चाचा भतीजा शायरी लिखना अपने आप में एक सुखद अनुभव है| दुनिया जानती है कि चाचा भतीजे एक दूसरे को दोस्त ज्यादा मानते हैं|पिता तुल्य चाचा हमेशा भतीजे के सुख दुःख में साथ रहते हैं और भतीजा भी हमेशा अपने पिता जैसा सम्मान चाचा के लिए रखते हैं|

चाचा भतीजा शायरी द्वारा इस प्यार भरे रिश्ते को मीठे शब्दों से सजाया हैं ताकि ये रिश्ता और मजबूत बने|

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|चाचा पर सम्मानित शायरी|

चाचा भतीजा शायरी

चाचा भतीजे का रिश्ता है प्यारा, अपनी रचनाओं से इसे मैंने और है सवांरा!

चाचा भतीजा पर शायरी की सुंदर कविताएँ | 71 प्यार से ओत-प्रोत हैं सब रचनाएँ 

1)भतीजे को चाचा लगे प्यारे,चाचा भतीजे पर सब वारे 

देख इस अद्भुत जोड़ी को,सब दोनों की नज़र उतारे|

 

2)चाचा में दिखता पिता जैसा स्नेह, मिलता बहुत प्यार 

भतीजा भी देता मान सदा,करता वो भी आदर बेशुमार| 

 

3)यूँ तो है दुनिया में हैं जोड़ी, एक से बढ़कर एक न्यारी 

चाचा संग हो जब भतीजा,लगती सबसे बस बहुत प्यारी|
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4)भतीजे के जन्म पर चाचा हुए, बहुत ही खुश अब 

छोटू कोई उन्हें नहीं,भतीजे को ही कहेंगे अब तो सब| 

 

5)चाचा भतीजा पहन काला चश्मा,हैं देखो कैसे इठलाते 

पड़ोस के सारे बच्चे चले पीछे-पीछे,देख ये दोनों इतराते|

 

6)नन्हें से भतीजे  की पकड़ ऊँगली,चाचा चलना सिखाएं 

भतीजे जी भी ठुमक-ठुमक,सधी चाल अपनी है देते दिखाएँ|

 

7)चाचा होते संतुष्ट बहुत,देख भतीजे  के चेहरे पर मुस्कान 

देख उदासी जरा सी भी,दौड़ के उठाते,होते खुद भी परेशां|

 

8)घर में नहीं कोई भी डांटेगा,किया चाचा ने किया पुख्ता काम 

छोटे की व्यथा न समझे कोई,भतीजे के लिए किया शाही इंतजाम|

 

9)चाचा भतीजे की जोड़ी,रहती हमेशा हंसती 

मसला चाहे हो गंभीर,करते दोनों खूब मस्ती|

 

10)नन्हा सा भतीजा करता,अपनी शैतानियों से सबको तंग

मम्मी पापा करते मना पर चाचा संग खेल करते सबको दंग|

 

11)भतीजे की शातैनियों में बन जाते खुद भी भागीदार 

चाचा कौन सा कम है,दिखाते अपना बचपन बार-बार|

 

12)भतीजे की निर्मल हंसी लाती,घर के सूनेपन में बहार 

चाचा भी संग हंस पड़ते सुन उसकी बालपन की पुकार|

 

13)हर महफ़िल में आ जाती है, एक अनोखी दिलकश शान 

चाचा भतीजा की जोड़ी मिल कर,दिखाए जब अपनी आन बान|

 

14)बांध नन्ही सी पगड़ी भतीजे जी,चले चाल मस्तानी 

चाचा बजा फ़िल्मी  गाने,दिखती रुत भी बड़ी दीवानी|

 

15)कभी खेले सांप सीड़ी तो कभी खेलते भतीजे संग लूडो 

चाचा खेल खेल में सिखाते,हारने पर देखो न ऐसे रूठो|

 

चाचा भतीजा love शायरी

 

16)भतीजे को मानते  एक महकता-चहकता फूल, देख चाचा मुस्काए 

जरा सा रोने पर उसके,अपना धीरज भी पल में देते हैं एकदम गवाएं|

 

17)भतीजे की हर अच्छी बात पर,चाचा बहुत ख़ुश हैं हो जाते

शाबाश-शाबाश कहते उसको,हर तरह से हिम्मत है बढ़ाते| 

 

18)घर के आँगन में देख अँधेरा,भतीजे जब जाए डर

मैं हूँ न,ले हाथ में टार्च,पहुचे झटपट,बन एक रहबर| 

(रहबर =सदा ध्यान रखने वाला)

 

19)दादी का छोटा बेटा,यानि अब तक थे चाचा ही डियर 

भतीजे ने आकर ले ली वो उपाधि,हँसे सब परिचित नियर|

 

