जिन्हें माँ पसंद नहीं करती जैसे रोज न नहाने की आदत,समान को सारे समय बिखरा हुआ रखना,समय पर तैयार न होना और लेटलतीफी की सूची में उनका नाम भी दर्ज होना।
माँ के लिए अपनी आदतों में सुधार लाकर उन्हें यह महसूस करना की उनकी परवरिश लाजवाब है और सबके बीच में उनका नाम अदब से ही लिया जाएगा।
17.
पढाई में बढ़िया रिजल्ट लाने पर माँ को अपने बच्चों पर गर्व महसूस होता है
माँ का मन दुःख जाता है जब उनके बच्चों का रिजल्ट मान माफिक नहीं आता है। कहीं न काहीं वो खुद को ही इसके लिए जिम्मेदार मानने लगती हैं।
अपनी पढाई पर पूरी तन्मयता से लगें और इतना अच्छा रिजल्ट लाकर दिखाएँ ताकि वो खुद को बेहद प्रोत्साहित और गर्व की भावना से अभिभूत हो जाएँ।
18.
गले में गलबहियां किसी भी माँ के लिए बेहद आनंदित पल होता है
माँ जब अनमनी हो तो उनके गले में अपनी बाहें डाल करया हाथों में उनका हट लेकर देखिये और कुछ मत बोलिए,बस चुपचाप उनके साथ बैठे रहिए या चलते रहें।
माँ आपको चुप देख कर समझ जाएँगी कि उनके इस तरह से रहने से आप भी दिल से दुखी हो जाते हैं।वो स्वयं ही आप से अपना दर्द नहीं छुपा पाएंगी और आपका यह व्यवहार उन्हें भीतर तक आनंदित कर जाएगा।
19.
घरेलू स्माल उद्योग घर में ही स्थापित करने में रूचि लें
माँ एक सुघड़ नारी के रूप में जानी जाती रहीं हैं।उनके हाथ के बने पापड़,अचार ,मुरब्बे के स्वाद की हर कोई तारीफ करता है। उनके हाथ के बुने डिजाईनर स्वेटर और कशीदाकारी से गढ़े सुंदर सूट। गायन हो या नृत्य समे उनका कोई मुकाबला ही नहीं कर सकता।
अब क्योंकि बच्चे बदें हो गए है तो उनकी रूचि के अनुसार घर से किसी भी क्षेत्र में आप शुरू करने में बढ़ चढ़ कर उत्साह दिखाए और उनका प्रोत्साहन भी।
20.
घर की व्यवस्था में सहयोग देना
हर घर की व्यवस्था अपनी ही बनी होती है और उसे व्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी भी सभी की होती है,पर अमूमन सारी जिम्मेदारियां माँ के कांधे पर ही दाल दी जाती है। सुबह जिसे देखो वो माँ पर कुछ हुक्म स चलता हुआ नज़र आता है।
अपने सामान और अपनी जरूरतों को कैसे कहाँ रखना है जिससे घर में साफ- सफाई भी लगे और सारा वातावरण सुरुचि पूर्ण लगना चाहिए।माँ को सहयोग दीजिये ताकि वो ओर ज्यादा प्रोत्साहित हो पाएं।
21.
घर के छोटे छोटे कामों को बिन बताए खुद ही करवा लेना
अब घर है तो इतने काम रहते हैं कि माँ खुद से कहाँ कहाँ से करवाए और कब तक भागा-दौड़ी करती रहेंगी।कभी कोई लाइट ख़राब तो कभी पानी का नल ख़राब,कभी वाशिंग मशीन नहीं चलती तो कभी गीज़र बंद,लेकिन सबको सब काम चाहिए समय पर।
अब इतने बड़े तो हो ही गए हो कि इस तरह के कामों के लिए खुद से जिम्मेदारी समझते हुए करवा दें और वो भी बिना माँ के कहे।
22.
माँ के आराम के लिए घर में एक सहायक या सहायिका की व्यवस्था करवाना
आप हो सकता है स्वयं भी बहुत व्यस्त रहते हो लेकिन माँ के लिए कुछ करना चाहते भी है। वो भी आराम से बैठे और कुछ अपने लिए भी समय निकल पाएं।
घर के कामों में हाथ बटाने के लिए घरेलु मदद के लिए किसी व्यक्ति को उनके निर्देश के अनुसार कार्य करने के लिए नियुक्त कीजिये। माँ शुरू में नहीं मानेंगी पर आपकी बात को टाल भी नहीं पाएंगी।
23.
