माँ बाप पर शायरी का एक अनोखा व भव्य संकलन!
माँ बाप पर शायरी लिखना यानि खुदा की इबादत करने जैसा है। जीवन का सबसे पवित्र रिश्ता माँ बाप का है यानि हमारे जन्मदाता,जो कितने प्यार और जज़्बे के साथ हमें पालते हैं,शिक्षा व सुंदर संस्कारों से सभ्य इंसान बनाते है।
माँ बाप पर शायरी लिख करते है दिल से धन्यवाद,कैसे उतार पाएँगे आपके प्यार का क़र्ज़ आते ऐसे अहसास
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|माँ बाप की सेवा पर प्रेरक शायरी|
माँ बाप पर शायरी यानि कोमल अहसास से लिखी गई जज़्बात भरी कविताएँ।
माता पिता पर अनमोल वचन।101 हृदयस्पर्शी रचनाएँ।
1)ईश्वर की प्रतिपूर्ति होते है,धरती पर माँ बाप
दिल से नमन,आपका आशीर्वाद रहे बना सदा साथ।
2)दुनिया का है सबसे क़ीमती और सुंदर उपहार
जिसे मिले सदा अपने माँ बाप का प्यारा प्यार।
3)ईश्वर तुल्य होते है माँ पापा,है उनकी महान हस्ती
संग मिलता जब आपका सानिध्य,रहती है एक मस्ती।
4)दिल में बसे है माँ बाबा आप,है आपके लिए बहुत ही सम्मान
कितने संघर्षों से जूझ कर पाला हमें,बनाया हमारा आत्मसम्मान।
5)माँ पापा क्या लिखूँ आप पर,हैं कितने आप दोनो महान
मैं काश!कुछ थोड़ा सा आप जैसा बन पाऊँ,मिले मुझे भी ऐसा सम्मान।
6)बचपन हमेशा साथ साथ रहता है मेरे आसपास
माँ पापा है मेरे आजू-बाज़ू,रखते मुझ पर पूरा विश्वास।
7)कभी कभी न चाहते हुए,आते है जीवन में ख़राब हालात
माँ बाप की सलाहें करती करिश्मा,ग़ज़ब है उनके ख़यालात।
8)मन में हो जब कोई दुविधा,झुक के करता हूँ माँ पापा को प्रणाम
हैरान हो जाता हूँ अक्सर,कैसे झटपट देते है बढ़िया सा समाधान।
9)पथरीले रास्तों पर चलने में,सब है डरते,है जग की यही रीत
नयी पहचान बनाने के लिए चुनो यही,माँ बाबा कह दिखाते अपनी प्रीत।
10)पैसा कमाने के मिले अवसर कई,नहीं जा पाया छोड़ माँ पापा को
कम ही सही,पर साथ तो रहूँगा सदा,दौलत है आप बड़ी,समझाया माँ पापा को।
11)देख मुझे जब उदास,वो भी बस मुरझा से जाते हैं
माँ बाप के सिवा भला, ये किस के चेहरे पर हम पाते हैं।
12)नहीं चाहिए मुझे ऊँचे महल और न ही कोई क़ीमती तोहफ़े
माँ बाबा बस संग आप रहें,मेरा मंदिर है यही,चरण जहाँ आपके।
13)सूरज की तपिश से थका-मांदा सा,आ घर में एक सुकून मिलता है
माँ बाप की एक मुस्कान में,दुनिया जहान का आराम मिलता है।
14)कहने की नहीं सच है,करनी चाहिए माँ बाप की हमेशा ख़िदमत
उनसे बड़ा कौन होगा हितैषी,उनके सानिध्य में दिखती अजमत।
(खिदमत=सेवा|अज़मत=गौरव,चमत्कार)
15)जिस दिन हर कोई करने लगेगा,सच्चे मन से माँ बाप को प्यार
आएगा यही ख़्याल दिलों में,मानोऔर क्या चाहिए अब यार।
16)हर बात हर काम में लेता रहता हूँ,सदा उनकी सलाह मुसलसल
माँ बाप की सहमति के बिना,कोई क्या कभी हुआ मुक्कमल।
