माँ को मनाने का तरीक़ा यदि आप जानना चाहते हैं तो इस ख़्याल को जान कर ही माँ नाराज़गी भूल जायेंगी। माँ यूँ तो बहुत विशाल हृदया होती हैं पर अगर नाराज़ हैं तो ज़रूर कुछ न कुछ गड़बड़ हुई है-ख़ुद माँ भी हूँ और बेटी भी-आइए विचार करते हैं और तरीक़े नये ढूँढते हैं।
(ब्लॉग के अंत में लिखी हुई कविता जरुर पढ़िए,अच्छा लगेगा)
माँ को मनाने का तरीक़ा अपनाएं नायाब,तभी तो बनेगी हर बात
माँ को मनाने के 61 बेहतरीन तरीके
1.
सबसे पहले अपनी गलती को दिल से माने
सबसे अहम् बात यह कि कहीं न कहीं आप मान रहें हैं कि आपसे गलती हुई है। जब खुद को यह अहसास हो चुका है कि जानबूझ कर तो नहीं पर आपने माँ को ठेस पहुंचाई है।यह समझ में आना बहुत मायने रखता है।
बस माँ तो अपनी ही हैं न,थोड़ा हमारे व्यवहार या किसी बात से नाराज हो गयी हैं तो आगे बढ़ कर दिल से माफ़ी मांगे। माँ का हृदय माँ की तरह झट से पिघल जाएगा।
2.
एक भावुक पत्र लिखें
लिखित शब्दों में बहुत असर होता है क्योंकि बहुत बार जो बात हम अपनी जुबां से नहीं कह पाते हैं वो अल्फजों में बयां करना आसां लगता है।
तो देरी किस बात की कलम उठाइए और एक भावुक व जज्बाती पत्र,अपनी भावनाओं को व्यक्त करता हुआ लिख ही डालिए। माँ की सारी नाराजगी छूमंतर हो जाएगी।
3.
उनकी चुप्पी को समझने का प्रयास करें
घर में अक्सर माँ किसी भी बात पर आहत होने पर या किसी बात पर अपनी नाराजगी चुप होकर ही जाहिर करती हैं। उदासी में भी कोई भी माँ किसी को परेशां नहीं करना चाहती हैं।
बस आपको अंदाज़ा लगाना है कि आखिर किस बात से वो आहत हुई है या कौन सी बात उन्हें सुस्त बना गई है। आप समझने की कोशिश करेंगे और अपनी दिनचर्या को याद करके भूल सुधर करें।
4.
अपने शब्दों पर ध्यान दें
क्या आपने कभी अपने शब्दों पर ध्यान दिया है? बात बहुत बार सही होती है पर उपयुक्त शब्द सारा मामला बिगड़ देते हैं। कहीं आप भी तो अपने सही शब्दों को ना बोल कर तो माँ को नाराज कर देते हैं।
शिक्षा प्रणाली भी कई बार पढ़ना लिखना सिखाती है पर सही समय पर सही शब्द बोलने में महारत कम लोगों में होती है। अगर ऐसा है तो ध्यान दीजिये और अपनी भाषा को सुधारें।
5.
कविता या शायरी से अपनी भावनाएँ व्यक्त करें
प्राचीन काल से चली आ रही और समय की कसौटी पर खरी यह बात एकदम सत्य है कि अपनी स्व-रचित कविता या शायरी आप किसी लेख से किसी भी व्यक्ति का दिल जीता जाया जा सकता है।
बस मम्मी डियर के लिए चुनिदां शब्द ढूंढे और उन्हें सुंदर अल्फाजों में पिरो कर उनके प्रति अपने प्यार का इजहार करें। माँ न सिर्फ मान जाएँगी वरन आप पर गर्व करेंगी कि आप कितने समझदार हैं।
6.
सॉरी कार्ड बना कर जगह-जगह पर लगाएँ
अब माँ तो आपसे नाराज हैं और आप भी बैचैन हैं कि कैसे बताएं कि आप गलती से गलती कर गए व अब माफ़ी मांगना चाह रहें हैं,पर कैसे इजहार करें,यही तो समझ नहीं आ रहा है।
छोटे छोटे Sorry कार्ड्स बना कर रसोई में,पूजा घर में,खाने की टेबल पर या माँ के बिस्तर के ठीक सामने या किसी ओर जगह पर भी लगा सकते हैं। करके देखिये,माँ को हंसी आ ही जाएगी।
7.
माँ स्पेशल है,व्यवहार से दर्शाएँ
माँ तो सृजनहार हैं आपकी जन्मदात्री हैं। दुनिया से रूबरू करने आपको अत्यंत पीड़ा को झेलने के बाद इस धरा पर लायी हैं।इसका मतलब आपके जीवन में वह एकदम स्पेशल हैं और वो ही अब रूठी हैं।
कई बार अपने व्यवहार से हम अपना स्नेह दिखा सकते हैं यानि किसी के सामने जब आप बहुत ही अदब से माँ का परिचय कराते हैं तो वातावरण में एक खुशबू सी महक जाती है। है न।
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8.
