बेवफा पति पर शायरी लिखना पत्नी के दुःख,उस पीड़ा को बताने का प्रयास है|दुःख को समझने वाले और सुनने वाले लोग दुनिया में बहुत कम् हैं|जीवनसाथी की बेवफाई किसी भी पत्नी को बहुत अंदर तक तोड़ देता है|
जिस व्यक्ति के साथ सात फेरे ले दुल्हन के रूप में अनगिनत सतरंगी सपनें संजोयें वो आती है वो चूर-चूर हो हृदय को अत्यंत दुःख का अनुभव कराती है|
पढ़ना न भूले
|रिश्तों में उम्मीद टूटने पर नाकाम दिल की शायरी|
बेवफा पति पर शायरी,पत्नी की मानसिक पीड़ा उजागर करे सारी
पति के धोखे देने पर कविताएँ| 51 हृदय की धधकती रचनाएँ
1)विश्वास की इंतिहा हुई बेअसर
बेवफाई पर आंसूं बहे झर-झर|
2)कोयल की कुहूँ-कुहूँ,फिर से गुंजायेंगे
तुम्हें भूल ज़िंदगी,नये सिरे से सजायेंगे।
3)ज़िंदगी ने एक कड़ा सबक़,तो सीखा दिया
भरोसा ज़्यादा न करें,ये बखूबी जता दिया।
4)दिल में आपके लिये भी,वैर नहीं होगा
चोट ताजी है,उबरने में थोड़ा वक्त लगेगा।
5)पलट कर देखने की,आदत नहीं रही कभी
लौट तुम आओगे,संभव अब यह नहीं कभी।
6)ना भूल पायेंगे चोट,तेरी बेवफ़ाई की
अफ़सोस रहेगा बने थे,जो तेरे परछाई की।
7)मानते थे तुम्हें ही हम,अपनी अज़ा-ए-ज़िंदगी
पहिया-ए-काल ने बताया,जाया ही की अपनी ज़िंदगी।
(अजा-ए-ज़िंदगी=जीवन की शक्ति)
8)दिल में जब कोई ओर था,ज़िंदगी में आए क्यों
निभाने का दम नहीं था,फेरों के वचन दिलाए क्यों।
9)हमारी आँखों की नमी को भी, भाँप लेते हो
हुआ कोई इतने क़रीब,मुँह अब फेर लेते हो।
10)उड़ते परिंदे तुम्हें,बहुत अच्छे थे हमेशा लगते
ख़ुद बन ऐसे उड़ोगे,तुम ऐसे अच्छे नहीं हो लगते।
11)प्रेम सच्चा है मेरा,करेंगे तेरे आने का इंतज़ार
लौट के तुम आओगे,है ख़ुद पर बहुत ऐतबार।
12)हवाओं की तरह बदल जाओगे,ऐसे तो ना थे
जमाने के नये रंग में रंग जाओगे,ऐसे भी ना थे।
बेवफ़ा शायरी मेसेज
13)पैसे पर फिसलने वाले,हर कूचे में मिल जाएँगे
दिल में बसने वाले हम से,ढूँढे से भी नहीं पाएँगे।
14)बिन हमारे एक पल भी,तुम रह नहीं पाते थे
मायके जाने की सुन बात,हमें क्यों फिर मनाते थे।
15)दुख दबे पाँव आने की बात,सुनी-पढ़ी थी कई बार
दस्तक होगी हमारी दहलीज़ पर,सोचा न एक बार।
16)बेवफ़ा होना जमाने में,कोई नयी बात तो,नहीं है यूँ तो
भरोसा कुछ ज़्यादा ही कर,लिया था शायद हमने।
17)घर का आँगन वही, जाने का रास्ता भी वही दिख रहा है
बस साथ तुम नहीं,सफर अकेले काटना नज़र आ रहा है
18)जाने पहचाने रास्ते,अजनबी राहें है लगती अब
कभी इन कलियों के बीच,गुलाब हुआ होते थे तब।
19)अमावस की काली रात में भी,थे मेरे मह-ए-क़ामिल