(मुसलसल =लगातार|)
17)प्रथम साँस माँ आपकी गोद में थी,हो अंतिम भी ऐसे ही मेरी
प्रभु इतनी सी ही तो ख़्वाहिश है,पूरी कर देना देखो न बस मेरी।
18)किसी पूजा न ही किसी मंदिर में, जाने की इच्छा होती कभी मेरी
माँ बाप के दर्शन मात्र से ही,सभी चाहते हो जाती पूरी मेरी।
19)देख मुझे निराश-परेशान सा,गले से माँ झट से लगा लेती है
काँधे पर रखा हाथ पापा का,एक हिम्मत की ललक जगा देती है।
20)चेहरा देख मेरा मुरझाया,न जाने कौन सी दुआ खुदा से करती है
नहीं समझा मैं,न जाने माँ संग पापा के क्या जादू सा किया करती है।
माँ बाप पर प्यार स्टेटस्
21)माँ बाप के प्यार से भरी हैं,दुनिया में तमाम हर तरफ़ ढेरों मिसाल
ईश्वर तुल्य बन अपने बच्चों पर,आई बला को भी हैं लेते संभाल।
22)बचपन में हर ज़िद पर कैसे ख़ुश हो,करते थे पूरी माँ पापा
गुल्लक में पैसे बचाने की कला भी,ख़ूब सिखाते थे माँ पापा।
23)पसीने से तरबतर होकर भी,बड़े चाव से पापा संग मुझे खाना खिलाती है
घर से ख़ाली पेट नहीं जाना है,इस बात को आज भी खूब दोहराती है।
24)इंसान गर ये सोच ले कि असली पूजा माँ बाप की ख़ुशी में ही है
ये रोज़ मंदिर मस्जिद गिरजाघर,जाने से नहीं,अरे सबसे बड़ी इबादत यहीं है
25)बनी रहे माँ बाबा की हमेशा मुझ पर, ये प्यारी सी इनायत
घर में हँसी ख़ुशी का माहौल ही है,सबसे बड़ी असली इबादत।
26)काश कुछ ऐसा करिश्मा खुदा का दुनिया में हो जाए
बिन माँ बाप के बच्चे और बिन बच्चों के घर कही नहीं नज़र आए।
27)जीवन के प्रथम गुरु हर बच्चे के,उसके माँ बाप ही हुआ करते हैं
ये अक्सर बड़े होकर क्यूँ बच्चे,इस बात को भूल जाया करते हैं।
28)दुनिया का सबसे पवित्र व प्यारा बंधन,माँ बाप से होता है
बिना जिनके जीने की इच्छा,कोई कैसे फिर किया करता है।
29)कहते मुझे माँ बाबा,हूँ मैं उनका फ़लक से आया एक फ़रिश्ता
मेरे लिए तो उनसे ही है सबसे ज़्यादा,क़रीब दिल का रिश्ता।
30)दिखता हूँ गरीब दौलत के मामले में,जब औरों को देखता हूँ
जल जाते है पर तब सभी,जब माँ बाप के संग खुल कर मैं हँसता हूँ।
31)जीवन की पहली दोस्त भी है माँ और करता हूँ पापा संग दिल की बातें
मुँह खुले रह जाते है लोगों के,सुन मेरी ये अटपटी सी नयी तरह की बातें।
32)जीवन के विकास में माँ बाप,बड़ी भूमिका है निभाते
उनके सांध्य काल में कैसे कुछ बच्चे उन्हें है छोड़ जाते।
33)बिना शर्त के हर गुनाह की माफ़ी माँ बाप ही दे सकते है
क्या इसीलिए बच्चे अक्सर,इस बात का फायदा उठा लिया करते है।
34)लगी है भूख मुझे,माँ ख़ुद जान,रसोई की ओर उनके पांव मुड़ा करते हैं
है कुछ ज़रूरत मुझे,पापा नोट हाथ में ले,खड़े हुआ करते हैं।
35)बिकती है हर चीज़ आज दुनिया में,सिर्फ़ माँ बाप के प्यार को छोड़ कर