जादू की झप्पी से प्यार जताएँ
सदियों पुराना यह तरीका आज भी उतना ही कारगार है जितना पहले हुआ करता था।माँ को मनाने के मामले में तो बहुत बहुत ज्यादा ही काम करता है।
चुपचाप माँ की जादू की झप्पी ले और धीरे से उनके कान में सॉरी भी कहें-कितनी भी नाराज हो माँ- एकदम से करुणा भाव से भर जाएँगी और प्यार से कहेंगी- चल ठीक है।
9.
माँ से मौक़ा देख बात जानने की कोशिश करें
यूं तो जब-तब माँ से बतियाते रहते हैं पर यहां मामला थोड़ा अलग सा हो गया है। वहीँ माँ जिससे कभी कोई अपॉइंटमेंट नहीं लेना होता है पर नाराजगी में उनके कमरे में जाने में कदम उठ ही नहीं रहें हैं।
बस कोई मौका खोजिये जरा और कह डालिए अपने मन की बात। हाथ जोड़ कर सिर झुका कर बस बैठ जाएँ। अब कौन ऐसी पत्थर दिल माँ होगी जो नहीं पसीज जाएगी।
10.
माँ को मनाने के लिए बस जिद पकड़ लें
अब तक तो यही होता आया था कि माँ ही बच्चों को किसी न किसी कारण से मनाती रहती थी पर आज तो सब उल्टा हो गया है क्योंकि आज आप को उन्हें मनाना हैं-क्या करें अब -आदत तो है ही नहीं।
जिद पकड़ कर बैठ जाए की आज तो माँ आपको बात करनी ही होगी और मेरी गलती भी बतानी होगी और साथ में माफ़ भी करना होगा। माँ समझ जायेगीं कि ज्यदा रूस- रुसी की तो जिद पकड़ ही लेगा और वो हंस देंगी।
11.
छोटे बच्चे की तरह बन जाएँ
माँ को मनाने के लिए माँ वाली टेकनीक ही अपनाये। खूब सारे गुब्बारों से घर भर में फैला दीजिये और उन पर चाहे तो कोई हंसने वाले कार्टून भी बना सकते हैं।
छोटे बच्चों की तरह चाकलेट को खाने के लिए व्यवहार करें ठीक वैसा ही जब आप बहुत छोटे थे। यक़ीनन माँ खुद को ज्यादा देर नाराज नहीं रख पाएंगी।
12.
किसी भी तरह की बहसबाजी से बचें
माँ को अपना पक्ष बताने के चक्कर में कहीं कोई बहसबाजी तो नहीं हो रही है,ऐसा हो जाता है।जब तक माँ का मूड ठीक न हो जाएँ, किसी भी अप्रिय बात या बहस से बचें।
यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि अगर माँ खुद ही उस विषय को ले रहीं है तब भी सुन लें उस समय तर्क- वितर्क में ना पड़ें। यह स्थिति को और ज्यादा ख़राब कर सकता है।
13.
ख़ुद रूठ जाने की एक्टिंग करें
इस चीज़ में हर बच्चा जन्म से ही माहिर होता है और सबसे ज्यादा अपनी अकड़ माँ को ही दिखाते हैं। समय के साथ ज्यों बड़े होते जाते है तो समझ भी बढती है और यह आदत भी पीछे छूटने लगती है।
माँ अब नाराज हैं तो थोड़ी देर के लिए एक नन्हें से शिशु की तरह फिर से रूठ जाएँ और कुछ भी ना बोलें अब कौन किसे मनाएं। माँ यह सब नहीं देख पाती हैं और अपनी नाराजगी भूल जाएँगी।
14.
भूख हड़ताल करें
अब माँ कितनी भी नाराज हों, रूठी हो पर बच्चे को भूखा नहीं रख सकती और ना ही देख पाती हैं। यह बात दूसरी है कि उस दौरान बार-बार खाने को ना पूछें।
बस अब अच्छा मौका है आज तो भूख हड़ताल कर ही दें और सच में कुछ ही ना खाएं। यह emotional ट्रिक को तो अपनाना अच्छी बात नहीं है पर माँ को मनाना हैं तो करना ही पड़ेगा। माँ का मनाने का यह बिलकुल सटीक तरीका है।
15.
ख़ुद रुआंसा सा मुँह बना लें
बहुत कोशिश भी कर ली और घर के बड़ों से सिफारिश भी लगा ली पर माँ तो टस से मस होने को तैयार ही नहीं है यानि आपकी ही माँ हैं और आप जैसी जिद उन्होंने भी पकड़ ली है।
बस ऐसे में रुआंसा मुँह बना कर घूमे और जब सब को लग जाएँ कि ऐसा क्या हो गया,जो आप इतने रुआंसे से इधर-उधर घूम रहे हो।माँ भी फिर अपनी नाराजगी छोड़ कर आप से बात करेंगी ही करेंगी क्योंकि वो कोमल हृदय रखती हैं।
16.
