पति की याद में शायरी यानि जब पास हो तो शिकायतें है ढेर सारी, पर दूर हों तो बस याद आती बेचैनी करने वाली|पति पत्नी का रिश्ता जीवन भर साथ रहने वाला है जिसमें नोंक झोंक कभी नाराजगी कभी प्यार दर्शाने वाली कविताएँ ले कर आई हूँ -छू लेंगी हृदय को बारी-बारी|🤩
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|पति को खुश करने वाली दिलकश शायरी|
पति की याद में शायरी,दिल की बातें होंगी ऐसे ही खूब सारी
जीवनसाथी की स्मृति में कविताएँ| 83 दिल को छू लेने वाली रचनाएँ
1)बोलती आंखें और खामोश ज़ुबान
मोहब्बत भरी याद की,यही है पहचान।
2)तुम्हीं मेरे प्यार का,सुंदर अनंत सार हो
धड़कनें करती याद,जीवन आधार हो।❤️❤️
3)हुई याद में सनम तेरे,मीरा सी मैं बावरी
राधा सी हूं व्यथित,ज्यूं बिन पानी हो मछरी।
4)शुक्रिया ख़ुदा का,दुआ की क़बूल मेरी
इल्तिज़ा बस इतनी सी,मिटे जल्दी ये दूरी।
5)तीज़ का त्यौहार भी लगा,इस बार फीका
झूला झुलाने की तुम्हारी अदा,उफ़्फ़ तौबा।
6)रब जी हमने माँगा,आपसे एक ही वरदान
पिया है दूर जरा बस,रखना उनका ध्यान।
7)सुनो! मेरे पति प्यारे,बिन तुम्हारे
दिन कटे न,रात में गिने तारें सारे|
8)कैसे बताऊँ दिल के,सुंदर मीठे जज़्बात
संगीत मय सुर -ताल से सजे,यादों के साज।
9)ये तुम जल्दी-जल्दी,दूर मत जाया करो
हमें यूँ ख़्वाबों में आकर,न सताया करो।
10)आपका साथ ही है,एक तोहफ़ा अनमोल
यादों में बसें हो आप,चाँद जैसे ही बेमोल।🌝
11)छोटा से घर में,बसी उम्मीदे-आशियाँ
दूर विदेश में होते हुए भी,पास है पिया।
12)एक विश्वास एक भरोसा और प्यार
याद साजन तुम्हारी,दिलाती हर बार।
13)कोई गिलाशिकवा न करेंगे,करते हैं वादा
यादों में तुम से करते,बातें दिन रात सदा।
14)मैं से बने हम और सुरमय साथ हमारा
याद में विरह की अग्नि ने,तुम्हें है पुकारा।
15)प्रेम के सुंदर प्रतीक सा,हमारा प्यार
यूँ याद में तुम्हारी,मिलने को है बेक़रार।
16)तुम्हारे प्यार ने बिगाड़ी,आदतें हमारी
याद में और भी तड़पाती,बातें वो सारी।
17)रसीला सावन भी, बस बीता है जा रहा
याद में पिछली बातों को, है दोहरा रहा।
18)जब से तुम संग बंधा पिया,नाता प्यारा
जीवन महका, बना सुंदर रिश्ता हमारा| 💞💞
19)नाज़ुक से रिश्ते में बसते,मधुर जज़्बात
प्रिय तुम्हारी याद में,मधुमास के अहसास।
20)रहें आप स्वस्थ और पूरे हो स्वप्निल ख़्वाब
याद हर पल ले आती है,भूली बिसरी बात।
पति के लिए स्टेट्स sad
21)जीवन में आपका ही रहेगा,स्थान ख़ास
जीवनसाथी है हमारे,तो हुए ख़ासमख़ास।
22)बहुत सारी बातें है करनी,तुम संग शेयर
मन नहीं लग रहा,याद आती तुम्हारी केयर।
23)यूँ तो दिखाते रहते हो,अपना रौब-दाब
दूर होने पर सच बताऊँ,याद आया आज।
24)जानते हैं आपकी,बहुत ऊँची हैं हैसियत
दूरी कहीं कर न देना,कम हमारी अहमियत।
25)दिल आज बहुत ही है,बस मचलाया
बतियाने तुम संग पिया,है ललचाया।
26)आपकी याद में दिल में,छाई है वीरानी
व्यस्त इतने मत होना,न लगे हुई बेगानी।
27)बन जीवनसाथी,हो मेरे लिये मिसाल
यादें और तड़पाती,पिया मिला बेमिसाल।
❣️❣️
28)सुनो!सुबह तुम्हारे हाथ की,चाय सताती है
वो अदरक तुलसी वाली महक,तड़पाती है।
29)गुजरता हर पल था,बेहद सुखदायक
याद में आने वाला पल,दिखता दुखदायक।
30)उदास हुआ,घर का हर एक कोना-कोना
ख़ुशी संग ले उड़ा,बटोही छोड़ आशियाना।
