रिश्तों की मिठास पर शायरी हर किसी संवेदनशील व्यक्ति को हर्षित करती है क्योंकि जीवन में हमारी पहचान हम से जुड़े रिश्तों से ही तो है।संबंधों में जब आपसी प्यार और अपनत्व होता है तो वह व्यवहार में भी परिलक्षित होता ही है।
चलिए रिश्तों में मिठास लातें हैं,कविताओं से प्यार जताते हैं|🤩 रिश्तों में अगर रखना है प्यार,जताते रहिये अपना आभार|
पढ़ना न भूलें
|दिल के रिश्तें पर प्यारी सी शायरी|
रिश्तों की मिठास पर शायरी,कविताएँ आपसी प्यार दिखाए बारी-बारी
संबंधों पर Best quotes| 63 शानदार कोट्स
1)जीवन में रहेंगी छाई,सदा बसंत बहार
मिठास बन रिश्तें,निभाए प्यार ही प्यार।
2)जीवन का सफ़र,होगा तभी तो बहुत सुहाना
रिश्तों में मिठास होगी,लिए अन्दाज़ दीवाना।
3)तीज़-त्यौहारों की रौनक़,देखते ही बनती है
रिश्तों की मिठास,पकवानों में भी उतरती है।
4)ज़िंदगी यूँ तो चार दिन की,कही जाती है
रिश्तों में हो मिठास,तो सुंदर बन जाती है।
5)रिश्तों में जब-जब भी,तल्ख़ी सी आ आए
अदरक वाली चाय से,बात बनती नज़र आए।
6)मोहब्बत को एक नया,हसीं नाम क्या दूँ
मीठे रिश्तें है ग़र,जादुई अहसास कह दूँ।
7)अपेक्षाएं रखना यूँ तो,बुरी बात नहीं है
पर सिर्फ़ उम्मीदें,रिश्तें नहीं चलाती हैं।
8)दिल में दुख के अहसास,जब भरे थे
मीठी बोली सुन,नयनों से बह चले थे।
9)हर एक वो पल-पल,पुरफ़ूसूँ-लम्हा बना
मीठा सा अपनों का,जहाँ प्यार था बसा।
(पुरफ़ूसूँ-लम्हा=जादुई क्षण)
10)छोटा सा है आशियाँ,मगर सुकून बड़ा है
अपनों के बीच मिठास का,दायरा जो बना है।
11)जीवन का कठिन सफ़र भी,बन जाता है प्यारा
अपना कोई खुश होकर,देता जब साथ न्यारा।
12)रिश्तों बन कर हैं आते,आसमाँ से अपनेआप
मिठास को बनाने का,होना चाहिए पूरा प्रयास।
13)देख अपने को बैचेन,आराम कहाँ मिलता है
यही मीठा अहसास तो,रिश्तों में दम भरता है।
14)साज़िशें समय रहते,यूँ पकड़ ली गईं
आगाह कर रहे थे,दलील यह दी गई।
15)दूर रहने का फ़ैसला,ठीक से सोच लिया,है न
जड़ों से टूटे पत्ते,अक्सर पैरों तले हैं मिटते,है न।
16)ज़िंदगी तो हर किसी को,मुकम्मल ही चाहिए
मिठास रिश्तों में रखने की,अदा भी आनी चाहिए।
17)जब-जब बात रिश्तों को,सुलझाने की सामने आई
दिमाग़ की नहीं बस दिल की,बात की हुई सुनवाई।
18)रूठने का अन्दाज़ है रिश्तों का,बहुत ही प्यारा
बस हमने भी आगे बढ़ कर,मनाया अपना यारा।
मिठास रिश्तों की शायरी
19)मीठी बोली को संग,जिसने अपने पास रखा
रिश्तों की मिठास का स्वाद भी,उसने ही चखा।
20)जब-जब ज़िंदगी में,तूफ़ा आँधी की लहर आई
रिश्तों में मीठी बोली वाले,अपनों की ही याद आई।
21)भीड़ में भी अपनी एक अलग पहचान,बनानी होती है
रिश्तों की आपसदारी,जीवन को आसान किया करती है।
22)अपनों की मुस्कुराहट,बहुत ही मायने रखती है
थकान हो चाहे कितनी,उनसे ही ऊर्जा मिलती है।