न मानने पर रो दें
सारे यत्न जब हो जाएँ और माँ बिलकुल अंगद के पांव की तरह अड़ गई हों और किसी की भी नहीं सुन रहीं हैं तो ऐसे में मायूस होना बहुत ही स्वाभविक है।चारों ओर अँधेरा और निराशा प्रतीत होने लगती है।
माँ को कैसे मनाए,बुद्धि भी जवाब दे जाती है और माँ -ओ माँ क्यों इतना गुस्से में हों,एक नन्हें बालक की भांति बस फिर तो रो ही दें।माँ दौड़ी-दौड़ी चली आएँगी क्योंकि यह वो कतई बर्दाश्त नहीं कर सकती कि उनकी संतान रोए।
17.
उनकी पसंद का ख़ाना बना कर खिलायें
माँ की भी अपनी पसंद नापसंद होती है। खाने में वो हमेशा अपने बच्चों और घर के अन्य सदस्यों की चॉइस का पूरा ध्यान रखती हैं।
अब आप को एक मौका मिला है अपना प्यार जताने का। उनकी पसंद की कोई भी डिश स्वयं बना कर प्रेम से सुंदर सी क्राकरी में सजा कर खिलाइए और रूठी माँ को मनाइए।
माँ को मनाने के अद्धभुत सुझाव
18.
online ज़ूम मीटिंग से पारिवारिक मिलन कराएँ
एक समय के बाद बच्चे अपनी अपनी नौकरी की वजह से या शादी होने के कारण भी दूर चले जाते हैं।अपने घर वालों से मिलना भी कई बार जल्दी से संभव नहीं हो पाता है।
अब तो टेक्नोलॉजी का जमाना है ऐसे में एक समय तय करके सबसे ज़ूम मीटिंग करवा दीजिये।सच में माँ कितनी भी नाराज हों अपनों को देख कर बेहद खुश हो जाएँगी।
20.
माँ के दिए हुए संस्कारों की तारीफ करें
माँ को खाने के समय जब सारा परिवार एक साथ बैठा हो तो हाल ही में आपकी किसी की बात की कोई जो कोई तारीफ अगर हुई है तो उसका जिक्र करें और वो बात विस्तार से बताएं।
माँ को खास तौर पर धन्यवाद के भाव से कहें कि यह सब आपकी सुंदर परवरिश और संस्कारों की बदौलत ही संभव हुआ है।सब कहते है कि आप दुनिया की ओर माओं से हटकर हैं जो अपने बच्चों की गलतियों को छिपाती नहीं है अपितु उन्हें सही रास्ता भी दिखाती है।
21.
माँ की शादी की एल्बम देखें
माँ को अपनी शादी की एल्बम देखना बहुत पसंद है यह आपको भली भांति मालूम है क्योंकि जब भी बहुत खुश होती हैं या अकेली होती है तो मानों उन तस्वीरों से वो मन की बातें करती है या उन यादों में खो सी जाती हैं।
बस पापा को भी संग लेकर उसी कीमती एल्बम को खोल कर बैठ जाइए और कुछ न कुछ सवाल पूछते जाए ताकि माँ को बोलना ही पड़ें।
22.
माँ को सुंदर सा गिफ्ट दें
माँ को एक उनकी ही पसंद का कोई खूबसूरत सा तोफहा लाकर दीजिये,बिना यह जताए कि उन्हें मनाने के लिए ऐसा किया है।तोहफा कुछ ऐसा हो जो वो काफी समय से खरीदने की वो सोच रही हों।
तोहफे हमेशा ही सबको भाते हैं अगर उसमे भावनाएं भी सुंदर हों।मुस्कुराते हुए चेहरे से दिया हुआ और उस पर सुंदर सा कैप्शन या कोई 2 लाइनों की शायरी भी हों।
23.
माँ के साथ क्वालिटी समय बिताएँ
माँ हर वक्त-बेवक्त और चाहे कितनी भी व्यस्त क्यों न हो पर अपने बच्चें उनकी प्राथमिकता में सबसे पहले रहते हैं।आप की प्राथमिकता में माँ कहाँ हैं? यह खुद से सवाल करना जरुरी है।
आप घर पर हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि माँ के साथ ही हैं। सिर्फ माँ के साथ गुफ्तगू करने को ही उनके साथ बिताया हुआ समय उन्हें लगेगा।
24.
बिस्तर पर अदरक वाली चाय बना कर दें
अनमने मन से माँ आज अपने कमरे से अभी बाहर नहीं आई हैं या उनके नियत समय पर उठने का समय होने वाला है और वो सबसे पहले चाय या नीबूं पानी जो भी लेती हैं उस की तैय्यारी करके रखें।
जैसे ही आपको लगे कि माँ उठ गयी हैं तो चाय या दूसरा कोई भी पसंद का पेय पदार्थ उनको प्यारी सी मुस्कान के साथ दें। माँ मुस्कुरा उठेंगी।
25.