उदासी वाले बदले हालात पर,सोचता है आ मेरा दिल।
(मह-ए-क़ामिल=पूरा चाँद)
20)रिश्तों में मिलावट,हमें बिलकुल भी पसंद नहीं है
जब तक तुम थे अपने थे,अब नहीं हो तो नहीं हैं।
21)आँखों की स्याही पूछती है एक ही सवाल हर बार
आखिर क्यों किया मजबूर,बहने को हमें बार बार|
22)दरीचों से तुम्हारी यादों को यूहीं,आने दिया करेंगे
पल जो फुर्सत के बिताये थे,उन्हें सोच जिया करेंगे।
(दरीचों=खिड़कियों)
23)एक धुआँ-धुआँ सा माना,है भरा दिल में बहुत आज
बेवफ़ाई तुमने की है,पर वफ़ा से भी भरा है मन आज।
24)आईना निहारने की आदत,है तुम्हारी पुरानी बहुत
साथ में भला किसको जगह दे दी,बदले कैसे जज़्बात।
Sad बेवफ़ा शायरी
25)ये देर तक रोज़ काम का बहाना,समझ तो रहे थे
गडबड़ हुई कि भरोसा,कुछ ज़्यादा ही कर रहे थे।
26)दिल के ज़ख्म किसी को,दिखाए भी तो नहीं जाते
ये चोट है ऐसी,चर्चाएँ-आम कर,बताएँ भी नहीं जाते।
27)मोहब्बत के ताने-बाने को,बुनने की क्या ज़रूरत थी
जाना ही था दूर तो,बहाने बनाने की ज़रूरत क्या थी।
28)दिल से करते है ख़ुदा से,आज ये तुम्हारे लिए दुआएँ
किसी को चाहो तुम बहुत,वो तुम्हें चोट यही दे जाएँ।
29)हमारी खामोशियों को तुम,कभी नहीं समझ सके
अहसास करने की जगह,इल्ज़ाम हम पर ही लगाने लगे।
30)तुम्हें शायद अपना ज़्यादा ही,मान लिया था अजीज
प्यार के बदले पाया धोखा,कैसा है हमारा नसीब।
31)नफ़स दर नफ़स धड़कनें,जुड़ी रही अपनेआप
गोशाए-ख़्याल में भी,ऐसा ना आया कोई कभी ख़्वाब।
(नफ़स दर नफ़स=हर सांस के साथ जुड़ा हुआ।
गोशाए-ख़्याल=विचार का एक कोना)
32)मोहब्बत समझ तुम्हें,पूजते रहे ऐसे ही तब तलक
बेवफ़ा निकलोगे,यक़ीं कर न सकें हम अब तलक।
33)आख़िर कौन सी ख़ता हुई थी,दरम्यान दूरी बढ़ती गई
चाहत में कहाँ क्या कमी थी,बेवफ़ाई तुम्हें जँच गई।
34)साड़ी से जींस न जाने क्यों कब,तुम्हारी पसंद बन गई
कुछ दिन दूर क्या रहे,फितरत ही एकदम से बदल गई|
35)माना तुझ बिन आगे का रास्ता,कठिन और पथरीला होगा
पर जैसा भी होगा,सिर्फ़ वो मेरे निर्णय पर ही बना होगा।
36)हो चाहे कितने भी ग़म,मुस्कुराने का हुनर खूब रखते हैं
पतझड़ में भी बसंत सा,दिखने का असर रखते हैं।
पति की बेवफाई पर शायरी
37)शायद तुम मेरे दुनिया से जाने का,
इंतज़ार कर रहे हो
एक हम हैं फिर से नयी ज़िंदगी,
जीने के ख़्वाब बुन रहे हैं।
38)बोझिल कर मेरे मन के भावों को,
चैन से क्या जी पाओगे
नैनों को पढ़ने में हो अनपढ़,
हुनर यह कहाँ से लाओगे।
39)मुस्कुराहटें छीन लोगे मेरी कभी,
ग़लतफ़हमी है तुम्हें
कदम दर कदम आगे बढ़ेंगे,
नियति चुन ली नयी हमने।