माँ के साथ शौपिंग करना
घर गृहस्थी के जाल में माँ ऐसी उलझती हैं कि बाहर भी कोई दुनिया है,नहीं देख पाती।बच्चे अक्सर अकेले ही बाजार जाने का प्रोग्राम बना लेते हैं,खूब मौज मस्ती करते हैं,जी भर कर खर्चा भी करते हैं पर उस में माँ का न होना-अजीब नहीं लगता?
इस बार जब भी बाजार या मॉल जाने की इच्छा हो तो माँ को मान मनुहार से संग साथ ले कर जाइए।जी बहार के उन्हें खरीदारी करने का मौका मिलना चाहिए।माँ को स्पेशल फीलिंग आएगी कि बच्चे ध्यान रखते हैं।
24.
कभी कभी पार्लर में उनके लिए बुक कराना
माँ की खूबसूरती के चर्चे माना हर तरफ होते हैं पर कभी उनके हाथों को छू कर देखा। समय के साथ कठोर मेहनत से उनकी कमनीयता कुछ कम सी हो गयी है।चेहरे पर उम्र की हसीं लकीरें दस्तक देने लगी हैं।
बालों में चांदी इतराने लगी है ,इसमें कोई बुराई तो नहीं है। माँ के लिए अचानक एक दिन पार्लर बुक करा दीजिये और जिद करके ले भी जाइए।माँ के दुल्हन वाले रूप पर खुश होकर उनके गले लग उन्हें बताइए कि हर चीज़ को थोड़े रख रखाव की जरूरत होती है।
25.
उनकी पसंद की जगहों पर घूमाने के लिए ले जाना
सबकी घूमने की पसंद अलग अलग होती है।कोई तीर्थयात्री बनना चाहता है तो कोई तीर्थ को भी टूरिस्ट जगह मनता हैं।किसी को समुद्र की लहरें आकर्षित करती हैं तो किसी को पहाड़ के चुपचाप ऊँचें पेड़ों की शांति रास आती है।
अब माँ के मन को टटोलना है कि उन्हें किस जगह पर आनंद की अनुभूति होगी।जब अपनी इच्छा के स्थान पर जाते हैं तो न सिर्फ हृदय प्रफुल्लित होता है बल्कि एक अलग तरह की आशा का संचार भी होता है और अगली बार कहीं ओर जाने के लिए प्रोत्साहित भी।
26.
उनकी छोटी छोटी जरूरतों को बिन कहे कर देना
माँ को बाजार से कुछ मंगाना है और आपको पता है कि घर में कब किस चीज़ की जरूरत माँ को होती है।रिश्तेदार जब आए हुए हैं तो मीठा लाना कभी नाश्ते पानी का इंतजाम करना,हमेशा ही अंतिम पल तक चलता ही रहता हैं न।
लेकिन यह क्या आप खुद से पहल ही नहीं करते कभी। जरा माँ से स्वयं ही पूछ लीजिये कि माँ कुछ लाना तो नहीं है ह तोह बता दीजिये जब भी लाना हो। माँ का मान कितना प्रोत्साहित होगा,अंदाज़ा भी है क्या आपको।
27.
नाना नानी मामा या मौसी को बिना बताए घर पर बुलाना
माँ भले ही अपनी घर गृहस्थी में मगन रहती हों पर अंदर से वो अपने मम्मी पापा की एक नन्हीं सी गुड़िया ही होती हैं।मायके की कोई बात हो या मायके से कोई आया हो और चलो न भी आया हो लेकिन उनका जिक्र भी माँ को बहुत उल्लासित कर देता है।
इसमे मौसी मामा नाना नानी को माँ को बिना बताये बुलाते हैं तो माँ की जिन्दगीं में वो पल सर्वाधिक ख़ुशी के होते हैं।तो बस ख़ुशी के पल ढूंढे।
28.
उनकी सहेलियों के संग घूमने जाने का प्रोग्राम बनवा देना
माँ कुछ हतौत्साहित सी है,बता भी नहीं रहीं हैं,अब क्या करें?माँ को अपनी सहेलियों से गप्पे लगाना बहुत ही ज्यादा पसंद है तो उनकी फ्रेंड्स के स्थ कही न बाहर लंच या डिनर को प्लान बनाइए।
जब अचानक वो अपनी सहेलियों को देखेंगी तो बुआ चाहे उनका मान कितना भी बुझा हुआ हो,एकदम से खिल जाएगा। वो चहक जाएगी।
29.