उन्हें थोड़ा अकेला छोड़ना भी ज़रूरी है
माँ को कुछ समय के थोड़ा अकेला भी रहने दें क्योंकि जब मन परेशां होता है तो बहुत बार किसी से भी बात करने की इच्छा होती ही नहीं है।बस एकांत ही अच्छा लगता है।
ध्यान रखे रखिए क्योंकि कई बार खुद ही मन शांत भी हो जाता है और हर व्यक्ति चाहे माँ ही क्यों न हों,अपनी गलती भी स्पष्ट होने लगती है।
26.
माँ के जन्मदिन पर कुछ ख़ास करें
जन्मदिन आपके कितने खास होते हैं क्योंकि उन सब में माँ का मिठास लिए हुए प्यार-अनुराग संग जो होता है। माँ के जन्मदिन की तिथि याद है न आपको?
बस उस दिन को यादगार बनाएं। घर को विशेष रूप से सजाएँ। हो सके तो कोई सरप्राइज पार्टी भी आयोजित कर सकते हैं।शहनाई की मधुर गूंज से वातावरण को संगीतमय बना सकते है। माँ मान ही जाएगी ऐसा उत्सव देखकर,आपका उत्साह देख कर।
27.
माँ को किसी प्यारे से नाम से बुलाएँ
आपके बचपन से अब तक न जाने कितने सारे निक नाम होंगे जो माँ के साथ साथ घर के ओर लोग भी बुलाते होंगे और आपको भी अच्छा लगता है जब कोई ऐसे प्यार दिखाए।
माँ को उस स्पेशल वाले नाम से पुकारें,जब आप बहुत लाड दिखाना चाहते हो तो माँ समझ जाएगी कि उनकी चुप्पी आपसे सही नहीं जा रही है।बस उनकी नाराजगी भी ख़त्म हो जाएगी।
28.
माँ की सहेलियों की मद्द लें
माँ और उनकी सहेलियां उनके जीवन में बहुत खास महत्तवपूर्ण स्थान रखती हैं।फ़ोन पर उनसे होती लम्बी बातें इसका एक जीता जीगता प्रमाण है।
जब ऐसी स्थिति हो तो माँ की सहेलियों को बता कर कोई तरीका पता लगा सकते हैं या उन्हें बुला भी सकते हैं और उन्हें देख माँ का गुस्सा कहाँ टिक पायेगा।
29.
मोबाइल से दूरी बनाएँ
मोबाइल और उससे बंधा अँधा मोह घर की और माँ की सबसे बड़ीं शिकायत आम हो चुकी है। आप घर पर तो हैं पर मुई मोबाइल से चिपके रहते हैं। न खाने की सुध न पीने की।यह नाराजगी का मुख्य कारण हो सकता है।
मोबाइल से थोड़ी दूरी बना कर और माँ को इसका अहसास भी यह जता कर अपनी प्यारी माँ का प्यार आप फिर से वैसा ही पा सकते हैं।
30.
व्यस्तता ज़्यादा न दिखाएं
आप व्यस्त हैं,यह सब जानते हैं पर कहीं उसका दिखावा या बोलना और यह दिखाना कि पूरी दुनिया में आपसे ज्यादा कोई ओर बिजी है ही नहीं। यह माँ को खल जाएगा।
माँ के पर एक छठी इंद्री भी होती है जिससे वो झूठ बोलने वाले को पकड़ सकती है।इसलिए नकली बिजी होने की कोशिश भी ना करें और अगर हैं तो माँ को स्पष्ट रूप से बताएं।
31.
अपनी पसंद के खाने की फ़रमाइश करें
बच्चे कोई डिमांड करें और माँ ला कर या बना कर न दें,ऐसा तो कभी हुआ ही नहीं है। माँ को मनाना है और ऐसे में किसी अपनी खास पसंद की चीज़ को जोर से कहें ताकि माँ भी सुन लें।
माँ थोड़ा हो सकता है कि दिखाएँ जाओ कहीं ओर जा कर खा लो,पर खुद बनाने से स्वयं को रोक कहाँ पाएंगी।आखिर वो ममता की मूरत और प्रेम की मिसाल जो हैं।
32.
पारिवारिक भोज का आयोजन करें
परिवार और इससे जुड़ीं हुई खुशियों को बढ़ानेवाली बातें या कोई प्लानिंग माँ के तो दिल को ही छू जाएगी ही बल्कि घर के ओर सदस्य भी इससे प्रसन्न होंगे।
माँ को मनाने के लिए अपने सभी बहन भाइयों को बुला कर या परिवार के बड़े सदस्यों को भी शामिल करके लंच या रात्रि भोज पर बातचीत में माँ भी मान जाएँगी कि वो नाराज थी।
33.