कितनी शिद्दत से निभाने की रस्म है बनाई,ईश्वर ने सोच कुछ समझ कर।
36)बचपन की तरह माँ से लिपट,ज़िद करने को जी चाहता है
नक़ली डाँट बाबा की खाने को भी,दिल कई बार मचलता है।
37)माँ बाप के संग हम रहते है,सुनने में कितना अच्छा लगता है
कुछ नाफ़हम हैं कहते है,माता पिता है उनके संग,क्या ये अच्छा लगता है।
(नाफ़हम= मूर्ख।)
38)किसी मंत्र किसी जाप में इतनी दुआ,मिल नहीं है सकती
ख़ुश होकर माँ बाप के आशीर्वाद से बढ़कर,कोई भी ख़ुशी नहीं मिल सकती।
39)हर वो पल वो लम्हा,है बन जाता बहुत ही सुहाना
जब माँ बाप के संग बैठ कर,होता है खुल कर बतियाना।
40)मिले हैं ऐसे मुझे संस्कार,मानता हूँ माँ पापा को जीवित भगवान
चेहरे पर उनके देख संतुष्टि के भाव,देता हूँ पूरे दिल से उन्हें सम्मान।
माता पिता पर अनमोल वचन
41)माना रंगत है मेरी कुछ फीकी,पर माँ बाप की आँखों का तारा हूँ
कुछ भी सुन नहीं सकते मेरे ख़िलाफ़,मैं ही उनका ध्रुव तारा हूँ।
42)सुख के सागर में रहते हुए,कभी अपने माँ पापा को नहीं भूलना
मुसीबत में जो संभाले बिना किसी अपेक्षा के,उस बेजोड़ जोड़ी को नहीं भूलना।
43)चोट लगते ही निकलता मुँह से, सिर्फ़ एक शब्द-माँ
मन के ज़ख़्म सहलाते पापा हमारे,ये बात सच है-हैं न।
44)भरी गर्मी में माँ के आँचल तले है मिलती,ठंडी ठंडी शीतल छाया
ग़मों ने घेरा हो जब जीवन को,मिलती पिता की स्नेह छत्रछाया।
45)जब कुछ उपाय नहीं खोज पाती माँ,ज़ोर से रो देती है
सम्भालते हम दोनो को तब पापा,माँ बस फिर हँस देती हैं।
46)माँ बाप का प्यार बना रहें ताउम्र मुझ पर,दुआ खुदा से यह करता हूँ
उनको हमेशा रख पाऊँ ख़ुश,ये भी संग धीरे से कहा करता हूँ।
47)माँ बाप की अहमियत उनसे पूछो ज़रा,जो है इस ममता से दूर
आँखों में इंतज़ार झाँक के देखो तो,होगा तुम्हें ये सोच ख़ुद पर ग़ुरूर।
48)जीवन के सफ़र में है जिनके पास माँ बाप,होते है बड़े ख़ुशक़िस्मत
जानता हूँ ये है एक ऐसा अहसास,ख़ूब समझता हूँ इस बात की अहमियत।
49)एक ख़्वाहिश सी बसी है मन में बरसों से मेरे
माँ बाप का साथ न छूटे कभी,सुन रहे हो न ईश मेरे।
50)दवा भी जब काम नहीं करती,माँ नज़र उतार ठीक किया करती है
जादू टोंना तो वो नहीं जानती,फिर कैसे ये सब कर किया करती है।
माँ बाप का प्यार status
51)अक्सर तरक़्क़ी की तेज़ रफ़्तार में हम,भूला है देते माँ बाप को
जिन्होंने चलने की गति समझाई थी कभी हमें,ऊँगली पकड़ क़दम दर क़दम साथ को।
52)बरगद जैसे विशाल व्यक्तित्व से होते है जीवन में माँ बाप
छाया मिलती हमेशा ठंडी ठंडी,उनकी छत्रछाया में अपने आप।
53)माँ बाप हैं गर दुखी,क्या तुम ख़ुद ख़ुश रह पाओगे
देख उन्हें संतुष्ट,ये सच है,संतुष्टि तुम भी तभी पाओगे।
54)है एक ऊँचा पेड़ नीम का,यूँ मेरे अँगना देता सदा छाया