20)बहुत प्यार से भतीजे को, तौर तरीके चाचा हैं सिखाते

व्यव्हार ज्यादा है जरुरी,जीवन में ये मैनर्स ही काम है आते|

 

21)दुनिया की हर ख़ुशी हो तुझे नसीब,करते चाचा यही दुआएं 

हर बात को प्यार से माने,भतीजा रखे मान- सम्मान,करे  सदाएं| 

 

 22)चाचा गर संग हैं भतीजे के,माँ रहती एकदम बेफिक्र 

श्रेय अच्छी बातों का,पर शैतानियों में भी आता है उनका जिक्र|

 

23)चाचा मांगे दुआ भतीजे के लिए,इन्द्रधनुषी रंगों की बहार 

भतीजा भी चाहे उन रंगों जैसा,जीवन हो उनका सदाबहार|

 

24)भतीजे को मिले कामयाबी,चाचा मांगे दुआ खुदा से

चाचा का आशीर्वाद रहे संग सदा,भतीजा भी कहे खुदा से| 

 

25)चाचा के दिल में पिता सा ही,प्यार समाया होता है 

भतीजा भी उन्हें हमेशा पिता जैसा ही,सम्मान देता है|

 

26)साथ जब चलते चाचा,लगता हर पल न्यारा 

भतीजे के साथ उन्हें भी भाता,हर लम्हा प्यारा|

 

27)सिखाते मूल्यवान गुण,कहते भतीजे तुम ही बनोगे खेवनहार 

उत्तम आचरण रखना अपना,परिवार के हो तुम्ही रहोगे पालनहार|

 

28)कैसे देते बड़ों को आदर,चाचा ने अपने आचरण से सिखाया

भतीजा ने भी बन आज्ञाकारी,बखूबी अपना फर्ज ढंग से निभाया| 

 

29)चाचा भतीजे के कदम पड़ते है जहाँ-जहाँ 

खुशनुमा माहौल बन जाता ऐसा,फिर वहां-वहां|

 

30)जीवन में जब भी कोई मुसीबत है आएं 

भतीजे के संग चाचा खड़े हुए ही सदा आएं|

 

Best चाचा भतीजा शायरी in Hindi

 

31)भतीजे के चेहरे की मुस्कान,

यानि उगते सूरज का आभास  

चाचा के सुकून के लिए,

भतीजा भी करता भरसक प्रयास| 

 

32)भतीजा जब पुकार लगाएं,

चाचा दौड़े एकदम आएं 

दुनिया बहार में तभी तो यह जोड़ी,

नंबर वन कहलाएं|

 

33)नन्हा सा छोटा भतीजा हो बड़ा,

चाचा के कंधे से कन्धा मिलाएं

जीवन के हर दौर में इसीलिए दोनों,

एक दूजे के पूरक बन काम आएं| 

 

34)मिलता जिन्हें चाचा का साथ,

होते भाग्यवान 

भतीजे के लिए भी ऐसे ही बोल

बोलते चचाजान| 

 

35)चाचा के गुस्से में भी,

छुपा होता है अपनापन 

भविष्य की सोच कर ही,

हो जाते है बस परेशान|

 

36)भतीजे की गलतियों पर,

पर्दा कुछ यूँ डाल देते हैं 

पर अलग ले जाकर तसल्ली से,

भतीजे को समझाते हैं|

 

37)किसी ओर का जरा सा भी डांटना भतीजे को,

नहीं है भाता 

खुद भले ही डांटे चाचा,

बस कुछ ऐसा ही हैं उनका प्यारा  नाता| 

 

38)भतीजे प्यारे में बसी होती,चाचा की जान 

न दिखने पे लगते आवाज़ जोर से,ओ मेरी जान| 

 

39)गलतियाँ करने पर चाचा देते है,भतीजे को प्यारा ज्ञान

भतीजा भी सिर झुका कर है मानता,करता पूरा सम्मान|

 

40)चाचा जी दौड़े पूरी लगा ताकत,

पीछे-पीछे हो हलकान 

भतीजे जी भी ले लेते हैअपने स्टाइल में,

सेहत का सही इम्तिहान

 

41)सेहत का रख ध्यान,

चाचा के लिए बनवाया लौकी का जूस 

भतीजे को भी पिलाये संग में,

रहोगे तंदरुस्त,न बनो अब कंजूस| 

 

42)चाचा को हुई शुगर जब से,

कैसे खाए अब भरपेट मिठाई 

भतीजे ने रख ध्यान,

शुगर फ्री से खूब सारी मिठाई बनवाई|

 

43)चाचा अपने संग संग,

भतीजे को भी खूब हैं घूमाते

किस दुकान की चाट है बढ़िया,

सबको हंस कर बताते| 

 