स्थानीय फूलविक्रेता द्वारा सुबह ही उन्हें भेंट करें
माँ का जन्मदिन हो तो कुछ बात भी तो अलग होनी चाहिए न।आपके जन्मदिन को माँ हमेशा ही पूरे उत्साह से मनाती हैं।कुछ न कुछ ऐसा प्लान करती हैं जो आप को हैरान करें।
स्थानीय फूल विक्रेता बात करके सालगिरह वाले दिन सुबह ही पहली डोरबेल पर दरवाज़ा खोलने जब माँ जाएँगी तो एकदम से आश्चर्य से भर जाएगी और उनका चेहरा पुलकित हो सब कुछ भूल कर आपसे बात करने को मन करेगा।
34.
बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाएँ
घर से बाहर जाना कई बार आपसी रिश्तों में जान डाल देता है।बाहरी वातावरण हमारे दिलों में घुमड़ते हुए अवसाद या किसी भी नाराजगी व् गुस्से को गायब कर देती है।यह सच है,ऐसा ही होता है।
माँ के साथ और लोगों का भी प्रोग्राम बना कर जाइए और माँ के खिलते हुए चेहरे को देख आनंद महसूस कीजिये।
माँ को प्यार से मनाने के अनमोल उपाय
35.
अपने कमरे को व्यवस्थित करें
क्या आपकी माँ भी बहुत सफाई पसंद हैं ?यदि हैं तो आपके लिए यह बहुत ख़ुशी की बात होनी चाहिए। आपको व्यवस्थित कमरा तो पसंद है पर स्वयं नहीं रख पाते हैं।
बहुत बड़ा मसला तो नहीं है बस आदत डालने की बात है। सुबह से शाम तक जगह पर चीजों को रख कर हर वक्त एक साफ सुथरे कमरे रखने वाले व्यक्ति का ख़िताब पाइए और माँ को भी मनाइए।
36.
उनकी पसंद की ड्रेस पहने
एक जनरेशन गैप हर पीढ़ी में होता ही है,आजकल अब कपड़ों के मामले में कुछ ज्यादा ही दिखता है,जो माँ को शायद अच्छा नहीं लगता होगा।
उनकी पसंद की ड्रेसेस को भी पहनिए और माँ को भी समय मिलने पर अपनी पसंद से अवगत कराइए। कोई भी ड्रेस अपने आप में ख़राब नहीं होती मगर उसको पहनने का तरीका कई बार जंचता नहीं है। ध्यान दें।
37.
माँ का एक व्यक्तिगत फोटो फ्रेम बनायें
माँ का व्यक्तित्व इतना विशाल होता है किकिसी एक पोज़ में या एक मुद्रा में समा ही नहीं सकता।माँ के विभिन्न फोट्स को लेकर एक उनका व्यक्तिगत फोटोफ्रेम बना कर उन्हें दें।
आप उनकी दिनचर्या की अनेकों तस्वीरे ले सकते है या किसी खास थीम पर आधरित फोटोज को भी ले सकते हैं। माँ आपके इस प्रयास पर मुस्कुराए बिना रह नहीं पायेगी।
38.
ननिहाल से रिश्तेदार बुला कर सरप्राइज दें
माँ अपने मायके यानि आपके ननिहाल से दिल से बहुत करीबी रिश्ता रखती हैं और मौसी या नानी से दिल की अच्छी-बुरी सब बातें शेयर करती हैं।एक अच्छी से दावत या आउटिंग का प्रोग्राम बना कर,नाना नानी,मौसी,मामा और उनके परिवार को भी बुलाकर गपशप करिए और मिनटों में आपसी गिले-शिकवों को हटाइए।
39.
अपना प्रेम बॉडी लैंग्वेज से जताएँ
ईश्वर ने बोलने के गुण के साथ अपनी भाव-भंगिमा से अपनी भावनाओं को दर्शाने का हुनर हम सब को दिया है। आप भी माँ को कह नहीं पा रहें है तो इस विधि से कोशिश करिए।
अपनी बॉडी लैंग्वेज से माँ को जरुर जताइए कि आप को न मनाने से आप भी अंदर से दुखी हैं और यह भाव किसी भी माँ को विचलित कर देता है और माँ खुद ही मान जाएँगी।
40.
एक धैर्यशील श्रोता बनें
माँ किसी न किसी बात पर हो सकता है कि थोड़ा गुस्से में अपनी नाराजगी दिखाएँ और बताने की कोशिश भी करें। उस समय अक्सर बच्चे खुद भी नाराजगी दिखने लग जाते हैं,जो ठीक नहीं है।
जब माँ थोड़ा गुस्से में है और कुछ कह रही है तो बहुत धीरे से एक अच्छे श्रोता बन उनकी बात को सिर्फ सुनें।किसी भी तरह की अपनी सफाई देने की बिलकुल भी कोशिश न करें।
41.