ख़ुश होता हूँ बैठ नीचे उसके,लगता मानों माँ बाबा सा हमसाया।
55)माँ बाप क्या कभी नहीं थकते,मेहनत ही दूजा नाम है उनका
कितनी बड़ी रही हो परेशानी चाहे,मनोबल टूटता नहीं कभी देखा उनका।
56)घरों में अक्सर न जाने क्यूँ,इहलोक से ज़्यादा करते ख़्याल परलोक का
माँ बाप जिस घर में दिखे हँसते हुए,जन्नत वहीं,क्या ढूँढते फिरते इसका उसका।
57)प्रथम साँस पर मेरी कितने हर्शाए होंगे,माँ पापा कह आया हमारा अंश
जीवन भर करूँगा सेवा,गर्व करेंगे महसूस,चलाएगा यही ठीक से हमारा वंश।
58)कड़वी सी लगती है बातें माँ बाप की,कहते है जब हो दुखी नीम जैसी
फल सुखद मिलता देख,समझ आती,है कितना अनुभव,दवा हकीम के जैसी।
59)यूँ ‘अतिथि देवों भव’के देश में भी नज़र आने लगे है वृद्धाश्रम
क्या माँ बाप का बोझ है इतना,अपने घर को हो बना लेते हैं नर्काश्रम।
60)जिस घर में माँ बाप के चरणस्पर्श से ही,होती है भोर की बेला
कितना पवित्र आँगन होगा,कितना रहता होगा समाँ वहाँ अलबेला।
61)हदें पार करते हो,माँ बाप कहें कुछ,तो हो नाराज़ घर छोड़ देते हो
कमाल है ग़लती भी करते हो ख़ुद,ग़लती को उन पर ही थोप भी देते हो।
62)बंद दरवाज़ों की सिसकियाँ,कभी नहीं सुनना चाहते बच्चें अपने घर पे
माँ बाप के चेहरे को पढ़ने के हुनर को,क्या जाना पड़ता किसी ओर के दर पे।
63)ये दुनिया भर को दान पूजा,नहीं ज़रूरत इसकी,क्या मिलता है
गर ख़ुश हैं माँ बाप,तो असली पूजा का फल स्वयं ही मिलता है।
64)ये धर्म-कर्म पूजा पाठ,ये मंदिर में दिया चढ़ावा कुछ काम नहीं आएगा
गर घर में माँ बाप की आँखों में,हमारे कार्यों से आँसुओं का समुद्र बह जाएगा।
65)किया क्या ऐसा आपने हमारे लिए,कितनी आसानी से तुमने ये जता दिया
माँ बाप के कपड़ों की पैबंद,क्यूँकि बच्चों की निगाहों से बचा ली जाती है अक्सर।
66)जीवन की पढ़ाई में ये ज्ञान,लेना है बहुत ही ज़रूरी
माँ बाप सबसे पहले हो,चुनने की जब भी आए बारी|
67)कुछ पल संग गुज़राने से,माँ बाप को सुकून मिलता है
कुछ ओर यदि देना चाहोगे भी,कौन भला बच्चों से लिया करता है।
68)माँ बाप की दुआएँ व हौसला देने का जज़्बा बेमिसाल होता है
नहीं होते जब ज़िंदगी में अपनी,तब बहुत ही मलाल होता है।
69)नए घर के गृहप्रवेश में माँ बाप की निगाहें,गर ढूँढे अपना एक छोटा सा ठिकाना
ऐसा दुख देने से बेहतर होगा,उस आशियाने का पता ही न बताना।
70)जीवन की प्रथम पाठशाला में,ख़ुशी का माहौल रहना ज़रूरी है
अंत तक वहीं प्रसन्नता बनी रहें,माँ बाप का होना उससे ज़्यादा ज़रूरी है।
71)माँ बाप की गोद में आने को,मचलते है बचपन में बच्चे सभी
बड़े होकर सफ़ाई से मुँह चुरा,निकलने लगते है बहुत से कभी कभी
मुँह ताकते से रह जाते हैं वो,जब होते हैं ख़ुद भी उम्रदराज़
