निष्ठा पर शायरी एक बेहद सकारात्मक मनस्थिति के भाव हैं जो हमें अपनी परवरिश व् आसपास के वातावरण से मिलते हैं|
निष्ठा यानि धैर्य,त्याग,बलिदान और कर्तव्य इन सब से मिल कर बना एक अद्भुत गुण है जो हर किसी में नहीं पाया जाता है|बिना निष्ठा के कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाता है|
इसी सुंदर भावना से कुछ कविताएँ लिखी है और आशा है आप को पसंद आएगी|
पढ़िए जरुर
निष्ठा पर शायरी यानि जीवन के प्यारे गुणों को वर्णित करने की आई बारी
Best निष्ठा कोट्स| 63 प्रेरक कविताओं के साथ
1)निष्ठा की बात होती है जब-जब
माँ की ही याद आती है तब-तब।
2)स्वप्निल आँखों के ख़्वाब,पूरे करने हैं
निष्ठा और कर्तव्य ले के, संग चलने हैं।
3)क़िस्मत को माना,दोषी जब तलक
हासिल भी कुछ नहीं हुआ,तब तलक।
4)जैसे कर्म हमारे होते,मिलता वैसा ही परिणाम
बुरे का बुरा मिले और अच्छे का मिले ईनाम।
5)छोटी सी ज़िंदगी में,कुछ ऐसा कर सकूँ
निष्ठा का भाव,कुछ श्रेष्ठ कर बता सकूँ।
6)हर हाल बाधाओं से लड़,हराना है मुझे
निष्ठा और त्याग से जीतनी है,जंग मुझे।
7)विश्वास की पतंग,स्वयं ऊँची उड़ती है
निष्ठा उसके संग,जो साथ हुआ करती है।
8)कर्तव्य से विमुख होना,सीखना नहीं कभी
देर से ही सही,मंज़िल मिलेगी कभी न कभी।
9)कर्म करते हुए रखने होंगे,अनासक्त भाव
निष्ठा समर्पण से ही होते, पूरे सारे काज।
10)एक अलग सा ही,उत्साह बना रहता है
निष्ठा से जब कोई काम,किया होता है।
11)निष्ठा से किए प्रयत्न,समय पर सफल होते हैं
देर लग सकती है पर फल सदा ही मीठे होते हैं।
निष्ठा पर सुंदर रचनाएँ
12)ईश्वर नवाज़े सबको,निष्ठा का दे आशीर्वाद
दुनिया जन्नत सी बन जाएगी, फिर अपनेआप।
13)जब ईश्वर का होता है,आशीर्वाद आपके साथ
निष्ठा और कर्तव्य जैसे वरदान,होते साथ-साथ।
14)सिर्फ़ तारीफ़ पाने के लिए,किया जो कोई काम
निष्ठा के बिना तो नहीं आएगी,उसमें ख़ास बात।
15)जीवन का उद्देश्य हर हाल में,कर्तव्य बोध बना रहे
अच्छा या बुरा न सोचें,निष्ठा से काम किया करे।
16)उलझनों को बना अपना हमराज़,सुलझाते हैं
निष्ठा के साथ बाधाओं को,पार कर जाते हैं।
17)दिल को दुखाने का इरादा,न जब बदला गया
समर्पण भाव का साथ,तब भी न छोड़ा गया।
18)सिर्फ़ सोचने से तो कुछ भी,नहीं हासिल होता है
हाँ,मिलेगा ग़र उसमें,निष्ठा से प्रयत्न किया होता है।
19)सामने हो जब कठिन मंज़िल,कदम नहीं रुकने चाहिए
विश्वास और निष्ठा के साथ,बढ़ते ही जाना चाहिए।
20)सिर्फ़ सोचने से तो कुछ भी,नहीं हासिल होता है
हाँ,मिलेगा ग़र उसमें,निष्ठा से प्रयत्न किया होता है।
21)जीवन का उद्देश्य हर हाल में,कर्तव्य बोध बना रहे
अच्छा या बुरा न सोचें,निष्ठा से काम किया करे।
22)निष्ठा से जो परिपूर्ण,है एक ख़ुशबू -ए-रूह इंसान
फ़िज़ाओं में महकती हवायें भी करें उसका गुणगान।
निष्ठा पर सुविचार
23)हर पल हर क्षण,जब-जब मन को दोराहे पर पाएँ