23)आपसी संवाद का रिश्तों में,बनाये रखना ज़रूरी है
मिठास कहने से नहीं,आचरण में आनी भी ज़रूरी है।
24)आँखों में देख रोज़-ए-ज़ज़ा,दिल पिघल ऐसा गया
इसी ममता को ही तो,रिश्तों में मिठास कहा गया।
(रोज़-ए-ज़ज़ा=प्रलय का दिन)
25)फिर एक बार तूफ़ा ने,दहलीज़ पर दी दस्तक तेज
लौटी उल्टे पैर तभी,रिश्तों में ऐसा मीठा एका देख।
26)सेहत को लेकर बहुत ही, ज्यादा सजग यूँ तो मैं हूँ
पकवानों की नहीं मीठे रिश्तों का ही, लुत्फ़ लेता मैं हूँ|
27)रिश्तों की पकड़ बनती गई,ख़ुद ही बेमिसाल
बात बिगड़ने से पहले,झुक कर लिया था सम्भाल।
28)जीवन में बेहतर से और बेहतरीन होता गया
रिश्तों ने विश्वास करना,जो सीखा रखा था।
29)सुख दुख साँझा हुआ करते है,रिश्तों में ही हमेशा
हर हाल हर क़ीमत,मिठास बने,प्रयास हो हमेशा।
30)मन बीमार जब हुआ,बीमारी बताई गई लाइलाज
रिश्तों में दिखी मिठास,तो एकदम दूरस्त हुए हाल।
31)ताउम्र यह आस,बनी हर हाल ख़ुशी से रहनी चाहिए
कड़वा पी लेंगे मगर रिश्तों में मिठास रहनी चाहिए।
32)किस तरह से ऐ-ख़ुदा,करूँ आपका मैं दिल से धन्यवाद
मिठास बनाये रखने का रिश्तों में,हुनर दिया लाजवाब।
33)दिल है इतना विशाल,ग़मों को सहन कर जाता है
मिठास रिश्तों में रखने को,यही हुनर काम आता है।
34)तितलियों के पीछे भागते-दौड़ते,बचपन का जमाना था
रिश्तों के बीच एक मिठास भरा,प्यारा सा याराना था।
35)तल्ख़ी देख ज़्यादा,बात बढ़ कर दूर तक होने चली थी
माँ की मीठी चाय ने,रिश्तों में मिठास घोल वही रोक दी थी।
36)हर दर्द की दवा,हकीमों के पास ज़रूरी नहीं है होती
मीठी बोली की कला भी,हर किसी को नसीब नहीं होती।
रिश्तों की मिठास पर बेहतरीन कविताएँ
37)दिल ने हारना तो,सीखा ही नहीं था आज तक कभी
धैर्य रखो ज़रा सा,बढ़िया वक्त भी आने वाला है अभी।
38)बादे-सबा सी ख़ुशबू बन,फ़िज़ाओं में महक जाती है
दिल में जब रिश्तों में,मिठास की चाहत घुली होती है।
39)प्यार की भावना का अहसास,रिश्तों को ज़िंदा रखता हैं
उस पर मीठी बोली की मिठास,इसको ख़ुशनुमा कर देता है।
40)वक्त बुरा था,
पर हौंसले वाले हाथ भी थे मज़बूत
परखा बहुत क़रीब से,
कड़वी बोली वाले आये बन देवदूत।
41)कुल्हड़ की हो मीठी-सौंधी चाय
और संग हो अपनों का
ज़िंदगी में इससे ख़ूबसूरत,
हो सकता है क्या कोई सपना।
42)मतभेद तो होंगे जब साथ है रहते,
ख्वाहिशें नहीं होती पूरी
मनभेद नहीं रखना,
पल में ही आ जाएगी रिश्तों में दूरी।
43)घर के बीच खड़े नीम पेड़ का,ख़्याल
रखना ज़रूरी है
बीमार हो जब मन,
पत्तों को दवाई समझ लेना ज़रूरी है।
44)सफल सफ़र के साथ में,
ग़ैरों ने झुक कर सलाम किया
ग़मे-हयात में अपनों ने,बढ़ कर हाथ
मेरा था थाम लिया।
45)फ़ितरती लोगो को नहीं,
पहचान पाते है जीवन में कभी-कभी
आँखों की पुतलियाँ,नहीं ठहरती
उनकी हो स्थिर कभी कहीं।
