दिल के रिश्ते पर शायरी यानि हृदय के उन अहसास भरें लम्हों को बया करना है जो हमारे अन्त्रर्मन में बसे होते है|जीवन बिन रिश्तों के कुछ भी नहीं है और जिसने इनकी अहमियत को समझ लिया तो उसकी जिन्दगी खूबसूरती से भरी होगी ही|
दिल के रिश्ते बेहद सवेंदनशील,नफासत और नजाकत लिए रहते है|बहुत प्यारे और दिल में धड़कनों की तरह है|बस दिल थाम के पढ़िए|
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दिल के रिश्ते पर शायरी, सुंदर शब्दों में लिखी हृदय की बातें खूब सारी
दिल के रिश्ते पर खूबसूरत शायरी| 65 कविताओं का सुंदर संकलन
1)चलो ज़िंदगी को,ख़ुशनुमा अब बनाते है
दिल के रिश्ते नये-नये,आज फिर बनाते हैं।
2)यह रूह से रूह का,रूहानी नाता है
दिल से जुड़ा रिश्ता,यह कहलाता है।
3)विश्वास हर रिश्ते का,मज़बूत आधार
जीवन भर निभाए,आस्था और प्यार।
4)ज़िंदगी लंबी नहीं,बेहतरीन होनी चाहिए
दिल के नातों से,गहरी जुड़ी होनी चाहिए।
5)दिल का रिश्ता ही, सबसे प्यारा है
सब रिश्तों में लगता, सबसे न्यारा है।
6)दिल ने जिसे अपने क़रीब समझा
रिश्ता भी वहीं पर जाकर रुका।
7)ज़िंदगी का बस छोटा सा ही,यह फ़साना है
दिल से जुड़ कर,दिल से रिश्ता निभाना है।
8)ख़ुशी और ग़म,आते ही रहते है बार-बार
रिश्ते दिल के मगर,नहीं करते कोई वार।
9)दिल से जुड़ी,चाहतों को क्या कहें
चाहत बनी रहे,बस यही दुआ करें।
10)ज़िंदगी से रूठे रहते थे,ख़्वाब ख़फ़ा-ख़फ़ा
दिल के रिश्ते ने दिए,उड़ने को पंख आज।
11)दूर दराज दिल उनसे,जो जुड़ गया
धड़कन बन दिल में,धड़कता रहा।
12)दिल से चाहा और दिल ने ही निभाया
दिखावा क्यूँ भला,दिल ने यही समझाया।
खूबसूरत रिश्ते शायरी
13)दिल के रिश्ते हैं अनाम,नाम मत कोई दीजिए
धड़कनों में बसते है,तो बस यही रहने दीजिए।
14)काजल के पीछे की नमी को,पकड़ जो गया
दिल का रिश्ता था, इसलिए जल्द समझ गया।
15)तसव्वुर में ढूँढते थे,मिले कोई आबिदे-पाक
दिल से दिल को जोड़,ख्वाहिश पूरी हुई आज।
(आबिदे-पाक=पवित्र उपासक)
16)चाहे हो कितनी भी मजबूरी,मिलते-जुलते रहिए
दिल के रिश्तों को,प्यार से हरा-भरा भी रखिए।
17)दुख के पल में जिसने,बिन शर्त साथ हो निभाया
रिश्ता असल में दिल से जुड़ा हुआ,वही कहलाया।
18)दिल के रिश्ते को,जब-जब आज़माया
ख़ुद पर गर्व करता,हुआ ही मैंने पाया।
19)जब सारी दुनिया,निगाहें अपनी फेर लेती है
दिल के रिश्तों में,साथ देने की बात होती है।
20)सोच नयी रिश्ते नये,दिल से जुड़े ऐसे
ज़िंदगी बीतने लगी हंसते-हंसते जैसे।
21)दिल से नाता जोड़,वो मेरे बन गये रहनुमा
ज़िंदगी संवरने लगी,हर पल हुआ ख़ुशनुमा।
22)दिल के रिश्ते होते हैं बहुत ही अनमोल
क़रीब धड़कनों के,होते है बहुत ही बेमोल।