घर के माहौल को ख़ुशनुमा रखें
कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपके तेज स्वभाव या गुस्से से घर में एक तनाव का माहौल रहता हो। खुद का परिक्षण करें कि आप जाने- अनजाने एक बुझे-बुझे से घर के लिए जिम्मेदार हो।
थोड़ा सा भी अगर लगता है कि हाँ आप भी कहीं न कहीं इस स्थिति के लिए जाने जाते हैं तो माँ को प्रॉमिस करिए कि आप स्वयं के व्यवहार में सुधर लायेंगे। माँ आश्वस्त हो जाएगी।
42.
पारिवारिक तस्वीरों को एक बड़े से फ्रेम में लगाएँ
परिवार को एकसूत्र में बांधने का काम माँ से बढ़ कर कोई नहीं कर सकता है,यह बिलकुल सच बात है।जिन घरों में उदार मन की माँ होती हैं उन जगहों पर आत्मीयता का भाव वहां के वातावरण में साफ झलकता है।
बस अब सारे परिवार की चुनिदां तस्वीरों को एक बड़े से फ्रेम में तरतीब से सजा कर और अच्छा सा कैप्शन देकर घर के मुख्य स्थान पर लगायें।
43.
कॉफी मग पर सुंदर क्वोट लिख कर दे
चाय या काफी मग पर बहुत सुंदर-सुंदर quotes लिखने का अब प्रचलन चल रहा है।आप भी ऐसी कोई खास बात या कोई बहुत ही स्पेशल सी उनकी आदत को लिखवा सकते हैं।
सॉरी कहने का भी एक अच्छा तरीका है और माँ जब भी नाराज होगी तो उनका मन ठीक हो जाएगा और वो दिल से माफ़ भी कर देंगी।
44.
शॉपिंग पर ले जायें
शौपिंग तो माँ को बेहद पसंद है और जब आग्रह पूर्वक साथ चलने को कहेंगे तो मना करना उनके लिए मुश्किल होगा। हो सकता है कि वो नाराजगी भी दिखाएँ कि खुद ही चले जाओ,बड़े हो गए अब तो।
एक छोटे से बच्चे की तरह मचलते हुए आपको मनाना है कि अकेले कैसे करेंगे आप के बिना कभी कोई चीज़ ली है क्या? माँ को यह यकीं दिलाना होगा कि अमुक वस्तु खरीदने की अभी बहुत आवश्यकता है।
45.
पसंद की मूवी दिखाएं
आप यह बखूबी जानते हैं कि माँ को फिल्मों को देखने का बहुत ही ज्यादा शौक है और संग साथ में सिनेमाघर में जाना और भी ज्यादा भाता है।
बस नयी किसी मूवी के टिकट्स बुक कराइए और अगर मना करें तो टिकट्स को वहीँ रख कर चलें जाए और जताइए कि आपको भी नहीं जाना नहीं है। किसी चीज़ की बर्बादी माँ को पसंद नहीं और मूवी टिकट्स की तो बिलकुल भी नही।
46.
पार्लर में बुकिंग कराएँ
माँ की गिनती यूँ तो बहुत खूबसूरत महिलाओं में होती है और उन्हें सजने-संवरने की जरुरत है भी नहीं।आप मगर चाहते हैं कि माँ पार्लर जाएँ और नए- नए तरीकों से खुद को अपडेट करके अलग दिखें।
बस पार्लर की बुकिंग स्लिप माँ के कमरे में चुपचाप रख आएं। माँ नाराज होंगी तब भी चली जाएँगी क्योंकि उनके बच्चे ने उनके लिए इतना सोचा तो सही।
47.
माँ के नाम से किसी संस्था को दान करें
माँ स्वभाव से ही उदारमना होती है।कभी उन जैसा बनने का विचार आपको भी आता है। अगर आता है जोकि होना बहुत नेचुरल है क्योंकि घर में वैसे ही संस्कार मिलें हैं,तो इस बारे में सोचिये जरुर।
माँ जिन संस्थाओं में जाती हैं या जाने का कभी जिक्र किया हो वहां उनके साथ या उनके नाम से दान करें। माँ कितनी भी रूठी हो फौरन मान जाएगी।
48.
तीज त्यौहारों में रुचि दिखाएं
माँ को यह शिकायत अक्सर रहती है कि आजकल के बच्चों में अपनी संस्कृति और तीज-त्योहारों को लेकर दिखावा ज्यादा है पर आंतरिक रूप से श्रद्धा भाव नहीं हैं।
माँ को मनाने का यह एक बेहद बढ़िया तरीका है कि तीज त्योहारों में बढ़ चढ़ कर भाग लें और पारंपरिक वेशभूषा पहन कर त्योहारों को ख़ास बनाएँ और उस से सम्बंधित गीत गाये और नाचे भी संग में माँ को साथ लेकर।
49.