46)उसकी नजरअंदाज़ी बहुत अंदर तक,
दिल को खल गई
नज़रअंदाज़ किया जब हमने भी,
आत्मग्लानि उसमें भी भर गई।
47)एक लंबे अरसे के बाद,
अचानक रूबरू जब अपनों को पाया
दिल दे दिल जुड़े है होते,
सच में सच्चाई को सामने ही पाया।
48)कोशिश पूरी हो ग़र रिश्तों में,
सुंदर अहसास जगाने की
कोई क्या बिगाड़ेगा,
सजग रहते अपनों में आग लगाने की।
49)धुआँधार बारिश में भीगता इससे पहले,
वो छतरी सा बना रहगुज़र
रिश्तों मी मिठास ही तो थी,
चिंता हुई देख काले बादल इधर-उधर।
50)रात भर की जागी आँखों की सूजन ने,
यकायक ग़ायब हो जादू किया
प्यार से काँधे पर हल्की छुअन का,
अहसास जो एकदम से हुआ।
51)तन्हा लम्हों ने मासूमियत में,
दर्दे-दिल ब्यां उन्हें जो कर दिया
रिश्तों की मिठास थी कुछ ऐसी,
गले लगा सहारा झट से दिया।
52)होते हैं वो नसीब वाले,
जिन्हें मिलते मिठास भरे रिश्ते हर पल
दुनिया के हर तूफ़ा से लड़ने का,
आ जाता हौंसला ख़ुद बढ़ चढ़ कर।
53)ज़िंदगी में बिखराव आयेंगे जाएँगे,
यह तो आम बात है
उसमें मुस्कुरा कर निकल कर
रिश्ता मीठा रखना एक अन्दाज़ है।
54)ये कमबख़्त यादें बहुत ज़्यादा ही,
दिल का सुकून छीनती हैं
मीठे पलों को रह-रह कर,
वक्त-बेवक्त ज़ेहन को परेशां करती हैं।
रिश्तों को मजबूत बनाने के कोट्स in hindi
55)मन हो या न हो,
बातचीत अपनों संग होती रहनी चाहिए
मिठास न भी हो ज़्यादा,
कड़वाहट मगर नहीं होनी चाहिए।
56)रिश्तों के बीच मीलों की या बिलकुल पास,
उतना अहम नहीं है
अहसास कितने समझते है आप,
बिन इनके कुछ नहीं हैं।
57)बेरुख़ी बरसों के रिश्तों को भी पल में,
अलगाव पैदा कर जाती है
यह मोहताज हैं मीठी वाणी के,
जो एक क्षण में आबाद कर जाती है।
58)बेमतलब के सवालों में ज़िंदगी,
उलझती सी नज़र जब आई
रिश्तों की मिठास ने कड़वाहट कर दूर,
अपनेपन की ममता दिखाई।
59)रिश्तों में एक हल्का सा पर्दा होना चाहिए,
रखने को इन्हें बेक़रार
नज़र न लगे इस डर से कहीं कोई,
रुकता है क्या बन लाचार।
60)छोटी छोटी ख़ुशियों को,
बटोरने की आदत डाल लीजिए
ये लम्हे दुबारा ज़िंदगी में लौट कर नहीं आते,
बस समेट लीजिए।
61)ऐतिहासिक दस्तावेज़ों के,
रक़्त-रंजित पन्नों की दास्ताँ बदली होती
किसी ने युद्ध की जगह,
रिश्तों की मिठास की अगर सोची होती।
62)रिश्तों की मिठास के लिए,
कड़वी बोली की भी होती है ज़रूरत
ग़लत कुछ हो और आप चुप है,
तो कैसे कौन बताएगा हक़ीक़त।
63)अच्छा लगता है जब निकलता हूँ,
ले बड़ों का आशीर्वाद
दिन भर की भागा-दौड़ी में,
उल्लासित किए रहता है यह साथ-साथ।
रिश्तों की मिठास पर शायरी बहुत दिल से लिखी है जिनमें प्यार भरे अहसास और खूबसूरत जज़्बात भी हैं।पढ़िए ज़रूर संबंधों की मिठास पर बेहतरीन कविताएँ।COMMENT BOX में भी लिखिए ज़रूर।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।