44)चाचा को भतीजे में दिखता,

कभी दोस्त कभी छोटा भाई

हर एक सफलता पर बढ़ कर देते,

खूब सारी दिल से बधाई| 

 

45)हर परीक्षा में सारा प्रश्नपत्र,दुबारा करवाते

घर पर चाचा जी 

भतीजा भी उसी तन्मयता से कर दिखाता,

मन से पढ़ाते जो है जी|

 

चाचा भतीजा quotes

 

46)तारीफ एक दूजे की करें,

मुक्तकंठ से खुश हो कर सदा 

चाचा भतीजा की बात ही है निराली,

जाने जमाना है यह प्यारी अदा| 

 

47)शरारतों से हो जाते सब तंग,

चाचा हैं मुस्कुराते 

भतीजे की इन अदाओं में,

अपना बचपन है जी पाते|

 

48)भतीजा बने सफल और सबसे ऊँचा

हो उसका नाम 

चाचा से सैर करते हुए हैं मिलता,

ढेर सारा जीवन का ज्ञान|

 

49)सारी दुनिया में भतीजे को लगते,

चाचा सबसे अच्छे

ख़राब हालातों में भी रहते,

अपने वचन के सदा सच्चे| 

 

50)होती जब घर में बच्चों के बीच,

अनचाही लड़ाई 

चाचा सही निर्णय हैं देते,

फिर सबको खिलाते मिठाई|

 

51)सीमित संसाधनों में माँ के बाद,

जीने गुर चाचा सिखाएं 

भतीजा भी दिल लगा कर,

ज़ेहन में यह बात अपने बिठाएं|

 

52)चाचा ने दी प्रेरणा यही सदा,

जीवन में  हार कभी मानना  नहीं

नक्श-ए -पांव बढाओ हिम्मत से,

गम नहीं आएगा,विचलित नहीं कभी होना |

 

53)भोर की किरणों सी चमक, रहे बनी सदा तुम्हारी

चाँद की शीतलता सा ठहराव,प्रकृति बनी रहे तुम्हारी 

भतीजे के उज्जवल भविष्य के लिए, हो रही सब तैय्यारी

चाचा अपने अनुभवों को कर साँझा,देते नसीहतें बहुत सारी| 

 

  54)हो सबके मन के राजा,हो जीवन में इन्द्रधनुष से तुम 

तपिश भरी धूप में बातें करते मधुर,मन को मिले सुकून 

नवाज़ा ऐसे गुणों से प्रभु ने,करते हो सबका इतना सम्मान 

धनयवाद दें चाचा पाकर ऐसा भतीजा,घर का बढ़ा मान| 

 

55)शहद सी बोली,झर-झर फूल झरते हों जैसे 

मीठे पानी निकलें आबशार से,निर्मल अविरल ऐसे 

रोम रोम महक उठता सबका,व्यक्तित्व है करिश्माई 

भतीजा का परिचय कराते चाचा ने,यह बातें ख़ुशी से बताई| 

 

चाचा भतीजा शायरी स्टेटस्

 

56)चाचा के हृदयतल में,है जो प्यार से बसता 

पुलकित हो दें दुआएं,जमाना उसे भतीजा कहता

अहो-अंजुम में देखे जब आसमां को,जिस भी रात 

खुश रहो बरखुदार,दिल से निकलते प्यारे जज्बात| 

(अहो-अंजुम=चाँद-सितारें)

 

57)चाचा की वाणी में है, प्रखर ओज विद्धामान 

बात रखते लगता, सरस्वती है संग विराजमान 

भतीजे को सिखाते, शिक्षा की उपयोगिता लगा जी-जान 

भरसक प्रयत्नों से आता अव्वल,रखता मान-सम्मान|

 

58)कार्य करना सदा ही उत्तम, वेदना रहे ताकि दूर 

सरलता,सहजता,विनम्रता बने आभूषण,न करना गुरुर 

बोली हो या चाहे लेखन का हो कौशल,दे एक सुकून 

चाचा जीवन के सत्य बताये,भतीजे ने भी दिखाया जूनून| 

 

59)जीवन में रखना सदा वाणी पर संयम,चाचा देते सीख 

बुरा ना सोचो न बुरा बोलों,जंग फिर आधी लेते हो तुम जीत 

दुनिया तो साजिशें रचती रहेगी,न होना कभी खुद से बेजार 

आग में तप कर सोना है निकलता, बस मानना न कभी हार|

 

60)चाचा की बातें अद्भुत,है व्यक्तित्व उनका विशाल 

तकनिकी बातें भतीजा है सिखाता,जोड़ी बनी मिसाल

वादविवादों को जीत लेने से,नहीं होती कामयाब जिन्दगी

दिल को पढ़ लेने वाला ही करता राज,बन स्वयं  में बेमिसाल|  

 