उनके लिए उनकी पसंद की कोई ड्रेस लाना
माँ को उनकी पसंद की ड्रेस ला कर दें।पहनावा हर कोई अपनी चॉइस का ही पहनना चाहता है। हो सकता है घर में उनकी पसंद की पोशाकें अलग तरह की हो और शायद कुछ लोगों को ठीक नहीं लगती होंगी।
यह कोई वजह नहीं हो सकती कि व्यक्ति को जबरदस्ती दूसरों की पसंद की ड्रेस पहननी हों। आप माँ को सिर्फ उनकी ही पसंद की ड्रेस गिफ्ट करिए,उन्हें बहुत अच्छा लगेगा।
30.
उनकी गोद में सर रख कर मीठी नींद में सो जाना
ज्यों ज्यों बच्चे बदें होते जाते हैं त्यों-त्यों माँ के जादुई स्पर्श से भी दूर होते जाते हैं। बचपन में सिर मी मालिश माँ अक्सर करती थी और बच्चे चाहे कितने भी परेशां होते थे एकदम से सो जाते थे।
अब जब माँ नाखुश सी दिखें तो अपना सिर चुपचाप उनकी गोद में रख लीजिये और आपका गहरी नींद में सोना माँ को उनके मातृत्व के सुनहरे पलों को याद दिला देगा।
माँ को कैसे खास महसूस करने पर अनमोल सन्देश
31.
किसी दिन उनके सर की मालिश करना और फिर अपने बालों में तेल लगवाना
किसी दिन माँ स्वयं भी तेल की शीशी लाकर जिद करके उनके सिर की मालिश करिए और साथ में फ़िल्मी गाना भी गुनगुनाये।make निस्तेज चेहरे पर खिलखिलाती हंसी गूंज जाएगी।
माँ को जब भी यह लगता है कि जिस परिवार के लिए उन्होंने अपनी जिन्दगी लगा दी है और उन्हीं लोगों के पास नके लिए समय नहीं है,यह बात उन्हें निराश करती है।आज ही इस पुराने नुस्खे को आजमा लीजिये।
32.
सोने से पहले होले से उनके कन्धों को दबाना और पैरों में तेल की मालिश
बच्चे जब छोटे होते हैं तो माँ नियम से पहले उनके नन्हें- नन्हें पैरों में तेल मी मालिश करके सुलाती थी और संग में कहती थी कि सारे दिन भागता है,ठाक गया होगा।
अब माँ को भी उसी प्यार- दुलार की जरूरत है वो भी सारे दिन सबकी जरूरतों को पूरा करने में लगी रहती हैं।बस नियम से श्रवण कुमार बन अपनी माँ की सेवा करें और उन्हें सुकून की नींद में सोने का मौका दें।
33.
इयर बड्स दें
माँ तो दिन रत बस कम ही काम में लगी रहती हैं। खुद बहुत अच्छा गा लेती थी खूब अच्छे से नृत्य भी करतीथी। अपनी शादी के शुरुआती दिनों में उन्हें हर कार्य को गुनगुनाते हुए करने की आदत थी- एस्मा और घर के बाकि लोग भी बताते हैं।
अब उन्हें कहाँ फुरसत है कि आराम से बैठ कर गीत सुनें या गाएं। पर आजकल इयर बड्स की मदद से वो काम करते करते भी अपने पसंद के गानों को सुन भी सकती हैं और संग-संग गा भी सकती है।
34.
कुकिंग क्लासेज ज्वाइन करा सकते हैं
हर माँ दुनिया की सबसे बढ़िया शेफ होती हैं।अपने बच्चों और परिवार के लिए हर वक्त और वो भी सबकी पसंद का ध्यान रखते हुए बनाना बेहद रुचिकर लगता है।उन्हें कुछ नया सीखने का मान हो सकता है तो कुकिंग क्लासेज को ज्वाइन करा सकते हैं।
माँ की अपनी कुकिंग क्लासेज भी खुलवा सकते हैं।नयी नयी व्यंजनों को सिखाने से उन्हें भी अच्छा लगेगा और उससे होती आय भी उनका प्रोत्साहन बढ़ाएगी।
35.