ठीक उसी तरह चुपचाप,गुज़रते उनके भी बच्चे,अहसास होता है शायद तभी।
72)बाप के झुके कंधो पर देख कराते सवारी,अपने नाती-पोतों को
माँ का लुढ़कते क़दमों से गिरने से बचाने का अन्दाज़,अच्छा लगता है
कितनी सुंदर बनाई दुनिया उस ऊपर वाले ने,हर घर के अंदर
बच्चे और बूढ़ों की खिलखिलाती हँसी को देखना,वाक़ई में अच्छा लगता है।
73)हौसले की हो बात तो बस माँ जैसी ही देना
जुनूँ मुझे अपने पिता जैसा चाहिए ऐसा ही देना
माँ के आँचल की छांव बनी रहे मुझ पर ऐ खुदा
पिता की हिम्मत बढ़ाती रहे मेरे जज़्बे को सदा।
74)मैं अक्सर रब से कर बातें,माँ बाबा के लिए हूँ करती दुआ
ख़ुशी उन्हें दे पाऊँ,देना इतनी मुझे हे!ईश्वर क्षमता और क्या
ग़लतियाँ कर सकती हूँ,जानबूझ कर कोई गुनाह नहीं कभी
माफ़ मुझे कर देना,बस लायक़ बेटी बन,करूँ इतनी उनकी सेवा।
75) गाँव के मेले में झूले की वो रौनक याद आती है
बर्फ़ के गोले को चुस्की से खाने की बात सताती है
आरेंज की टाफ़ी और क़ुल्फ़ी मटके की भूख बढ़ाती है
माँ पापा के संग बीते हर बचपन की हर बात तड़पाती है।
76)आजकल माँ बाप को छोड़ वृद्धाश्रम में,कुछ बच्चे इतराते हैं
आज़ादी के नाम पर फूहड़ ढोंग के,नए खेल दिखाते हैं
बदनसीब ही होते है वो बच्चे,जो ऐसा किया करते हैं
विरासत में अपने बच्चों के लिए,क्या छोड़ वो जाते हैं।
77)माँ बाप के बालों से चमकती सफ़ेद चाँदी, गरिमा उनकी बढ़ा रही हैं
उम्र की हसीन लकीरें गालों पर,उनके अपना ठिकाना अब बना रही हैं
पोपले मुँह के वो हँसी-ठहाकों से,घर आँगन गूँजा रही हैं
कैसे करूँ धन्यवाद प्रभु का,ये सोच हर किसी को लुभा रही है।
78)आज दूर से एक सूखे पेड़ को देख,गाँव की याद आ गई
माँ बाप होंगे अकेले,करते होंगे हमें भी याद,सोच आँख भर आई
नौकरी की विवशता ही मुझे अपनों से खींच यहाँ ले आई
बाँध अपना बोरिया-बिस्तर,पकड़ ट्रेन,देंगे उन्हें सरप्राइज़ युक्ति है लगाई।
79)माँ बाप का साया है रहता सर पर,मानता हूँ ख़ुद को अमीर
देख नहीं सकता उन्हें उदास एक पल भी,खौल उठता है मेरा ज़मीर
कोशिश पूरी है हर पल रख पाऊँ उन्हें,हमेशा ही अपने दिल के क़रीब
न्योछावर कर दूँ हर दौलत,पाने को उनके एक मीठी सी नज़ीर।
80)ग़म-ए-हयात में अक्सर माँ की गोद में सुकून पाती हूँ
नोहा-ए-तन्हा में पापा की हिम्मत से ख़ूब प्रेरणा पाती हूँ
बिटिया लाडली हूँ अपने घर में,सब के दिल के क़रीब रहती हूँ
परिवार का नाम रोशन करने को,मेहनत से अपने दिन रात एक किए रहती हूँ।
81)जिस घर से आती हो ऊँची आवाज़ें,अच्छा नहीं लगता
अपने माँ बाबा को कोई दे उपदेश,बहुत बुरा तब है लगता
कितने यत्न और प्यार से जो अपने बच्चों का करते है पालन
उन्हें नीचा दिखा,शेख़ी बघारने वाले कभी किसी के हो,नही लगता।
82)घर के अंदर से आती हँसी की गूँज,राहत पहुँचाती है