कर्तव्य भावना को रख आगे,निष्ठा से कर्म निभाएँ।
24)कुरुक्षेत्र का युद्ध,गीता का सर्वोच्च ज्ञान दिलवाया
धर्म रक्षा हेतु,निष्ठा बड़ी,सोच से स्वजनों को हराया।
25)निष्ठा को ले लिया जो साथ,तो स्पष्ट मार्ग था सामने
दिशा और दशा थी साफ़,फिर किस बात की कमी थी।
26)वो पल बना अनोखा,जब सफलता सामने नज़र आई
निष्ठा से करने की ख़ुशी,मन में आ उस पल में समाई।
27)जो चीज़ वक्त से पहले मिले,तब कद्र कहा है करते
ज़िंदगी ले लेती वापस तो पीछे लेने के लिये है फिरते।
28)महाभारत सिर्फ़ एक महाकाव्य नहीं,देता उत्तम ज्ञान
निष्ठा धर्म के प्रति है ज़रूरी,रक्षा हेतु देने पड़ेंगे प्राण।
29)कर्तव्य का पालन ही,मेरी निष्ठा का सही प्रमाण है
सत्य मार्ग अपना कर,जीवन उत्तम करने का अरमान है।
30)मार्ग था पथरीला पर मेरे पास,निष्ठा और लगन थी
कदम दर कदम रखा संभल कर,मंज़िल मुझे मिली थी।
31)क्षितिज के उस पार उगता चाँद, मुझे प्रेरित करता है
अंधेरे हो चाहे कितने,उजाला वह लिए ही रहता है।
32)बारिश की बूँदे पूरी तरह से,धरा को करती सरोकार
निभायी परंपरा भीगने की,सुख से किया ख़ुद को सरोबार।
33)अधिकारों का ज्ञान रखे,पर कर्तव्य में पीछे ही रह जाए
निष्ठा जैसे शब्दों में भी,अपने हिसाब से अर्थ लगाए।
निष्ठा status इन hindi
34)अपने पर होता जब भरोसा,लगन दिल की बढ़ जाती है
निष्ठा जैसा साथी हो संग,तो मंज़िल सामने नज़र आती है।
35)ऑफ़ताब सा तेज और महताब की ठंडी शीतलता
निष्ठा से भरा जिसका जज़्बा,रखता हृदय में विशालता।
36)बारात-ए-नूज़ूम में
ज़्यों चमकता मह-ए-कामिल
भीड़ में दिखे अलग व्यक्तित्व,
निष्ठापूर्ण रखे जो दिल।
37)निष्ठा यानि ख़ुद पर,
इतना करे जो इंसा ऐतबार
ग़ैरमुमकिन को भी मुमकिन करने का,
जज़्बा रहे बेक़रार।
38)जीवन में सबका प्यार,
मान-सम्मान ग़र है हर हाल पाना
निष्ठा से करना अपना कर्म,
फल मिलने पर ध्यान न लगाना।
39)सीमा पर जो जवान दिन रात रहते,
निष्ठा से बन प्रहरी
राष्ट्रहित सर्वोपरी,
सबकी रक्षा की चिंता जो उन्हें रहती ठहरी।
40)सत्यम शिवम् सुंदरम्,
बेहद लोकप्रिय है सुंदर वाक्य
निष्ठा और समर्पण भाव से ही बन पाता,
यह ध्येय वाक्य।
41)स्वयं में निर्मल भाव से जगी,
एक परम आध्यात्मिकता
निष्ठा जो थी रिश्तों में,
लगा अपनों की मिली प्यारी सहभागिता।
42)मन हो जब भी विचलित जीवन में,
आख़िर क्या किया जाए
कर्तव्य निष्ठा को ले संग,
अपना सही कर्म ही किया जाए।
43)जीवन कर्मप्रधान है,
ये भूल क्यों जाते है हम सभी अक्सर
निष्ठा मन में है अगर,
कार्य सफल होंगे कैसा भी हो अवसर।
44)ध्यान अपनों का है रखना,
बस जब मन ने ऐसा ठान लिया
क्या दिन और रात ,
हर प्रहर निष्ठा से करना कर्तव्य मान लिया।
निष्ठा पर उपयोगी कथन
45)देख सामने अचानक आती परेशानी,
दिल थोड़ा सा घबराया
भरोसा दिया ख़ुद को,निष्ठा हैं न संग,
बस कर फिर दिखाया।
