रिश्तों की मर्यादा पर शायरी लिखने में एक सुखद अनुभूति का अहसास हो रहा है|जीवन में रिश्ते बहुत खास और अहमियत का भाव लिए होते हैं|हमारे सुख दुःख के सच्चे साथी हमारे अपने ही है और उनकी इज्जत और भावनाओं का ख्याल रखना हम सब की जिम्मेदारी है|
रिश्ते और मर्यादा एक दूजे से जुड़े हुए हैं और इस कला में निपुणता भी उतनी ही जरुरी है|
पढ़ना न भूलें
|रिश्तों की कदर पर सुविचार शायरी|
रिश्तों की मर्यादा पर शायरी,सुंदर शब्दों जैसे फूलों से सजी हो हर क्यारी
संबंधों में आदर पर कविताएँ| 65 अनमोल दिल को छूने वाली रचनाएँ
1)रिश्तों की मर्यादा पर लिखे,दिल के कोमल जज्बात
पूरे आदर सहित लिए मन में,सम्मान से भरे ख्यालात|
2)मर्यादा शब्दों से झलकनी ऐसी चाहिए
रिश्तों में मिठास ओर बढे,ऐसी ही चाहिए|
3)दिल को चोट जब अपने कभी लगा जाएँ
मर्यादा मगर भंग न हो,यह ध्यान दिया जाएँ|
4)रिश्तों में मर्यादा जब टूट जाती है
बरसों से बंधी आस भी टूट जाती है|
5)ऐसे रिश्ते नहीं दिखते अब, जहाँ हक दिखा सकें
पर वो अदब कायदा भी नहीं रहा अब,मर्यादा जो जता सके|
6)दिल भी दुखाते हैं और फिर रुठ भी जाते हैं
मर्यादा भूले हैं अपनी, पर हक पूरा जताते है|
7)अपनेपन का है दिखाते,जो बनावटी व्यवहार
मर्यादा जानते ही नहीं,न जानते कोई लोकाचार|
8)जब जीतने का भाव, रिश्तों के बीच में आ जाए
पलक झपकते ही, बरसों के रिश्ते भी टूट जाएँ|
9)मर्यादा हैं भूल जाते हम,जब भी जीवन में
तरिक्की भले ही पा लें,सुकून से न रह पाए|
10)रिश्तों में जीवंतता हो,तो जीने में आनंद है
मर्यादा से ही किसी का दिल मोह ले,सानंद है|
11)रिश्तों में मर्यादा और आत्मीयता है बहुत जरुरी
बिन इनके संबंधो में, आ जाती है एक अनचाही दूरी
12)ताउम्र कोशिश की रिश्तों में, मर्यादा की हर हाल
न जाने कब क्या हुआ,खिंचाव आया करने यूँ बेहाल|
13)रिश्तों में रखी ऐसी मर्यादा,दोस्त परिवार हो गए
बुरा कब ऐसा क्या कर दिया,दोनों ही अलग से हो गए|
14)वफ़ा उन्होंने भी निभाई और कसर हमने भी न छोड़ी
मिसाल थे रिश्तें हमारे ज़माने में,मर्यादा हमने क
15)समझ नहीं पाए, बदलते गए रिश्ते यूँ यकायक
मर्यादा सदा स्मरण रही,पर दरारें पड़ गयी अचानक|
बेस्ट मर्यादा कोट्स इन relationship
16)रिश्तों की मर्यादा में हर हाल,लिहाज़ रहना चाहिए
वक्त-बेवक्त की बातों को,दरमियाँ नहीं लाना चाहिए|
17)कान कच्चे गर हुए, सुनी सुनाई बातों पर ध्यान जो दिया
मर्यादा थी,रिश्तों को न बचा पाए,पल में ख़त्म सब कर दिया|
18)चार दिन की जिंदगानी है,प्यार से खूब निभाइए
रिश्तों में रख मर्यादा,दिल की तसल्ली भी पाइए|
19)सुबहो-शाम मिलते रहें,ये बहुत जरुरी नहीं हैं
मिलने में मर्यादा झलके,ये बात बहुत मगर जरुरी है|
20)मिलने पर ओर मिलने की,गुंजाईश दिखनी चाहिए
रिश्तों में मर्यादा दिखाई नहीं,महसूस की जानी चाहिए|
21)बुलाया पर मर्यादा का ध्यान नहीं दिखा
उठ कर चले आए,जमाना ऐसा भी दिखा|
22)विनय-अनुनय की भी,जब कोई मर्यादा न समझे
बेहतर है अदब से,धीरे से उठ,आप भी फिर न रुके|
23)शांत समुद्र पर भी हिचकोले,गर नैय्या खाए
गलतफहमी ने सुराख़ कर,मर्यादा भी डगमगाए|
24)मुंडेर पर धूप छाई अचानक, बदली में छुप सी गई
मर्यादा भी उनके रुख की तपिश से,पीछे को हट गई|
25)ज़माने का चाल चलन,बहुत तेजी से है रहा बदल
अब वो पहला सी न मर्यादा,न रिश्तों में रही वो वस्ल|
(वस्ल=मिलन)
26)पैसे के बोलबाले ने पैदा किया,सब में ऐसा अहंकार