23)एक सच्चे रिश्ते की बात ही,कुछ ओर होती है
ज़िंदगी की मुश्किलात में भी,आसान होती है।
24)जिन रिश्तों में मिल कर,दिली अहसास दिखाईं दें।
साथ है कोई मेरे दुख में ,ये जज़्बात भी दिखाई दें।
अनमोल रिश्ते पर शायरी
25)दिल के रिश्ते बाज़ार में,नहीं कभी भी मिला करते
समय पर साथ दें जो,उनसे ख़ुद ही जुड़ा है करते।
27)मेरे पैसे रूतबे को एक पल भी,नहीं जिसने देखा
दिल का रिश्ता बना वहाँ ऐसा कि बस सदा बना रहा।
28)अहम होता है जीवन में,हर किसी का ही व्यवहार
सुंदरता चार दिन ही लगती अच्छी,काम आता प्यार।
29)आती जाती रही ताउम्र,रूप बदल कर परम्पराएँ
एक दिल का रिश्ता ही था,जिसने माँगी सदा दुआएँ।
30)सोच की खिड़कियों को,खुला ही रहने दिया जाए
दिलों-दिमाग़ को फ़िज़ाओं में,महकने दिया जाए।
31)आईने से हमने तो साफ़ साफ़,कह दिया था आज
दिल से जुड़े हो,तुम्हारी सच की आदत पर है नाज़।
32)बिना किसी रिश्ते के,ऐसा रिश्ता जब दिल का बना
ज़ुबा ख़ामोश जब होती थी,पढ़ा वो जो था पढ़ना।
33)दिल के रिश्ते लिए होते हैं,अजब-ग़ज़ब से अन्दाज़
बस सुधरते ही हालात,ग़ायब से हो जाते अपने आप।
34)मीठी बात नहीं,साफ़ साफ़ मुँह पर बात कह देते हैं
यह दिल से जुड़े हैं,ग़लतफहमी नहीं कोई रखते है।
35)मनभेद होगा आपस में,यह तो लाज़िमी सी बात है
दिल के रिश्ते हैं न,समझाना क्या,ख़ुद समझ लेते हैं।
36)सही को सही और ग़लत को ग़लत भी बता सकें
जुड़े ऐसे दिल के रिश्ते,हर हाल साथ निभा सकें।
दिल जीत लेने वाली शायरी
37)ख़ुशियों और ग़म में, साथ साथ था रहगुज़र
दिल से नाता जुड़ा था,सजग़ रहा हर प्रहर।
38)रिश्तों में जुड़ जाता है,जब मान-सम्मान
प्यार की डोर से बंधता,करता सही पहचान।
39)कैसे दिल खोल कर,अपने प्यार को हम जताएँ
अहमियत है कितनी दिल के रिश्ते की,कैसे बताएँ।
40)दर्दे दिल जब हद से ज़्यादा हो,गुजरने लगा
दिल का रिश्ता भी,उनसे ख़ुद ही जुड़ने लगा।
41)थक हार के जब मन था ,थोड़ा सा घबराया
हिम्मत की तलवार को,दिली रिश्ते ने थमाया।
42)बारिश की बूँदों में आंसुओं को भी,पहचान लेता है
दिल से जुड़े रिश्तों में,कुछ न कुछ तो ख़ास रहता है।
43)तेज धूप में छाता ले संग साथ,चलने को जो राज़ी
दिल के रिश्ते जुड़ जाते हैं अपनेआप,वजह नहीं काफी।
44)चार दिन की ज़िंदगी होती है,सुनते है आए
दिल से जुड़े रिश्तों को हर हाल हम निभाए।
45)दिल के रिश्तों को मान इबादत,सम्मान पूरा देते हैं
होती है जब ख़ुदा की इनायत,कामयाब भी होते हैं।
46)बदलती जीवन शैली ने,बूढ़ा समय से पहले किया
दिल से जुड़ा था जो,साथ उसने वैसे के वैसे ही दिया।
47)एक वक्त था जीवन में लगा,रोज़-ए-जज़ा आ गई