46)बियाबान से उदास हृदय में उठती,
उर में एक टीस जैसी पीड़
निष्ठा ने पुकारा ख़ुशी को,दौड़ी आई,
थी वहाँ भरी भीड़।
47)इतना क्यों हो रहा निराश,
सुन तो-ऐ-मेरे बेकल दिल
माना समय है मुश्किल,
निष्ठा प्यार से होगी मंज़िल हासिल।
48)निष्ठा और समर्पण संग हौंसले की,
न कोई कमी थी
बंद दरवाज़े के पीछे छिपे,
ज्ञान की चाभी भी संग थी।
49)परिवार समाज और देश हित,
माँगते त्याग और बलिदान
निष्ठा कर्तव्य भावना से ही बनते
सारे के सारे जग के काम।
50)बागो-बहारॉ का सबसे खूबसूरत फूल है,
निष्ठा का भाव
परिणाम की चिंता किए बिना,
करे पूरी क्षमता से अपना काम।
51)सहरा में भी ख़ुशी सी बन,
बहती है निष्ठा से नदियाँ की धार
घने तमस् में ज्यों जुगनू की चमक,
देती है रोशनी बार-बार।
52)बादे-सबा की महक,
फैल जाती है अपनेआप चहुँओर
निष्ठावान व्यक्ति के सद्गुण,
महिमा दिखती स्वयं ही हरओर।
53)बहनों का नटखटपन
और भाइयों का अद्भभुत अनुराग
स्नेह संग निष्ठा और मृदुल प्यार का,
रचा हुआ मधुर राग।
54)सूर्य चाँद की निष्ठा तो देखिए,
रोशनी बिना भेदभाव हैं देते
हम यूँ जरा सी बात पर,
मुँह फेर क्यूँ एकदम से हैं लेते।
55)बजने-ईश्रत में सब उठ गये,
करने को उसका इस्तिकबाल
सादगी भरा था व्यक्तित्व,
निष्ठा ने बनाया था उसे बेमिसाल।
अविचल निष्ठा शायरी
56)निष्ठा के साथ हौंसले में भी जो,
आगे बढ़ ले ज़िम्मेदारी
ऐसे श्रेष्ठ आचरण वाले विरले ही व्यक्ति,
जानते असली दुनियादारी।
57)निष्ठा को आख़िर कैसे बनाए रखे,
सवाल अक्सर ही पूछा है जाता
स्व-इच्छा,स्व-प्रेरणा से हर उत्तम कर्म करना ही
,निष्ठा है कहलाता।
58)निष्ठा रख किया जब-जब भी,
पूरे समर्पण से करते हैं काम
शायद मनचाहा परिणाम न मिले,
मन को मिले पर एक अनोखा आराम।
59)निष्ठावान होने के लिए,
जन्म का साथ ही काफ़ी नहीं होगा
कर्तव्यबोध वाला ही प्राणी,
पराया होकर भी सदा सही होगा।
60)धर्म पताका रथ पर है फहरा रहा,
दिखे पर हर ओर अपने रिश्ते नाते
सारथी बन कृष्ण,
व्यथित अर्जुन को निष्ठा सहित कर्म करने को तब बताते।
61)ग़मे-हयात ज़िंदगी को
,क़िस्मत के दोष से क़सूरवार बताया गया
हाथों की लकीरों ने निष्ठा से मिल,
जीवन को बेमिसाल बनाया गया।
(ग़मे-हयात=जीवन के दुःख)
62)माँ की निष्ठा और पिता की कर्तव्य भावना से,
बनता सुंदर संसार
जीवन में पग-पग पर संकट में,
हर वक्त आता काम बार-बार।
63)श्री कृष्ण और कुंती का है,सुंदर उदाहरण सुंदर प्रसंग
कुंती ने दोषी माना मुरलीधर को,लेते जो पांडव पक्ष
धर्म के प्रति निष्ठा पाण्डवों की,इसलिए हूँ उनके साथ
रिश्ते से बढ़ कर मेरे लिए,उनकी निष्ठा का सत्य साथ।
निष्ठा पर शायरी जीवन के प्रति ज़िम्मेदारी और कर्तव्य भावना को जगाती है।निष्ठा पर अनमोल वचन शायरी ज़रूर पढ़िए और COMMENT BOX में अपनी राय से अवगत भी कराइए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।