31)माँगते हर वक्त,क़बूल दुआ मेरी हो जाए
हर जन्म में साजन,बस आप सा ही पाए।
32)एक जान दो जिस्म नहीं,रूहों का मिलना है
नाम भले ही पति पत्नी हो,रिश्ता अमर है।
33)आप से मिल कर,जीने की वजह मिल गई
दूरी पर आपके,उदासी जैसे मजबूरी बन गई।
34)तुम संग बांध रिश्ता,हुई जिन्दगी मुक्कमल
याद में रह रह हिचकियां,आ रही मुसलसल।
(मुसलसल=लगातार)
35)मन को व्यथित न करें,समझाते हैं रहते
तुम मिलने की जुगत भी,है करते रहते।
36)काला टीका लगाती हूँ,तस्वीर पर तुम्हारी
नज़र न लगे किसी की भी,जोड़ी पर हमारी।
37)लबों पर आपकी लंबी उम्र की,दुआ है रहती
हर दिन आपकी सेहत की,चिंता जो है रहती।
38)न जाने कैसा है,यह जमाने का निर्मम दस्तूर
याद में बेहिसाब आ रहीं,हिचकियां बदस्तूर।
39)दूर क्या गये तुम,घर हुआ बहुत ही सूना
अँखियों से नहीं रुकता,आँसूओं का बहना।
40)खट्टी-मीठी नोंक-झोंक जैसा,अपना है प्यार
हर लम्हे में सिमटी,यादों में बसा वो बार-बार।
जीवनसाथी के लिए दो लाइन शायरी
41)विश्वास और अटूट आस्था का हमारा रिश्ता
दूरी पर फिर भी दिल,वक्त से है डर लगता।
42)तुम्हारे बोलने का नायाब अन्दाज़,याद आता है
ग़ुस्से में भी,अदब से कहने का,ख़्याल आता है।
43)पतझड़ सा दिखता बसंत,तुम बिन साजन
याद करे ये बेकल दिल,रूठा सा हुआ सावन।
44)ग़ुस्सा मेरे करने पर भी,रहता व्यवहार कूल
रब ने है दिया,बगिया का सबसे सुंदर फूल।
45)ढूँढती निगाहें पिया आपकी,झलक पाने को
दूर हो इतने हम से,कसक उठती पास आने को।
46)आफ़ताब की तपिश,तन-मन ऐसे झुलसाती है
पिया तुम्हारी शीतलता भरी बातें,याद आती हैं।
47)रिमझिम बूँदे,खिड़की से देती दस्तक बार-बार
बिन साजन,सावन भी बढ़ा रहा है अग्न बेशुमार।
48)सुबहों से शाम तक,हर ओर दिखे आप ही आप
बंधन सात जन्मों का,मिले हमें आप ही आप।
49)मंदिर में रोज़ करती हूँ,ईश्वर की दिल से पूजा
रहे मेरा बालम सुरक्षित,नहीं कोई काम अब दूजा।
50)माना हो दूर सजन हमसे,माँगे रब से यही दुआएँ
मेहनत सफल हो आपकी,जल्दी घर वापस आएँ।
51)आपके श्रेष्ठ कार्यों की चर्चा,यूँही होती रहे
दूर हम से मगर ये दूरी,न कभी भी दरम्यान रहे|🌹🌹
52)अदरक की चाय और गर्मागर्म पकौड़ों का स्वाद
बिन तुम्हारे बालम,लगे फीके और बिल्कुल बेस्वाद।
53)शब्दों की माला में गूंथ,भेजें है दिल के उद्गार
अव्यक्त यादों के भावों को समझ लो मेरा प्यार।
54)ये काले कजरारे बादल, है जब उमड़ते घुमड़ते
यादों में भी तुम्हारे नाम की माला, है जपते रहते।
55)अरुणिमा आभामय सा, खिल उठता है चेहरा मेरा
जब आपका साजन,संग-संग मिलता है तेरा।
)मोहब्बत सनम से,एक अनोखा सा अहसास है
यादों में बसे मधुर ख्वाबों के,भावुक जज़्बात है।
57)दिन भर कोई आवाज़ भी अब,सुनाई नहीं देती
कुछ खिला दो अच्छा सा,फ़रमाइश नहीं होती।
58)एक अविरल अनवरत साथ,जैसे ज़्यूँ आबशार
यादों की खिड़की से आता,संग साथ का प्यार।
59)पति पर बने चुटकलें,जानते हो न, नहीं मुझे भाते
तुम न होते तो जीवन के अर्थ, कैसे हम जान पाते|
60)ऐ मेरे सनम, बुझे आस के दीप को,करो प्रज्ज्वल
याद की इस लंबी रात में भी,कर दो भोर सी उज्जवल।
पति के लिए भावनात्मक संदेश
61)झंकृत हो उठते स्वप्न,कर तुम्हारे ख्वाबों में दीदार
यादों के पिंजरे से निकल,कब आओगे दिलदार।
62)घूमने सुबह की सैर पर,कदम दर कदम मिलाते
अकेले जाने का मन नहीं,आप की याद में हैं खो जाते।