ऑफ़ताब सा तेज लिए,दिल के रिश्ते ने आन बचाई।
(रोज़-ए-जज़ा=प्रलय का दिन)
48)बात ज़रूरत की नहीं सिर्फ़ भावनाओं की,है हमेशा होती
पैसों वालों को फिर किन्हीं रिश्तों की,चाहत भी न होती।
दिल को धड़कानें वाली शायरी
49)दिल से जुड़े रहना है उनसके,यही हैं शम्माए-अरमान
इल्तिजा उस ख़ुदा से,करे जारी आज ही फ़रमान।
50)जिस रिश्ते में भरोसा हो बड़ा और समझ हो बेहिसाब
ऐसे दिल के रिश्ते ही ज़िंदगी को,बनाते है नायाब और ख़ास।
51)आंसुओं को भर किश्ती में,दूर कहीं जाना चाह रहे थे
साहिल पर वो बन रहगुज़र,दिल का नाता जोड़ रहे थे।
52)दिल के रिश्तों का अहसास,ग़ज़ब ही हुआ करता है
अनाम है दुनिया में,नाम दिल में बसा हुआ करता है।
53)एक मुद्दत के बाद भी मिलूँ तो,रखते दिलाबेज़ ख़यालात
जाने कहाँ से फरिश्ता बन आते,मदद्द को ये रिश्ते अपनेआप।
54)वो अल्हड़पन ही दिल से जुड़ने का,सबब बन गया
क्योंकि अब ढूँढें से भी,भोलापन मिलता है कहीं क्या।
55)मेरे मौन शब्दों की भाषा,पढ़ने का हुनर उनमें आ गया
अब दिल से दिल का रिश्ता,जो था ख़ुद ही जुड़ता गया।
हृदय में बसने वाली शायरी
56)ग़मे-पिन्हा में संगीत की मधुर लहर,सुनाई देने लगी
तन्हा से बैठे थे अकेले में,दिल के रिश्ते में शहनाई सी बजी।
57)दिल के रिश्ते की उफ़्फ़! वो दीवाना मिज़ाजी अन्दाज़
महफ़िले-शौक़ सी है हर जगह, लिए आशिक़ मिज़ाजी जज़्बात।
58)डोर-ए-सांस लगी है चलने,अपनी ही धुन में साथ-साथ
मेहर-ओ-माह लगते पास,रिश्ता जुड़ा जब से पाक साफ़।
(मेहर-ए-माह=सूरज और चाँद)
59)मेरी नादानियों को भी,सरे-आम यूँ उसने सम्भाल लिया
दिल का रिश्ता ऐसा बना,जो मैंने भी टूटने नहीं दिया।
60)जीवन हो व्यवस्थित,साथ अपनों का ग़र सदा रहे
दिल के रिश्ते बने थे जिनसे,बस वो ही अंत तक साथ रहे।
61)ज़िंदगी के सफ़र में न जाने,कितनी मुलाक़ाते होती हैं
जो दिल में आ ठहर जाए,वो ही तो अपने रिश्ते होते है।
62)सोने व मोतियों की माला और बड़े बंगले छोटे लगने लगे
दिल से जुड़े रिश्तों में,महक अपनेपन की जब आने लगे।
63)असहमति तो ठीक है,पर ग़लतफ़हमी नहीं होनी चाहिए
नाज़ुक से है रिश्ते दिल के,किसी भी हाल टूटने नहीं चाहिए।
64)सहरा से हृदय में मुलाक़ाते-नागहाँ,बन आये जैसे आबशार
वीराने दिल में बन बैठे अपने से जोड़, दिल का रिश्ता कर चमत्कार।
65)कुछ कहने कुछ समझाने की ज़रूरत,जहाँ ना पायी जाए
ख़ुशबू-ए-रूह सा यह महकता हुआ,दिल का रिश्ता कहलाए।
दिल के रिश्ते पर शायरी करे दिल की ही बात।दिल और दिमाग़ की लड़ाई में जीत आख़िर में दिल की होती है।
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रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।