कस्टमाईज फोटो बुक बनाएं
अपने जन्म से लेकर अब तक की विभिन्न फोटोज को एक सुंदर से फ्राम में लगा कर उन्हें किसी मौके पर दीजिये और उन्हें अपनी पुराणी सुखद सुहानी यादों के झरोखों में खो जाने दें।
हर फोटो के साथ अनगनित किस्से कहानियां जुड़ीं होती हैं।माँ के लिए यह उनका अपना प्यारा सा खज़ाना छुपा होता है जिसे पाकर कुछ ओर पाने की चाह भी नहीं होगी।
36.
मोनोग्राम बैग बना कर दें
कई बार बहुत छोटी सी चीज़ भी बहुत कीमती सौगात साबित हो जाती है।एक बैग जिसमें मोनोग्राम माँ की खूबसूरत तस्वीर लगी हो और साथ में प्रेम से लिखी दिल की बात।कैसा ख्याल है?
बच्चे कई बार सोच भी नहीं पाते है कि आपके मान के सुंदर विचार कैसे उस बैग के साथ हर जगह माँ के साथ रहेंगे और वो हर किसी को बहुत गर्व से आपके प्यार की,समर्पण भाव की ही बात करेंगी।
37.
देश दुनिया की ख़बरों से जोड़ें
घर के काम और गृहस्थी के बोझ तले माँ बहुधा अपने सीमित दायरे से निकल ही नहीं पाती है और जब देश दुनिया की कोई बात चलती है तो वो कुछ बोल ही नहीं पति या पूरा ज्ञान न होने की वजह से अक्सर चुप ही रहती हैं।
उनको थोड़ा घर की जिम्मेदारियों में मुक्त करके उनके साथ बैठ कर टी.वी देखिये साथ में पॉपकॉर्न भी खाइए।माँ को स्वयं में एक उर्जा महसूस करेंगी।
38.
राजनीति के हुए नए समीकरण की बातें करें
हाल ही में सरकार द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया गया है जिसमे महिलाओं को 33 % सीट्स तय की गई हैं। माँ के साथ इस खबर को साँझा कीजिये उन्हें बेहद ख़ुशी होगी कि चलो वो तो नहीं सही पर आगे अनेक महिलाओं को अवसर मिलेगा,मतलब समाज की मुख्यधारा में निर्णय लेने में अग्रणी साबित होगी।
माँ को यदि निर्णय के लिए कहा जाए तो वो दिल से सोच कर सबके लिए सोच कर ही कोई निर्णय लेंगी। ऐसी ख़बरों से उन्हें बहुत अच्छा लगेगा कि सरकार अब महिलाओं के लिए कितना अच्छा सोच रही है।
39.
डिजिटल दुनिया की जानकारी दें
स्मार्ट फ़ोन आज की जरूरत है और यह बात किसी से भी छुपी नहीं है।एक बढ़िया सा स्मार्ट फ़ोन माँ के लिए लायें और उनके पसंद के अप्प्स उसमे डाल कर,उनको कैसे इस्तेमाल करना है,इसमें रूचि दिखाएँ भी और उनकी रूचि बनाएं भी।
अपने रिश्तेदारों से,सहेलियों से,अपने बच्चों से हर वक्त साथ होने का अहसास उन्हें एक ऐसा प्रोत्साहन एगा जिसकी उन्होंने भी कल्पना नहीं की होगी।
40.
माँ के पीछे घर की साफ सफाई करके उन्हें स्पेशल फील करवाना
माँ को घर हर वक्त साफ सुथरा चाहिए लेकिन सब इस ओर ध्यान ही नहीं देते कि कैसे छोटी छोटी बातों से उनकी इस इच्च्चा को पूरा किया जा सकता है।यदि मदद नहीं कर सकते तो कम से कम खुद अपना सामान तो न फैलाएं।
अगर आप अपना काम भी ठीक से कर लें और कुछ अतिरिक्त कार्य उन पर न डालें तो माँ को बहुत स्पेशल लगता है कि उनके बच्चे भी उनकी तरह सफाई पसंद हैं।
41.