बुआ चाचा के बच्चों के संग,बगिया में खेलना,सबका मन बहलाती है
माँ बाप होते बहुत प्रसन्न देख यूँ,आपस में सबको मिलते जुलते
अपनों के संग मिलता जो सुकून,दिल की दवा सी बन आराम दिलाती है।
83)माँ की ममता करुणा का कोई पैमाना नहीं हुआ करता
पिता से बड़ा कोई सलाहकार,हिम्मत नहीं दिया है करता
ख़ुशनसीब होते है वो बच्चे,मौक़ा मिलता है जिन्हें उनकी सेवा का
क्यूँकि ईश्वर को पाने का इससे कोई सरल रास्ता भी,नहीं हुआ है करता।
84)ये तो शाश्वत नियम है ईश्वर का जाना पहचाना
जीवन के संग मृत्यु को होना लाज़िमी सी बात रहेगी
उस ऊपर वाले की अदालत में बही खाता जब खुलेगा
कुछ ख़राब कर्मों पर माँ बाप की सेवा से ही रिहायत मिलेगी।
85)यूँ व्रत उपवास में बहुत ज़्यादा आस्था नहीं रखती
माँ बाप रहे पास मेरे सदा,कामना ईश्वर से हूँ ये करती
उस की अदालत तो देखी नहीं पर सुना है पढ़ा है मैंने सदा
पसंद वो रब भी करता है,माँ बाप की क़द्र में हैं जो करता सजदा |
86)सूखे पेड़ की भाँति,अपने माँ बाप को नहीं छोड़ सकता
बचपन से जिसने की देखभाल,रुसवा नहीं यूँ कर सकता
पत्तों पर रौनक झलकती है तभी,बाग़ों-बहारॉ में सुनो
ख़ाली बगिया में फूलों से ही महक,नहीं कोई ला सकता।
87)जब माँ बाबा से करते है दिल की बातें
उनके चेहरे की चमक बस देखते ही बनती हैं
किसी पूजा करने की ज़रूरत महसूस होती ही नहीं
घर में शिव-पार्वती की जोड़ी जो हमेशा रहती है।
88)हो सकता है दुनिया के कारोबार में,उतना सफल नहीं हो पाया
दुनियादारी भी शायद औरों की तरह,मैं कभी निभा नहीं पाया
हँसता हुआ देखता हूँ जब अपने माँ पापा को,बच्चों संग बतियाते
सबसे अमीर बादशाहत का प्यारा अहसास मगर है मैंने ही पाया।
89)एक मशवरा सब बच्चों को आज ये देना चाहती हूँ
हर हाल जीतने का आज़माया नुस्ख़ा बताना चाहती हूँ
जीना है गर एक शानदार जीवन अपने ही बलबूते पर
माँ पापा रहें हमेशा ख़ुश,राह सफलता का दिखाना चाहती हूँ।
90)माँ बाप जिस ऊँगली से पकड़ कर बचपन में, प्यार से चलना सिखाते थे
उसी ऊँगली को मैंने हमेशा अपने हाथो से, पकड़ कर रखा थामे
जीवन नैय्या जब भी डगमगाई,समुद्र की लहरों के बीच
बन पतवार उसी मज़बूत ऊँगलियों ने,मुझे भी रखा वैसे ही थामे।
माँ बाप के लिए दुआ शायरी
91)एक से जुड़ी रहती है जीवन में रिश्तों की लड़ी
आज छोड़ तुम जाते हो,अपने माँ बाप को तोड़ लड़ी
भूल जाते हो ये बुढ़ापा तो तुम पर भी आएगा एक दिन
क्यूँकि संतान तुम्हारी सीख रही है,कैसे तोड़नी ये लड़ी।
92)माँ बाप क्या हुआ करते है अपने बच्चों के लिए,
उन घरों में ज़रा झाँक कर, सब को ये देखना चाहिए
जीवन मे झूठी हमदर्दी दिखा,कैसे प्यार से डुबाते नैय्या
अपनों से कर दूर,दुश्मनों को अपनाने का सबब देखना चाहिए।