रिश्तों में मर्यादा भी नहीं बची,मचा है हर ओर हाहाकार|
27)धूप-छांव से हो चले है,आजकल दिल के रिश्तें
अब वो पहली सी गर्मजोशी वाले,नहीं दीखते सब रिश्तें|
28)जीवन के सफर में,मेरे अपने थे संग रहगुजर
मर्यादा भूले सब तार-तार हो,बिखर गए इधर-उधर|
29)रिश्तों के लिए वक्त अपना,भरपूर ताउम्र हमने दिया
कब में खिसक दूर हुए,समय ने पता चलने ही नहीं दिया|
30)रिश्तें रहे खिली धूप की मानिंद,मर्यादा थी जेहन में
बिन मौसम की बरसात,रोज-ए-जजा में बदली एक पल में|
(रोज-ए-जजा=प्रलय)
रिश्तों की अहमियत शायरी
31)रिश्तों में मर्यादा की बात,होती थी पहले बज्मे-इश्रत में
अब कौन कितना कमाता है,चर्चाए-ए आम है महफ़िल में|
(बज्मे-इश्रत=ख़ुशी की महफ़िल)
32)जिन्हें समझ दिल के करीब,रखा पलकों की छांव में
एक पल भी नहीं लगा उन्हें,मर्यादा को जड़ से उखाड़ने में|
33)हर बात में वादे निभाने की, लेते थे जो कसमें
रिश्तों की मर्यादा भूले,तोड़ दी बेहिचक सारी रस्में|
34)दिल पर चोट चाहे जितनी भी,गहरी लग जाए
रिश्तों में मर्यादा में कमी, दिल में कभी न आने पाए|
35)बातचीत से हर समस्या का निदान,कुछ न कुछ निकल आता है
बस रिश्तों को जिन्दा रखने में,दिल से चाहत का भाव जब आता है|
36)अधरों पर मुस्कान,रिश्तों में गरिमा बढ़ा देती है
दूर हैं या बहुत पास,नज़रें मिलने की आस जगा देती है|
37)गर सुलझाने का है मन,तो समाधान नजर आएंगे
मर्यादा को,सम्मान देने की पहल के,आसार दिख जाएंगे|
38)रिश्तों की माला में, मजबूत धागे रखा कीजिए
मोतियों को बांधें रखने में,समय ज्यादा दिया दीजिए|
39)बात जब करो, मिलने की इच्छा सबकी होती है
पहले आप पहले आप में,बात वहीं पर ठहरी होती है|
40)सच बोलना बचपन से, सिखाया खूब जाता है
पर अमल में लाओ, तो हर रिश्ता टूट भी जाता है|
41)रिश्तों में जब-जब,किसी का अहम आड़े आता है
मर्यादा होती दरकिनार,वहम ही सच नजर आता है|
42)यह मैं मेरा और मेरे लिए का,चलन जब से बढ़ा है
मर्यादा बनी शब्दावली का एक शब्द,जीवन में घटा है|
43)वर्चुअल दुनिया में लोग,रोज नए रिश्तें गढ़ रहे है
पुराने संबंधो की मर्यादा को,बस भूलते अब जा रहे है|
44)समझाने पर भी जब कोई न माने,समय पर छोड़ दें
रिश्तों की मर्यादा का हाथ, मगर न कभी भी छोड़ दें|
45)ये वक्त ही सबको, वक्त आने पर सच बताता है
अपनों से दूर कौन चैन से, कभी क्या ज्यादा रह पाता है|
रिश्तों की मर्यादा पर अनमोल कविताएँ
46)नए रिश्तें बनाने में, कोई हर्ज तो नहीं है
पर पुराने छोड़ दें,ये भी कोई हल तो नहीं है|
47)मन हो निर्मल नीर सा,हर कोई कहता तो है
पर मैल रख चतुराई करना,मर्यादा का खेल नहीं है
48)रिश्तों में जब तोल-मोल, शुरू हो जाता है
मर्यादा भूल गए अब,असर भी बेअसर हो जाता है|
49)अपनी परम्पराओं से, जो जब-जब दूर हुआ
हासिल सब होने पर भी,तन्हा पर जरुर हुआ|
50)अपनी संस्कृति को संरक्षित रखना,बहुत अहम है
ये रिश्तें ही तो हैं जो होसले को, सदा बरक़रार रखते हैं|
51)मर्यादा बोल कर नहीं,व्यव्हार से जताई जाती है
यह अनमोल खज़ाना है, इसमें आस्था दिखाई जाती है|
52)रिश्तों में मर्यादा,जिसने भी दिल से रखी
एक सुकून भरा जीवन, हमेशा है संग पाया
हर छोटी बड़ी सफलता पर, मिला प्यार इतना
हर किसी को हृदय के निकट, मुसुकुराता पाया|
53)मेरे रूठने पर सब ने, कुछ ऐसा दिखाया
मानों मैनें उनका, न जाने क्यों दिल है दुखाया
अफ़सोस साफ नज़र था,सबके रुखसार पर