घर के पालतू जानवरों की देखभाल में साथ देना
बचपन में आपके शौक को देखते हुए ही माँ ने एक छोटा सा डौगी घर में पाला था ताकि आप मूक पशुओं के प्रति नरम स्वाभाव के बने और उनके साथ खेलने से भी एक अच्छा सा वातावरण भी बना रहता है।
लेकिन होता क्या है कि इस पालतू प्राणी की देखभाल भी माँ के ऊपर ही आ जाती है।ना,माँ के साथ आप को ध्यान रखना है और उसके लिए समय से इंजेक्शन लगवाने की जिम्मेदारी भी लें और माँ का मुस्कुराता अहसास महसूस करें।
42.
माँ से पूछना कि कैसे आप उनकी मदद कर सकते हैं
कई बार बच्चों को समझ नहीं आता कि आखिर माँ को कैसे स्पेशल फील कराएँ। ऐसे में आगे बढ़ कर खुद माँ से ही पूछ लें कि आप की मदद कैसे करूँ या आप को इस समय किस कार्य में मेरे लगने से अच्छा लगेगा।
माँ को यह पूछना ही बहुत भा जाएगा कि बच्चे उनके प्रति कितने विचारशील हैं।माँ को अच्छा लगेगा।
43.
पेड़ पौधों को पानी देना
एक सुंदर घर में पेड़ पौधें होते ही हैं और उनकी देखभाल भी नन्हें बालकों की तरह करनी पड़ती है क्योंकि वो तो बिलकुल ही कुछ नहीं कहते हैं।लहलहाते पेड़ जब दीखते हैं तो मान की बगिया भी झूम- झूम कर चहक जाती है।
बस माँ को इस कार्य से फ्री करिए और रोज सुबह स्वयं ही पानी दें और उनसे बातें करिए। आप धीरे-धीरे महसूस करेंगे कि वो आप से एक स्नेह बंधन में बंधते जा रहे हैं और साथ माँ भी ओर प्यार दिखाएंगी।
44.
रसोई के कामों में मदद करें
माँ और रसोई दोनों का नाता शायद किस्मत में लिख कर ही आता है और हर माँ को बहुत संतुष्टि मिलती है जब उसकी बनाई हर चीज़ को सब लोग खुश होकर कहते हैं। बच्च्चा यदि भूखा है तो कोई भी माँ खुद नहीं खा पाती है। प्रकृति ने उन्हें ऐसा ही बनाया है।
उनकी सर्वप्रिय रसोई में आआगे बढ़ कर सहयोग करें।साथ में बतियाते हुए खाने को माँ अन्नपूर्णा का प्रसाद समझ स्वाद लेकर खाएं और माँ को अहसास कराए की दुनिया में सबसे अच्छा खाना वो ही बनती हैं।
45.
अपने भाई बहनों के प्रति मधुर व्यवहार रखें
माँ के लिए आज के इस तेज रफ़्तार दुनिया में जहाँ रिश्तों की अहमियत दिन प्रति दिन घटती ही जा रही है और पैसों से ही संबंध रखे जा रहे हैं। उन्हें अपने बच्चों के बीच एक सौहाद्रपूर्ण व्यवहार की कामना रहती है।
माँ को विश्वास दिलाएं और प्रत्यक्ष रूप से जाहिर भी करें कि आप अपने जन्म के साथी यानि अपने बहन भाइयों के बीच हमेशा एक मधुर भाव बांये रखेंगे। यह भावना किसी भी माँ को बेहद स्पेशल महसूस कराएंगी कि उन्होंने बहुत ही सुंदर परवरिश की है।
माँ को स्पेशल फील करने के स्पेशल तरीके
46.
उनके लिए व्यस्त होने के बावजूद समय जरुर निकालें
आज के समय में सबके पास जिस चीज़ की कमी है -वो है समय का अभाव।हर कोई इतना व्यस्त है कि व्यक्ति को खुद के लिए भी सोचने समझने का वक्त नहीं मिलता और ऐसे में परिवार के लिए मुश्किल काम है।
सवाल है जिस जननी ने आपो जन्मदिया और आपको काबिल बनाया अपने जीवन ले स्वर्णिम पल देकर। ऐसे में यह नितांत जरुरी है कि उनके साथ एक वक्त का खाना या कुछ देर बैठ कर उनका हालचाल जानना। माँ को यह स्पेशल बात लगनी चाहिए कि वो बच्चो के लिए सबसे प्रथम है।
47.