63)ये काले कजरारे बादल, है जब उमड़ते घुमड़ते
यादों में भी तुम्हारे नाम की माला, है जपते रहते।
64)एक संवेदनशील साजन है,प्रभु का अनमोल उपहार
यादों में भी भ्रम जैसे हो सामने,कर लेते ऐसे ही दीदार।
65)ये नादान बूंदों की बौछरे,हमें जानबूझ कर, हैं चिढ़ाती
यादों में खोए हुए हृदय को, टिपटिप कर हैं जगाती।
🌻🌻
66)जन्मदिन मिल कर मनायेंगे,नहीं चलेगा कोई बहाना
फ्लाइट अभी से बुक करा लो,देखो जी,भूल न जाना।
67) चंपा चमेली की खुश्बू, कराती मीठा अहसास तुम्हारा
आंगन की बगिया भी,शामिल है याद में, दिखाते प्यार सारा।
68)मैसेज देखने को तुम्हारे खोलते,मोबाइल बार-बार
आख़िर दूरी पर भी,हाल-चाल बताते रहा करो,मेरे सरकार।
69)तुम्हारी अच्छी बुरी,सारी नसीहतें याद आती हैं
कोई न अब टोकता न कहता,खामोशियाँ खलती हैं।
70)किसी नयी ड्रेस को बनवाए,सुनो!बीता एक अरसा
तुम्हारी याद में दिन रात का,फ़र्क नहीं पता चलता।
पति की तारीफ़ में कविताएँ
71)ख़ुद सजने-संवरने को भी,
नहीं करता अब मन
कौन देखेगा निगाह भर के,
भला किस के लिये सजे-पूछे मन।
72)जब साथ हो चाँद सा चेहरा
ग़म भी नहीं करता परेशान
साथ है तुम सा जब एक रहगुज़र
दूर होने पर भी,पास लगता हमसफ़र।
73)हम सब के लिये गये हो दूर
सुख सुविधाएँ सारी जुटाने
लौट आओ न प्रियतम मेरे
नहीं चाहिए कुछ भी,बिन तेरे।
74)मन को कैसे होगा कोई ग़म
साथ हो जब चंदन सा हमदम
बसता फिर घर-आँगन में आनंद
दूरी नहीं मायने रखती,खिले मन उपवन।
75)करते है धन्यवाद बहुत प्रभु का,
आपके रूप में सौंपी एक सौग़ात
आज याद आ रही है,इतनी ज़्यादा
मिलोगे जब बतायेंगे अपने सब जज़्बात।🌻🌻
76)मुझ को मुझे ज़्यादा हो जानते
कोई युक्ति क्यों नहीं निकालते
चंद दिन को जाने की बात कही थी
यूँ अकेले रहने की नहीं आदत हमें थी।
77)आँखें हो जाती हैं,सोच कर ही नम
तुम संग ही पिया,है जीवन में आनंद
यादों के दरीचे,देती संदेशा हवाएँ भी
हुए बहुत दिन देखने को,तरसी निगाहें भी।
78) चंपा चमेली की खुश्बू,
कराती मीठा अहसास तुम्हारा
आंगन की बगिया भी,शामिल है याद में,
दिखाते प्यार सारा।
79)यादों की खिड़की से आज एक हवा का,
लहराता सा झोंका आया
इजहार-ए-मोहब्बत का वो पल यादों में,
धीरे से यूँ आकर मुस्काया|💚
80)प्यार से जो बोल दे,मीठे बोल,
मोहब्बत बन दिल में तड़पता है
नाजों-अन्दाज़ भी उठाता रहे-दिल ही तो है,
पाने को मचलता है।
81)यूँ फूलों के महकते गुलदस्ते को
ले अपने मज़बूत इरादों से
फिर नफ़ासत से पूरे अदब-क़ायदे से,
था हमारे यादों में थमाया।
82)दिल को समझाया भी,बहुत झूठी भी दी मैंने तसल्ली
यादों का पलड़ा भारी था,नहीं खिली दिल की कली।
न जाने कैसा है,यह जमाने का निर्मम दस्तूर
याद में बेहिसाब आ रहीं,हिचकियां बदस्तूर।
83)खीर जलेबी आम रस और प्यारी रबड़ी
गोलगप्पे चटपटी चाट व भल्ला पपड़ी
गुलाबजामुन रसगुल्ला और नारियल बर्फ़ी
बेसन लड्डू पसंदीदा आपकी क़ाजू कतली
बेचारा आगरा का पेठा व रसमलाई
गज़क गाजर हलुआ संग वो नानखटाई
हर त्यौहार पर इन सब ने याद आपकी दिलाई।
पति की याद में शायरी में बहुत ही मन से हृदय से, उनके पास न होने पर आती भावनाओं को शब्दों में पिरोया है |पढ़िए husband के लिए प्यार भरी कविताएँ| COMMENT BOX में अपनी राय भी दीजिये जरुर|😍
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।