संस्थापिका का संदेश
लेखन है समाज का आईना, कविताएं उसकी जान,
लेकर आयी हूँ यह मंच जो बनेगा हर रिश्ते की पहचान।
‘अर्चना की रचना’ मेरे ही नाम पर शुरू किया गया एक खूबसूरती से भरा मंच है। यहाँ ज़िन्दगी में पाए जाने वाले खट्टे मीठे रिश्ते, उनकी सुनहरी यादें और बातें, हर ब्लॉग में काव्य रचनाओं के रूप में आप पढ़ पाएंगे।
– अर्चना गुप्ता
Writing Hours
Featured Acknowledgements
किताबों से खिताबों तक!
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।