माँ के जन्मदिन को मातृ-दिवस के रूप में मनाएं
दुनिया को मदर्स डे मनाने दें पर आपके लिए मदर्स डे उस दिन है जिस दिन आपकी मम्मी का जन्मदिन हो।फूलों के गुलदस्ते देकर,उनकी पसंद की जगह पर रात्रि भोज करख कर,एक सरप्राइज पार्टी देकर। अनेकों तरीकें है जिन के द्वारा आप माँ को स्पेशल महसूस करा सकते हैं।
क्या तरीका अपनाया जाए यह तो जरुरी है पर आपने इस बारें में सोचा और जीवन की प्राथमिकता उन्हें दी,उनकी पसंद-नापसंद का बारीकियों से विश्लेषण लिया,बस यह जो बात है इससे बढ़ कर कोई तोहफा क्या हो सकता है।
48.
माँ के लिए एक मेडिकल किट लाकर दें
माँ अनवरत रूप से निस्वार्थ भाव से सुबह से शम्तालक तक अपने परिवार के लिए ही जीती है। उनके सपनों में अपने ख्वाबों को देखती है और कब जीवन का सांध्य- काल आ दस्तक देता है,यह उन्हें पता ही नहीं चलता जब टल घुटने थोड़ा जवाब न देने लगे,शारीर आराम की गुहार लगाने लगे।
ऐसे में उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उनके लिए एक मेडिकल किट जिसमें उनको जरूरत पड़ने में हर दवाई व् अन्य उपकरण जो उम्हें आराम दें,हमेशा उपलब्ध होने चाहिए।उनकी एक्सपायरी तिथि को समय समय पर चेक करना आपकी जिम्मेदारी हो।
49.
धार्मिक आयोजन कराएँ
माँ अगर धार्मिक रूचि की हैं जोकि अमूमन होती ही हैं पर कई बार घर के अन्य व्यक्तियों का सहयोग नहीं मिल पता है शायद सबकी धर्म के प्रति अपनी अपनी विचारधारा हो। माँ बस मन मसोस कर रह जाती है और एक घुटन सी महसूस करती है।
आपके रहते ऐसा हो तो आप फिर अपनी माँ को मतलब समझ ही नहीं पाए हो कभी।कभी कभी छोटे से आयोजन जैसे भजन-कीर्तन करवा लेना,कोई धार्मिक आयोजन करवाना जिसमें पारिवारिक मिलन भी हो जाएँ। यह विचार ही माँ को बहुत खास महसूस कराएगा।
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अपनी भविष्य की योजनाओं से अवगत कराएँ
आप अपने जीवन और अपने करियर को लेकर क्या ओचते हैं व् कैसे अपने सपनों को साकार रूप दे पायेंगे,इस बारें में अपनी भावी योजनाओं से माँ को न सिर्फ अवगत कराएँ अपितु उनकी राय भी लें क्योंकि उनके पास जो अनुभव है उसका कोई तोड़ मिल नहीं सकता।
माँ से बहुत की नौकरी से माँ मानसिक रूप से बेचैन हो जाएगी,इस बात का ध्यान रखना जरुरी है पर यदि बहुत अच्छे जॉब ऑफर हैं तो उसमें उनको मानसिक रूप से तैयार करना भी उतना ही आवश्यक है।
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माँ है तो जीवन में उल्लास है
हर बच्चा अपनी मम्मी से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं और एक मिनट उनके बिना रहने की कल्पना भी नहीं करते थी वैसे ही जैसे माँ उनके सोचती है।हर पल खुश रहने की और माँ को ख़ुशी देने की बातें सोचें कि किस काम से माँ को सबसे ज्यादा ख़ुशी मिलती है।ऐसा जब विचार करते हैं तो दिमाग में अनगिनत आइडियाज भी आने लगते हैं।
बस सुबह से रात तलक आप उनके ही साथ है यह अहसास बनाये रखना ही अपने आप में एक बहुत सुंदर ख्याल है, इस संजीदा विचार को माँ के संग शेयर भी कीजिये।
माँ को स्पेशल कैसे महसूस कराएं,इस विषय पर यानि अपनी सृजनहार अपनी जननी के प्रति,इस ब्लॉग में माँ को खास महसूस करने के बहुत खास अंदाज़ को पढ़ना न भूलें और अमल में भी लायें व् अपनी राय भी हम तक COMMENT BOX के जरिये जरुर बताएं।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।