93)इस बार जब कुछ दिन की हुई देरी,माँ ने दिन उतने गिना दिए
तंगी में क्यूँ रहा था मैं,पापा की चुप्पी ने नाराज़गी से बिन कहे जता दिए
मैं नक़ली मुखौटा खुशी का लगा,मिलने था गया उनसे इस बार जब
कम पढ़े लिखे थे,पर जीवन के गणित के सब भाग-गुणा पल में बता दिए।
94)मेरे परदेस जाने की सुन,माँ बाबा नक़ली हँसी जताते हैं
पड़ोस भर को मेरे ऊँचे ओहदे की ख़बर भी,ख़ूब चाव से बताते है
सिर्फ़ इतना ही कहा मैंने,कि यही आपके पास ही रहना है मुझे
ख़ुशी के बहते नीर से गले बार बार, फिर अपनी दिली राहत दिखाते है।
95)दुनिया का चलन बहुत बदला हुआ लगता है
जिसे देखो बस अपनी धुन में मग्न सा रहता है
जिन माँ बाप की बदौलत पहुँचे ऊँचे मुक़ाम पर
उन्हें ही अब न पूछने का दौर हर तरफ़ दिखता है।
96)मेरे लिए तो मेरे माँ बाप ही,मेरे जीवित भगवान हैं
कर पाऊँ उनकी चाहतें पूरी,दिल को दिया फ़रमान है
चेहरे पर उनकी देख हँसी,सुकून सा महसूस करती हूँ
मेरे श्रेष्ठ कर्मों से हो वो गौरवान्वित,ऐसा अरमान है।
97)अच्छे बुरे दौर ज़िंदगी में,सबके आते जाते रहते हैं
माँ बाप की हिम्मत व होसले से,सब संग साथ रहते है
सोच कर बहुत हैरानगी होती, अब ऐ-बेकल दिल मेरे
किस जज़्बे से बच्चों के लिए,उम्मीद के पौधे उगाए जाते हैं।
98)बचपन से ही माँ बाप,इतिहास के स्वर्णिम पन्नें पढ़ाते हैं
कभी आरुणि कभी प्रह्लाद,कभी ध्रुव तारे को दिखाते हैं
न जाने अब ये कैसी, र्वचूअल तकनीकी की दुनिया है हुई
लाइक और डिस्लाइक में है फँसे,अपने नज़र कहीं नहीं आते है।
99)कान्हा जैसा नटखट माखन चोर की, बाट भी सभी हैं जोहते
भूल से जाते है मगर,ख़्वाब पेड़ों पर नहीं,हक़ीक़त से कर सामना हैं उगते
माँ बाप की होती है दिली ख़्वाहिश,राम श्रवण जैसी हो संतान
चैटिंग को कर कम,समय संग घर पर बिताने का लीजिए सभी अभी प्रण।
100)हर बच्चे की ले बलाएँ अपने ऊपर,माँ खुदा से है माँगती दुआएँ
रात रात भर जाग पापा,बरामदे में घूम घूम,कैसे है दिल से देते सदाएँ
बड़े होकर ये ज़रा सी तरक़्क़ी क्या पा लेते है आजकल के बच्चे
छोड़ अकेले सांध्य काल में उन्हें,किस बात की भला देते हैं सजाए।
101)ठुमक-ठुमक करती रूनझुन पायल,माँ को बहुत लुभाती है
रिपोर्ट कार्ड में देख टाप रैंक,पापा का ख़ून एकदम बढ़ाती है
अब उन्हें स्वस्थ देख जाते मॉर्निंग वॉक पर,मुझे ये बात बहुत संतोष दे जाती है
ध्यान रखना है कर्तव्य हमारा,आपको भी ये बात अंतर्मन याद दिलाती है। हैं न!!
माँ बाप पर शायरी पढ़ कर यदि एक छोटी सी ख़्वाहिश भी आपके मन में अपने माता पिता से और लगाव पैदा कर पाई तो ये ही इन कविताओं की उपलब्धि होगी।
अपनी भावनाओं से Comment Box में अवगत ज़रूर करवाइए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।