माँ के साथ पूजा घर में बैठे
सुबह ही माँ की गुनगुनाती आरती से नींद जब खुलती हों और घर में एक सात्विक और पावन सा वातावरण बन जाएँ तो कितना अच्छा लगता है। प्रसाद देने के लिए माँ को आपके रूम में आकर देना पड़ता है और बहुत बार उठाना भी पड़ता है।
आज तो माँ को मनाना है तो बस आरती की आवाज़ सुनकर खुद ही उठ कर पूजा घर में पहुँच जाएँ और जैसे ही माँ प्रसाद देने के लिए मुड़ें तो आप को वहां खड़ा हुआ पाए। भगवन के सामने माँ नाराजगी थोडें ही दिखाएंगी बल्कि आशीर्वाद भी साथ में देंगी।
50.
माँ के सर की मालिश करें
जब भी कोई अपने बचपन की तस्वीरें आप देखते हैं तो उसमे आपकी मालिश करने वाली फोटोज मिल ही जाएँगी।जरा सी तबियत ख़राब हुई नहीं और माँ झट से सारा काम छोड़ कर आपके सर की मालिश करती हैं।
आज माँ का मन ख़राब हुआ है और कहीं न कहीं आप उसके जिम्मेदार भी हैं तो बस ले आइए तेल की शीशी और माँ के सर की मालिश करने की जिद करें। आखिर ठंडा दिमाग सही से सोच पाता है और माँ भी शांत जाएगी।
51.
पसंद के फूलों का गुलदस्ता दें
फूलों का और माँ का गहरा नाता है और रहता है। यह बात सर्वमान्य है ही।ईश्वर ने माँ के रूप में आपको सबसे सुंदर फूल को भेजा है और उन्हें माँ को मनाने के लिए इनका साथ क्यों न लिया जाए।
अपनी बगिया में से या पास के बाग से या फूलों की दुकान से एक उनकी पसंद के रंग के फूलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता बनवाइए और प्यार से दीजिये।
घर की मुखिया माँ को मनाइए प्रेम से
52.
उनकी पसंद का कोई पौधा उपहार में दें
माँ की अपनी एक छोटी सी बगिया है जिसे वो बहुत ही प्रेम से ठीक अपने बच्चों की भांति देखभाल करती हैं।आप भी माँ संग उन सब पौधों को निहारिये।
माँ को मनाने के लिए उनकी पसंद का कोई पौधा उपहार ला कर वहां सजा सकते हैं।माँ जब देखेंगी तो बहुत खुश होंगी कि आप उनका कितना ध्यान रखते हैं।
53.
घर के कामों में मदद करें
अलसुबह से देर रात तलक माँ घर गृहस्थी के कामों में ही लगी रहती हैं।थकान या परेशानी तो जैसे उनकी डिक्शनरी में है ही नहीं। ऐसे में जब बच्चे दिल दुखाते है तो मन को अत्यंत पीड़ा का अनुभव होता है।
आगे बढ़ कर कुछ कामों में हाथ बंटाना जरुरी है और वो भी जिम्मेदारी के साथ,ना की मूड के हिसाब से। माँ को तन के साथ-साथ मन को भी आराम मिलेगा और नाराजगी भी गायब हो जाएगी।
54.
माँ से कहें कि वो बचपन वाली मीठी डाँट लगाएँ
माँ की बचपन वाली मीठी डांट से अब आप निकल गये हैं क्योंकि माँ समझती है और आपको एक दोस्त की तरह मान देती है,आपसे सलाह मशवरा भी करती हैं।
माँ से कहें कि आप बचपन वाली डांट या पिटाई भी कर सकती हैं पर नाराज न हों।वो यह बताएं तो सही कि आप क्या करें और क्या बात उन्हें चुभ गयी है उस बारे में बताएं जरुर।सर पर एक हलकी चपत लगा कर माँ मान जाएगी।
55.
दादा दादी या बुआ चाचा से मदद लें
दादी माँ यानि घर की असली बास होती है और उनके पास सबको कुछ ही कहने का पूरा अधिकार होता है। आप दादी से समस्या को बता कर उसका हल निकाल सकतें हैं।
दादी सीधे-सीधे भी बोल देंगी कि बच्चों से ऐसे नाराज होना तो खुद भी बचपना दिखाने जैसा है।बुआ और चाचा के साथ दोस्ती का रिश्ता रहता है इसलिए वो इस काम में मदद कर सकतें हैं।चलो आपस में बात साफ करो और सब अपना अपना मूड ठीक करो। बस बात बन जाएगी। दादी ग्रेट हैं।
56.