पांव छू प्यार से मैंने भी,अपनी मर्यादा को निभाया|
54)माँ ने रिश्तों की मर्यादा को, निभाने को कहा था
कैसे भी हो हालात मगर,रूठ नहीं जाने को बताया था
जी तोड़ से मैंने रखी ये कवायत जारी, ताउम्र ऐ-बेकल दिल
जीवन में रिश्तों की मर्यादा को,बचपन से ही जो सिखाया था|
55)इतने भी मसरूफ न होना कभी,रिश्तों में आ जाए दरार
मन तो हो मिलने का,मगर पांव वहां जाने से कर दें इंकार
तरिक्की का जश्न तो,तभी खूबसरत हुआ करते है सुनो न
तन्हा से क्या खाक जीवन का, लुत्फ़ लिया हैं करते, है न|
रिश्तों में अपनत्व की शायरी
56)रिश्तों में अनमोल होते जज्बात दिल से
हँसते गाते मुस्कुराते,अहसास कराते दिल से
मर्यादा जब भी कोई जाता है भूल जानबूझ कर
जीवन में विरक्ति का दौर से झूझता दिल से|
57)रिश्तों की मर्यादा को, हृदय से निभाया हमने
हर मोड़ पर ना गवारा होते भी,शीश झुकाया हमने
हर बार तसल्ली दी दिले नादाँ को, यह कह कर खुद से
प्यार से डांटने को भी,अधिकार को अपना बनाया हमने|
58)रिश्तों की मर्यादा करना,हरेक को नहीं है आता
बेवजह बात नहीं आगे बढे,यह सलीका नहीं है आता
तूल देते है अक्सर, उन फिजूल अफवाहों पर जो इन्सान
जीवन बने कैसे सुंदर,यह अदब कायदा भी नहीं है आता|
59)एक हलकी सी मुस्का,न रिश्तों को नया देती है आयाम
सुकून दिल को मिलें ऐसे, भूल सा जाते है क्यों हो पशेमान
तर्जे-गुफ्तार जरुरी है रिश्तों में, नरमी से बात रखने के वास्ते
हृदय में आग रख अपनों से,मलामत का न हो ऐहतमाम|
(तर्जे-गुफ्तार=बातचीत का ढंग |ऐहतमाम-व्यवस्था|
60)यूँ चाहते है हम करें बेहतर, जीवन में अपने
बढ़ते देख फिर ताना-बाना ,साजिशों का हैं बुनते
ऐसे रिश्तों से तौबा, जल्द से जल्द कर लेनी चाहिए
मर्यादा का मतलब,क्या है,यह समझ भी होनी चाहिए|
61)विचार रहे सुविचार,जीवन में बहुत है जरुरी
अपनों का साथ उम्र भर रहे,यह सोच है जरुरी
पर जिद में आ कोई चोट दें,आत्मसम्मान को गर
उन्हें उनके हाल पर छोड़ना,लाजिमी बनता है जरुरी|
62)मन हो मजबूत संग स्वस्थ तन, भी बना रहना चाहिए
दिल को घायल करती चोटों के लिए,फौलादी जिगर चाहिए
कमजोर व्यक्ति को सताता है,यह ही है दुनिया की अजब रीत
रिश्तों की मर्यादा से,हर जंग जीतने का होसला होना चाहिए|
63)गिले-शिकवे बहुत अपने ही हमेशा दिखते थे,
वाकिफ न थे दुनिया से,सभी अपने ही लगते थे
समय का पहिया घूमा ऐसा,विश्वास डगमगाता पाया
मर्यदा जिनसे दिल से की,उन्हें मगर साथ खड़े ही पाया|
64)नीम सी कडवी बातें,जिनकी लगती हैं अक्सर
उन्हें नापसंद भी करते है हम,गाहे-बगाहे अक्सर
अह्सासे ग़ज़ल की अनुभूति, हुई थी इतनी शानदार
मर्यादा का खूबसूरत स्वरुप,मुसीबत में बना मददगार|
65)हसीं तौर-तरीकों से, दिल जीते जाते हैं
नफासत व् सलीके से, टूटे रिश्तें भी जुड़ जाते हैं
रिश्तों की मर्यादा का सबक, जिसने दिल से सीख लिया
जमी तो क्या फलक में भी, बातरन्नुम गीत गाये जाते हैं|
रिश्तों की मर्यादा पर शायरी आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है|तनाव भरे माहौल में आपसी प्यार ही जीवन में संजीविनी बूटी का काम करेगा|
आइए इन कविताओं के माध्यम से दिल के जज्बात सुनाते हैं,अपने प्यारे रिश्तों को सम्मान दिखाते हैं|पढियेगा जरुर संबंधों की मर्यादा वाली बेहतरीन शायरी|COMMENT BOX में अपनी राय भी बताइए|
रास्ता था लम्बा, मुश्किलें थी क्रूर
दिल में लेकिन मशाल जला कर चली आयी मैं इतनी दूर।