40)वाह अपनी वाणी को सच कर,
तुमने क्या खूब दिखाया
प्रेम जगा हृदय में,
छोड़ देने में,मृत्यु का अहसास कराया।
41पति-पत्नी में थोड़ी नाराज़गी,
थोड़ी नोंक-झोंक तो चलती है
पर यूँ बेवफ़ा बन,
रिश्ता तोड़ने की बात नहीं पचती है।
42)हम तो पहन दुल्हने-लिबास,
सजाने घर आपका आये थे
मौजूद दिल में कोई पहले से था,
क्या ये बताने लाए थे।
43)सरे-शाम अब ख़त्म हुआ,
तेरे आने का करते थे जो इंतज़ार
क़हर बन के टूटा ये सितम,
ख़त्म हुआ अब सब ऐतबार।
44)चैन से तुम्हारे रहने की दुआ,
अब भी बादस्तूर करेंगे
कोई हम से ज़्यादा चाह सकता है,
दीदार हम भी करेंगे।
45)ज़ख्म दिखाने की कोई तरकीब होती,
तो दिखाते ज़रूर
किस- किस को बताए,रहते थे
तेरे प्रेम में हम तो मगरूर।
46)जब थोड़ी ख़ुशियाँ हो
और ग़म-ए-पिन्हा ज़्यादा लगे दिखने
समझ लेना चाहिए था,
निगाहें अब कहीं ओर है लगी तकने।
(ग़म-ए-पिन्हा=दुःख की अधिकता)
47)बदला-बदला सा,
तुम्हारा ये अजनबी सा रूखा व्यवहार
दिल में थे कल तक हम,
एकदम पलट गये तुम तो दिलदार।
48)पत्तों की सरसराहाहट में,
धीमी सी पदचाप तुम्हारी ही सुनती है
आदत इंतज़ार की जाते-जाते ही तो जाएगी,
धड़कन कहती है।
टूटा हुआ दिल स्टेटस इन हिंदी
49)गुमसुम तुम्हें देख,परेशान होते थे,
पूछना ख़ैरियत,थी मेरी केयर
बेवफ़ा बड़े आराम से कर रहे थे तुम तो,
फीलिंग कहीं ओर शेयर।
50)भोर की प्रखर किरणों में,
साँझ की बेला का दृश्य दिखाया है
हंसती-खेलती ज़िंदगी में,
बेवफ़ा बन गहन तमस् का अहसास कराया है।
51)ज़िंदगी लेती है ताउम्र इम्तिहान,
रूप यूँ बदल-बदल कर
सशक्त होकर करेंगे सामना हम भी,
सूझ-बूझ की तलवार लेकर।
52)तुझ को बेवफ़ाई का असर,
हम भी देखना अब कैसे दिखायेंगे
मोहब्बत में कर गिरफ़्त तुझे फिर,
मँझधार में ऐसे ही छोड़ जाएँगे।
53)हृदय की सरलता और सादगी ही,
हमारी दुश्मन बन जाएगी
बनावटीपन और नक़ली अदाकारी,
तुम्हें अब इतनी भाएगी।
54)जीवन की दोपहरी में,
अमावस की रात में बदला है तुमने सनम
बंधन तो सात जन्म का था,
एक जन्म भी नहीं निभा सकें जानम।
55)विरही मन की ज्वाला में,
तप्त कर छोड़ गये हो
सोचा होगा अश्रुधार ही,
दिन रात हम तो बहाएँगे
समय लगेगा थोड़ा उबरने में,
दिल चोटिल है बहुत
नया जमाना है,
जमाने की नयी चाल हम भी अपनाएँगे।
बेवफा पति पर शायरी किसी भी पत्नी के लिये भी दुखद अहसास है।मन की बात कह देने से थोड़ी राहत महसूस होती है।पति के धोखा देने पर कविताएँ पढ़िए और COMMENT BOX में अपनी राय भी ज़रूर दीजिए।
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।