अपनी किसी सफलता का ज़िक्र करें
अब तक हमेशा ऐसा ही होता आया है कि आप की हर छोटी बड़ी सफलता पर सबसे ज्यादा ख़ुशी यदि किसी को होती है तो वो माँ ही हैं।अब क्योंकि मम्मी तो नाराज हैं तो आप किसी पहली की सफलता का जिक्र तरकीब से करें।
माँ को सुनाते हुए याद दिलाएं कि उस दिन जब यह खबर मिली थी तो माँ ने मिठाई खिलाई थी अब मन है पर कौन खिलायेगा। माँ कितनी भी खफा क्यों न हों,उनके पांव रसोई की ओर ही मुड़ चुके होंगे।
57.
बढ़िया चुटकुले सुना सकते हैं
बेहद खुश मिजाज और विनोदप्रियता यानि माँ को हँसना और हँसाना बहुत पसंद हैं और उनकी इसी आदत की वजह से घर में आनंदमय माहौल भी बना रहता है।
अब क्योंकि आपने माँ को आहत किया है या किसी बात पर वो नाराज हैं तो ऐसे में चुटकुलेबाजी काम आ सकती है। जिन बातों पर उन्हें सहज हंसी आ जाती है बस उन्हीं बातों को या चुटकलों को सुनाये और माँ को मनाये।
58.
घर पर बोनफाएर का इंतजाम करें
छोटी-छोटी गतिविधियाँ बड़े-बड़े असर दिखा जाती हैं,यह सच हैं। माँ को घुन्धली शाम में बालकनी में चाय पीना और चुस्कियां लेते हुए पास के पार्क में बच्चों की खिलखिलाहट बहुत अच्छी लगती है।
ऐसे में अगर हलकी सी ठंड का मौसम हो और वहां बोनफाएर का भी इंतजाम हो तो क्या कहने।साथ में म्यूजिक सिस्टम पर सुंदर गीतों की गूंज। भला ऐसे में माँ कैसे नाराज रह पायेगी।
59.
योग क्लासेज में जाने की व्यवस्था करें
सारे दिन घर के कामों को ही माँ व्ययाम और योग की तरह मान लेती हैं और अपने स्वास्थ्य की ओर थोड़ी लापरवाही भी दिखा जाती हैं।
माँ के लिए योग क्लासेज की व्यवस्था को दिखने के लिए वहा जाने से लेकर वहां रुकने और आने की भी सारी तैय्यारियों की सूची माँ के रूम में रख दें। माँ का मन पसीज जाएगा आपकी इतनी परवाह को देख कर।
60.
इनडोर गेम्स खेलें
माँ को भी थोड़ा मनोरंजन चाहिए,ऐसा घर में सब सोच नहीं पाते हैं। एक छोटा सा खेल जैसे- सांप-सीढी,लूडो या कोई भी इनडोर गेम खेला जाया जा सकता है।
जो माँ को भी अच्छा लगता हो उस गेम को ले कर माँ को आवाज़ देकर बुला सकते हैं। हो सकता है कि एक दो बार वो आपकी आवाज़ को सुना- अनसुना कर दें पर आखिर आ ही जाएगी।अब मस्ती से खूब खेलिए।
61.
पहेलियाँ पूछे
पहेलियाँ बुझना और जवाब न देने पर हँसना सबको भाता है।माँ भी इस काम में बहुत होशियार हैं। दिमागी कसरत भी होती है और खेल का आनंद भी आता है।
जिन पहेलियों में माँ अब तक आप को उलझाती थी अब आप उनसे पूछिए। उन्हें जवाब देना ही पड़ेगा क्योंकि आपने अगर गलत उत्तर दिया तो माँ गुरु की भांति उसे ठीक जरुर कराएंगी और बस लगे हाथ मान भी जाएगी।
एक कविता माँ के नाम-
“जब दिल माँ का दुखाते है”
सृजन रुठ सा जाता है,जब दिल माँ का हम दुखाते है
सुकून बन जाता अल्प-विराम,उम्मीदें जब तोड़ जाते है।
दिन बीतते उदास लम्हों जैसे,ख़ुद भी मुरझा से जाते है
भरी दोपहरी में जब,तरुवर की ठंडी छांव को नहीं पाते है।
निंदक न्यारे राखिए सदा इस सीख को,यूँ अनसुना कर जाते है
ग़म के बादल घिर आए जब,उन नसीहतों की कमी बहुत पाते है।
अहसास बड़ी चीज़ है,धन-दौलत के ख़ज़ाने यूँही रखे रह जाते है
भीड़ में महसूस हो जब तन्हाई,उँगली पकड़ चलने के अन्दाज़ याद आते है।
जीते जी जाने-अनजाने,न चाहते हुए भी दिल को चोट पहुँचा जाते है
सदियाँ बीते कितना भी चाहों,फिर चाह कर भी एक झलक नहीं पाते है।
माँ को मनाने का तरीका यानि रूठी माँ तो दिल भी टूट जाता है और ऐसे में दिल चाहता है की कोई बताएं कि क्या करें जो जननी मान जाएँ।माँ को मनाने के कारगर तरीके जरुर पढ़िए और आजमाइए व COMMENT BOX में अपनी राय भी बताइए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।