 61)खुद  को रखना हर हाल हर वक्त,हमेशा ही प्रफुल्लित 

मन की बगिया में खुश रह,हृदय में बनना सबके फूल सुवासित 

न ओढ़ लेना कभी भी अवसाद की चादर,प्रतिकूल हो जब हालात 

जीत के जज्बे से ही होती जीत,भतीजे को बताते चाचा यह बात| 

 

62)आने वाली पीढियां हों प्रेरित,कर जाना कुछ ऐसे काम 

मधुर वाणी सर्वश्रेष्ठ गुण,वक्त -बेवक्त देना अपना योगदान 

छोटी लकीर के आगे बड़ी लकीर बना पाते हैं जो इन्सान

चाचा बताते भतीजे को,इतिहास में होते दर्ज उनके ही नाम| 

 

63)जहाँ भी पहुचों,हो दिल से तुम्हारा प्यारा स्वागत 

सबको मिल तुमसे हो अहसास,मिली हो उनको नेमत

प्रेरणास्त्रोत बनना,भतीजे सुनो,होने चाहिए ऐसे काम 

तुम्हारी पहचान से ही, घर परिवार का होगा फिर नाम|

 

 64)चाचा जो भी समझाए,भतीजा भी पूरा ध्यान है देता 

जीवन दर्शन के है ज्ञाता,सारा परिवार यह ही है कहता

मन वचन वाणी से नहीं करते, किसी को भी कभी आहत

परम्परा यह आगे बढती रहे,दिल की उनकी यही है चाहत| 

 

65)मन से है ममता भरे और दिल से बहुत उदार 

भतीजे की गलतियों को,अनदेखा करते बहुत बार

 बताते इससे उपजे सारे गुण दोष,अलग से ले जाकर   

मानता बात चाचा की,खूबी है उसमे ये सबसे बढ़ कर| 

 

चाचा भतीजे के लिए प्यार भरी रचनाएँ

 

66)देख भतीजे को उदास,प्यार से दुलारते-सहलाते 

कैसे खुश होगा छोटा राजा,चाचा तरकीबें खूब लगाते 

जोश-खरोश से लबरेज कहानी इतिहास की फिर सुनाते 

भला  ऐसा दिल का  रिश्ता,जहाँ में कहाँ है हम से पाते| 

 

67)तबियत क्या हुई जरा सी ख़राब,सिरहाने बैठे हैं रहते 

कभी दवा पिलाये, कभी पसंद वाले फल ला ला के देते

चाचा पिता की अनुपस्थिति में जिम्म्मेदारी अपनी पूरी निभाएं

इसीलिए तो भतीजे के दिल के करीब भी,चाचा ही जाते पाएं|   

 

68)भतीजे को देख कुछ ज्यादा खुश,

चमक आँखों की बढ़ जाती है

हमें भी तो बतलाओ न  बरखुदार,

चाचा की घुसुर-पुसुर बढ़ जाती है

भतीजा अपनी गर्लफ्रेंड का नाम,

चुपचाप कानों में जब उनको बतलाएं

चाचा याद कर अपना जमाना,

भतीजे को हंस हंस कर अपनी बातों से हंसाएं|

 

  69)कोमल हृदय है पर देशद्रोहियों के लिए ,

बन जाता कठोर मन 

कालजयी व्यक्तित्व रहा चाचा का,

पक्का वायदा रहा पक्का सदा वचन

घोड़े की टिक-टिक छुटपन की याद में,

भतीजे की आँखें हो जाती नम 

उनके क़दमों पर ही चलने का लिया प्रण,

देशसेवा करने का बना लिया मन|

 

 70)दुनिया की महामारी कोरोना ने,

दी नसीहत सबको एक समान

चाचा थे दूसरे दी सीख जिन्होंने,

प्रकृति को सदा दो माँ सा सम्मान

यह अकूत पैसा जमीं जायदाद,

धरा का धरा रखा यहीं रह जाएगा

भतीजे ने माना,इज्जत नहीं दोगे गर औरों को,

क्या कुछ मिल पाएगा|

 

71)पिता समान चाचा का,

रहता हृदय में ऊँचा स्थान

 उन जैसा मार्गदर्शक है नहीं कोई ,

करता हूँ उन्हें प्रणाम 

धनयवाद ईश्वर का,

दिल बार-बार करता उनका ही ध्यान

चाचा भतीजा है हमारी जोड़ी,करेंगे

मिल कर परिवार का नाम |

 चाचा भतीजा शायरी लिखते हुए अपने प्रिय व् आदरणीय चाचा की याद बहुत आई|भतीजा बन करता हूँ गर्व भी,ऊँची तालीम उन्हीं से पाई|

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